Saturday 31 December 2011

यहां की सुंदरता देख पर्यटक कहें वाकई जन्नत में पहुंच गए हम'



जम्मू। राज्य में हर साल लाखों श्रद्धालु माता वैष्णो देवी व अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं। अगर इन पर्यटकों को यहां घूमने के लिए और बेहतर जगहें दिखाई जाएं। इससे राज्य की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत होगी। वहीं उन्हें यहां जन्नत का एहसास हो।



यह बात मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को सुरईंसर व मानसर डेवलपमेंट अथारिटी के साथ एक बैठक के दौरान कहीं। मुख्यमंत्री ने राज्य की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए पर्यटन विभाग को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। डेवलपमेंट अथारिटी का मुख्य काम अपने-अपने क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों स्थलों की जानकारी सरकार को देना है। उन्होंने अथारिटी को मानसर और सुरईंसर झीलों के रखरखाव पर विशेष ध्यान देने को कहा। साथ ही इन स्थलों पर हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाने के निर्देश दिए।



बैठक के दौरान अथारिटी के चीफ एग्जीक्यूटिव आफिसर मोहिंद्र सिंह ने अथारिटी के कामकाज का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में एम्यूजमेंट पार्क, रेस्टोरेंट, क्लब बिल्डिंग, स्नान गृह, शापिंग कांप्लेक्स पर अभी तक 1445 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षो में अथारिटी ने स्टेट प्लान के अंतर्गत विभिन्न विकास कार्यो पर अभी तक 6.60 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इसके अलावा अथारिटी ने 33.05 लाख रुपए का राजस्व भी जमा किया है।



इस अवसर पर विधायकों ने विकास कार्यो से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार रखे। मुख्यमंत्री ने अथारिटी को विकास कार्य करवाने के लिए 1.30 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की। उन्होंने मानसर व सुरईंसर तक छह किलोमीटर लंबे रोड को आरएंडबी द्वारा बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने दोनों स्थानों पर पीएचई विभाग को पूरी निष्ठा के साथ कार्य करने को कहा। इसके बाद उन्होंने 384.41 लाख व 723.59 लाख रुपए की लागत से शुरू की गई स्कीमों की भी जानकारी ली।



बैठक में पर्यटन मंत्री नवांग रिगजिन जोरा, एमओएस नसीर असलम वानी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार देवेंद्र सिंह राणा, विधायक हर्ष देव सिंह, जुगल किशोर, यशपाल कुंडल, मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी बी.बी. व्यास, पर्यटन विभाग के कमिश्नर सेक्रेटरी अतुल डुलु आदि मौजूद थे।

हैव अ सेफ सेलिब्रेशन, एक छोटी गलती और जिंदगी भर का द





 कई बार नए साल को वैलकम करते वक्त कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं जो इन सपनों, उम्मीदों और वादों पर भारी पड़ जाती हैं। इन गलतियों का कारण अति उत्साहित होकर सेलिब्रेशन में डूब जाना होता है। 

इससे हम कई बार ज्यादा ड्रिंक कर खुद पर कंट्रोल खो देते हैं, जोश में अनसेफ होकर हाई स्पीड में गाड़ियां चलाते हैं, दोस्तों या अन्य लोगों से कुछ ऐसा कह देते हैं जो झगड़े की वजह बनता है। हम यहां बीते वर्षो के दो ऐसे हादसे बता रहे हैं जिनकी वजह से इनके परिवार के लिए नया साल अब खुशियां नहीं दर्द और टीस लेकर आता है।

केस 1 : दो साल पहले 31 दिसंबर की रात जहांगीराबाद निवासी आकाश (बदला हुआ नाम) ओवर ड्रिंक किए हुए था। बगैर हैलमेट बाइक ड्राइव कर रहा था। सड़क हादसे में घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

केस 2 : 1 जनवरी, 2010 की रात पार्टी करके घर जा रहे दो युवकों की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। रायसेन रोड और भेल में हुई दुर्घटना में विकास (परिवर्तित नाम) ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था, जबकि प्रवीण ने (बदला नाम) अस्पताल में दम तोड़ा।

सेफ्टी के लिए ये करें 

1 . ओवर ड्रिंक नहीं करेंगे। 

2 . अपने रिश्तेदारों या दोस्तों से कुछ ऐसा नहीं कहेंगे जो झगड़े का कारण बने। 

3 . सेफ ड्राइविंग करेंगे। ड्राइविंग के लिए किसी के उकसाने पर ध्यान न देते हुए खुद पर नियंत्रण रखेंगे। 

4 . ट्रैफिक रूल्स को पूरी तरह से फॉलो करेंगे। 31 दिसंबर की रात को बाइक ड्राइव करते वक्त दोनों राइडर हैलमेट पहनेंगे। ट्रिपलिंग नहीं करेंगे। 

5 . पिकनिक स्पॉट पर पानी के स्थानों पर सावधानी रखेंगे। 

३१स्ञ्ज नाइट को ऐसे बनाएं मैमोरेबल 

1 . न्यू ईयर सेलिब्रेशन वो है जब आप एक दोस्त बनाकर घर लौटें। 

2 . 31 दिसंबर को अपने रेजोल्यूशन का पहला सक्सेसफुल डे बनाने के लिए वो काम करें जो आपने 1 जनवरी 2012 से करना तय किए हैं। 

