Wednesday 30 November 2011

रातभर बेटियों ने बताई पीड़ा, कहते-कहते रो पड़े पिता जी भी!


एक छात्रा के पिता की तो पीड़ा बताते-बताते रुलाई फूट पड़ी। निजी शिकायतों के अलावा कमोबेश सभी छात्राओं का कहना था कि शहर में जो कुछ हो रहा है, उससे पुलिस, कोचिंग संचालक और शहरवासी अनभिज्ञ नहीं हैं। पुलिस सिर्फ कुछ चौराहों पर पुलिसकर्मी तैनात कर अपनी ड्यूटी पूरी कर रही है। ज्यादातर शिकायतें तो दर्ज ही नहीं की जाती। अब तक सामूहिक तौर पर ऐसी कोई पहल नहीं हुई जिससे इन घटनाओं की रोकथाम हो।

कोटा.पुलिस के आंकड़े, कोचिंग संस्थानों की वेलफेयर सोसायटी तथा हेल्प लाइन पर दर्ज शिकायतें कुछ भी बयां करें, लेकिन हकीकत यह है कि कोटा में बेटियों के साथ छेड़छाड़ की वारदातें लगातार बढ़ रही है। सोमवार को दिनभर छात्राओं और उनके अभिभावकों ने भास्कर को फोन कर अपनी पीड़ा बताई।

छात्राओं का कहना था कि अधिकांश केवल इसलिए चुप हैं कि उन्हें अपना कॅरियर बनाना है और वे पुलिस अथवा शिकायत के चक्कर में पड़कर समय खराब करना नहीं चाहती। कुछ का कहना था कि यदि इस बात की भनक भी उनके परिजनों को लग गई तो वे पढ़ाई अधूरी छुड़वाकर घर ले जाएंगे जबकि, वे यहां आईआईटीयन, इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना लेकर आई हैं।

छेड़छाड़ से नहीं चूकते

कोचिंग के छात्र वेल अपटूडेट होने का फायदा उठाकर विवाह समारोह में भी बिन बुलाए मेहमान की हैसियत से घुस जाते हैं। वहां पर बारात अथवा डीजे पर नाचते समय छेड़छाड़ करते है और बाद में खाना खाकर लौट जाते हैं। इंद्रविहार क्षेत्र में रविवार को आयोजित एक विवाह समारोह में ऐसे ही कोचिंग छात्र बिना बुलाए शरीक हो गए।

वहां पर परिवार के ही सदस्य का पर्स गिर गया जिसमें 8 हजार रुपए थे। इन युवकों ने वह पर्स खुद का बताकर रख लिया। बाद में जब पर्स की तलाश हुई तो शादी के वीडियो व फोटोग्राफी देखी गई।

उसमें पर्स ले जाने वाले युवकों की पहचान तो हो गई लेकिन, वे कौन हैं इस बारे में दोनों ही तरफ के परिवार वाले नहीं जानते थे। सोमवार को फोटोग्राफर ने उन युवकों को तलवंडी क्षेत्र में पकड़ लिया और उनके बीच जमकर झड़प भी हो गई।

फोन पर बेटियों ने बयां की पीड़ा

कभी दोस्ती के लिए पीछे पड़ना तो कभी अश्लील एसएमएस, कभी पीछा करना तो कभी कट मारकर गिरा देना। बेटियां हर रोज अलग-अलग तरीकों से परेशान हो रही है। बेटियों ने बताया कैसे कुछ शैतान उन्हें परेशान करते हैं।

आप भी नजर रखें---

स्टंट के नाम पर छेड़छाड़ होती है

सिटी मॉल के पास संडे शाम 5 से 7 बजे तक 15-20 लड़के बाइक पर स्टंट करते हैं। आती-जाती लड़कियों का कभी दुपट्टा खींच ले जाते हैं तो कभी पीठ पर मारकर निकल जाते हैं।

साइकिल के पीछे बाइक

मध्यप्रदेश की एक छात्रा को इंदिरा विहार क्षेत्र के ही युवकों ने पीछा करके परेशान कर रखा है। जब भी छात्रा क्लास में आती-जाती है वह युवक उसकी साइकिल के पीछे-पीछे बाइक चलाने लगते हैं। उसने जब इसका विरोध किया तो कट मारकर उसे गिरा दिया। हद पार कर दी।

मोबाइल पर परेशान करते हैं

निकटवर्ती जिले से पढ़ने आई एक छात्रा को 3 अलग-अलग मोबाइल नंबर से युवक परेशान कर रहा है।

कभी वह गाली-गलौज करता है तो कभी अश्लील बातें करता है।

भाई ने भी समझाया

हरियाणा से आई छात्रा अश्लील फोन कॉल्स के कारण काफी तनाव में हैं। वह मिलने के लिए ऑफर करता है, कभी अश्लील एसएमएस का जवाब मांगता है।

छात्रा ने कॉल डायवर्ट कर अपने भाई से बात करवा दी। भाई ने भी उसे समझा दिया लेकिन, वह नहीं मान रहा।

बार-बार अश्लील कॉल से परेशान हो गई तो उसने नंबर को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। युवक ने दूसरे नंबर से फोन करना शुरू कर दिया। अब तक वह 5 नंबरों को बदल चुका है।

मुकाबला करें छात्राएं भी

कोटात्न भास्कर ने छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की बढ़ रही घटनाओं को लेकर सोमवार को महिला थाने की इंचार्ज चंद्रज्योति शर्मा, जूड़ो की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रेखा राठौड़ और कुछ एनसीसी कैडेट्स से बात की। उनका कहना था कि आत्मविश्वास मजबूत रखकर ऐसी घटनाओं का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकता है।

>कोई टीज करता है तो पलटकर ऊंची आवाज में जवाब देना चाहिए, चुप्पी नहीं साधें, ऐसा करने से और लोग भी आपकी मदद को आ सकते हैं।

