Tuesday 27 November 2012

mohitraosirsa

mohitraosirsa

Manishraosirsa

Manishraosirsa

Jatinder Jolly Shankar

Jatinder Jolly Shankar

ManishRaosirsa

ManishRaosirsa

Krishanarao

Krishanarao
Ravinder Insan


Krishanarao

Krishanarao

Krishanarao

Krishanarao

Krishanaraosirsa

Krishanarao

Manishraosirsa

Manishraosirsa

Mohitraosirsa

Mohitraosirsa

Mohitraosirsa

Mohitraosirsa

MohitRaoSirsa

MohitRaoSirsa

Jatinder Jolly Shankar

Jatinder Jolly Shankar 
इंदौर। शहर के नए कलेक्टर भले ही भू-श्रवण अभियान चलाकर अवैध कब्जे हटाने में लगे हों, लेकिन उनकी नाक के नीचे जिला पंचायत की जमीन पर ही एक व्यक्ति ने सालों से कब्जा जमा रखा है। सैकड़ों शिकायतों के बाद भी पिछले तीन कलेक्टर इस अवैध कब्जे को नहीं हटा सके हैं।
 
इतना ही नहीं इस जमीन पर अवैध कारोबार भी संचालित किए गए और आज भी वहां सांची पॉइंट के नाम पर अवैध और अश्लील सीडी का कारोबार चल रहा है। डीबी स्टार ने जब कब्जाधारी से सवाल किए तो वह रिपोर्टर को ही धमकाने लगा और कैमरा तोड़ने की कोशिश करने लगा। 
चार साल पहले तत्कालीन कलेक्टर विवेक अग्रवाल के कार्यकाल में सोनू नामक व्यक्ति को जिला पंचायत कार्यालय के पास में विकलांग कोटे से सांची पॉइंट आवंटित किया गया था। सोनू ने यहां सांची के उत्पाद बेचने के बजाए क्रिकेट का सट्टा खिलाना शुरू कर दिया।

Wednesday 21 November 2012

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Krishana Rao

Krishana Rao

Krishana Rao

Krishana Rao

Jatinder Jolly Shankar

Jatinder Jolly Shankar

Jatinder Jolly Shankar

Jatinder Jolly Shankar

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Krishana Rao

Krishana Rao

Krishana Rao

Krishana Rao

Krishana Rao

Krishana Rao

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Bindu Sa Balotra

Wednesday 14 November 2012

कैसी है 'जब तक है जान'


 
कहानी: हीरो (शाहरुख खान) गरीब है। हीरोइन (कैटरीना कैफ) जो एक बार फिर एक ओवरसीज इंडियन की भूमिका निभा रही हैं, ताकि अपने अजीबो-गरीब
हिंदी उच्चारण को न्यायोचित ठहरा सकें, अमीर है। हीरो हीरोइन को बताता है कि गरीब होने के क्या सुख हैं।
 
लड़की सहज होती है और जिंदगी के दूसरे सुखों को समझती है। दोनों की आपस में खूब बनती है। यह कहानी टाइटेनिक जितनी पुरानी है और इम्तियाज़ अली की रॉकस्टार जितनी नई भी!। देखें जब तक है जान के प्रीमियर की खास तस्वीरें
 
 
फिल्म के लीड कपल एक-दूसरे को चाहते हैं। दोनों को यह बात लगभग एक साथ पता चलती है। लेकिन एक छोटी-सी समस्या यह है कि लड़की पहले ही किसी के साथ इंगेज्ड है। लेकिन यह कोई ऐसी समस्या नहीं, जिसका कोई हल न खोजा जा सके। वक्त अब बदल चुका है।
अब हमारे पडोसी और सगे-संबंधी हमारी किस्मत का फैसला नहीं करते। आज सगाई तोडना कोई बडी बात नहीं है। कम से कम लंदन में तो नहीं है। इस फिल्म की कहानी इसी शहर में घटित होती है। पढ़ें फिल्म जब तक है जान देखने वालों ने क्या कहा
 
 
 
लेकिन हीरो का एक्सीडेंट हो जाता है। हीरोइन उसकी जिंदगी के लिए प्रार्थना करती है। वह भगवान से वादा करती है कि यदि हीरो की जान बच गई तो वह उसे कभी नहीं देखेगी। केवल यश चोपडा जैसा कोई निष्णात निर्देशक ही यह कर सकता है कि इतनी कमजोर कहानी पर साढे तीन घंटों तक आपको अपनी सीट पर बैठे रहने को मजबूर कर दे। यह कहानी कुछ इसी तरह की है, जिसे कुछ समीक्षक इडियट प्लाट कहते हैं। एक ऐसी समस्या, जिसे महज एक बातचीत से सुलझाया जा सकता है, लेकिन ऐसा हो नहीं पाता।
 
 
लेकिन ऐसा कहने का मतलब तो यह होगा कि हम फिल्में कहानियों के लिए देखते हैं। नहीं, यह सच नहीं है। हर बार तो नहीं ही है। और कम से कम यश चोपडा की रोमांस कथाओं के साथ तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
 
इन फिल्मों में लोग किसी सुपर सितारे को देखने जाते हैं, हालांकि शाहरुख की हार्डकोर महिला प्रशंसिकाएं इस फिल्म में उन्हें देखकर जरा निराश हो सकती हैं, या वे हीरोइन की कॉस्ट्यूम्स को देखने जाते हैं, या खूबसूरत लोकेशंस देखने जाते हैं, या उसके सुमधुर गीतों के लिए जाते हैं, हालांकि इस फिल्म के संगीत में कोई खास बात नहीं है और बैकग्राउंड स्कोर का एक बडा हिस्सा भी द मोटरसाइकिल डायरीज से लिया गया है।
 
 
जाहिर है कि निर्देशक को अच्छी तरह पता है कि इन तमाम मसालों का इस्तेमाल कैसे किया जाए। उसे पता है और हमेशा से पता रहा है कि किसी अच्छे सीन को कैसे डील किया जाए। इस फिल्म में ऐसे कई मौके आते हैं, जो इस बात को साबित करते हैं। बस, बात इतनी ही है कि एक दर्शक के रूप में हम यह नहीं समझ पाते कि आखिर निर्देशक हमें कितनी कहानियां सुनाना चाहता है।
 
 
फिल्म के पहले भाग में शाहरुख ने वही भूमिका निभाई है, जो वे ताउम्र निभाते आ रहे हैं यानी एक लापरवाह खूबसूरत लवर बाय की। दूसरे भाग में वे एक ऐसे आर्मी मेजर के शांत, गंभीर और रूखे चरित्र में तब्दील हो जाते हैं, जिसे बमों से डर नहीं लगता। इसी भाग में हीरो को दूसरी हीरोइन (अनुष्का शर्मा) जिन्होंने टाइमबाय बनने की बेतरह कोशिशें की हैं, से ठीक उसी तरह प्यार हो जाता है, जैसे उसे पहली हीरोइन से हुआ था। तीसरे भाग में हीरो अपनी याददाश्त गंवा बैठता है।
 
 
यह रुला देने वाली रोमांटिक कहानी है। इस तरह की फिल्में महिला दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं, लेकिन याद रखना चाहिए कि हर पुरुष के भीतर एक भावुक महिला होती है। लेकिन दिक्कत यह है कि फिल्म खत्म होते-होते हम हीरो की मोहब्बतों के बजाय फिल्म की लंबाई के बारे में सोचने लग जाते हैं। मुझे लगता है यह दिक्कत यश चोपडा को भी समझनी चाहिए थी। वे उन इने-गिने लोगों में हैं, जिन्हें जीते जी भी उतना सम्मान मिलता है, जितना मरने के बाद मिलता है।
 
 
 
चंद दिनों पहले जब उनकी मौत हुई, तब वे अस्सी के पार थे। अपने छह दशकों के कैरियर में यश चोपडा हमेशा इसलिए शीर्ष पर रहे, क्योंकि उन्होंने चुनौतियां उठाईं। वर्ष 1973 में रिलीज हुई दाग एक निर्माता-निर्देशक के रूप में उनकी पहली फिल्म थी और उसकी कहानी उनकी अंतिम फिल्म जब तक है जान से मिलती-जुलती थी। यश चोपडा ने जो फिल्में बनार्इं, वे धीरे-धीरे फार्मूला बनती चली गईं।
 
 
वर्ष 1965 में रिलीज हुर्इ वक्त बालीवुड की पहली खोया-पाया फिल्म थी। वर्ष 1991 की लम्हे में उन्होंने पहली बार अमीर अप्रवासी भारतीयों को दिखाया। चांदनी को मैं उनकी कमबैक फिल्म मानता हूं और इस फिल्म के बाद वे स्वयं फार्मूला फिल्मों के पर्याय बन गए। लेकिन उनकी प्रतिभा केवल रोमांटिक कहानियों तक सीमित नहीं थी। 1975 में वे दीवार जैसी कसावट भरी एक्शन ड्रामा फिल्म बना चुके थे।
 
 
लेकिन साढे तीन घंटे लंबी जब तक है जान देखने के बाद आप जब थिएटर से बाहर निकलते हैं तो सोचते हैं कि उनकी आखिरी फिल्म निश्चित ही उनकी सर्वश्रेष्ठ फिल्म नहीं थी। हालांकि अस्सी साल की उम्र में यह उम्मीद करना भी ज्यादती ही होगी कि कोई व्यक्ति अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करे। इस फिल्म के कुछ दृश्यों में यश चोपडा की उस शैली की झलक मिलती है, जिसे हम प्यार करते हैं।
 
हम इन दृश्यों को देखकर समझ जाते हैं कि आखिर क्यों उन्हें सबसे नौजवान फिल्मकार कहा जाता था। शायद उन्हें इस फिल्म के लिए याद न रखा जाए। लेकिन वे अपने पीछे निश्चित ही दूसरी अनेक फिल्मों की ऐसी विरासत छोड गए हैं, जिनके लिए उन्हें भुलाया नहीं जा सकता।

Tuesday 6 November 2012

अजय देवगन को झटका, शाहरुख भी भड़के

YRF v/s ADF: अजय देवगन को झटका, शाहरुख भी भड़के 
नई दिल्ली/मुंबई। ‘सन ऑफ सरदार’ की रिलीज से पहले अजय देवगन को एक तगड़ा झटका लगा है। कंपीटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने अजय देवगन फिल्‍म्‍स (एडीएफ) उस शिकायत को सुनने से इंकार कर दिया है, जिसमें उन्‍होंने यशराज फिल्म्स (वाईआरएफ) पर अपने वर्चस्व का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था।
 
कंपटीशन कमीशन से अजय देवगन को झटका लगने के बाद 'जब तक है जान' के हीरो शाहरुख खान ने भी तेवर सख्त कर लिए हैं। शाहरुख ने विवाद को अजीब और बेतुका बताते हुए कहा है कि बाजार स्वतंत्र है और यहां किसी का एकाधिकार नहीं चलता है। शाहरुख ने कहा, 'दिल टूटने के बजाए यह बेहूदा है, यह सही नहीं है। क्या कोई मुझे अब ये बताएगा कि मैं अपनी फिल्म शुक्रवार को रिलीज न करूं।' शाहरुख खान ने आगे कहा, 'मैं समझ नहीं पा रहा हूं, यह सब अजीब है। मैं इसे दुखद के बजाए अजीब ही मान रहा हूं। इस सबका मतलब क्या है? फिल्में रिलीज होने जा रही हैं, हमें एक दूसरे की फिल्म के लिए दुआ करनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि बॉक्स ऑफिस पर दोनों ही फिल्में अच्छा बिजनेस करेंगी।'
 
 
देवगन की ‘सन ऑफ सरदार’ और यशराज की ‘जब तक है जान’ 13 नवंबर को रिलीज हो रही हैं। अजय देवगन फिल्म्स के अनुसार यशराज फिल्म्स ने प्रदर्शकों से करार किया है जिसके मुताबिक उनके लिए दिवाली पर और उसके बाद दो हफ्ते तक सभी चार शो में कंपनी की फिल्म दिखाना अनिवार्य है। यह प्रतिस्पर्धा कानून के प्रावधान के खिलाफ है। एक साथ रिलीज हो रहीं अपनी फिल्मों को लेकर अजय देवगन फिल्म्स और यशराज फिल्म्स के बीच विवाद कई दिनों से चल रहा है। 
 
सीसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि अजय देवगन की शिकायत पर हमने गौर करने से मना कर दिया है। शिकायत में कोई दम नहीं था। कम्‍पीटिशन के नियमो को तोड़ने की बात इस शिकायत में कही गई है। जबकि ऐसा कुछ भी  नहीं है।
 
दूसरी ओर, अजय देवगन कहते हैं कि मैं अपने हक के लिए लड़ रहा हूं। मैं किसी से किसी की फिल्‍म को रोकने के लिए नहीं कह रहा हूं। मैं बस यह चाहता हूं कि दोनों फिल्‍मों के साथ न्‍याय हो। जबकि, शाहरुख खान ने उम्‍मीद जताई है कि दोनों फिल्‍मों का विवाद जल्‍दी ही सुलझा लिया जाएगा।

स्विट्जरलैंड, लंदन या पेरिस नहीं, पंजाब में दिखा सोनाक्षी का हुस्न

PICS: स्विट्जरलैंड, लंदन या पेरिस नहीं, पंजाब में दिखा सोनाक्षी का हुस्न
Sonaxi Sinha
 
 स्विट्जरलैंड, लंदन या पेरिस नहीं, पंजाब में दिखा सोनाक्षी का हुस्न dainikbhaskar.com  |  Nov 06, 2012, 08:08AM IST Tweet Email Print Comment Show Thumbnails 1 of 40 Photos Previous ImagePrev NextNext Image PICS: स्विट्जरलैंड, लंदन या पेरिस नहीं, पंजाब में दिखा सोनाक्षी का हुस्न बॉलीवुड में एक जमाना था जब रोमांटिक लोकेशन्स के लिए लोग स्विट्जरलैंड, लंदन और पेरिस का रुख करते थे। लेकिन, अब ऐसा बिल्कुल भी नजर नहीं आता।   इसे फिल्ममेकर्स का प्रयोग कहें या उनका देशप्रेम अब वे अपने लोकल शहरों पर फोकस कर रहे हैं। ऐसे में पंजाब उनके लिए सबसे बेहतर डेस्टीनेशन बन कर उभरा है। हो भी क्यों न फिल्मों को चाहिए, दूर-दूर तक फैली ग्रीनरी, सरसों या गेहूं की लहलहाती फसलें यह सब यहां बहुतायत में मिलता है। चंडीगढ़ जैसा खूबसूरत शहर पंजाब के पास है ही, साथ ही साथ कई ऐसे शहर भी जिन्हें मुंबईवाले हाथोंहाथ ले रहे हैं।   अजय देवगन के होम बैनर के तले बन रही फिल्म 'सन ऑफ सरदार' भी उन फिल्मों में से एक है, जिसकी शूटिंग पंजाब में हुई। इस फिल्म के पंजाब में शूट करने की एक वजह यह भी थी की इसकी पृष्ठभूमि पंजाब की ही है। इस फिल्म के अधिकतर भाग पंजाब के पटियाला शहर और उसके आस-पास के इलाकों में हुए हैं।   इस फिल्म से जुड़ी एक खास बात यह भी है कि अश्वनी धीर के निर्देशन में बन रही इस रोमांटिक फिल्म की शूटिंग के दौरान ही, अजय देवगन ने अपना 43वां जन्मदिन मनाया, वो भी फिल्म के शूटिंग सेट पर।   इस फिल्म में अजय देवगन के साथ हैं, 'दबंग गर्ल' सोनाक्षी सिन्हा, जूही चावला और संजय दत्त। फिल्म 13 नवंबर को रिलीज होने वाली है।

Sukhan Kakkar Sirsa

Sukhan Kakkar Sirsa
शादी के बाद फरार होने की कोशिश करते दुल्हन गिरफ्तार, दुल्हन की मां २८ हजार रुपए लेकर भाग निकली, बिचौलिए सहित तीन को जेल भेजा
पदमपुर (श्रीगंगानगर)। शादी के चार घंटे बाद दुल्हन और रिश्ता करवाने वाली महिला बीच रास्ते मेें बहाना बनाकर फरार हो गई। पुलिस ने दुल्हन व रिश्ता करवाने वाली सास -बहू को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया। दुल्हन की मां शादी के बदले २८ हजार रुपए लेकर फरार है, जिसकी पुलिस को तलाश है। पुलिस ने दूल्हे की रिपोर्ट पर दुल्हन, उसकी मां व रिश्ता करवाने वाली सास व बहू के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

थाना प्रभारी गोपाल सिंह ने बताया कि अनूपगढ़ क्षेत्र के गांव 11 के निवासी अमरीक सिंह (४० वर्ष) पुत्र चंद सिंह ने गांव के रमेश को रिश्ता करवाने के लिए कहा था। रमेश ने अपने मामा काका सिंह निवासी आठ के को अमरीकसिंह के लिए वधू ढूंढने के लिए कहा। काका सिंह व रमेश ने गांव बैरां (पदमपुर) की रणजीत कौर और उसकी सास कृष्णारानी से मिलकर अमरीकसिंह का रिश्ता लालगढ़ थाना क्षेत्र के अबोहरिया गांव के अमर सिंह की पुत्री राजे उर्फ राजेशिया से करवाने की बात कही। शुक्रवार को दोनों परिवारों के लोग गांव बैरां में इकट्ठे हुए। यहां राजेशिया की मां रानी उर्फ शीला ने शादी की एवज मेें ४० हजार रुपए मांगे।
अमरीक सिंह २८ हजार रुपए देने पर तैयार हो गया। एक हजार रुपए वहीं दे दिए और बाकी रुपए शादी के दौरान देने की बात कही। इस पर शादी पक्की हो गई। सोमवार को दूल्हा अमरीकसिंह, उसकी भाभी प्रकाश कौर, भाई तरसेम, बिचोला काका सिंह, फोटोग्राफर व अन्य लोग शादी रचाने के लिए गांव बैरां में रणजीत कौर के घर पहुंचे। यहां शादी की रस्म पूरी होने के बाद वर पक्ष ने दुल्हन की मां को शेष २७ हजार रुपए दे दिए। शाम करीब चार बजे वर पक्ष के लोग दुल्हन को कार में लेकर खुशी-खुशी गांव की ओर रवाना हुए। गांव ८७ जीबी केे पास रात ८ बजे शौच का बहाना बनाकर दुल्हन राजेशिया व कृष्णारानी कार से उतर गईं और पदमपुर आ रही बस में चढ़ गईं। जब काफी देर बाद दोनों नहीं आईं तो बारातियों के होश उड़ गए।
बाद में उन्होंने कार को बस के पीछे दौड़ाया। बस से दोनों को पकड़ लिया। दुल्हन ने साथ जाने से इनकार कर दिया। इस पर वे दुल्हन व कृष्णा को पदमपुर थाने ले आए। थाने में पंचायत हुई, बात सिरे नहीं चढऩे पर अमरीक सिंह की रिपोर्ट पर पुलिस ने दुल्हन राजेशिया, उसकी मां शीला, रणजीत कौर और उसकी सास कृष्णरानी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने रणजीत कौर, राजेशिया और कृष्णारानी को गिरफ्तार कर लिया। राजेशिया की मां शीला फरार है। मंगलवार शाम को तीनों आरोपियों को सिविल न्यायधीश ऋषिकुमार के निवास पर पेश किया। अदालत ने आरोपियों को जेल भिजवाने के आदेश दिए।

हजारिका से 'लव अफेयर' के दावों पर कोर्ट जाएंगी लता मंगेशकर

हजारिका से \'लव अफेयर\' के दावों पर कोर्ट जाएंगी लता मंगेशकर 
सिंगर और कंपोजर भूपेन ह
जारिका से लव अफेयर की खबरें आने के बाद लता मंगेशकर ने अदालत का दरवाजा खटखटाने का मन बनाया है। दरअसल भूपेन हजारिका की पहली बरसी पर एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में उनकी पत्नी प्रियंवदा ने कहा था कि लता मंगेशकर के हजारिका के साथ संबंध थे। 
 
 
प्रियंवदा के इन आरोपों के बाद से ही लता मंगेशकर बेहद खफा हैं। यही नहीं भूपेन हजारिका के साथ ४० साल तक रहीं फिल्म निर्माता कल्पना लाजिमी भी प्रियंवदा के इस बयान से गुस्से में हैं। उन्होंने भी कोर्ट जाने की बात कही है। 
 
 
असम के एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में प्रियंवदा ने कहा था कि भूपेन हजारिका का साथ छोड़ने का एक कारण लता मंगेशकर से उनके प्रेम संबंध थे। प्रियंवदा करीब 50 साल पहले भूपेन हजारिका से अलग हो गईं थी। प्रियंवदा ने कहा कि लता जब कोलकाता आईं थी तब उनके ही तीन बेडरूम के मकान में ठहरी थी। पुराने वक्त को याद करते हुए प्रियंवदा ने कहा, 'मेरे पति ने मुझसे कहा था कि भारत में संगीतकार को तरक्की करने के लिए लता से गाने गवाना जरूरी है। और वो लता के साथ एक ही कमरे में सोते थे।'
 
 
आजकल कनाडा के ओटावा में रह रही प्रियंवदा के आरोपों से स्तब्ध लता मंगेशकर ने मानहानि का मुकदमा करने की बात कही है। उन्होंने कहा, 'मैं इस महिला से सिर्फ एक ही बार मिली हूं, मैं नहीं जानती उसने यह सब बातें क्यों कहीं हैं लेकिन मैं निश्चित तौर पर उसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने जा रही हूं।'
 
 
गौरतलब है कि भूपेन हजारिका ने अपनी आत्मकथा 'मोई एती जाजाबर' में अपनी जिंदगी में एक बड़ी महिला कलाकार के होने का जिक्र किया था। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा कि कोलकाता एयरपोर्ट पर एक बड़ी कलाकार को देखकर मेरी पत्नी प्रियंवदा रोने लगी थी।

Jatinder Jolly Shankar

Jatinder Jolly Shankar

Jatinder Jolly Shankar

Jatinder Jolly Shankar

Jatinder Jolly Shankar

Jatinder Jolly Shankar

M P Singh Sirsa

M P Singh Sirsa