3 . अपने दोस्तों के साथ सेफ सेलिब्रेशन के लिए गाइडलाइन अभी से तय करें और पालन करें।

आपकी सेफ्टी सबसे जरूरी

परिवार का सदस्य हो साथ

नया साल अपनी फैमिली के साथ पूरी जिम्मेदारी के साथ मनाएं। ड्रिंक करके ड्राइव न करें। पार्टी करने जाएं तो घर का कोई बड़ा या समझदार व्यक्ति यूथ के साथ हो जो उन्हें घर तक वापस लेकर आए। नए साल उम्मीदों के साथ आता है। हैप्पी न्यू ईयर।

- मोहनीष मिश्रा, आईपीएल प्लेयर 

रेजोल्यूशन पूरा भी करें

नए साल का स्वागत करना सबका कर्तव्य है। करना भी चाहिए.. सभी करते भी हैं। हम रेजोल्यूशन लें ही नहीं, बल्कि उसे पूरा भी करें। जहां तक संभव हो परिवार के साथ इस खास मौके को उत्साह के साथ सेफली एंजॉय करें। नए साल की शुभकामनाएं।

नववर्ष-रविवार की पहली सुबह बोलें यह सूर्य मंत्र..होगा भाग्योदय





सूर्य प्राण शक्ति देने वाले देवता हैं। हिन्दू धर्म के पंचदेवों  सूर्य, शिव, शक्ति, श्री गणेश, विष्णु में सूर्य ही ऐसे देवता माने जाते हैं, जो हर दिन हर प्राणी और प्रकृति जगत की क्रियाओं और कार्य के साक्षी हैं। 

रविवार को सूर्य पूजा का विशेष दिन होता है। धार्मिक मान्यताओं में सूर्य बल, यश, निरोगी जीवन के साथ सौंदर्य देने वाले देवता भी हैं। इस कारण शक्ति और स्वास्थ्य के लिए हर रोज भी सूर्य उपासना का महत्व बताया गया है। इस तरह जीवन में वास्तविक सुंदरता यानी चेहरे के साथ सुंदर मन पाने के लिए भी सूर्य उपासना शुभ मानी गई है, क्योंकि निरोगी तन, मन ही आत्मविश्वास बढ़ाकर कामयाबी तय करता है। 

इस बार नए वर्ष का आगाज भी रविवार के साथ हो रहा है। इसलिए इस दिन व पूरे साल की हर सुबह उगते सूरज को शास्त्रों के विशेष मंत्र के साथ प्रणाम करना भाग्य के साथ भविष्य संवारने वाला साबित होगा। जानते हैं यह विशेष सूर्य मंत्र और सरल पूजा विधि - 

- रविवार या हर रोज सुबह सूर्योदय के पहले जागकर स्नान करें। सफेद व स्वच्छ वस्त्र पहनें। 

- सूर्य के उदय होने पर पूर्व दिशा की ओर मुख कर गंगा जल से अर्घ्य दें। 

- घर या किसी मंदिर में सूर्य की प्रतिमा की पंचोपचार पूजा करें। 

- पूजा में खासतौर पर सूर्य को गंध या लाल चंदन, लाल रंग के फूल, अक्षत चढ़ाकर धूप और दीप जलाकर आरती करें। 

- सूर्य अर्घ्य व सूर्य पूजा में इस सूर्य मंत्र का स्मरण करें - 

नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्। 

दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्।

हिसार के इस अन्ना की तारीफ में कम पड़ जाएंगे शब्द



हिसार.क्या आप जानते हैं, वैद्य सुरेंद्र पाल मिगलानी कौन है? यदि नहीं, तो आइए हम आपका परिचय इनसे कराते हैं।


यह बुजुर्ग शख्स वह हस्ती है जो अपनी पूंजी (वृद्धावस्था पेंशन) से दूसरों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाते हैं। करोड़ों रुपये का घपला कर देश को आर्थिक नुकसान पहुंचाने वालों से इनकी सोच एकदम उलट है। यही वजह है कि इस महीने की पेंशन उन्होंने रमन को दी। है न वैद्यजी, अन्ना सरीखे।

वैद्यजी 74 बरस के हैं। 12वीं तक पढ़े हैं। जलेबी चौक भुटानी कालोनी में किराए के मकान में रहते हैं। 1947 में पाकिस्तान के नूरशाह गांव से हिसार आए थे। उस समय वे कक्षा तीन में पढ़ते थे।

गांव डाबड़ा में ‘अपना दवाखाना’ चलाते हैं। इनकी पत्नी का करीब पांच साल पहले निधन हो चुका है। चार बेटे हैं। सभी अपने पैरों पर खड़े हैं। वैद्यजी हर महीने सरकार से मिलने वाली वृद्धावस्था पेंशन लेते तो हैं, लेकिन उसे खुद पर खर्च नहीं करते। वे इस राशि से जरूरतमंदों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के लिए नि:शुल्क चिकित्सा शिविर लगाते हैं।

कौन है रमन ?