>किसी भी वारदात के बारे में पुलिस को, परिजनों को या अपने संस्था प्रधान को अवगत कराएं। >मिर्च पाउडर भी साथ रखा जा सकता है, मुश्किल वक्त में इसे फेंककर बचाव किया जा सकता है।

>अभिभावक भी बच्चियों को मानसिक तौर पर इतनी मजबूत बनाएं कि वे ऐसी स्थितियों का डटकर सामना कर सकें।

>शार्टकट नहीं मुख्य मार्ग से जाएं

>सुनसान-अंधेरे रास्तों में जाने से बचें।

>कोचिंग संस्थान या हॉस्टल में अपने मोबाइल नंबर नोट करवाएं ताकि जरूरत पड़ने पर मदद मिल सके।

गहराया मंदी का खतरा? 27 महीनों में सबसे कम रहा जीडीपी, रुपया भी कमजोर


 गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे अमेरिका और यूरोप के बाद अब इसकी छाया एशिया पर भी दिखाई देने लगी है। जानकार चेतावनी दे रहे हैं कि आर्थिक रूप से सुरक्षित समझा जा रहा एशिया ज़्यादा दिनों तक मंदी की मार से बच नहीं पाएगा और यहां अगले कुछ महीनों में गंभीर आर्थिक संकट होने वाले हैं। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में आर्थिक आंकड़े परेशान करने वाले हैं। 

 

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की सही हालत बताने वाले सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के ताजा आंकड़े पिछले 27 महीनों में सबसे कम हैं। भारत के निर्यात के आंकड़ों में जबर्दस्त गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं, शेयर बाजारों में गिरावट का दौर देखा जा रहा है। आज सुबह 9. 20 बजे सेंसेक्स 95 प्वॉइंट गिरकर 15,914.10 के स्तर पर आ गया वहीं, निफ्टी में भी 30 प्वॉइंट की गिरावट देखी गई। निफ्टी 4,774.60 के स्तर पर रहा। वहीं, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट दर्ज की जा रही है। आज दिन में पौने 12 बजे एक डॉलर की कीमत 52.09 रुपये थी। कुछ महीने पहले ही यह 40 रुपये के आसपास थी।   

 

सितंबर में खत्म हुए वित्तीय वर्ष 2011-12 की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी का आंकड़ा 6.9 फीसदी रहा।  बीते 27 महीनों में सितंबर में खत्म हुई तिमाही में देश का जीडीपी सबसे कम रहा है। मतलब यह है कि जुलाई से सितंबर के बीच भारत ने बीते सवा दो सालों में सबसे कम विकास किया है। सितंबर में खत्म हुई तिमाही लगातार तीसरी ऐसी तिमाही है, जब देश के जीडीपी का आंकड़ा 8 फीसदी से नीचे रहा है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इन आंकड़ों पर हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार को इससे ज्यादा विकास दर की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि इस तिमाही के आंकड़ों के बावजूद इस वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 7.3 प्रतिशत रहेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली दोनों तिमाहियों के आंकड़े देखने के बाद मुझे उमीद है कि 2011-12 में जीडीपी विकास दर 7.3 प्रतिशत रहेगी। 


 

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई, बढ़ती ब्याज दरें और अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजार में जारी संकट के चलते भारत की जीडीपी में गिरावट आई है। हालत यह है कि निर्माण क्षेत्र महज 2.7 फीसदी की दर से विकास कर रहा है जबकि खनन क्षेत्र की हालत भी ज़्यादा बेहतर नहीं है। खनन क्षेत्र 2.9 फीसदी की दर से ही विकास कर पा रहा है।  आशंका जाहिर की जा रही है कि लगातार दरकती अमेरिका और यूरोप की अर्थव्यवस्था का असर एशिया पर आने वाले कुछ महीनों में होगा। 

 

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 71 फीसदी योगदान देने वाले अमेरिकी उपभोक्ता इनदिनों मंदी की मार से जूझ रहे हैं। 2008 की शुरुआत से अब तक 15 तिमाही में अमेरिकी उपभोक्ताओं का खर्च 0.4 फीसदी की सालाना दर से ही बढ़ा है। इन आंकड़ों से अमेरिकी अर्थव्यवस्था और उसके उपभोक्ताओं का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। 

 

वहीं, यूरोप की आर्थिक सेहत का अंदाजा यूरोपियन कमीशन की तरफ से हाल ही में साल 2012 के लिए जारी जीडीपी के अनुमानित आंकड़े से लगाया जा सकता है। कमीशन ने अंदाजा लगाया है कि यूरोप में 2012 में जीडीपी का आंकड़ा 0.5 फीसदी रहेगा। अमेरिका और यूरोप में आर्थिक संकट के चलते विदेश से होने वाले आयात में लगातार गिरावट आ रही है। जानकार मानते हैं कि मंदी से जूझ रहे यूरोपीय देशों-ग्रीस, आयरलैंड, पुर्तगाल, इटली और स्पेन के आर्थिक संकट का असर जल्द ही पूरे यूरोप को अपनी चपेट में ले लेगा। 

 

जानकार चेतावनी दे रहे हैं कि पिछले तीन सालों में यह दूसरा मौका है जब एशियाई देशों को समय रहते चेत जाना चाहिए। एशिया के देशों की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा यूरोप और अमेरिका को होने वाले निर्यात पर निर्भर है। लेकिन जानकारों की सलाह है कि निर्यात के लिए एशियाई देशों को पश्चिमी देशों की तरफ देखने की बजाय अपने ही क्षेत्र के 3.5 अरब उपभोक्ताओं पर ध्यान देना चाहिए। उनके मुताबिक अगर ऐसा नहीं हुआ तो भारत और चीन की भी आर्थिक तस्वीर अमेरिका और यूरोप से ज़्यादा अलग नहीं होगी। जानकारों के मुताबिक भारत और चीन समेत एशिया के आर्थिक तौर पर मजबूत समझे जाने वाले देशों को अब अमेरिका और यूरोप को निर्यात करने की बजाय वैकल्पिक रणनीति तैयार करनी चाहिए। 

 

2008 में पश्चिमी देशों में आई आर्थिक मंदी की मार एशियाई बाज़ार पर बुरी तरह पड़ी थी। यही वजह है कि माना जा रहा है कि अमेरिका और यूरोप के आर्थिक संकट की चपेट में एशिया जल्द आ जाएगा। इसके संकेत भी मिलने शुरू हो गए हैं। भारत में निर्यात पर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में दर्ज की जा रही गिरावट का असर साफ देखा जा सकता है। अगस्त, 2011 में जहां भारत 44 फीसदी निर्यात कर रहा था वहीं, अक्टूबर आते-आते यह आंकड़ा 11 फीसदी हो गया। चीन और हॉन्गकॉन्ग में निर्यात में गिरावट दर्ज की गई है। चीन में अक्टूबर, 2010 की तुलना में अक्टूबर, 2011 में निर्यात तकरीबन आधा हो गया। अक्टूबर, 2010 में चीन के निर्यात का आंकड़ा 31 फीसदी था जबकि अक्टूबर, 2011 में यह 16 फीसदी पर आ गया है। वहीं, हॉन्गकॉन्ग का निर्यात का आंकड़ा 3 फीसदी पर आ गया है, जो वहां 23 महीनों में निर्यात का सबसे कम स्तर है।

 

जानकार की राय 'सरकार के खर्च में कमी और लोगों द्वारा निवेश से हाथ खींच लिए जाने से विकास दर पर फर्क पड़ा है। सरकारी खर्च अमूमन बुनियादी ढांचे जैसी योजनाओं में होता है जिससे विकास होता है। लेकिन इधर सरकार ने भी इन पर खर्च कम कर दिया है। मैन्युफैक्चरिंग में उद्यमी कम पैसा लगा रहे हैं। दूसरी ओर,  महंगाई से परेशान लोग कम खर्च कर रहे हैं। निर्यात भी नहीं बढ़ पा रहा है। यूरोप में संकट के कारण हमारे निर्यात पर भी असर पड़ा है। इसका भी जीडीपी विकास दर पर पड़ा है। काबरा ने कहा कि सबसे ज्यादा पैसा स्टॉक मार्केट और कमोडिटी फ्यूचर्स में लग रहा है जिससे विकास दर का कोई लेना देना नहीं है। सबसे बड़ी बात है कि उत्पादकता नहीं बढ़ पा रही है।' 

बच्चन परिवार की बहू व बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन ने पिछले दिनों एक बेटी को जन्म दिया है। पहले तो लोगों में यह उत्सुकता थी कि उन्हें लड़का होगा या लड़की। अब जबकि उन्हें बेटी हो चुकी है तब सभी के दिमाग में एक ही बात चल रही है कि आखिर ऐश अब क्या कर रहीं हैं। ऐश की डिलीवरी के बाद से उनकी बेटी की एक झलक पाने व आशीर्वाद देने के लिए रिश्तेदारों व दोस्तों की लाइन लगी हुई है। इनकी मेजबानी के लिए पूरा बच्चन परिवार ही लगा हुआ है। दादा बनने के बाद उत्साहित अमिताभ ने हाल ही में अपने ब्लॉग पर पोस्ट किया, "हमारे घर बेटी बी को देखने व आशीर्वाद देने के लिए आगंतुकों का रेला ही लगा हुआ है। वहीं वह इन सबसे बेखबर सोई रहती है। जब वह जागती है तो खुद को निहारते चेहरे को अपनी आश्चर्य भरी आंखों से देखती रहती है। इसके साथ ही वे उसके लिए ढेर सारे छोटे-छोटे गिफ्ट्स, बेबी बुक में एक हैप्पी नोट व वह किसकी तरह दिखती है, इस पर चर्चा करते छोड़कर चले जाते हैं।" इसके साथ ही वे आगे लिखते हैं कि माता-पिता बनने का बाद भी अभिषेक व ऐश्वर्या बच्ची के नाम के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। वहीं दुनियाभर से फैंस ने कई तरह के संभावित नामों को भेज रहे हैं।

बच्चन परिवार की बहू व बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन ने पिछले दिनों एक बेटी को जन्म दिया है।



पहले तो लोगों में यह उत्सुकता थी कि उन्हें लड़का होगा या लड़की। अब जबकि उन्हें बेटी हो चुकी है तब सभी के दिमाग में एक ही बात चल रही है कि आखिर ऐश अब क्या कर रहीं हैं। ऐश की डिलीवरी के बाद से उनकी बेटी की एक झलक पाने व आशीर्वाद देने के लिए रिश्तेदारों व दोस्तों की लाइन लगी हुई है। इनकी मेजबानी के लिए पूरा बच्चन परिवार ही लगा हुआ है।



दादा बनने के बाद उत्साहित अमिताभ ने हाल ही में अपने ब्लॉग पर पोस्ट किया, "हमारे घर बेटी बी को देखने व आशीर्वाद देने के लिए आगंतुकों का रेला ही लगा हुआ है। वहीं वह इन सबसे बेखबर सोई रहती है। जब वह जागती है तो खुद को निहारते चेहरे को अपनी आश्चर्य भरी आंखों से देखती रहती है। इसके साथ ही वे उसके लिए ढेर सारे छोटे-छोटे गिफ्ट्स, बेबी बुक में एक हैप्पी नोट व वह किसकी तरह दिखती है, इस पर चर्चा करते छोड़कर चले जाते हैं।"



इसके साथ ही वे आगे लिखते हैं कि माता-पिता बनने का बाद भी अभिषेक व ऐश्वर्या बच्ची के नाम के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। वहीं दुनियाभर से फैंस ने कई तरह के संभावित नामों को भेज रहे हैं।