रमन गांव दनौदा का रहने वाला है। तीन साल के इस बच्चे के पिता कुलदीप का करीब ढाई साल पहले निधन हो चुका है। रमन की मां संतरा ने बताया कि उसके चार बच्चे हैं। रमन सबसे छोटा है। इनकी जिम्मेदारी उसकी पर है। घर खर्च के लिए मजदूरी के अलावा कोई दूसरा साधन नहीं है। ट्रैक्टर की चपेट में आकर रमन घायल हो गया था। उसके सिर में चोट आई है।

युवकों ने बेची थी कैंडल

रमन की मदद के लिए क्रिसमस पर शहर के चार युवकों ने मोमबत्तियां बेची थी। दैनिक भास्कर ने इन युवाओं के जज्बे और जरूरतमंद बच्चे की बात को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद से कुछ मददगार आगे आए हैं।

सबसे जुदा


वर्ष 2011 अनेक खट्टे-मीठे अनुभव के साथ विदा हो रहा है। दैनिक भास्कर बीते वर्ष की ही तरह इस बार भी गुजरते वर्ष की ऐसी तस्वीरें दे रहा है जो बिना बताए सबकुछ कहती हैं। हालांकि इसे और ज्यादा आसान बनाने के लिए साथ में कैप्शन दिए जा रहे हैं। पाठकों की रुचि का विशेष ध्यान रखते हुए इनके चयन को और रोचक, रोमांचक, भावनात्मक रूप दिया गया है। कुछ तस्वीरें खुशियां बता रही हैं तो कुछ हादसों की याद दिला रही हैं। कुछ में संघर्ष की झलक है तो कुछ को देखकर हैरत भी होती है। इनमें छायाकारों की मेहनत के दुर्लभ क्षण भी शामिल हैं। इनमें कुछ तस्वीरें ऐसी भी हैं जो आपने पहले न देखी हों..
 

सदन में पार्षद बना मुर्गा...यह बच्चों की क्लास नहीं जोधपुर का नगर निगम सभागार है। दरअसल सदन में 2011-12 के बजट प्रस्तावों पर बहस चल रही थी। इसी दौरान कांग्रेस के मनोनीत पार्षद आजम जोधपुरी यह कहते हुए मुर्गा बन गए कि उन्होंने पॉलीथिन हटाओ समिति के सदस्य होने के बाद भी अपना काम ठीक से नहीं किया। इससे पहले जोधपुरी ने महापौर से सदन में मुर्गा बनने की इजाजत मांगी। महापौर ने उन्हें काम करने को कहा। इसके बाद वे बेंच पर चढ़कर मुर्गा बन गए।
 
 
 
स्टाइलिश रब्बानी... 1. जुलाई में पाकिस्तानी की पहली महिला विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार पद संभालने के एक सप्ताह के भीतर ही भारत आईं। 2. हिना गुलाम मुस्तफा खार की भतीजी हैं। गुलाम मुस्तफा 7 शादियों के लिए पाकिस्तान में खासे चर्चित हैं। 3. गुलाम मुस्तफा की तलाकशुदा बीवी तहमीना दुर्रानी ने माय फ्यूडल लार्ड किताब में लिखा है कि इस्लाम कबूल करने से पहले खार हरियाणा मूल के जाट थे। 4. हिना की पढ़ाई अमेरिका में हुई और वे लाहौर में पोलो क्लब चलाती हैं। वे पाकिस्तान की सबसे कम उम्र की विदेश मंत्री हैं। 5. ब्लैक हरमिस बर्किन बैग। जो करीब 10 लाख रुपए का है। 6. 1960 के दशक की प्रसिद्ध गायिका जेन बर्किन के नाम पर है बैग का नाम। इसे खरीदने के लिए एक लंबी वेटिंग लिस्ट रहती है। 7. पर्ल नेकलेस और रोबटरे कैवेली का चश्मा हमेशा साथ रहता है। इनकी कीमत है 25 हजार रुपए 8. जिम्मी चू के जूते हिना के पसंदीदा हैं। यह 45 हजार रुपए में मिलते हैं। हिना की स्टाइलिश एसेसरीज की कीमत आंकी जाए तो वो होगी 17 से 20 लाख रुपए के बीच।
 
 
 
सलवार सूट में बाबा रामदेव...कालेधन के मुद्दे पर बाबा रामदेव ने जून में आंदोलन का ऐलान किया। पुलिस ने मैदान में जमे बाबा के समर्थकों को बलपूर्वक भगा दिया। रात दो बजे बाद हुई इस कार्रवाई से रामलीला मैदान में अफरातफरी मच गई। हालांकि रामदेव पुलिस के हाथ आने से पहले ही सलवार सूट में गायब हो गए। दाढ़ी छिपाने के लिए उन्होंने दुपट्टा ओढ़ लिया। लेकिन वे पुलिस से बच नहीं सके और गिरफ्तार हो गए। इस दौरान एक महिला समर्थक राजबाला गंभीर रूप से घायल हो गई। जिसने बाद में दम तोड़ दिया।
 