एक भारतीय राजकुमार पर फिदा थी दुनिया के सबसे क्रूर तानाशाह की बेटी



सोवियत संघ के पूर्व शासक जोसेफ स्टालिन की एकमात्र बेटी स्वेतलाना अल्लीलुयेवा का अमेरिका में 85 वर्ष की 
उम्र में निधन हो गया। 'स्काई न्यूज' के अनुसार, वह कोलन कैंसर से पीड़ित थीं। स्वेतलाना उर्फ लाना पीटर्स वर्ष 1967 में सोवियत संघ से अमेरका आ गई थीं। 22 नवम्बर को विस्कांसिन में उनका निधन हो गया।

स्टालिन ने वर्ष 1941 से 1953 में मौत तक सोवियत संघ में शासन किया था। लेकिन स्वेतलाना ने साम्यवाद के साथ-साथ अपने पिता और उनकी नीतियों की भी निंदा की थी।

र्ष 1970 में वास्तुविद विलियम पीटर्स से विवाह के बाद वह विस्कांसिन में बस गई थीं। दोनों की एक बेटी ओल्गा है, लेकिन बाद में उनका तलाक हो गया। रूस में पहली शादी से भी उनके दो बच्चे हैं, लेकिन उनकी दोनों शादियों की परिणिति तलाक के रूप में सामने आई।

भारतीय पर फिसला था स्वेतलाना का दिल

1963 में अपने टॉन्सिल का इलाज करवाते समय स्वेतलाना भारतीय राजकुमार बृजेश सिंह से मिली थी। उत्तर प्रदेश इलाहाबाद के बृजेश किसी काम से मॉस्को गए थे। तब ही दोनों की मुलाकात हुई।

स्टालिन ने इस जोड़े को शादी की इजाजत नहीं दी। बृजेश सिंह को फेंफड़ों की बीमारी थी। 1966 में बृजेश की मॉस्को में मृत्यु हो गई थी।

बृजेश की अस्थियां गंगा में विसर्जित करने स्वेतलाना भारत आई थीं। लेकिन राजनीतिक कारणों से वो भारत में अधिक दिन नहीं रह सकीं। और वहां से उन्हें इटली भेज दिया गया। 

स्वेतलाना 8 महीने तक बृजेश के परिवार के साथ उनके कलाकंकर स्थित घर में रही थीं। 

1967 में दिए एक साक्षात्कार में स्वेतलाना ने बृजेश को अपना पति बताया था। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी बताया था कि उनकी कभी बृजेश से औपचारिक तौर पर शादी नहीं हुई।

रहने के लिहाज से ये् हैं भारत के सबसे बेस्ट शहर


अगर देश में सबसे अच्छी जिंदगी चाहते हैं तो इस शहर में जाकर बस सकते हैं। इस शहर ने दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों को पीछे छोड़ दिया है। एक ग्लोबल सर्वे में बंगलुरु को भारत का सबसे बेस्ट शहर होने का खिताब दिया गया है। लेकिन इसके बावजूद दुनियाभर के 221 देशों की लिस्ट में बंगलुरु 141 स्थान पर काबिज है।  



बंगलुरु को यह दर्जा वहां कि लाइफ क्वालिटी और व्यक्तिगत सुरक्षा को ध्यान में रखकर दिया गया है। यह सर्वे ग्लोबल सालहकार कंपनी मर्सर ने किया है क्वालिटी ऑफ लिविंग नाम के इस सर्वे में ऑस्ट्रिया की
 
राजधा
नी वियना को रहने के लिहाज से दुनिया का सबसे बेस्ट शहर करार दिया गया है।  



इस लिस्ट में भारत के पांच शहर भी शामिल हैं इसमें बंगलुरु (141), दिल्ली (143), मुंबई (144), चेन्नई (150), और कोलकाता (151) नंबर पर है। एक दूसरी लिस्ट में लक्जमबर्ग को टॉप स्थान दिया गया है जबकि बंगलुरु इसमे 117 वें पायदान पर है।

रोमांचक रहा मैच, जैसे-तैसे जीते: पहले वनडे में भारत की जीत के ये रहे 7 कारर्ण


भारत-वेस्टइंडीज के बीच खेले गए पहले एकदिवसीय मुकाबले में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को 1 विकेट से हरा दिया। मंगलवार को खेला गया यह मुकाबला बेहद रोमांचक था। टीम इंडिया ने 212 रन के लक्ष्य को सात गेंदें शेष रहते पूरा कर लिया। हालांकि वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की भी तारीफ करनी होगी, जिन्होंने इतने कम स्कोर को भी चुनौतीपूर्ण बना दिया।
एक समय तो ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया आसानी से मैच गंवा देगी, लेकिन रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा ने महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई और टीम इंडिया 1 विकेट से जीत गई। टीम इंडिया की जीत के प्रमुख 7 कारण ये रहे।

रोहित शर्मा की शानदार पारी
59 रन पर पांचवां विकेट गंवाने वाली टीम इंडिया को रोहित शर्मा ने सहारा दिया। 83 रन की साझेदारी निभाने के बाद रवींद्र जडेजा 38 रन बनाकर आउट हो गए। उस समय टीम इंडिया को जीत के लिए 70 रनों की आवश्यकता थी, जबकि चार खिलाड़ी ही शेष थे। ऐसे में एक छोर से रोहित शर्मा ने कमान संभाले रखा और शानदार 72 रन बनाए। इससे टीम इंडिया की जीत की राह आसान हो गई। रोहित ने 99 गेंदों में 52 बनाए और टीम इंडिया की ओर से सर्वाधिक रन जोड़ने वाले बल्‍लेबाज बने। उन्‍होंने अपनी पारी में तीन चौके और एक छक्‍के भी शामिल है।
 
रोहित और जडेजा की साझेदारी59 रन पर पांच विकेट गिर जाने के बाद टीम इंडिया पूरी तरह से बिखर गई थी। इसके बाद रोहित और जडेजा ने टीम इंडिया को संभाला और छठे विकेट के लिए महत्वपूर्ण 83 रन जोड़े। इस साझेदारी टीम इंडिया को मुश्किल से बाहर निकाल दिया। जडेजा ने 73 गेंदों में 38 रन बनाए।तेज गेंदबाजों की सटीक शुरुआत
 
विनय कुमार, उमेश यादव और वरुण आरोन ने टीम इंडिया को अच्छी शुरुआत दिलाई और उसके शुरुआती तीन बल्लेबाज 52 के स्कोर पर ही पवेलियन भेज दिए। शुरुआती झटकों से वेस्टइंडीज की टीम उबर नहीं पाई और उसकी पारी काफी धीमी रही। जिसके कारण वह सिर्फ 211 रन ही बना सकी। आर अश्विन ने 10 ओवरों में महज 30 रन दिए और एक विकेट भी लिया। विनय कुमार और सुरेश रैना ने कंजूसी भरी गेंदबाजी की। कुमार ने छह ओवरों में 27 रन देकर एक विकेट झटका, जबकि रैना ने पांच ओवरों में महज 20 रन देकर एक खिलाड़ी को आउट किया।
 
बढ़िया क्षेत्ररक्षण
 
टीम इंडिया के युवा खिलाड़ियों ने फील्डिंग में भी अच्छा दम दिखाया और कैरिबियाई बल्लेबाजों को एक-एक रन के लिए मोहताज कर दिया। कसी हुई गेंदबाजी के अलावा कसी हुई फील्डिंग ने कैरिबियाई बल्लेबाजों को खुल के खेलने से रोक दिया।
 
टीम इंडिया की तेज शुरुआत
 
212 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया के पांच विकेट 59 रन जरूर गिर गए। लेकिन सहवाग और पार्थिव पटेल ने टीम को तेज शुरुआत दी। टीम इंडिया ने पहले ही ओवर में 15 रन बना डाले। पांच ओवर तक टीम इंडिया ने 42 रन बना लिए थे। टीम इंडिया की इस तेज शुरुआत का फायदा बाद में मिला और टीम इंडिया धीरे-धीरे मंजिल पर पहुंच गई।
 
एरोन की दिलेरी
 
भारत को आखिरी 12 गेंदों पर नौ रन चाहिए थे। यदि वेस्‍टइंडीज के गेंदबाज चाहते तो टीम इंडिया के निचले क्रम के बल्‍लेबाजों को निपटा सकते थे लेकिन 49वें ओवर की दूसरी गेंद पर एरोन ने चौका जमाया। इसके बाद भारतीय टीम का पलड़ा मेहमानों पर भारी हो गया।  डेरेन सैमी के इसी ओवर में दो गेंद बाद उमेश ने स्ट्रेट डाइव जमाकर जीत पर मुहर लगा दी। 

टॉस की भूमिका
 
बाराबाती स्टेडियम में इससे पहले खेले गए 4 डे नाइट मुकाबलों में 1 बार पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को जीत मिली थी, जबकि 3 बार बाद में बल्लेबाजी करने वाले को। टीम इंडिया के कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने टॉस जीता और इसी आंकड़े का लाभ उठाते हुए बाद में बल्लेबाजी करने का फैसला किया और इसने टीम इंडिया का साथ दिया

किस्मत का गणित: साल का आखिरी महीना कैसा रहेगा आपके लिए?

जानें आपकी किस्मत कैसी रहेगी साल के आखिरी महीने में? जोडि़ए जन्म तारीख और जानिए किस्मत के नंबर क्या कहते है आपके लिए? पढि़ए इस महीने का राशिफल 



अंक 1:
 इस महीने में आपको मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। अधिकारी आपके कार्य से संतुष्ट होंगे। इस महीने आपको पैसों का सहयोग मिलेगा। जीवनसाथी से तनाव हो सकता है। इस महीने के अंत में नई जिम्मेदारी मिलने का योग है।



अंक 2 महीने की शुरुआत में ही धार्मिक कार्यक्रमों में व्यय होने की संभावना है। इस माह आपको शत्रुओं पर विजय मिलेगी। इस महीने आपको वाहनादि से सावधान रहना चाहिए। महीने के अंत में आय में कमी होगी। 



अंक 3 इस महीने की शुरुआत में आय का उच्चतम योग बनेगा। साल के आखिरी दिन में अप्रत्याशित धन की प्राप्ति होगी। महीने के आखिरी दिनों में अपको नौकरी में उच्च पद की प्राप्ति संभव है। सभी कार्य समय से पूर्ण होंगे। 



अंक 4 इस महीने में आप कार्यस्थल पर अपना उच्चतम प्रदर्शन कर पाएंगे। अंक चार वालों को अधिकारी अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे। महीने के आखिरी दिनों में आपकी आय उत्तम बनी रहेगी। रुका हुआ धन मिलेगा।



अंक 5 अंक 5 वालों के लिए ये महीना अच्छा रहेगा। भाग्य का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। बंधुओं से सहयोग एवं सम्मान मिलेगा। महीने के आखिरी दिनों में पुश्तैनी जायदाद से लाभ होगा और धार्मिक कार्यों में जाना पड़ सकता है। 



अंक 6 इस अंक वालों को साल के आखिरी महीने में भ्रमण, मनोरंजन का कार्यक्रम बनेगा। मकान, भूमि, भवन से लाभ होगा। इस महीने मेंं कार्यस्थल मन माफिक रहेगा। सफलता प्राप्त होगी। 



अंक 7 ये महीना अंक सात वालों के लिए व्यापार-व्यवसाय की दृष्टि से उत्तम रहेगा। कुंवारों को विवाह का योग है। महीने के आखिरी दिनों में आपको जीवनसाथी से अपेक्षित सहयोग प्राप्त होगा। रुके हुए काम समय पर पूर्ण होंगे। 



अंक 8 इस अंक वालों के लिए समय अच्छा है। अंक आठ वाले लोग धार्मिक कार्यों में सहयोग करेंगे। शत्रुओं की पराजय होगी। नौकरी के नवीन प्रस्ताव मिलेंगे। व्यापार-व्यवसाय उत्तम रहेगा। आलस्य से हानि होगी।



अंक 9 अंक नौ वालों के लिए आय के उत्तम योग हैं। महीने के मध्य में इस राशि के लोगों का भूमि भवन खरीदने का मन बनेगा। संतान सुख की प्राप्ति होगी। वाहनादि का प्रयोग सावधानी पूर्वक करें। 

दुनिया को दिखाना है दमखम, बेताब है ड्राइवर की यह बेटी!