दुनिया की सबसे महंगी सड़क दुर्घटना...जापान के यामागुची प्रांत के चुगोकू एक्सप्रेस हाइवे पर 14 कारें एक दूसरे से टकराईं। इनमें 8 फरारी, 3 मर्सिडीज, 1 लेम्बोर्गिनी, 1 निसान स्कायलाइन और 1 टोयोटा प्रियस शामिल हैं। इनकी कीमत थी लगभग 4 मिलियन डॉलर यानी 20.56 करोड़ रुपए। टक्कर 1 फरारी कार की वजह से हुई। जिसे 60 वर्षीय चालक चला रहा था। ओवरटेक के प्रयास में वह आगे चल रही दूसरी कार से टकरा गया। हादसे के वक्त कारों की रफ्तार 120 से 140 किमी प्रति घंटे के बीच थी।
 

डायना-चाल्र्स के बाद ब्रिटेन में 30 साल बाद शाही शादी...ब्रिटेन में प्रिंस विलियम और केट मिडिलटन की शाही शादी अप्रैल में हुई। हजार साल पुराने वेस्टमिंस्टर एबी में एक चर्च में इन्हें शादी की शपथ दिलाई गई। 29 साल की केट ने आइवरी और लेस गाउन पहना था जबकि 28 साल के विलियम ने आइरिश गार्डस के सर्वोच्च मानद पद कर्नल के लाल रंग की यूनिफार्म पहनी थी। डायना जहां प्रिंस चाल्र्स से 13 साल छोटी थीं, वहीं केट पति विलियम से 5 माह बड़ी हैं।

2012 में होने वाली 10 अहम बातें




साल 2012 में दुनिया को परिवर्तन का इंतजार है। राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक बदलावों के दौर से गुजर रही दुनिया में इस साल भी कई बदलाव देखने को मिलेंगे। अमेरिका और चीन सहित कई देशों में नए मुखिया आ सकते हैं। भारत में भी राष्‍ट्रपति और उपराष्‍ट्रपति के चुनाव होंगे। विज्ञान और तकनीक की दुनिया में कई बड़ी खोज होने की उम्‍मीद हैं तो खेलों का महाकुंभ लंदन में आयोजित किया जा रहा है। आइए नजर डालते हैं ऐसी घटनाओं पर जिन पर पूरी दुनिया की निगाहें जमी रहेंगी। 

भारत में नया राष्‍ट्राध्‍यक्ष
जुलाई 2012 में देश में नए राष्ट्रपति होंगे और महीने भर बाद ही उपराष्ट्रपति पद पर भी कोई नया चेहरा होगा। चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार और रणनीति पर सबकी नजर रहेगी। सत्ता के गलियारों में कई सवाल घुमड़ रहे हैं। मसलन, क्या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शासनाध्यक्ष से राष्ट्राध्यक्ष की ओर कदम बढ़ाएंगे? क्या वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी सर्वोच्च संवैधानिक आसन की शोभा बढ़ाने को तैयार हो जाएंगे? क्या बेहद सादगी पसंद रक्षा मंत्री एके एंटनी राष्ट्रपति बनना पसंद करेंगे? क्या सुशील कुमार शिंदे अपना भाग्य आजमाएंगे? या उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी अपनी पदोन्नति की पुख्ता दावेदारी साबित कर देंगे? 

अगर प्रणब  या एंटनी को आगे बढ़ाने का मन बनाया जाता है तो केंद्रीय कैबिनेट का ढांचा भी आमूल-चूल बदल जाएगा। इसका असर कांग्रेस के अंदरूनी सत्तातंत्र पर भी पड़ेगा। लेकिन प्रणब दा के समर्थक ऐसी संभावना को सिरे से खारिज करते हैं। वैसे, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का भी रसूख अच्छा है। वे मुसलमान हैं और राज्यसभा के सभापति के नाते उन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
यूपी चुनावः राहुल गांधी की परीक्षा
साल 2011 राहुल गांधी को लेकर तमाम अटकलों के बीच बीता। 2012 में एक बार फिर सियासी मैदान में यक्ष प्रश्न शायद यही रहेगा कि, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की अगली भूमिका क्या होगी? क्या उनकी ताजपोशी का फैसला पांच राज्यों में आसन्न विधानसभा चुनाव की डगर से तय होगा? इनमें से उत्तर प्रदेश के चुनाव को राहुल ने अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बनाया है। वे रात दिन एक करके कांग्रेस की ‘सेहत’ और ‘किस्मत’ इस बड़े राज्य में संवारने की मशक्कत कर रहे हैं। हालांकि पार्टी में तमाम नेता मानते हैं कि चुनावी सियासत से इतर कांग्रेस के युवा महासचिव की अगली पारी का ताना बाना रचा जा चुका है, बस घोषणा के लिए सही समय का इंतजार है।
राहुल गांधी का बेधड़क अंदाज,पार्टी का मूड और उनकी कही हुई बातों पर सरकार के एक पांव पर खड़े होने की अदा से संदेश और निहितार्थ साफ भी है। वह यह कि, पार्टी और सरकार में उनके नेतृत्व को स्वाभाविक तौर पर स्वीकार किया जा चुका है। अब वे अपनी कथित ‘बड़ी भूमिका’ जिसे सरकार और पार्टी में उनके अगुवा होने के तौर पर परिभाषित की गई है, उसका वक्त भी शायद खुद ही तय करेंगे।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव
करीब साल भर के महंगे और थकाऊ चुनाव प्रचार के बाद 6 नवंबर 2012 को अमेरिका अपना नया राष्ट्रपति चुनेगा। साल 2011 की शुरुआत में ओबामा सशक्त उम्मीदवार लग रहे थे लेकिन आर्थिक मंदी ने उनकी उम्मीदों पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। अग्रणी रिपब्लिकन उम्मीदवार भी कोई खास मजबूत नहीं हैं। साल 2012 में अमेरिका में बेरोजगारी की दर 9 प्रतिशत रहने की आशंका है। 1940 के बाद यह किसी भी चुनाव वर्ष में सर्वाधिक होगी। यदि हालात 2011 से बेहतर नहीं हुए तो ओबामा की व्हाइट हाउस से विदाई तय है।


चीन में बदलेगा हाईकमान

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को साल 2012 में मुश्किल वक्त का सामना करना होगा। पिछले एक दशक में इसके सर्वोच्च नेतृत्व में सबसे बड़े बदलाव होंगे। हांगकांग का मुखिया और ताइवान की सरकार भी इसी साल तय की जाएगी। चीन में राजनीतिक बदलावों का देश की अर्थव्यस्था पर भी असर होगा। अक्टूबर में होने वाली पार्टी की 18वीं कांग्रेस में पार्टी की नई कोर कमेटी चुनी जाएगी जो 25 सदस्य पोलित ब्यूरो का चुनाव करेगी। लेकिन पिछले 20 साल में यह पहली बार होगा जब राष्ट्रपति हू जिंताओ और प्रधानमंत्री वेन जियावाओ इसका हिस्सा नहीं होंगे। आर्थिक तौर पर चीन आंशिक मुश्किलों का सामना करेगा। 2011 में चीन के जीडीपी की विकासदर 9 प्रतिशत रही है जो गिरकर 8.3 प्रतिशत तक आ सकती है।

लंदन ओलंपिक
2012 में लंदन में होने वाले ओलंपिक में विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी खेल की दुनिया में अपनी चमक बिखरने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं तो लंदन भी दुनिया को अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से मंत्रमुग्ध करने के लिए खास तैयारियां कर रहा है। इसमें कोई शक नहीं है कि लंदन ओलंपिक 2012 साल का सबसे बड़ा ‘मेगा शो’ होगा। सोने का तमगा हासिल करने की होड़ में भारत भी है। ऐसे में 121 करोड़ भारतीयों की दुआओं के असर को देखना दिलचस्प होगा।


दिमाग को समझेगा इंसान

ब्रह्मांड की सबसे जटिल संरचना मानव मस्तिष्क को समझने के लिए मानव जाति साल 2012 में खास कोशिश करेगी। इस साल मस्तिष्क की अंदरूनी संरचना, नसों की वायरिंग और शरीर के अन्य हिस्सों से उनके संबंध को समझने के लिए ब्रैन मैपिंग की जाएगी। यह निश्चित तौर पर ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति को समझने का सबसे बड़ा प्रयास होगा। कौन क्या करने वाला है और भविष्य कैसा होगा यह जानना हमेशा ही दिलचस्प रहा है। मानव हमेशा भविष्य की योजनाएं बनाता रहा है कि लेकिन उसके व्यवहार की अनिश्चितता कई बार योजनाओं को गड़बड़ कर देती है। मानवीय संवेदनाओं, भावनाओं और उसके आगामी कदमों को समझने का प्रयास भी वैज्ञानिक साल 2012 में करेगा। यदि यह पता लगा लिया जाए कि कौन किस परिस्थिति में कैसे व्यवहार करेगा तो सटीक योजनाएं बनाना संभव हो पाएगा।
कैंसर का इलाज?
यदि मानवता के भाग्य ने साथ दिया तो साल 2012 में कैंसर को पूरी तरह समझा जा सकेगा, भले ही इसका पक्का इलाज न विकसित हो पाए। इस साल कैंसर को पूरी तरह समझने के प्रयास और आगे बढ़ सकेंगे। यदि मानवता ने इसे पूरी तरह समझ लिया तो इसका इलाज तक पहुंचना भी संभव हो ही जाएगा। उम्मीद की एक कारण यह भी है कि अब सस्ती और तीव्र जीन सीक्वेंसिग तकनीक यानि कैंसर जीनोम को अब ओद्योगिक स्तर पर भी बनाया जा सकता है। कैंसर के अब तक ज्ञात ५० प्रकार के ट्यूमर को समझने के लिए ब्रिटेन के कैंब्रिज से लेकर चीन के  शैनझेन तक जीन सीक्वेंसिग लैब्स साझा प्रयास करेंगी।

तकनीक का युद्ध
यह साफ है कि इंटरनेट पर सर्च में गूगल बादशाह है, सोशल नेटवर्किंग का ताज फेसबुक के सर है तो सामान बेचने में अमेजन का कोई सानी नहीं है। लेकिन अब भी सर्च, नेटवर्किंग और सेल के क्षेत्र में प्रतिद्वंदिता जारी है। माइक्रोसॉफ्ट का सर्च इंजन बिंग गूगल को टक्कर देने की कोशिश कर रहा है तो गूगल स्वयं सोशल नेटवर्किंग में फेसबुक को टक्कर दे रहा है। ये इंटरनेट में युद्ध के बड़े रणक्षेत्र हैं लेकिन साल 2012 में यह देखना दिलचस्प होगा कि तकनीक के युद्ध में मोबाइल पेमेंट, लोकेशन और ऑगुमेंटेड रियलटी (संवर्धित वास्तविकता) के क्षेत्र में कौन अपनी बादशाहत स्थापित करेगा। अभी इन्हें छोटा माना जा रहा है होगा लेकिन इंटरनेट की सच्चाई यह भी है कि सोशल नेटवर्किंग भी कभी इतना ही छोटा था और चंद सालों में ही यह सबसे बड़ा क्षेत्र बन चुका है। भारत में 2012 में भी सोशल मीडिया का भी बोलबाला रहेगा और साल के आखिर तक भारत दुनिया में फेसबुक का दूसरा सबसे बड़ा यूजर बेस बन जाएगा।

अफ्रीका में क्रांति
उत्तरी अफ्रीका में साल 2011 में हुई सफल क्रांति पर दक्षिण अफ्रीका में नजर रखी गई। इसी की तर्ज पर अफ्रीका के इस हिस्से में भी साल 2012 में विरोध प्रदर्शनों की योजनाएं बनाईं गई हैं। सहारा के इस क्षेत्र में सत्तावादी सामंतों का लंबे वक्त से गद्दी पर कब्जा रहा है। त्रिपोली, काहिरा और ट्यूनिस में प्रदर्शनकारियों की कामयाबी ने उगांडा के लोगों को भी हौसला दिया है। अंगोला और इक्वीटोरियल गिनी क्रांति के लिए तैयार हैं। प्रदर्शनों के लिए बहाने की जरूरत नहीं है। नौकरी, भुखमरी, गरीबी से तंग जनता का सड़कों पर आना तय है। डोमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, नाइजर, चाड, माली, नाइजीरिया, सुडान में भी साल 2012 में क्रांति की नई इबारत लिखी जा सकती है।
मीडिया
एओएल हफिंगटन पोस्‍ट मीडिया समूह की प्रेसिडेंट व एडिटर-इन-चीफ एरियाना हफिंगटन ने एक कांफ्रेंस में मीडिया, खास कर न्‍यू मीडिया के क्षेत्र में 2012 के लिए अपनी दो मुख्‍य भविष्‍यवाणी बताई हैं। उन्‍होंने कहा कि आज मीडिया के सामने सबसे ज्‍यादा संकट साख का है। ऐसे में एक किलर ऐप होना चाहिए जो किसी भी खबर की सत्‍यता उसी क्षण जांच सके। फिर उन्‍होंने 'आत्‍मा के लिए एक जीपीएस' की भविष्‍यवाणी की। उन्‍होंने इस बात की जरूरत यह कहते हुए बताई कि तकनीक ने एक-दूसरे से तो लोगों को जोड़ दिया है, लेकिन लोग अपने आप से कट गए हैं। एरियान ने कहा कि उनकी भविष्‍यवाणी हकीकत बन सके तो मीडिया के क्षेत्र में क्रांति आ सकती है। उन्‍होंने यह भी बताया कि न्‍यू मीडिया को अपना 'सोशल ग्राफ' विकसित करना चाहिए। पाठकों की पसंद-नापसंद को अपने स्‍तर पर आंकना चाहिए और उन्‍हें उसके मुताबिक कंटेंट देना चाहिए।

खत्म होगी दुनिया?
माया कैलेंडर को आधार बनाकर साल 2011 में धरती के मृत्युलेख कई बार लिखे जे चुके हैं। लोगों के फेसबुक अपडेट्स से लेकर अखबारों के संपादकीय तक में धरती के अस्तित्व के समाप्त होने पर मानवीय भावनाओं का खूब प्रदर्शन हुआ। किसी ने साल 2011 को अंतिम वर्ष मानकर जिया तो किसी ने इस पर चुटकुले गढ़ कर इसे भी मनोरंजन का जरिया बना लिया। लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि माया कैलेंडर के मुताबिक 21 दिसंबर 2012 को धरती के विनाश की खबरों पर समाज के एक बड़े तबके ने यकीन भी किया। वैसे साल 2012 को जीवन का अंतिम साल समझकर जीना बहुत कुछ नया हासिल करने का कारण भी बन सकता है। आप तय कर लीजिए कि आप इस साल धरती का मृत्युलेख लिखेंगे या कामयाबी की नई इबारत।  

Friday 30 December 2011

आवाज की कल्पना से खड़े हो जाते हैं रोंगटे, जयपुर में आ गया वह डायनासोर!



जयपुर.डायनासोर, जिनकी आवाज की कल्पना करते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जिनके कदम पड़ते ही धरती हिलने लगती है, यदि ये आपके शहर में आ जाएं तो कैसा होगा? शायद आप घरों से बाहर तक नहीं निकल पाएंगे।


पर घबराइए नहीं, डायनासोर आपके शहर में जरूर आए हैं, लेकिन डराने नहीं, बल्कि सिखाने। लाखों वर्ष पहले विलुप्त हो चुके डायनासोर अब आप साइंस पार्क में जल्द ही देख पाएंगे। स्टीवन स्पिलबर्ग की साइंस फिक्शन जुरासिक पार्क से लोगों के दिलों दिमाग पर छाने वाले ये डायनासोर अब आपके अपने ही शहर में अपनी कहानी बताएंगे।

नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम के रीजनल साइंस सेंटर जयपुर के साथ बन रहे इस डायनासोर पार्क में विभिन्न प्रजातियों के 11 डायनासोर लगाए जा रहे हैं। इससे पहले साइंस पार्क में एक ही डायनासोर है।

डिसप्ले बोर्ड पर इतिहास

यहां सभी मॉडल्स के पास ओरिजिन, एवरेज एज, वेट, पीरियड, बिहेवियर, डाइट, बॉडी स्ट्रक्चर, मूवमेंट आदि की जानकारियां डिसप्ले बोर्ड पर लिखी होंगी, जो साइंस के स्टूडेंट्स और रिसर्च स्कॉलर्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं। ये सभी मॉडल्स कोलकाता, मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु सेंटर से आए हैं।

देश के साइंस पार्क

अभी तक हरियाणा के कैथल साइंस पार्क, साइंस सिटी कोलकाता, दिल्ली, मुंबई और पटना में डायनासोर मॉडल्स और रोबो लगे हुए हैं। इनमें कोलकाता में इवोल्यूशन पार्क की गैलेरी में रोबोटिक डायनासोर है।

ये हैं प्रजातियां

दिल्ली से आए टेक्निकल एक्सपर्ट नंदकिशोर ने बताया कि पार्क में स्टेगोसॉरस (पंख वाला), एंकायलोसॉरस, ट्रायसिराटॉप्स (सींग वाला), ट्रियसिक (मांसाहारी), ओवीरैप्टर (अंडे चुराने वाला), स्केलिडोसॉरस प्रजातियों के मॉडल लगाए जा रहे हैं। ये सभी फाइबर ग्लास से बने हैं। इनके साथ उड़ने वाला एक डायनासोर भी ऊंचे पेड़ पर लगाया जाएगा। इन्हें देखने के लिए स्पेशल ट्रैक तैयार किया जा रहा है, जिसके चारों ओर लैंडस्केपिंग की जाएगी।

"राजस्थान में यह पहला डायनासोर पार्क है। इसका उद्घाटन जनवरी महीने के अंत में कर सकते हैं। इसके साथ ही अहमदाबाद और कोलकाता साइंस सेंटर से यहां और मॉडल्स लाएंगे।"

डॉ. राजकुमार शर्मा, विज्ञान व प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री

"साइंस में इंट्रेस्ट रखने वाले विद्यार्थियों और सामान्य लोगों के लिए यह नया अनुभव होगा। जुरासिक पार्क फिल्म का रोमांच यहां देखने को मिलेगा।"

देखकर चकित रह जायेंगे आप, ये शरीर है मानचित्रों की किताब!

देखकर चकित रह जायेंगे आप, ये शरीर है मानचित्रों की किताब!जयपुर.कहते हैं किसी भी काम को करने की कोई उम्र नहीं होती, कुछ ऐसा ही कर दिखाया है 70 वर्षीय गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी गिनीज ऋषी ने। गिनीज ऋषी ने अपने शरीर पर अब तक 316 देशों के झंडे और 185 देशों के मानचित्र बनाकर साबित कर दिया है कि वे इस उम्र में भी किसी से कम नहीं हैं। 

हाल ही रिनैक्स टैटू स्टूडियो में आए ऋषी ने बताया कि जनवरी महीने में इटली में एक और विश्व रिकॉर्ड बनाने जा रहा हूं। इसमें 26 टैटू आर्टिस्ट एक साथ मेरे शरीर पर टैटू बनाएंगे। इसमें एक जयपुर के अर्जुन मल्होत्रा भी हैं। 

वे कहते हैं कि अलग हट के करने के जुनून में 500 टैटू अपने शरीर पर बनवाए हैं। इस उम्र में टैटू बनवाने में दर्द जरूर 

विशेष टिप्पणीः यह देश को छह माह पीछे धकेलने का धोखा है




यह भ्रष्ट आचरण है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध एकजुट राष्ट्र को धोखा देने का। भ्रष्टाचार के मुकाबले शक्तिशाली लोकपाल लाने का वादा कर रहे सांसदों के पथभ्रष्ट होने का। जनभावनाओं को निर्ममता से भावहीन करने की कोशिशों का। 

यह भ्रष्ट आचरण है। सरकार के दोहरे चरित्र का। विपक्षी दलों की विचारशून्यता का। 

यह भ्रष्ट आचरण है। उन सांसदों का, जिन्होंने सत्ता में रहकर लोकपाल कानून को सुनियोजित षड्यंत्र में बदल दिया। उन सांसदों का, जिन्होंने अपनी सुविधा, सुरक्षा और स्वार्थ के लिए इसे दंतहीन, श्रीहीन और दीनहीन बना दिया। विपक्ष के उन सदस्यों का, जिन्होंने इसे अपनी खुदगर्जी और मनमर्जी के कारण संशोधनों के पहाड़ तले रौंद दिया। 

यह भ्रष्ट आचरण है 121 करोड़ नागरिकों को कम से कम छह माह पीछे धकेल देने का। उन तमाम फैसलों को रोकने का, जो देश को अर्थ संकट से लडऩे की ताकत देते। उस तमाम कामकाज को छोडऩे का, जिससे आर्थिक सुधारों का दूसरा और प्रभावी दौर शुरू होता। 

यह भ्रष्ट आचरण है। देश की तरक्की को ‘अनिश्चितकाल के लिए स्थगित’करने का। देश को पिछले छह माह से सिर्फ शक्तिशाली लोकपाल कानून लाने के छलावे में उलझाए रखने का। इस बीच जीडीपी की दर कमजोर करने का। कृषि उत्पादन घटने देने का। औद्योगिक उत्पादन को रसातल में भेजने का। और महंगाई से आम आदमी के सपनों को चूर-चूर कर देने का। भयावह भ्रष्ट आचरण है यह सब। 

यह हमारी, अपनी चुनी हुई सरकार का आचरण है। हमारे अपने हाथों से संसद में पहुंचे एक-एक हरेक सांसद का। 

प्रधानमंत्री लोकपाल की परिधि में होंगे, पूरे होंगे, आधे होंगे, सशर्त होंगे, यह तो तय हो रहा है।

सीबीआई लोकपाल की परिधि में होगी, मातहत होगी, कहने से जांच करेगी या नहीं करेगी-यह भी तय हो रहा है। सिर्फ उच्चस्तरीय नौकरशाह लोकपाल की जद में होंगे या सौ फीसदी सरकारी कर्मचारी, यह भी तय हो रहा है। लोकपाल कितना कमजोर किया जाए, यह तय करने की तो होड़ सी मची है। लेकिन हमारे वोट से संसद में बैठकर हम पर राज कर रहे इन सभी नेताओं के ऐसे भ्रष्ट आचरण को हम किस परिधि में लाएं? कैसे तय करें? 

समस्या वही है, जिस पर दो शब्दों में पहले भी बात हुई थी। क्या सरकार, क्या विपक्ष, एक अपवित्र गठजोड़ खड़ा हो गया है। जनता सीधे सरकार नहीं चला सकती। उसे सरकार चुनने से पहले ही यह तय करना होगा कि वह सिर्फ सही को चुने। क्योंकि वो जो एक वोट है, वही 121 करोड़ जिंदगियों का भविष्य लिख देता है। हालांकि गुरुवार को राज्यसभा में जिस निर्लज्जता के साथ इस वोटरूपी भरोसे को फाड़ा गया, उससे न तो हकीकत बदल सकती है, न ही ऐसे गैरजिम्मेदार सांसदों की तकदीर। सारे राष्ट्र ने अपनी भावनाओं को ऐसा क्रूर प्रहसन बनते हुए देखा है। आंख मींच लेने से तूफान लौट नहीं जाता। यानी भ्रष्ट नेता संभलकर रहें, जनाक्रोश का तूफान आना तय है। 

Wednesday 28 December 2011

जमीन पर चलता नहीं, आकाश में उड़ता हुआ ‘गुजरात’


नितेश श्रीवास्तव। दिन प्रतिदिन गुजरात अब विकास की नई-नई इबारतें गढ़ता जा रहा है। ऑटोमोबाइल्स के लिए तो यह राज्य अब देश ही नहीं, बल्कि विदेशी कंपनियों की भी पहली पसंद बन चुका है। टाटा की ‘नैनो’ हो या फ्रांस की ‘रैनो’, इन्हें गुजरात की ही पार्किंग पसंद आई। 
विकास की बात की जाए तो कहा जाता है कि अब गुजरात जमीन पर नहीं, बल्कि आकाश में उड़ रहा है, तो यह आश्चर्य की बात नहीं। देश में अन्य जगह जहां सड़कों पर दौड़ते वाहनों की अधिकतम गति सीमा 40 से 50 किमी प्रतिघंटा है, वहीं गुजरात के एक्सप्रेस हाइवे पर 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से भागा जा सकता है।

बात सड़कों की हो, दर्जनों फ्लाई ओवर की हो, बड़े-बड़े बांधों की हो या कई विहंगम प्रोजेक्ट्स की हो। गुजरात इन सबमें आगे है। केमिकल्स, ऑटो पार्ट्स, प्लास्टिक उत्पाद, इलेक्ट्रिकल्स-इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो मोबाइल, शुगर, टेक्सटाइल, डायमंड कटिंग समेत सैकड़ों फैक्टरियों के माध्यम से पैसों की जो फसल गुजरात उगा रहा है, उससे सिर्फ गुजरात ही नहीं, बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को संबल मिला है। जहाँ देश आज ऊर्जा के भीषण संकट का सामना कर रहा है, वहीं गुजरात इस मायने में आत्मनिर्भर है।

गुजरात में हो रहे विकास कार्यो की बात एक दिन में की ही नहीं जा सकती। इसलिए हम आपको कुछ वर्तमान और भविष्य के प्रोजेक्ट्स की झलकियां तस्वीरों के माध्यम से दिखा रहे हैं। इन्हें देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि आज गुजरात कहां खड़ा है और कल कहां होगा।
देखें तस्वीरें..

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