कोटा.कोटा के दादाबाड़ी निवासी एक ट्रक ड्राइवर की बेटी अब स्कूली वर्ल्ड जूड़ो चैम्पियनशिप में दमखम दिखाएगी ।चैम्पियनशिप ब्राजील में मार्च माह में आयोजित की जाएगी। 
मध्यम परिवार में जन्मी 16 वर्षीय गगनप्रीत कौर सेंट जोसफ स्कूल की 12 वीं कक्षा की छात्रा है। उसके पिता जसवीर सिंह ट्रक मालिक व चालक हैं। गगनप्रीत की मां कुलविन्दर गृहिणी हैं। गगनप्रीत की एक छोटी बहिन जसप्रीत कौर है। वह भी जूड़ो की खिलाड़ी हैं। 
गगनप्रीत कौर ने हॉल ही में 57 वीं स्कूली नेशनल जूड़ो चैम्पियनशिप में 44 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीता है। उसका चयन ब्राजील में मार्च में आयोजित होने वाली स्कूली वर्ल्ड चैम्पियनशिप के लिए किया गया है। जिसका शिविर एक फरवरी 2012 से लगेगा। 
गगनप्रीत प्रतिदिन सुबह ध्यानचंद स्टेडियम में रनिंग करती है और शाम 4 से 8 बजे तक जवाहरनगर स्थित देवभूमि जूड़ो-कुश्ती प्रशिक्षण केन्द्र पर प्रशिक्षक रवि गुप्ता से खेल के गुर सीखती है।
मां की तमन्ना स्वर्ण पदक
गगनप्रीत की मां कुलविन्दर की तमन्ना है कि उसकी बेटी ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीते। कुलविन्दर अपनी बेटी को इस स्थान पर पहुंचाने का श्रेय प्रशिक्षक रवि गुप्ता को देती हैं। उनका कहना है कि जब गगन छोटी थी तब से ही वह ध्यानचंद स्टेडियम में दौड़ लगाने जाती थी।उसी समय प्रशिक्षक रवि गुप्ता ने बच्ची को उन्हें देने के लिए कहा था। तभी से गगन जवाहरनगर में कुश्ती-जूड़ो का प्रशिक्षण प्राप्त करने जा रही है।
पहले किस्मत ने नहीं दिया साथ
वर्ष 2010 जुलाई में थाइलैंड में आयोजित जूनियर एशियन जूड़ो-कुश्ती चैम्पियनशिप में भाग लेने के लिए गगनप्रीत गई थी, उसका चयन भारतीय टीम में किया गया था, लेकिन वहां उसकी तबियत खराब हो गई थी।
कुछ कर दिखाने की तमन्ना
प्रशिक्षक रवि गुप्ता का कहना है कि गगनप्रीत में कुछ कर दिखाने की तमन्ना है,वह ब्राजील में मार्च माह में आयोजित होने वाली स्कूली वल्र्ड जूड़ो चैम्पियनशिप (अंडर-19) में पदक जीतकर भारत लौटेगी। गगन को जूड़ो के दांव पेच सिखाए जा रहे हैं। फरवरी माह में वह कैम्प में जाएगी।
छोटी बेटी जसप्रीत भी खिलाड़ी
जसवीर की छोटी बेटी जसप्रीत कौर अभी दस वर्ष की है। वह भी जूड़ो का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। वह मोदी पब्लिक स्कूल की छात्रा है। जसप्रीत जूड़ो में जूनियर स्टेट चैम्पियनशिप में अपने करतब दिखा चुकी है।

Tuesday 29 November 2011

बच गई जोया की जान, डॉ. ने कहा हो गया 'चमत्कार'


 ब्रीच कैंडी अस्पताल के डॉक्टरों ने मोटापे की जानलेवा बिमारी की शिकार 11 महीने की मासूम बच्ची जोया का ऑपरेशन कर उसकी जान बचाने का चमत्कार कर दिखाया है। देश में अपने किस्म के इस पहले व अनोखे ऑपरेशन के बाद जोया का वजन करीब ३ किलो कम होने के साथ ही मोटापा बढ़ना रूका है। 

ब्रीच कैंडी अस्पताल के सर्जन डॉ. संजय बरुडे ने बताया कि जोया मोटापे की बिमारी से पीड़ित थी। जिस वक्त उसे इलाज के लिए अस्पताल में लाया गया था। उस समय उसकी उम्र महज 11 महीने होने के बावजूद वजन करीब 18 किलो था। उन्होंने बताया कि जोया की उम्र कम होने की वजह से उसका ऑपरेशन करना काफी खतरनाक था। 

परंतु इस नन्हीं बच्ची का जान बचाने का एकमात्र रास्ता ऑपरेशन करना ही था। लिहाजा ब्रीच कैंडी अस्पताल के एक अनुभवी डॉक्टरों की टीम ने करीब 3 घंटे चले ऑपरेशन को सफलतापूर्वक करके जोया के पेट का साइज छोटा करने का महत्वपूर्ण काम किया। डॉ. बरुडे के अनुसार जोया का पेट छोटा किये जाने से उसे ज्यादा भूख नहीं लगेगी और वह स्वथ्य रहेगी। 

इसके अलावा ऑपरेशन के दौरान जोया का मोटापा बढ़ाने वाले हार्मोन्स के हिस्स को काट कर अलग किया गया। ताकि उसका मोटापा बढ़ना रूके। उन्होंने इसे जेनेटिक बिमारी बताया है। जिसमें बच्चे के जन्म के छह महीने बाद उसका तेजी से वजन बढ़ता। डॉ. बरुडे के अनुसार जोया का मामला पूरी तरह से अलग था, क्योंकि उसका वजन जन्म के बाद से ही तेजी से बढ़ रहा था। और यदि उसका जल्द ऑपरेशन नहीं किया गया होता, तो उसकी जान जाने का खतरा था। 

जोया जितना खुशकिस्मत नहीं रहा उसका भाई :

ब्रीच कैंडी अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा जोया की जान बचाये जाने का चमत्कार कर दिखाये जाने पर उसकी मां ताज खातून काफी खुश है। मगर जोया से पहले इसी तरह की बिमारी के शिकार अपने बेटे फैजान की जान न बच पाने का दर्द उसकी आंखों में झलक रहा था। ताज खातून का कहना है कि मोटापे की बिमारी का शिकार फैजान ने 18 महीने की उम्र में दम तोड़ दिया था। यही वजह है कि जब जोया मोटापे की बिमारी का शिकार हुई, तो बिना समय गंवाये सबसे पहले नायर अस्पताल ले जाया गया। 

मगर जब वहां के डॉक्टरों ने करीब एक महीने तक चक्कर मरवाने के बाद जोया को इलाज के लिए ब्रीच कैंडी अस्पताल ले जाने की सलाह दी। तो पूरा परिवार सकते में आ गया, क्योंकि जोया के ऑपरेशन पर करीब दो से ढाई लाख रुपये का खर्च आने वाला था। और उनकी आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी। 

मगर ब्रीच कैंडी अस्पताल के डॉ. संजय बरुडे और उनके सहयोगियों ने इस जोया की बिमारी को चुनौती के रूप में लिया और पैसे की परवाह न करते हुए उसकी जान बचाने का फैसला लिया। जोया का ऑपरेशन सफल होने से खुश डॉ. बरुडे का कहना है कि अब उसका वजन तीन किलो घटकर 15 किलो है और उसे पूरी तरह से ठिक होने में करीब 2-3 साल लगेंगे।

अचूक उपाय: बस दस मिनट... बढ़ जाएगी आपकी हाइट

माना जाता है कि लंबाई अमूमन 18 से 20 साल की उम्र तक बढ़ती है। लेकिन बाकी वजहों की तुलना में लंबाई आनुवांशिक कारणों पर ज्यादा निर्भर करती है। ऐसे में जरूरी नहीं कि आपको वर्कआउट करने से कोई खास फायदा हो लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपकी हाइट बढ़ जाए तो इसमें योग आपकी निश्चित रूप से सहायता कर सकता है। माना जाता है कि प्रोटिन युक्त भोजन करने से व नियमित रूप से दस मिनट ताड़ासन करने से हाइट बढ़ती है। 

कैसे करें ताड़ासन - समतल स्थान पर कंबल आदि बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं और प्रयास करें कि आपके पैर मिले रहें। साथ ही हथेलियों को अपने बगल में रखें। पूरे शरीर को स्थिर रखें और ये ध्यान रहे कि पूरे शरीर का वजन दोनों पैरों पर बराबर रूप से आए। दोनो हथेलियों की अंगुलियों को मिलाकर सिर के ऊपर रखें। हथेलियों का रुख ऊपर की ओर होना चाहिए। सांस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचिए, आपके कंधों और छाती में भी खिंचाव आएगा। साथ ही साथ पैरों की एड़ी को भी ऊपर उठाएं तथा पैरों की अंगुलियों पर शरीर का संतुलन बनाए रखिए। 

इस स्थिति में कुछ देर रहें। कुछ पल रुकने के बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को वापस सिर के ऊपर ले आएं। इस आसन को एक बार में कम से कम 5-10 बार कर सकते हैं। ताड़ासन से हम अपनी छाती और पीठ की मांसपेशियों में कम-कम खिंचाव ला पाते हैं लेकिन ताड़ासन करने से छाती, कंधे और पीठ की मांसपेशियों में भी खिंचाव आता है और वे एक्टिव हो जाती हैं। नियमित रूप से इ

Monday 28 November 2011

भारत के 5 सबसे बड़े प्रोजेक्ट जो बदल देंगे देश की सूरत


जी हां , इन प्रोजेक्ट्स पर काम तेजी से जारी है और उनके पूरे हो जाने का सीधा असर देश की अर्थव्यव्स्था पर पड़ेगा।

इंदिरा गांधी एयरपोर्ट- दिल्ली के टी-3 टर्मिनल से पिछले साल उड़ानों को शुरु किया गया था इस एयरपोर्ट की मौजूदा क्षमता 4.6 करोड़ पैसेंजर्स की जो 2030 तक 10 करोड़ होने की संभावना है। कई हेक्टेयेर में फैला यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है।

केजी डी-5,- यह देश का सबसे बड़ा गैस प्रोजेक्ट है बंगाल की खाड़ी में स्थित गैस प्रोजेक्ट का संचालन रिलायंस कंपनी कर रही है। इस गैस फिल्ड की रोज की क्षमता 2.8 अरब क्यूबिक फीट है।



मुंद्रा पावर प्रोजेक्ट- 4 हजार मेगावाट क्षमता का मुंद्रा पावर प्रोजेक्ट सरकार के मेगा पावर प्रोजेक्ट में से एक है जिन्हे सरकार ने मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट का संचालन अदानी ग्रुप की कंपनी अदानी पावर कर रही है।



इंडिया का सबसे बड़ा हाइवे प्रोजेक्ट (जीक्यू नेटवर्क)- 555 किलोमीटर लंबे अहमदाबाद-उदयपुर- किशनगढ़ हाइवे प्रोजेक्ट पर कुल 5400 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है इस प्रोजेक्ट में एनएच-79, एनएच-79ए, एनएच-76 और एनएच-6 के गुजरात और राजस्थान के हिस्से कवर होंगे। यह स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना का हिस्सा है।

जैतपुर न्यूक्लियर प्लांट- यह प्लांट पूरी तरह से परमाणु उर्जा से चलेगा इसकी उत्पादन क्षणता 9,900 मेगावाट है। यह भारत का सबसे बड़ा पावर प्लांट और दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु उर्जा पावर प्लांट है।

काली मिर्च के अनूठे प्रयोग: हो जाएंगी ये सारी बीमारियां रफूचक्कर




किचन में जब चटपटा खाना बनाने की बात हो या सलाद को जायकेदार बनाना हो तो कालीमिर्च का प्रयोग किया जाता है। पिसी काली मिर्च सलाद, कटे फल या दाल शाक पर बुरक कर उपयोग में ली जाती है। इसका उपयोग घरेलु इलाज में भी किया जा सकता है।आज हम आपको बताने जा रहे हैं कालीमिर्च के कुछ ऐसे ही रामबाण प्रयोग।

- त्वचा पर कहीं भी फुंसी उठने पर, काली मिर्च पानी के साथ पत्थर पर घिस कर अनामिका अंगुली से सिर्फ फुंसी पर लगाने से फुंसी बैठ जाती है। 

- काली मिर्च को सुई से छेद कर दीये की लौ से जलाएं। जब धुआं उठे तो इस धुएं को नाक से अंदर खीच लें। इस प्रयोग से सिर दर्द ठीक हो जाता है। हिचकी चलना भी बंद हो जाती है। 

- काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट पीस कर मिला लें। इसे सुबह शाम पानी के साथ फांक लें। बावासीर रोग में लाभ होता है। 

- शहद में पिसी काली मिर्च मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से खांसी बंद हो जाती है। 

- आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है। 

- काली मिर्च 20 ग्राम, सोंठ पीपल, जीरा व सेंधा नमक सब 10-10 ग्राम मात्रा में पीस कर मिला लें। भोजन के बाद आधा चम्मच चूर्ण थोड़े से जल के साथ फांकने से मंदाग्रि दूर हो जाती है। 

- चार-पांच दाने कालीमिर्च के साथ 15 दाने किशमिश चबाने से खांसी में लाभ होता है।

- कालीमिर्च सभी प्रकार के संक्रमण में लाभ देती है। 

- यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करे। 

- बुखार में तुलसी, कालीमिर्च तथा गिलोय का काढ़ा लाभ करता है। 

 - कालीमिर्च, हींग, कपूर का (सभी पांच-पांच ग्राम) मिश्रण बनायें। फिर इसकी राई के बराबर गोलियां बना लें। हर तीन घंटे बाद एक गोली देने से उल्टी, दस्त बंद होते है।

स्टार्स की हॉट पत्नियों ने लगाए 'रा.वन' की पार्टी में चार चांद,

बॉलीवुड एक्टर अर्जुन रामपाल ने शनिवार को अपने जन्मदिन की शुरुआत नए काम की व्यस्तताओं के बीच बिताया। मधुर भंडारकर की फिल्म ‘हीरोइन’ की शूटिंग का पहला शेड्यूल अर्जुन की शूटिंग के साथ शुरू हुआ। नए हेअरकट के साथ अर्जुन जन्मदिन पर हुई इस शुरुआत से कई उम्मीदें रख रहे हैं। 
वैसे दिन तो उनका व्यस्तता भरा रहा लेकिन शाम उन्हांेने अपने फिल्मी दोस्तों के साथ रंगीन की। अर्जुन ने अपने दोस्तों को शानदार बर्थ-डे बैश दिया जिसमें कई सितारे शरीक हुए। रितिक रोशन और सुजैन जश्न में साथ आए। कैजुअल लुक में आए रितिक को देखकर तो नहीं लग रहा था कि वे यहां ज्यादा देर रुकेंगे लेकिन वे देर तक यहां रहे।
     रितिक के साले साहब जाएद खान और एक्टर फरदीन खान ने भी यहां मौजूदगी जताई। फिल्मी हस्तियों के अलावा क्वीनी सिंह जैसी हस्तियां भी यहां उपस्थित थीं। परमेश्वर गोदरेज ने भी यहां लोगांे का ध्यान आकर्षित किया। इनके अलावा अर्जुन के अन्य मेहमानों में डीनो मोरिया और चंकी पांडे ने भी देर रात तक जश्न का लुत्फ लिया। रात के लगभग ती बजे तक यह जश्न चला। 
पार्टी में शाहरुख़ की पत्नी गौरी खान भी बहुत ही हॉट लुक में नजर आईं| वैसे देखा जाए तो पार्टी में स्टार वाइफ्स का जबरदस्त हॉट अंदाज देखने को मिला| चाहे गौरी खान हों या सुजैन या फिर महीप कपूर सभी ने अपनी सेक्सीनेस से सबको दीवाना बना दिया| देखिए पार्टी की कुछ खास तस्वीरें:


बिप्स की जिंदगी को इतने करीब से कभी नहीं देखा होगा आपने, देखिए


फिल्म स्टार्स अपनी निजी जिंदगी को सबके सामने लाने से बचते हैं मगर लगता है बॉलीवुड की डस्की ब्यूटी बिपाशा बसु इस मामले में अलग सोच रखती हैं।
हाल ही में बिपाशा ने सोशल नेटवर्किंग साईट ट्विटर और फेसबुक के जरिए अपनी बेहद निजी तस्वीरें शेयर की हैं। इन तस्वीरों में बिप्स की जिंदगी के अनछुए पहलू उभर कर सामने आए हैं।
ज्यादातर तस्वीरों में बिप्स अपने दोस्तों के साथ पार्टी मनाते या घूमते फिरते नजर आई हैं। इसके अलावा इन तस्वीरों में एक्स बॉयफ्रेंड डिनो मोरिया,अपने मम्मी-पापा की एनिवर्सरी मनाते,दिवाली मनाते और फिल्म की शूटिंग करते नजर आ रही हैं।
वैसे यह पहला मौका नहीं है जब बिप्स ने ऐसा किया हो| इससे पहले भी वह अपनी कुछ निजी तस्वीरें अपने फैंस के सामने ला चुकी हैं| देखिए तस्वीरों में बिपाशा की जिंदगी: