Tuesday 23 July 2013

कासिनी ने ली पृथ्वी की दुर्लभ तस्वीरें

Image Loadingअमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा शनि ग्रह के अनसुलझे रहस्यों को सुलझाने के लिए छोड़े गए कासिनी अंतरिक्ष यान ने डेढ़ अरब किलोमीटर दूर से पृथ्वी की तस्वीरें ली हैं। यह पहला मौका है जब किसी यान ने अपने पीछे की ओर से पृथ्वी की तस्वीर खींची है।
    
नासा की ओर से कासिनी द्वारा ली गयी इन दुर्लभ तस्वीरों में पृथ्‍वी एक छोटे से पीले बिंदु के समान नजर आ रही है। कासिनी द्वारा पिछले कैमरों की मदद से ली गयी पृथ्वी की इन तस्वीरों में शनि के बडे छल्लों के बीच में आ जाने से धरती अंतरिक्ष से ली गयी किसी भी दूसरी तस्वीर से बेहद अलग वह मात्र के एक बिंदु के रूप में नजर आ रही है।
     
कासिनी अंतक्षि यान पर नजर रखने वाले कैलीफोर्निया केपासादेना में स्थित जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री की मुख्य वैज्ञानिक लिंडा स्पिलकर ने कहा कि इन तस्वीरों में पृथ्वी के महाद्वीप और लोग तो नजर नहीं आ रहें हैं, लेकिन यह धरती की अंतरिक्ष से कुछ पीले नीले बिंदु की तरह नजर आने वाली अलग तरह की तस्वीरें हैं।
जिस दिन कासिनी ने अंतरिक्ष से पृथ्वी की यह तस्वीरें ली, ठीक उसी दिन नासा के मंगल अभियान पर जा रहे मैसेंजर अंतरिक्ष यान ने भी पृथ्वी की तस्वीरें खींची। मैसेंजर से पृथ्वी और चांद की तस्वीरें एक पिक्सल से भी कम में खींची गयी, लेकिन अधिक रोशनी के कारण इन तस्वीरों में ग्रह कुछ बडे नजर आये। इस तरह दो अंतरिक्ष यानों ने एक ही दिन में पृथ्वी  की अलग अलग तस्वीरें ली।

क्या आप एक लाख रुपये में बाघ गोद लेना चाहेंगे

Image Loadingनागपुर के महाराजबाग चिड़ियाघर में रह रहे बाघ, तेंदुआ, सियार और बंदर में से अगर किसी जानवर को आप गोद लेना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए सिर्फ एक लाख रुपये खर्च करने होंगे।
   
प्रबंधन की वजह से अक्सर आलोचनाओं में घिर चुके इस चिड़ियाघर ने पशुओं को गोद देने का नया कार्यक्रम शुरू किया है। यहां 356 जानवर हैं, जिनमें 4 बाघ, 8 तेंदुए, सियार, भालू, चित्तीदार हिरण, नील गाय, काले हिरण, मोर, इमू, मगरमच्छ, बंदर और कई तरह के पक्षी शामिल हैं।
   
चिड़ियाघर के प्रभारी सुनील बावस्कर ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य धन की कमाई नहीं है, बल्कि पशुओं के संरक्षण की प्रक्रिया से लोगों को जोड़ना है। उन्होंने बताया चंडीगढ़ जैसे शहरों में यह पहले से चल रहा है। इस नए चलन से लोगों की पशुओं में रूचि अपने आप बढ़ रही है और उम्मीद है कि इनके प्रति लोगों में संवेदनशीलता भी बढ़ेगी।
   
पशुओं को गोद देने के लिए शुल्क भी अलग अलग है। एक काले हिरण को एक साल के लिए 4000 रुपये में गोद दिया जा सकता है। साल भर में इसके रखरखाव पर करीब एक लाख रुपये का खर्च आएगा।
   
अधिकारी ने बताया कि इस पहल से कोई भी व्यक्ति या निजी कंपनी जुड़ सकते हैं। चिड़ियाघर ने गोद लेने वालों के लिए कुछ पारितोषिक की घोषणा भी की है। स्थानीय लोगों ने इस कार्यक्रम में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी है और अधिकारियों से लोग प्रश्न पूछ रहे हैं।
   
पारितोषिक में गोद लिए गए पशु की तस्वीर, उसके बारे में व्यापक जानकारी, पांच लोगों के लिए एक साल का कम्प्लीमेन्ट्री पास, फ्रेम किया हुआ आधिकारिक प्रमाणपत्र, उस पशु के बाड़े के बाहर गोद लेने वाले की नाम पट्टिका लगाना आदि शामिल हैं।
   
बावस्कर ने बताया अगर लोग पशुओं के खाने की व्यवस्था कर या फिर किसी अन्य तरीके से भी उससे जुड़ना चाहें तो भी उनका स्वागत है। पशुओं को 3 से 6 माह के लिए भी गोद लिया जा सकता है और शुल्क अवधि के अनुसार होगा।

खाने के बिल पर मचा सियासी बवाल, नमो का समर्थन

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मुंबई में एक रेस्‍टोरेंट मालिक को खाने के बिल में यूपीए सरकार की नीतियों की आलोचना करना महंगा पड़ा है। इस बिल के जरिये यूपीए सरकार पर निशाना सा धा गया था। इसी बात का विरोध करते हुए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जबरन इस रेस्टोरेंट को बंद करा दिया। यह मामला मुंबई के परेल स्थित अदिति रेस्‍टोरेंट का है।
दरअसल अदिति रेस्‍टोरेंट ने खाने के बिल में नीचे यूपीए सरकार में हुए घोटालों का जिक्र किया गया था। बिल में लिखा गया था कि यूपीए सरकार 2जी घोटाला, कोयला घोटाला के जरिये पैसे खा रही है, जो जरूरत है, जबकि एसी रेस्‍टोरेंट में भोजन करना लग्‍जरी है। यह खबर जैसे ही शहर में फैली तो कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने रेस्टोरेंट पर धावा बोल दिया और उसे जबरन बंद करा दिया। हालांकि भोइवाड़ा पुलिस स्‍टेशन ने होटल संचालक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दूसरी तरफ इस मामले पर सियासत पर शुरू हो गई है। गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी ने इस मामले को लेकर ट्विटर पर लिखा है कि बर्दाश्त करने की भी हद होती है। उन्होंने ट्विटर पर रेस्तरां के बिल की तस्वीर और एक खबर का लिंक पोस्ट करते हुए लिखा कि ये यूपीए सरकार की असहनशीलता की हद है।

मध्याहन भोजन त्रासदी के पीछे विपक्ष की साजिश: नीतीश

Image Loadingबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि छपरा के एक स्कूल में हुई मध्याहन भोजन त्रासदी के पीछे षडयंत्र था और भाजपा और राजद के बीच इस घटना का राजनीतिक लाभ उठाने के लिए गुप्त समझौता है।
जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कुमार के हवाले से कहा कि मध्याहन भोजन में कीटनाशक होने की बात बताने वाली फोरेंसिक साइंस प्रयोगशाला ने हमारी इस आशंका को और पुष्ट कर दिया है कि सारण में पिछले सप्ताह एक स्कूल में हुई त्रासदी के पीछे एक षड़यंत्र था। नीतीश कुमार पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोधगया में विस्फोट और छपरा मध्याहन भोजन की दुखद घटना के बाद भाजपा और राजद के बीच समझौता काफी स्पष्ट है। राजद और भाजपा ने दोनों घटनाओं के बाद एक साथ बंद का आह्वान किया और इससे उनके बीच गुप्त समझौते की पुष्टि होती है। नीतीश के इन आरोपों पर बीजेपी भड़क गई है। बीजेपी नेता राजीव प्रताप रुडी ने नीतीश पर मुद्दे से भटकाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बिहार के सीएम को शर्म नहीं आती है।

जानिए क्या है बिहार से बंगाल तक देश का मिजाज

Image Loadingलोकसभा चुनाव में अभी करीब 1 साल का वक्त है, लेकिन चुनाव अभी हों तो बिहार और पश्चिम बंगाल में क्या होगा? एक सर्वे के मुताबिक इस वक्त लोकसभा चुनाव होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू बिहार में सबसे ज्यादा सीटें हासिल कर सकती है, जबकि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में लेफ्ट का सूपड़ा साफ कर देंगी।
बिहार में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन टूटने का सबसे ज्यादा फायदा लालू यादव को मिलेगा। कांग्रेस को 2009 में जहां दो सीटें मिली थीं, वहीं इस वक्त चुनाव कराया गया तो ऐसा भी हो सकता है कि उसे 1 भी सीट न मिले। वहीं, बीजेपी और जेडीयू को आपसी तनाव का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। सर्वे में बीजेपी को 8 से 12 सीटें और जेडीयू को 15 से 19 सीटें मिलने का अनुमान सामने आया है। जबकि आरजेडी को 2009 की चार सीटों के मुकाबले 2013 में 8 से 12 सीटें तक मिल सकती हैं। बीजेपी और जेडीयू गठबंधन पर 38 फीसदी वोटरों का कहना है कि नीतीश को गठबंधन की खातिर मोदी को स्वीकार कर लेना चाहिए था, जबकि 20 फीसदी मानते हैं कि बीजेपी को गठबंधन बचाए रखने के लिए नरेंद्र मोदी को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। पश्चिम बंगाल में भी सर्वे के नतीजे दिलचस्प हैं। सर्वे में पश्चिम बंगाल के 1397 वोटर शामिल हुए। यहां कांग्रेस और बीजेपी को वोटों का सीधे फायदा होते दिख रहा है। सर्वे के मुताबिक अगर आज लोकसभा चुनाव हुए तो पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को 22 फीसदी वोट मिल सकते हैं, जो पिछले चुनाव से 8 फीसदी ज्यादा है। बीजेपी को पिछले चुनाव से दोगुना वोट मिल सकते हैं। जबकि तृणमूल के वोट शेयर में मामूली बढ़त होगी लेकिन वाम मोर्चे को भारी नुकसान होता दिख रहा है। हालांकि कांग्रेस बीजेपी को जितना वोटों का फायदा होता दिख रहा है वो सीटों में नहीं तब्दील हो रहा है। कांग्रेस को ज्यादा से ज्यादा 9 सीटें मिलेंगी। जबकि 32 फीसदी सीटों के साथ तृणमूल 23 से 27 सीटें जीत सकती है। लेफ्ट को सीटों का नुकसान होने का अंदेशा है। वैसे सर्वे के दौरान पश्चिम बंगाल में 15 फीसदी वोटर मुद्दों पर कोई राय नहीं बना पाए थे। जब लोगों से पूछा कि किसकी सरकार बेहतर है। इस सवाल के जवाब में 39 फीसदी ग्रामीण लोगों ने तृणमूल को बेहतर बताया, तो 29 फीसदी ने लेफ्ट को। लेकिन शहरी इलाकों में 37 फीसदी ने तृणमूल को, तो 39 फीसदी ने लेफ्ट की सरकार को अच्छा बताया।

शाही तख्त के नए वारिस का आगमन, जश्न का माहौल

प्रिंस विलियम और उनकी पत्नी केट मिडलटेन के परिवार में नए शिशु के आगमन की खुशियों के बीच बधाइयों का तांता लग गया है और शाही महल में नए शिशु के स्वागत की तैयारियां जोरशोर से शुरू हो गई हैं। देश के भावी राजा के आने की खुशी में पूरे देश में जश्न का माहौल है।
   
31 वर्षीय डचेज आफ कैम्ब्रिज ने बीती शाम स्थानीय समयानुसार चार बजकर 24 मिनट पर मध्य लंदन के पेडिंग्टन के सेंट मैरी हास्पिटल के निजी लिंडो विंग में जन्म दिया। ब्रिटेन के तख्त के मौजूदा तीसरी पीढ़ी के राजा के आगमन के मौके पर ट्राफ्लगर स्क्वेयर पर फव्वारे को नीली रोशनी से रोशन किया गया और मध्य लंदन में बच्चों के जन्म के तुरंत बाद बीटी टावर पर लिखा दिखा 'इट्स ए ब्वाय'।
   
सरकारी घोषणा के तहत बकिंघम पैलेस ने कहा कि महारानी और प्रिंस फिलिप ड्यूक और डचेज आफ कैम्ब्रिज के शिशु के जन्म की खबर पर खुशी से नाच रहे हैं। समझा जाता है कि महारानी ऐलिजाबेथ द्वितीय को सबसे पहले फोन से उनके पड़पोते के आगमन की सूचना दी गयी।
   
प्रिंस चार्ल्स ने अपने दादा बनने की खुशी कुछ इस तरह से जाहिर की और उन्होंने कहा कि उन्हें दादा बनकर बेहद खुशी और गर्व है। उन्होंने कहा कि मैं और मेरी पत्नी दोनों अपने पहले पोते के आगमन पर बेहद खुश हैं। विलियम और कैथरीन के लिए यह विशेष रूप से खास दिन है और हमें उनके पहले शिशु के आगमन पर अथाह प्रेम और खुशी महसूस हो रही है।
   
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा तथा सांसदों ने शाही परिवार को नए राजकुमार के जन्म की बधाई दी है। ओबामा ने कहा कि मिशेल और मैं द ड्यूक और डचेज आफ कैम्ब्रिज को बधाई देते हुए बहुत खुश हैं। हम कामना करते हैं कि नए माता पिता को ढेरों खुशियां मिलें। ओबामा ने एक बयान में कहा कि शिशु ने ऐसे वक्त में दुनिया में प्रवेश किया है, जब हमारे दोनों देशों के बीच नई संभावनाएं आकार ले रही हैं।
    
सर्वाधिक पाठक संख्या वाले अखबार द सन और द डेली टेलीग्राफ, द डेली स्टार और द डेली एक्सप्रेस ने इस खबर को प्रमुखता दी। उप प्रधानमंत्री निक क्लेग ने कहा कि पहले शिशु का आगमन बेहद खास मौका होता है और हमारी शुभकामनाएं द ड्यूक और डचेज आफ कैम्ब्रिज के साथ हैं। मैं उन सभी को भी बधाई देता हूं, जो आज के दिन माता पिता बने हैं।
   
विपक्षी लेबर नेता एड मिलिबैंड ने ट्विटर पर लिखा, ड्यूक और डचेज आफ कैम्ब्रिज को ढेरों बधाइयां। ब्रिटेन की शाही परंपरा के अनुसार, नए राजकुमार के पैदा होने की खबर को एक फ्रेम में मढ़वा कर बकिंगघम पैलेस की ड्यौढ़ी के सामने लगाया गया है। इस फ्रेम को शाही सहायक कार में रखकर अस्पताल से लाए थे।
   
फ्रेम में मढ़े हुए संदेश में लिखा है, हर रॉयल हाईनेस डचेज आफ कैम्ब्रिज ने सुरक्षित तरीके से आज शाम चार बजकर 24 मिनट पर बेटे को जन्म दिया। हर रॉयल हाईनेस और उनका बच्च, दोनों स्वस्थ हैं।
    
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री केविन रड और कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने भी शाही दंपति को माता पिता बनने पर बधाई दी है।

एनआईए वाले बयान पर अब शकील अहमद ने दी सफाई

Image Loadingअपने विवादास्पद बयान पर भाजपा के हमलों से अप्रभावित कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने आज मुख्य विपक्षी पार्टी पर आरोप लगाया कि वह एनआईए के उस आकलन से लोगों का ध्यान बांटने की कोशिश कर रही है कि 2002 के गुजरात दंगों के परिणामस्वरूप आतंकी संगठन इंडि यन मुजाहिद्दीन का गठन हुआ।
   
अहमद ने ट्विटर पर लिखा कि नाटकीय ढंग से भाजपा प्रवक्ताओं के शोर शराबे के कारण मेरे बयान को लेकर एनआईए के आकलन से देश का ध्यान बांटने की कोशिशें की जा रही हैं।
   
अहमद का बयान ऐसे समय में आया है कि ट्विटर पर उनके विवादास्पद बयान के बाद भाजपा ने कांग्रेस को आडे हाथों लिया था और इसे चुनावी फायदा हासिल करने की कोशिश करार दिया था। कांग्रेस ने हालांकि अहमद के बयान से अपने को अलग कर लिया था।

भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण का हिस्सा है C-17: ब्राउन

Image Loadingअमेरिका की यात्रा पर आए वायुसेना प्रमुख एनएके ब्राउन ने कहा है कि बोइंग सी 17 ग्लोब मास्टर सैन्य परिवहन विमान भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  
ब्राउन ने कल कैलिफोर्निया के लांग बीच में बोइंग कंपनी से दूसरा सी 17 विमान हासिल करने के बाद कहा कि हमारे पहले सी 17 ग्लोब मास्टर तृतीय ने न सिर्फ हमारी सामरिक परिवहन क्षमता को जबर्दस्त रूप से मजूबत किया है, बल्कि यह भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण अभियान का एक बड़ा हिस्सा है।
  
अमेरिका की बोइंग कंपनी से खरीदे जा रहे दस सी 17 विमानों में से पहले विमान को एक महीने पहले भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था। बोइंग इस साल तीन और सी 17 विमान प्रदान करेगी तथा शेष पांच विमान 2014 में उपलब्ध कराए जाएंगे। बोइंग से सभी दस सी 17 विमान अनुमानित तौर पर 4.1 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीदे जा रहे हैं।
  
सी 17 विमान प्रतिकूल मौसम में भी परिचालित हो सकते हैं। ये काफी दूर तक बड़ी मात्रा में भार लादकर ले जा सकते हैं और छोटे तथा सामान्य रनवे पर भी उतर सकते हैं। ये पुराने हो चुके रूस निर्मित मालवाहक विमानों के बेड़े की जगह लेंगे।

हैदराबाद में दीवार ढहने से सात लोगों की दर्दनाक मौत

Image Loading हैदराबाद के मौलाली उपनगर में मंगलवार तड़के दो झोंपड़ियों पर एक दीवार के गिर जाने से उनमें मौजूद तीन बच्चों सहित सात लोगों की मौत हो गई।
पुलिस ने जानकारी दी कि राहतकर्मियों ने मलबे से पांच शवों को निकाला है, जबकि दो अन्य लोगों की तलाश जारी है। मलबे से निकाले गए एक बच्चों को अस्पताल में भ र्ती कराया गया है। यह घटना मौलाली की एम.जे.कोलोनी में उस वक्त हुई जब शहर में पिछले तीन दिन से हो रही बारिश के बीच झोंपड़ियों से सटी एक पुरानी दीवार उन पर गिर गई। मृतकों में दो श्रमिक परिवारों के सदस्य थे और वे रंगारेड्डी और महबूबनगर जिले से यहां रहने आए थे। यह घटना सिकंदराबाद के सिटी लाइट होटल के ढहने के दो सप्ताह बाद हुई है, जिस दौरान 18 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे।

सावधान दिल्ली...आप पर भी है भीषण बाढ़ का खतरा

Image Loadingउत्तराखंड की तरह ही किसी भी दिन दिल्ली को भी बाढ़ की भयानक त्रासदी का सामना करना पड़ सकता है। संसद की आपदा प्रबंधन संबंधी समिति ने ऐसी किसी स्थिति से निपटने के लिए करीब साल भर पहले कई सिफारिशें की थीं, लेकिन ये सिफारिशें विभिन्न मंत्रालयों के बीच में फंस कर रह गयी हैं और उन पर अभी तक कोई अमल नहीं हो पाया है।
   
संसदीय आपदा प्रबंधन फोरम की पिछले साल अगस्त में हुई बैठक में भाग लेने वाले अधिकतर सदस्यों ने यह राय जाहिर की थी कि मौसम में किसी भी प्रकार के विनाशकारी बदलाव की हालत में शहरी इलाके बाढ़ और जलजनित तथा संक्रामक बीमारियों की दृष्टि से बेहद अधिक संवेदनशील हैं।
   
फोरम की इस बैठक में सदस्यों ने इस बात को विशेष तौर पर रेखांकित किया था कि भारत में मुंबई सहित कई प्रमुख शहर बाढ़ के चलते जानमाल के भारी नुकसान, परिवहन और विद्युत आपूर्ति में बाधा तथा महामारियों के फैलने जैसी घटनाओं को भुगत चुके हैं।
   
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी ने इस बैठक में चेतावनी दी थी कि गैर नियोजित तरीके से बढ़ता शहरीकरण और उसके परिणामस्वरूप पैदा हुए भीड़भाड़ तथा भूमि की बढ़ती मांग प्रमुख समस्याएं हैं। उन्होंने फोरम की बैठक में कहा था कि 2005 में मुंबई में आयी भयानक बाढ़ के बाद एनडीएमए ने पहली बार शहरी इलाकों की बाढ़ को कस्बाई या ग्रामीण इलाकों में आने वाली बाढ़ से अलग कर शहरी इलाकों की बाढ़ से निपटने के लिए अलग से दिशा निर्देश तय किए थे।
   
सूत्रों ने बताया कि इस फोरम की सिफारिशों पर किसी मंत्रालय से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। हालांकि बैठक को हुए एक साल बीतने को आया है।
   
रेड्डी का यह भी कहना रहा है कि केंद्रीय जल आयोग शहरी बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है और इसी के मद्देनजर एनडीएमए ने सिफारिश की थी कि शहरी विकास मंत्रालय को शहरी बाढ़ के विभिन्न आयामों से निपटने के लिए नोडल मंत्रालय बनाया जाए।
   
फोरम में भाग लेने वाले कई सदस्यों ने इस बात को लेकर निराशा जाहिर की कि आपदा प्रबंधन का मुद्दा कई मंत्रालयों से जुड़ा है और इसीलिए इसकी सिफारिशों पर समय रहते उचित तरीके से अमल नहीं हो पाता। एक सदस्य ने बताया कि आपदा फोरम विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय से जुड़ा हुआ है और इन सभी मंत्रालयों के बीच आपसी समन्वय के अभाव के कारण सिफारिशों पर कार्रवाई नहीं हो पायी है।
   
भाजपा के वरिष्ठ सदस्य और विभिन्न समितियों से जुड़े अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि आपदा संबंधी संसदीय फोरम का गठन स्पीकर द्वारा किया जाता है और प्रत्येक फोरम के संयोजक सदस्यों को बैठकों के लिए आमंत्रित करते हैं और फोरम में होने वाली चर्चाओं या सिफारिशों को रिपोर्ट के रूप में संबंधित मंत्रालयों को भेजा जाता है। इसके बाद संबंधित मंत्रालय महत्वपूर्ण सिफारिशों के क्रियान्वयन के लिए अधीनस्थ विभागों को सर्कुलर जारी करते हैं या यदि कोई विधेयक लंबित है तो उसमें संशोधन कर सिफारिशों को शामिल कर लिया जाता है।
   
एनडीएमए के उपाध्यक्ष ने यह भी सिफारिश की थी कि प्राकृतिक नालों और जलमार्गों में अतिक्रमण की समस्या तथा ठोस कचरे के अव्यवस्थित निपटाने के चलते गाद निकालने की क्षमता में गिरावट से समस्या विकट हो गयी है। रेड्डी ने बताया कि वर्षामापक जैसा साधारण उपकरण लगाकर वर्षा की सघनता को मापा जा सकता है।
   
एनडीएमए ने सिफारिश की थी कि शहरी इलाकों में प्रत्येक चार किलोमीटर पर एक वर्षा मापक होना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में दिल्ली का उल्लेख करते हुए कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी के 1483 वर्ग किलोमीटर के इलाके में इस समय केवल करीब 30 वर्षा मापक हैं।
   
वर्षा की सघनता मापने और बाढ़ की आशंका वाले संभावित इलाकों के बारे में समय पूर्व सूचना हासिल करने के लिए रेड्डी ने डोप्लर मौसम राडार प्रणाली की भी जरूरत बतायी थी। इसी बैठक में सांसद संजीव गणेश नाइक ने पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गाद निकालने की मंजूरी नहीं दिए जाने के कारण जलाशयों की घटती गहराई और सांसद हसन खान ने उन पहाड़ी इलाकों पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत को रेखांकित किया था, जो जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियरों के पिघलने के कारण विनाशकारी बाढ़ के मुहाने पर बैठे हैं।
   
लोकसभा की अध्यक्ष मीरा कुमार आपदा प्रबंधन फोरम की अध्यक्ष हैं और इसकी बैठक फोरम के संयोजक शशि थरूर की अगुवाई में हुई थी। इस बैठक में भारतीय तकनीकी संस्थान और एनडीएमए के विशेषज्ञों के साथ ही वरिष्ठ सांसदों एम वेंकैया नायडू, टी सुब्बारामी रेड्डी, बासुदेव आचार्य, घनश्याम अनुरागी, सी एम छांग, रामसुंदर दास, हसन खान और रमाशंकर राजभर ने हिस्सा लिया था।

घर से बाहर तक जारी है नरेंद्र मोदी की घेराबंदी

Image Loadingभाजपा भले ही नरेंद्र मोदी को अपना पीएम उम्मीदवार घोषित करने की तैयारी कर रही हो, लेकिन पार्टी के भीतर और बाहर गुजरात के मुख्यमंत्री की घेराबंदी तेज हो गई है।
नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा कि भारतीय होने के नाते वे हरगिज नहीं चाहते, कि मोदी देश के प्रधानमंत्री बनें। वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जन आशीर्वाद यात्रा के होर्डिंग, पोस्टर और विज्ञापनों में नरेंद्र मोदी का नाम गायब करके अपनी मंशा काफी हद तक साफ कर दी है। एक निजी चैनल से खास बातचीत में अमर्त्य सेन ने कहा कि मोदी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है, जिससे अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस करें। सेन के मुताबिक गुजरात में अल्पसंख्यक मानते हैं कि 2002 में उनके खिलाफ सुनियोजित तरीके से हिंसा की गई थी और इस तरह का रिकॉर्ड रखने वाले व्यक्ति को देश का प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए। गुजरात मॉडल की आलोचना
सेन ने मोदी के गुजरात मॉडल की भी जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि किसी भी मॉडल को दो चीजों पर परखा जाता है, पहला तो उसका रिकॉर्ड अच्छा हो और दूसरा उसने जो किया उससे दूसरों को भी कुछ सीख मिले। मगर इन दोनों ही पैमानों पर गुजरात कहीं नहीं ठहरता। स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे दोनों महत्वपूर्ण क्षेत्रों में गुजरात का रिकॉर्ड खराब है, मोदी को इस पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मोदी ने न केवल अल्पसंख्यकों, बल्कि बहुसंख्यकों के लिए भी कुछ नहीं किया। नीतीश की तारीफ
सेन ने नीतीश की तारीफ करते हुए कहा कि वह बिहार में एक शिक्षित और स्वस्थ लेबर फोर्स तैयार कर रहे हैं। विकास को सामाजिक बदलावों से अलग करके नहीं देखा जा सकता।

बिहार में राजनीतिक भूचाल जारी, राजद को भी सता रहा डर

Image Loadingबिहार में राजग में टूट के बाद से ही राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति बनी हुई है और भा जपा को ही नहीं, बल्कि राजद को भी भीतरघात का डर सता रहा है, भले ही दोनों दल जदयू के भी टूटने का दावा कर रहे हों।
भाजपा में बगावत के संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने सोमवार को कहा कि पार्टी के एक-दो विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मायाजाल में फंस सकते है, लेकिन अन्य सभी विधायक पूरी तरह से एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि जदयू के लोग भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे है कि अन्य दलों के विधायक उनके सम्पर्क में है, लेकिन वास्तविकता यह है कि जदयू के ही गरीब 12 विधायक भाजपा में आने को तैयार है। पांडेय ने कहा कि इसी डर के कारण नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर रहे है। यह एक अकेला उदाहरण है कि कोई मुख्यमंत्री इतने लम्बे समय तक 18 विभागों की जिम्मेवारी अपने पास रखे हुए है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इस डर के कारण राज्य में सरकारी कामकाज पर भी असर पड़ा है।

कामचोर टीपू

टीपू बन्दर समय पर सभी को डाक लाकर दे देता था। टीपू ने दे खा कि सबको उसकी आदत पड़ गयी है, तो उसने पैसों की जगह हर एक से केला लेना शु रू कर दिया। नतीजा यह हुआ कि अब काम खत्म करने के बाद टीपू को खाने की तलाश में इधर-उधर नहीं भटकना पड़ता था।
पंकज वन में टीपू नाम का एक बन्दर था। वह बाकी जानवरों में सबसे चालाक था। एक दिन रीतू हाथी और बिन्दु भालू एक साथ बैठे थे। सभी परेशान थे। उनकी परेशानी यह थी कि जब दूर-दराज से उनके नाम की कोई चिट्ठी आती थी तो उसे लाने में लंबू जिराफ काफी समय लगाता था। यही नहीं, बिना पैसे दिए कोई भी चिट्ठी उन्हें नहीं मिलती थी। एक दिन सबने बैठकर इस मामले में सलाह की। यह फैसला किया गया कि पंकज वन का डाकिया टीपू बन्दर को बनाया जाए, क्योंकि वह चुस्त और चालाक है। सबने यह प्रस्ताव शेरखान के सामने रखा और उसी दिन से टीपू बन्दर को पंकज वन का डाकिया बना दिया गया। टीपू बन्दर समय पर सभी को डाक लाकर दे देता था। टीपू ने देखा कि उसे सभी चाहते हैं। समय बीतने के साथ उसने पैसों की जगह हर एक से केला लेना शुरू कर दिया। इसका एक फायदा यह होता था कि काम खत्म करने के बाद टीपू को खाने की तलाश में इधर-उधर
नहीं भटकना पड़ता था। अब तो धीरे-धीरे टीपू बन्दर कामचोर होता गया और उसकी कामचोरी बढ़ती ही चली गई। उसने कोई न कोई बहाना बनाकर सभी से पैसे लेना भी शुरू कर दिया था। जब सभी ने देखा कि टीपू कामचोर हो गया है और सभी से पैसे लेने लगा है तो सबने मिलकर पंकज वन में एक बैठक आयोजित की। बैठक में सभी जानवरों ने बताया कि कभी बीमारी का बहना बनाकर तो कभी कहीं जाने के नाम पर टीपू उनसे पैसे ऐंठ लेता है। फिर क्या था, सभी ने सर्वसम्मति से निर्णय पारित किया कि अब टीपू बन्दर को हटा दिया जाए और बिन्दु भालू को डाकिया बना दिया जाए। यह बात हो ही रही थी कि रीतू हाथी बीच में कूद पड़ा और बोला, ‘अब इस जंगल में कोई डाकिया नहीं बनेगा’। सभी जानवरों ने उससे कहा, ‘नया डाकिया नहीं बनेगा तो हम सभी को चिट्ठी कैसे मिलेंगी।’ रीतू ने कहा, ‘आप सभी शहर में रहने वाले अपने रिश्तेदारों, दोस्तों, भाई-बहनों और माता-पिता को यह संदेश भिजवा दो कि वे अब चिट्ठी न लिखें। आप सभी देखेंगे कि ऐसा होने से टीपू बन्दर घर में बैठा रहेगा।’ बिंदु भालू ने कहा, ‘भैया रीतू आपका आइडिया बहुत अच्छा है, पर शहर में किसी को कुछ हो गया तो खबर कैसे पता लगेगी।’ सभी जानवर एक साथ बोले, ‘हां-हां बताओ कैसे पता चलेगा?’ रीतू हाथी ने कहा, ‘सब शांत होकर मेरी बात सुनो। हम सब मिलकर एक साथ पंकज वन में एक बूथ खोलेंगे। लोग आराम से फोन पर बात कर लेंगे। सभी जानवर अपने-अपने घरों में टेलीफोन लगा लें, जिससे उन्हें कभी डाकिये के भरोसे रहना नहीं पड़ेगा।’ यह सुनकर सभी जानवर बहुत खुश हो गए। जब ये सब बातें टीपू बन्दर ने सुनीं तो उसे अपनी भूल का एहसास हुआ। वह दौड़ता हुआ बैठक में पहुंचा और वहां जाकर सभी जानवरों से माफी मांगी। सभी ने उसे माफ किया और आगे से आलस न करने की बात कही। अब टीपू पहले की तरह चुस्त हो गया था। कभी भी किसी से रिश्वत नहीं मांगता था। अगर किसी जानवर को पढ़ना न आता हो तो वह उसे चिट्ठी पढ़कर भी सुना देता था।

Monday 22 July 2013

अनिल अंबानी गवाही के लिए 26 को अदालत में तलब

Image Loadingरिलायंस एडीएजी चेयरमैन अनिल अंबानी को 2जी स्पेक्ट्रम आबंटन घोटाला मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की विशेष अदालत के समक्ष सरकारी गवाह के तौर पर 26 जुलाई को पेश होने को सोमवार को सम्मन जारी किया गया।

सीबीआई ने अनिल अंबानी सहित 5 गवाहों की एक सूची अदालत को सोमवार को सौंपी। अदालत के सूत्रों के मुताबिक, विशेष सीबीआई जज ओपी सैनी ने इन गवाहों को जारी किए जाने वाले सम्मन पर दस्तखत कर दिए हैं। अनिल अंबानी के अलावा सीबीआई ने अनंत राज इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष (वित्त) योगेश शर्मा को अदालत के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिए 24 जुलाई को बुलाया है।

आईसीआईसीआई बैंक के अधिकारी देवेंद्र चंदावरकर और केंद्रीय अपराध विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के विशेषज्ञ दीपक आर हांडा को गवाई के लिए 25 जुलाई को पेश होने को कहा गया है। चंदावरकर पहले भी पेश हो चुके हैं। अदालत को सौंपी गई गवाहों की सूची में अनिल अंबानी का बयान 26 जुलाई को दर्ज किए जाने की संभावना है, जबकि सीएफएसएल के एक अन्य विशेषज्ञ विजय वर्मा को भी उसी दिन बुलाया गया है।

उल्लेखनीय है कि अदालत ने 19 जुलाई को अनिल अंबानी, उनकी पत्नी टीना अंबानी एवं 11 अन्य को इस मामले में गवाह बनाने का सीबीआई का अनुरोध स्वीकार लिया था। इससे पहले, रिलायंस टेलीकाम लिमिटेड ने अंबानी को सरकारी गवाह के तौर पर बुलाने के निचली अदालत के आदेश को सोमवार को ही उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।

सुनवाई अदालत में गवाह के रूप में तलब किए जाने के आदेश के खिलाफ अनिल अंबानी की ओर से दायर याचिका पर न्यायालय 24 जुलाई को सुनवाई करने पर सहमत हुआ है। निचली अदालत ने सीबीआई की यह दलील मान ली थी कि अनिल अंबानी और टीना अंबानी के बयानों से उनके समूह की कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकाम में 990 करोड़ रुपये से अधिक के कथित निवेश पर कुछ रोशनी पड़ सकती है।

निचली अदालत ने कहा था कि अनिल अंबानी, टीना अंबानी एवं अन्य 11 को सरकारी गवाह के तौर पर बुलाने की सीबीआई की याचिका मामले की तह तक जाने के लिए आवश्यक है। अदालत ने कहा था कि मुखौटा कंपनियों की स्थापना से जुड़े तथ्यों को साबित करने के लिए अनिल और टीना का बयान जरूरी है क्योंकि पहले के कुछ गवाह इस मामले में असमर्थ रहे हैं।

शहरों में खर्च करने के मामले में हरियाणा सबसे आगे

शहरी क्षेत्रों में प्रति परिवार मासिक खर्च करने के मामले में हरियाणा सबसे आगे हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में इस मामले में केरल शीर्ष स्थान पर है। यहां तात्पर्य प्रति परिवार द्वारा मासिक खर्च के औसत से है।
एक सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार, शहरों में हरियाणा में प्रति परिवार औसत खर्च 3,346.32 रुपये रहा। वहीं हिमाचल प्रदेश 3,173.30 रुपये के मासिक खर्च के साथ दूसरे तथा केरल 3,044.22 रुपये के साथ तीसरे स्थान पर रहा। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन ने जुलाई, 2011 से जून, 2012 के दौरान प्रति परिवार मासिक खर्च का सर्वेक्षण किया है। अध्ययन के अनुसार बड़े राज्यों में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति परिवार मासिक खर्च में 2,355.53 रुपये के आंकड़े के साथ केरल शीर्ष पर है। उसके बाद पंजाब 2,136.39 रुपये के साथ दूसरे और हरियाणा 1,925.96 रुपये के साथ तीसरे स्थान पर है। संघ शासित प्रदेशों और छोटे राज्यों में अंडमान निकोबार द्वीप समूह मासिक प्रति परिवार खर्च के मामले में अव्वल रहा। अंडमान में शहरी क्षेत्रों में प्रति परिवार मासिक खर्च 4,439.03 रुपये रहा। उसके बाद दिल्ली 3,160.76 रुपये के आंकड़े के साथ दूसरे और चंडीगढ़ 3,000.27 रुपये के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

कांग्रेस 2014 के चुनावों का कर रही साम्प्रदायीकरण: जेटली

Image Loadingभाजपा ने आरोप लगाया कि शासन के संकट और नेतृत्व की कमी से जूझ रही कांग्रेस इंडियन मुजाहिदीन और इशरत जहां जैसे मामलों को उठा कर आगामी लोकसभा चुनाव का साम्प्रदायीकरण करने का प्रयास कर रही है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि 2014 के चुनावों का साम्प्रदायीकरण करने के अंधाधुंध प्रयास में कांग्रेस राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का भी साम्प्रदायीकरण करने में जुटी है। इस प्रयास में कांग्रेस के प्रवक्ता शकील अहमद ने इंडियन मुजाहिदीन को 2002 के गुजरात के दंगों की उपज बता कर इतिहास के पुनर्लेखन की कोशिश कर डाली। पार्टी की ओर से जारी जेटली ने अपने लेख में कहा कि सरकार और नेतृत्व दोनों को संकट से घिरा देख कर संप्रग की रणनीति चुनाव का एजेंडा बदलने की है। उन्होंने कहा कि लेकिन किसी भी कीमत पर भारत की कहानी का नाश करने के संप्रग के प्रयास को चुनावी एजेंडा का केन्द्रीय मंच नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंडियन मुजाहिदीन को गुजरात दंगों की उपज बता कर अहमद ने इतिहास का पुनर्लेखन करने के प्रयास में यह स्थापित करने की कोशिश की है कि यह संगठन उन पीड़ितों का है जो 2002 दंगों का शिकार हुए। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसा करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता इंडियन मुजाहिदीन के अंतरराष्ट्रीय संदर्भ और इसके पीछे की पाकिस्तान की रणनीति को भूल गए।

गावस्कर ने वेई को खरीदने की सलाह दी थी: नागार्जुन

Image Loadingइंडियन बैडमिंटन लीग की फ्रेंचाइजी मुंबई मास्टर्स के सहमालिकों में शामिल दिग्गज अभिनेता अकिनेनी नागार्जुन ने कहा कि उनके साथी मालिक पूर्व दिग्गज भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने खिलाड़ियों की नीलामी के दौरान उन्हें दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मलेशिया के ली चोंग वेई को खरीदने को सलाह दी थी।
गावस्कर की सलाह पर अमल करते हुए मुंबई की टीम ने मलेशिया के दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी को 135000 डॉलर यानी लगभग 80,6200 0 रुपये में खरीदा और वह आईबीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी साबित हुए। नागार्जुन से जब यह पूछा गया कि क्या गावस्कर ने नीलामी के लिए टीम को कुछ सलाह दी थी तो उन्होंने कहा कि गावस्कर ने हमें दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी को खरीदने की सलाह दी थी और हमें खुशी है कि हम ऐसा करने में सफल रहे। गावस्कर बहुत बड़े खिलाड़ी हैं और उनके साथ जुड़कर मैं काफी खुश हूं। मुंबई के ही एक अन्य सह मालिक वी चामुंडेश्वरनाथ ने अपनी टीम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमने दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी को खरीदा है और अब आईबीएल की नंबर एक टीम बनने की कोशिश करेंगे। मैं अपनी टीम के संयोजन को लेकर काफी खुश हूं। नीलामी के दौरान थाईलैंड के बूनसैक पोनसाना, जापान के कैनेची टैगो, थाईलैंड की रतचानोक इंतानोन और पोर्नटिप बुरानाप्रासेरत्सुक जैसी खिलाड़ी बिक नहीं पाई।

पैरालंपिक में स्वर्ण जीतकर देवेंद्र ने रचा इतिहास

तमाम मुसीबतों से पार पाते हुए देवेंद्र झाझरिया ने देश के लिए पैरालंपिक विश्व चैम्पियनशिप का पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। देवेंद्र ने फ्रांस के ल्योन में चल रहे विश्व पैरालंपिक चैम्पियनशिप में भाला फेंक के एफ-47 वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 32 वर्षीय देवेंद्र ने रविवार को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 57.04 मीटर दूर भाला फेंककर स्वर्ण पदक हासिल किया। एक दुर्घटना के कारण देवेंद्र का बांया हाथ काटना पड़ा था। भारतीय रेलवे में समूह घ के कर्मचारी देवेंद्र को पैरालंपिक में ईरान के मीरशेकरी अब्दुलरसूल से काफी कड़ा संघर्ष करना पड़ा। अब्दुलरसूल ने भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 52.62 मीटर दूर भाला फेंककर रजत पदक हासिल किया। मिस्र के इस्माइल महमूद (50.22 मीटर) को कांस्य पदक मिला। देवेंद्र के शानदार प्रदर्शन से प्रसन्न भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के अध्यक्ष सुल्तान अहमद ने देवेंद्र को पांच लाख रुपये पुरस्कार स्वरूप देने की घोषणा की है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद अहमद ने आईएएनएस से कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि देवेंद्र द्वारा स्वर्ण पदक जीतने से देश में पैरालंपिक खिलाड़ियों का हौसला बढ़ेगा। यहां देश में हमारे पास भरपूर मात्र में प्रतिभा मौजूद है, तथा हमें उनका समर्थन करना होगा। खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए प्रदान की गई सहायता के लिए मैं खेल मंत्रलय और भारतीय खेल संघ (एसएआई) का आभारी हूं।’’ देवेंद्र राजस्थान के चुरू जिले के निवासी हैं। देवेंद्र के नाम इसके अलावा एफ-46 वर्ग में एथेंस पैरालंपिक-2004 में 62.15 मीटर भाला फेंकने का विश्व रिकॉर्ड भी है। देवेंद्र ने कहा, ‘‘खेल ऐसी चीज है, जिसमें पूरा जीवन कुछ घंटों में सिमट आता है, जहां एक या दो एकड़ के मैदान पर पूरे जीवन के मनोभावों को महसूस किया जा सकता है।’’ भाला फेंक में द्रोणाचार्य सम्मान से सम्मानित कोच रिपुदमन सिंह औलक की निगाह देवेंद्र पर 1997 में पड़ी। रिपुदमन सिंह ने देवेंद्र को बेहतर प्रशिक्षण सुविधाओं के लिए नजदीकी गांव कसाब ले गए। इसके बाद देवेंद्र ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और जल्द ही पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान में प्रशिक्षण लेने लगे। देवेंद्र ने कहा, ‘‘खेल किसी रंगमंच की तरह है, जहां पापी, संत हो सकता है तथा कोई सामान्य व्यक्ति हीरो भी बन सकता है।’’ देवेंद्र ने वर्ष भर अभ्यास करने की इजाजत देने के लिए भारतीय रेलवे का आभार व्यक्त किया। दूसरी तरफ उन्होंने व्यापारिक जगत की उदासीनता के लिए अपना गुस्सा भी प्रकट किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने तीन-चार बार उनसे अपना प्रायोजक बनने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसलिए मैंने उनसे संपर्क करना छोड़ दिया। मैं समझता हूं कि केंद्र या राज्य सरकारों की अपेक्षा निजी क्षेत्र के पास खेलों में लगाने के लिए कहीं अधिक पैसा और संसाधन हैं, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब हम उनसे संपर्क करते हैं तो वे मुश्किल से ही राजी होते हैं।’’

भूकंप से दहल उठा चीन, 54 की मौत, 200 घायल

Image Loadingचीन का गांसू प्रांत आज 6.6 तीव्रता के भूकं प से दहल उठा। भूकंप में कम से कम 54 लोगों की मौत हो गई और करीब 200 लोग घायल हो गए।
   
गांसू के प्रांतीय भूकंप ब्यूरो के अनुसार भूकंप मिनजियान और क्षांगजियान काउंटी में स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजकर 45 मिनट पर महसूस किया गया।
   
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार भूकंप का केंद्र प्रांतीय राजधानी लानझोउ से 170 किलोमीटर दूर और 20 किलोमीटर की गहराई में था। इसी इलाके में सुबह 9:12 बजे 5.6 तीव्रता के भूकंप का झटका फिर महसूस किया गया।
   
गांसू भूकंप नेटवर्क केंद्र ने कहा कि भूकंप में मरने वालों की संख्या 54 हो गई है और 200 लोग घायल हुए हैं। झांगजियान काउंटी में 5,600 मकानों के करीब 21,000 कमरे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मिनजियांग प्रांत में दूरसंचार नेटवर्क और केबल की व्यवस्था ठप्प पड़ गई है।
   
मिनजियान काउंटी के 13 कस्बों का संचार नेटवर्क ठप्प पड़ गया है। इस काउंटी के ज्यादातर कस्बे भूकंप से प्रभावित हुए हैं। मेचुआन और प्यूमा सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। डिंगसी सिटी के नागरिक मामलों के ब्यूरो ने बताया कि भूकंप में कई मकान ढह गए हैं। सरकार ने आपातकालीन राहत कार्य शुरू कर दिया है।

मिड-डे मील: आरोपी शिक्षिका और उसके पति अब तक फरार, होगी घर की कुर्की


मिड-डे मील
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बिहार के सारण जिला के मशरख प्रखंड
अंतर्गत धरमसाती गंडामान गांव के एक प्राथमिक विद्यालय में विषाक्त मिड-डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत की आरोपी फरार शिक्षिका और उसके पति के घर की कुर्की के लिए पुलिस सोमवार को अदालत का रुख करेगी. पुलिस अधीक्षक सुजीत कुमार ने बताया कि मिड-डे मील हादसे की आरोपी स्कूल की फरार प्रभारी शिक्षिका मीना देवी और उसके पति के घर की कुर्की के लिए पुलिस सोमवार को अदालत में आवेदन देगी.
इस घटना के बाद निलंबित मीना देवी और अन्य के खिलाफ IPC की धारा 302 और 120 बी के तहत स्थानीय थाना में इस मामले में पिछले मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. सारण प्रमंडल के आयुक्त और उपमहानिरीक्षक के नेतृत्व में गठित जांच दल ने भी अपनी रिपोर्ट में प्रभारी शिक्षिका को इस हादसे के लिए दोषी ठहराया.
धरमसाती गंडामान गांव स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में विषाक्त मिड-डे मिल खाने से 23 बच्चों की मौत और वहां की रसोईया तथा अन्य 24 बच्चों के बीमार हो जाने के बाद सरकार ने सावधानी के तौर पर सभी स्कूलों को मिड-डे मील से संबंधित मुद्रित निर्देश भेजे जाने और स्कूलों की दीवारों पर उसे लिखवाने की योजना बनायी है.
मिड-डे- मील के निदेशक आर. लक्ष्मणन ने बताया कि उक्त निर्देश में मिड-डे मील योजना के खाद्यान्न का भंडारण, भोजन बनाने के समय स्वच्छता और सफाई, भोजन करने के बाद बच्चों की तबीयत बिगडने की स्थिति में उन्हें प्राथमिक उपचार के तौर पर नमक मिला पानी पिलाकर उल्टी कराने सहित अन्य पहलु वर्णित होंगे.
बिहार के 70 हजार 200 विद्यालयों में 1.3 करोड़ बच्चों को वर्तमान में मिड-डे मील उपलब्ध कराया जा रहा है.

IM बयान पर शकील अहमद की सफाई, मैंने वही लिखा जो NIA ने कहा था

शकील अहमदकांग्रेस महासचिव शकील अहमद के एक विवादास्पद ट्वीट पर सियासत जारी है. हंगामा खड़ा होने के बाद सोमवार को शकील अहमद ने अपने ट्वीट पर सफाई दी.
उन्होंने ट्वीट किया, 'कोई भी समझदार व्यक्ति आईएम या किसी भी अन्य संगठन के आतंकी करतूतों को सही नहीं ठहरा सकता. मैंने तो सिर्फ एनआईए की चार्जशीट के एक हिस्से का जिक्र किया था जिसे मीडिया उठाता रहा है.'

पर ऐसा लगता है कि बीजेपी शकील अहमद की इस सफाई से संतुष्ट नहीं है. पार्टी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने एक बार फिर कांग्रेस नेता पर हमला किया. उन्होंने ट्वीट किया, 'SIMI का गठन 1977 में हुआ और इस संगठन ने ISI के साथ मिलकर IM का गठन किया. वो लोग जो आंकड़ों से छेड़छाड़ कर रहे हैं, मधुबनी मॉड्यूल का अध्ययन किया जाना चाहिए!'

गौरतलब है कि शकील अहमद ने लिखा था कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन 'इंडियन मुजाहिदीन' का गठन गुजरात दंगों की वजह से हुआ.
शकील अहमद ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर अपने पोस्ट में लिखा था, 'एनआईए ने अपने आरोप-पत्र में कहा है कि इंडियन मुजाहिदीन का गठन गुजरात दंगों (2002) के बाद हुआ, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी और आरएसएस अपनी सांप्रदायिक राजनीति नहीं छोड़ रही है.' जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया. बीजेपी नेताओं ने शकील अहमद के ट्वीट को मूखर्तापूर्ण दलील करार दिया था.

2जी: अनिल अंबानी की अर्जी पर बुधवार को होगी सुनवाई

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रिलायंस एडीएजी के अध्यक्ष अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड (आरटीएल) आज उच्चतम न्यायालय पहुंची।
  
प्रधान न्यायाधीश पी़ सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आज शीघ्र सुनवाई के लिये इस याचिका का उल्लेख किया गया। खंडपीठ याचिका पर सुनवाई के लिये सहमति हो गई और इसे सुनवाई हेतु एक उचित पीठ के समक्ष 24 जुलाई के लिये सूचीबद्ध कर दिया।
  
टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन प्रकरण में मुकदमे का साम ना कर रही रिलायंस टेलीकाम लिमिटेड निचली अदालत के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंची है, क्योंकि पूर्व में उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय सहित अन्य सभी अदालतों को इस प्रकरण से संबंधित किसी भी याचिका पर विचार से रोक दिया था।
  
निचली अदालत ने 19 जुलाई को सीबीआई का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया था कि अनिल अंबानी और टीना अंबानी की गवाही उनके समूह की कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकॉम में 990 करोड़ रुपये से अधिक के कथित निवेश पर प्रकाश डाल सकती है, जो इसके प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका के साथ मुकदमे का सामना कर रही है। सीबीआई ने कोर्ट में आग्रह किया था कि रिलायंस एडीएजी समूह की कंपनियों द्वारा कथित तौर पर स्वॉन टेलीकॉम में किए गए 990 करोड़ रुपये के निवेश के बारे में जानकारी को उनकी गवाही जरूरी है, क्योंकि पूर्व में पेश गवाहों से इस बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाई है। जांच एजेंसी का कहना था कि एडीएजी समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी ऐसे व्यक्ति हैं, जो इस निवेश से संबंधित पहलुओं पर प्रकाश डाल सकेंगे। विशेष सरकारी वकील यू यू ललित ने कहा था कि स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड में रिलायंस एडीएजी कंपनियों के 990 करोड़ रुपये से अधिक के कथित निवेश से जुड़े मामले पर अनिल अंबानी से जिरह की जरूरत है। स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा इसी अदालत में चल रहा है। ललित ने आरोप लगाया था कि शायद वह (अनिल अंबानी) उस बैठक में शामिल नहीं थे, जिसमें यह फैसला किया गया, लेकिन वह इस बात से वाकिफ थे और मेरे हिसाब से इतना काफी है। 992 करोड़ रुपए का निवेश किया गया। उन्हें इस घटनाक्रम के बारे में पता था। वह ऐसे व्यक्ति हैं जो इस मामले में रोशनी डाल सकते हैं। ललित ने अदालत से यह भी कहा कि जहां तक बैठक का सवाल है्र तो टीना अंबानी ने इससे जुड़ी बैठकों की अध्यक्षता की थी। सीबीआई की याचिका का विरोध करते हुए वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने इस मामले में फंसे रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष कार्यकारियों की ओर से कहा था कि जांच एजेंसी की ओर से आवेदन करने में देरी से पता चलता है कि यह सच्ची नहीं है। सीबीआई की याचिका का विरोध करते हुए स्वान टेलीकॉम के प्रवर्तक शाहिद उस्मान बलवा की ओर से पेश हुए अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने कहा कि जांच एजेंसी सुनवाई के इस चरण में एक नया मामला स्थापित करने की कोशिश कर रही है।

27 घंटे में 420 हाथों पर मेंहदी लगाकर पुरुष ने तोड़ा महिला का रिकॉर्ड

24 साल के एक युवक ने 27 घंटे में 420 हाथों पर मेंहदी लगाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है. दीषित सलत ने शनिवार सुबह 8 बजे से रविवार सुबह 11 बजे तक मेंहदी लगाकर अहमदाबाद की दीप्ति देसाई का विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया. दीप्ति ने 2011 में 25 घं
टे और 45 मिनट में 140 हाथों (70 लोग) पर मेंहदी लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था.
सलत ने विश्व रिकॉर्ड बनाने के बाद कहा, ‘एक लड़की के नाम दर्ज मौजूदा विश्व रिकॉर्ड को तोड़ना मेरा सपना था और मैं इसके लेकर बहुत उत्साहित हूं. यदि पुरुषों के एकाधिकार वाले क्षेत्रों में लड़कियां बेहतरीन प्रदर्शन कर सकती हैं तो फिर महिलाओं के हाथों में मेंहदी लगाने के क्षेत्र में एक पुरुष महिलाओं का एकाधिकार क्यों समाप्त नहीं कर सकता है?’
उन्होंने कहा, ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्देशानुसार शनिवार सुबह 8 बजे से लगातार वीडियो रिकॉर्ड होनी शुरू हुई और रविवार सुबह 11 बजे तक चली. मैंने लगातार 27 घंटे तक मेंहदी लगाई. इस दौरान मैंने जूस पिया और फल खाये.’

भगवान जगन्नाथ के रथ पर इटली की 'पद्मश्री' डांसर से मांगी रिश्वत, नहीं दी तो पीटा

इलियाना सितारिस्ती इटली में जन्मी जानी-मानी ओडिसी डांसर इलियाना सितारिस्ती ने आरोप लगाया है कि भगवान जगन्नाथ के रथ पर सवार सेवकों ने उनकी पिटाई की क्योंकि उन्होंने
भगवान का दर्शन करने के लिए पैसे देने से मना कर दिया था.
ओडिसी डांस को बढ़ावा देने के लिए सितारिस्ती को ‘पद्मश्री’ पुरस्कार मिल चुका है.
उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि वह और उनकी एक स्टूडेंट पुरोहितों को 20-20 रुपये देकर रथ पर सवार हो गई थीं.
जब उन्होंने भगवान जगन्नाथ के और करीब जाने की कोशिश की तो एक सेवक ने इसके लिए उनसे एक-एक हजार रुपये मांगे. जब उन्होंने पैसे देने से मना कर दिया तो सेवक ने उनसे दुर्व्यवहार किया और उनकी पिटाई की.
ओडिशा में बसी विदेशी नागरिक ने कहा, 'सेवक के बर्ताव से मैं हैरान रह गई. उसने 'विदेशी विदेशी' कहकर मेरे सिर पर तीन बार मारा'
मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पढ़ी ने बताया कि सितारिस्ती ने मंदिर प्रशासन से शिकायत की है. मंदिर पुलिस के कमांडर ने कहा कि ‘बरकंडास’ को इस बात का पता लगाने को कहा गया है कि उस वक्त ‘नंदीघोष’ के दौरान रथ पर कौन सवार थे.
मंदिर प्रशासन मंदिर कमांड से घटना के बारे में रिपोर्ट हासिल करने के बाद मामला राज्य पुलिस को भेजेगा. घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए अरविंद पढ़ी ने कहा, 'किसी भी हालत में भक्तों का निरादर नहीं किया जाना चाहिए.'
दैतापाती नियोग के अध्यक्ष रामचंद्र दसमहापात्र ने कहा, 'किसी भी भक्त को पीटने का हमें कोई अधिकार नहीं है. दैतापाती नियोग की तरफ से इस घृणित घटना के लिए मैं माफी मांगता हूं.'
मंदिर की प्रथा के मुताबिक, सालाना रथयात्रा महोत्सव के दौरान किसी भी विदेशी को भगवान जगन्नाथ के रथ पर सवार होने और भगवान को छूने की इजाजत नहीं दी जाती है.

भारत में है दुनिया का सबसे उम्रदराज शख्‍स?

Old Age man
क्‍या दुनिया का सबसे उम्रदराज शख्‍स भारत में है? अगर क्‍श्‍मीर के रहने वाले फिरोज-उन-दीन मीर के दावों पर यकीन किया जाए तो इस सवाल का जवाब हां है. मीर का दावा है कि वो 141 साल के हैं. अगर यह बात सही निकली तो वह दुनिया के सबसे उम्रदराज व्‍यक्ति होंगे.डेली मेल के मुताबिक, मीर का कहना है कि उनके पास सरकारी सर्टिफिकेट भी है जिसमें उनकी उम्र 10 मार्च 1872 लिखी है. माना जा रहा है कि गिनीज वर्ल्‍ड रिकॉर्ड्स अब उनके दावे की जांच कर सकता है. फिलहाल दुनिया के सबसे उम्रदराज व्‍यक्ति होने का रिकॉर्ड मिसाओ ओकावा के नाम दर्ज है, जिनकी उम्र 115 साल है.
अगर मीर के दावे सही साबित हुए तो वह फ्रांस की महिला जीएन कैलमेंट को भी पीछे छोड़ सकते हैं, जिन्‍होंने सबसे ज्‍यादा समय तक जीवित रहने का रिकॉर्ड बनाया था. कैमलेंट की मौत 122 साल की उम्र में साल 1997 में हो गई थी.
कश्‍मीर लाइफ की रिपोर्ट के मुताबिक मीर अपने परिवारवालों की मदद से आज भी चल-फिर सकते हैं. यही नहीं वह अपनी जिंदगी की कहानी भी बयां करते हैं. मीर अपने पिता की तरह फल और मेवों का कारोबार करते थे. साल 1890 में उन्‍होंने शादी की. वे साल 1900 तक अपनी पहली पत्‍नी के साथ पाकिस्‍तान में ही रहे. पत्‍नी की मौत के बाद वे भारत आ गए. मीर के मुताबिक, 'उस समय भारत और पाकिस्‍तान के बीच कोई बॉर्डर नहीं था. मुजफ्फराबाद जाना श्रीनगर जाने से ज्‍यादा आसान था. मैं कराची में एक व्‍यापारिक परिवार के साथ काम करता था जो मुझसे मेवे खरीदता था. मैं मेवे कश्‍मीर से लाता था, जो कराची में बहुत मशहूर थे.'
जब उनकी पहली पत्‍नी की मौत हो गई तो वे अपने जन्‍म स्‍थान कश्‍मीर के उरी जिले के भिजमा गांव आ गए. इसके बाद उन्‍होंने चार बार निकाह किया. उनकी पांचवीं पत्‍नी मिसरा के मुताबिक, 'उन्‍हें जिंदगी का कटु अनुभव है. उन्‍होंने मुझे बताया है कि जब वे 1880 में एक बार कारोबार के सिलसिले में कराची गए थे तब वे सोपोर में तूफान में फंस गए और उन्‍होंने कई लोगों की जिंदगी भी बचाई थी. वे पिछली सदी में कई एतिहासिक घटनाओं के साक्षी रहे हैं.'
मीर की कहानी सामने आने से पहले जापान के 116 वर्षीय जिरोएमोन किमूरा को 19वीं सदी का आखिरी शख्‍स माना जाता था, जिनका जन्‍म 19 अप्रैल 1897 को हुआ था. इसी साल जून में उनकी मौत हो गई.


दिल्ली-एनसीआर में जोरदार बारिश, जाम से लोग परेशान

Image Loadingराष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज सुबह से भारी बारिश हो रही है। बारिश के चलते सड़कों पर पानी जमा हो जाने से ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो गई है, यहां तक कि लोगों के घरों में भी पानी प्रवेश कर गया है।
सुबह 11 बजे शुरू हुई बारिश से दक्षिण दिल्ली के रिंग रोड, मोती बाग व डिफेंस कालोनी, द्वारका के कुछ हिस्सों में जलभराव हो गया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हमें जलभराव के चलते ट्रैफिक जाम होने की कई शिकायतें मिल रही हैं। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर आगमन लेन में भी जलभराव हुआ है। दक्षिण दिल्ली के सरोजनी नगर में रहने वाली रंजना नारायण ने बताया कि पानी मेरे घर में प्रवेश कर गया है और ड्रॉइंग रूम में जलभराव हो गया है। पश्चिम दिल्ली के मोती नगर में एक सिनेमा हॉल की बालकनी में पानी भर गया। इंदिरा गांधी एयरपोर्ट और कई मेट्रो स्टेशन के आसपास पानी भर जाने की खबर है। दिल्ली के कनॉट प्लेस, आश्रम, आईटीओ, धौला कुआं, करोल बाग, आजाद मार्केट जैसे इलाकों में भी जाम लग गया। भारी बारिश से तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। मूसलाधार बारिश की वजह से दिल्ली और आसपास के इलाकों में अंधेरा छा गया और मौसम सुहाना हो गया। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली और आसपास के इलाकों में 23 जुलाई तक बारिश होने की संभावना है। वहीं बिहार में बारिश के लिए लोगों को दो-तीन दिनों तक और इंतजार करना पड़ सकता है।

केट मिडिलटन अस्‍पताल में भर्ती, किसी भी वक्‍त जन्‍म ले सकता है रॉयल बेबी


केट मिडिलटन और प्रिंस विलियम
ब्रिटेन के शाही परिवार में बस कुछ ही देर में नन्‍हे मेहमान की किलकारियां गूंजने वाली हैं. प्रिंस विलियम की प्रेग्‍नेंट पत्‍नी केट मिडिलटन को सोमवार सुबह 6 बजे अस्‍पताल में भर्ती करा दिया गया है. केट का होने वाला बच्‍चा ब्रिटेन का भावी राजा या रानी होगा.

डेली मेल की खबर के मुताबिक प्रिंस विलियम अपनी पत्‍नी के साथ सेंट मैरी हॉस्पिल में उनके साथ ही हैं. इसी अस्‍पताल में प्रिंस विलियम साल 1982 में पैदा हुए थे. महल के अधिकारियों ने खुद बताया हे कि केट को लेबर पेन हो रहे हैं.शाही प्रवक्‍ता के मुताबिक, 'डचेस ऑफ कैंब्रिज केट मिडिलटन को लेबर पेन होने पर आज सुबह लंदन के सेंट मैरी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया. केट महल से कार में बैठकर अस्‍पताल पहुंची.'

केट मिडिलटन के अस्‍पताल में भर्ती होने के बाद आसापास सुरक्षा व्‍यवस्‍था कड़ी कर दी गई है. इस वक्‍त, दुनियाभर का मीडिया सेंट्रल लंदन के सेंट मेरीज हॉस्पिटल के सामने डेरा डाले हुए है. गौरतलब है कि विलियम और केट का बच्‍चा शाही गद्दी का तीसरा उत्तराधिकारी होगा. हाल ही में कानून में किए गए बदलाव के मुताबिक बच्‍चे को 'हिज या हर रॉयल हाइनेस' कहकर संबोधित किया जाएगा. और बच्‍चे को प्रिंस या प्रिंसेस ऑफ कैंब्रिज कहा जाएगा.

अगर होने वाला बच्‍चा लड़की हुई तो वह एक दिन ब्रिटेन की महारानी बनेगी और अगर लड़का हुआ तो वह महाराज बनेगा.


और भी... http://aajtak.intoday.in/story/duchess-of-cambridge-is-admitted-to-hospital-as-she-goes-into-labour-1-736814.html

सलमान से गले मिलकर शाहरुख का ट्वीट, 'आखिरकार पलटा पन्ना'

सलमान से गले मिल गिले शिकवे मिटाने के बाद शाहरुख खान ने ट्वीट किया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, 'आखिरकार आप महसूस करते हैं कि पन्ना पलटना दुनिया का सबसे अच्छा एहसास है. क्योंकि जिस पन्ने पर आप अटके हुए थे, पूरी किताब में उसके सिवा और भी बहुत कुछ है.'
इससे पहले रविवार की रात बॉलीवुड की ऐसी घटना घटी, जो लगभग असंभव मानी जा रही थी. सलमान खान और शाहरुख खान एक दूसरे से गले मिल गए. 5 साल पहले दोनों में झगड़ा हुआ था और दोनों एक दूसरे के बारे में बात तक करना पसंद नहीं करते थे. रविवार शाम को मुंबई के बांद्रा वेस्ट से कांग्रेस एमएलए बाबा सिद्दीकी ने इफ्तार पार्टी दी. पार्टी के लिए दोनों सितारों को बुलाया गया था. दोनों पहुंचे और वह हो गया, जिसके बारे में शायद किसी ने सोचा तक नहीं था.
 पार्टी में पहुंचे शाहरुख खान और सलमान खान में 2008 में कैटरीना कैफ की पार्टी में झगड़ा हुआ था. उसके बाद दोनों में से किसी से भी जब दूसरे के बारे में सवाल किया जाता तो या तो वे सवाल से कन्नी काटते दिखते या फिर कुछ ऐसा कहते कि बवाल हो जाता.
रविवार को कांग्रेस के विधायक बाबा सिद्दीकी ने इफ्तार पार्टी दी तो दोनों सितारे पार्टी में पहुंचे. इस दौरान सलमान खान के पिता सलीम खान भी पार्टी में थे. सिद्दीकी जब सलमान को दूसरे मेहमानों से मिलवा रहे थे तो वे शाहरुख की टेबल तक पहुंच गए. सिद्दीकी ने दोनों को मिलवाने की औपचारिका निभाई.
इसके बाद सलमान ने शाहरुख की तरफ हाथ बढ़ाया. शाहरुख ने भी बिना कोई हिचक किए सलमान से हाथ मिला लिया. इसके बाद अपनी कुर्सी से उठकर शाहरुख, सलमान की तरफ आए और सलमान ने शाहरुख को गले लगा लिया. इस पूरे क्रम में दोनों के बीच बाबा सिद्दीकी भी मौजूद रहे.
शाहरुख को गले लगाते सलमान खान
Shahrukh Khan with Salman
इस बारे में बाबा सिद्दीकी ने कहा कि इफ्तार के मौके पर अल्लाह की मर्जी से दोनों एक दूसरे के गले मिले हैं. यह खुशी की बात है. जब बाबा सिद्दीकी से पूछा गया कि कहीं उन्होंने तो इसकी पटकथा नहीं लिखी थी, इस पर बाबा सिद्दीकी ने मुस्कुराते हुए कहा कि नहीं ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा, 'हम तो केवल जरिया बन गए हैं.'

1984 दंगा: CBI की याचिका पर सज्जन कुमार को नोटिस

Image Loadingदिल्ली हाईकोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार को बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अपील पर कांग्रेस नेता को नोटिस जारी किया है। यह मामला एक भीड़ द्वारा पांच सिखों की हत्या से जुड़ा है।
    
न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी और न्यायमूर्ति जी पी मित्तल की पीठ ने जांच एजेंसी की याचिका पर जवाब सज्जन कुमार से जवाब तलब किया है। न्यायालय इस मामले में अब 27 अगस्त को आगे विचार करेगा।     
सीबीआई के अलावा, पीडिम्तों के परिवार के सदस्यों जगदीश और निरप्रीत कौर ने भी इस मामले में निचली अदालत के आदेश को चुनौती दे रखी है। इनकी याचिका पर भी यही पीठ 27 अगस्त को सुनवाई करेगी।
    
निचली अदालत ने 30 मई को इस 29 वर्ष पुराने मामले में सज्जन कुमार को बरी करते हुए कहा था कि वह संदेह का लाभ प्राप्त करने के हकदार है क्योंकि मुख्य गवाह जगदीश कौर ने 1985 में न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा आयोग के समक्ष अपने बयान में आरोपी के रूप में उनका नाम नहीं लिया था।
    
निचली अदालत ने कहा था कि  यह वास्तविकता है कि जब प्रत्यक्षदर्शी और शिकायतकर्ता जगदीश कौर ने 1985 में न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा आयोग के समक्ष अपना हलफनामा पेश किया था, तब उन्होंने सज्जन कुमार के नाम का उल्लेख नहीं किया था हालांकि अन्य आरोपियों के नाम लिये गए थे।
    
निचली अदालत ने हालांकि इस मामले में पांच अन्य लोगों को दोषी करार दिया और सिखों की हत्या करने वाली भीड़ का हिस्सा होने के जुर्म में कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में पूर्व पार्षद बलवान खोक्कर, गिरधारी लाल और सेवानिवत नौसेना अधिकारी कैप्टन भागमल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जबकि शेष दो आरोपियों पूर्व विधायक महेन्द्र यादव और किशन खोक्कर को तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई गयी।
   
उच्च न्यायालय में अपनी अपील में जांच एजेंसी ने कहा है कि निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी करके भूल की है, क्योंकि 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उन्होंने ही भीड़ को उकसाया जिसके कारण दंगा भड़का।
   
इस मामले में सज्जन कुमार और अन्य के खिलाफ 2005 में न्यायमूर्ति जी टी नानावती आयोग की सिफारिश पर 2005 में मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई ने जनवरी 2010 में उनके और अन्य आरोपियों के खिलाफ दो आरोपपत्र दायर किये थे।

हम सभी को भारत का निर्माण करना है: राहुल गांधी

Image Loadingकांग्रेस का दो दिवसीय मीडिया सम्मेलन आज से शुरू हो गया, जिसमें राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले सभी राज्यों में पार्टी की संवाद रणनीति की जरूरत और इसके लिए संस्थागत ढांचा तैयार करने पर जोर दिया।
   
अपने उदघाटन संबोधन में कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि पार्टी की छवि को आगे बढ़ाने से स्वत: ही व्यक्तियों की निजी छवि भी बेहतर होगी। उन्होंने नेताओं से सकारात्मक राजनीति पर ध्यान देने को कहा। राहुल ने पार्टी नेताओं से एक स्वर में बोलने और एकजुट रहने को कहा। उन्होंने नेताओं से अपने आप को एक व्यक्ति के रूप में पेश नहीं के बजाय पार्टी को पेश करने पर ध्यान देने को कहा।
   
उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ विपक्ष के हथकंडों से निपटे जाने की जरूरत है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि यह कार्यशाला नई प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करेंगी। उन्होंने युवाओं को वरिष्ठों के अनुभव से सीखने की सलाह भी दी। राहुल ने कहा कि हमें नये भारत का निर्माण करना है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने देशभर में अपनी पार्टी के प्रवक्ताओं को सकारात्मक बाते करने की सलाह दी है। सम्मेलन में आगामी आम चुनावों के लिए राज्यों में पार्टी की संचार रणनीति तय की जाएगी, ताकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की उपलव्धियों का आम जनता में प्रचार हो सके।
       
उन्होंने कहा कि हमे राज्यों की प्रतिभाओं को अपने साथ लाना होगा। युवा और वरिष्ठ नेता एक साथ काम करें। केन्द्रीय मंत्री पी चिदम्बरम, आनंद शर्मा, जयराम रमेश, शशि थरूर और मनीष तिवारी भी सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

चीन कर रहा हमले की तैयारी, भारतीय अफसरों ने लिया सुरक्षा का जायजा!

भूकंप से तबाह चीन की ओर से लगातार घुसपैठ की बढ़ती घटनाओं से भारत सरकार चिंतित है। बताया जा रहा है कि घुसपैठ की ताजा वारदात (16 जुलाई) के बाद भारत सरकार सीमा पर अतिरिक्‍त फौज भेजने पर विचार कर रही है। भारतीय सैन्‍य अधिकारियों ने लद्दाख में सुरक्षा की स्थिति का जायजा लेने के लिए बैठक भी की है।
 
लगातार हो रही घुसपैठ की आड़ में जहां भाजपा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है, वहीं कांग्रेस कह रही है कि चीन को ऐसा नहीं करना चाहिए। जानकारों ने चेतावनी दी है कि चीन भारत पर हमला करने की फिराक में है।
 
हाथ में लिए हुए थे बैनर
 
सूत्रों के मुताबिक करीब 100 चीनी सैनिक एलएसी पार करके घुस आए थे। वे हाथ में बैनर लिए हुए थे, जिस पर लिखा था, ‘कब्जाई जमीन को छोड़कर वापस चले जाओ’।
 
हमले की तैयारी में चीन 
 
रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो चीन भारत पर हमला करने की योजना बना रहा है। चीन जानता है कि भारत अभी अंदरूनी मामलों में घिरा हुआ है। रक्षा विशेषज्ञ भारत वर्मा के मुताबिक जब तक दिल्‍ली की तरफ से कड़ा रुख नहीं अख्तियार किया जाएगा, तब तक चीन ऐसी हरकतें करता रहेगा। चीन को पता है कि भारत में राजनीतिक इच्‍छाशक्ति की कमी है और भारत हमला करने या हमले का जवाब देने की स्थिति में नहीं है। 
 
लगातार बढ़ी घुसपैठ 
 
  • 11 जुलाई को चुमार सेक्टर में दो चीनी हेलिकॉप्टरों ने भारतीय वायु सीमा का उल्लंघन किया था। 
  • 17 जून को इसी क्षेत्र में घुसकर चीनी सैनिक भारत का सर्विलांस कैमरा ले गए थे। 
  • 15 अप्रैल को चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) क्षेत्र में भारतीय सीमा में 10 किमी अंदर तक घुस आई थी। पांच मई तक वे यहां रहे।

...और बिहार बीजेपी में दिखने लगा 'नमो' का साइड इफेक्ट

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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से जनता दल (यूनाइटेड) के बाहर हो जाने के बाद बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जद (यू) किसी न किसी मामले को लेकर आमने-सामने होते रहे हैं। भाजपा जहां जद (यू) पर हमले का कोई मौका नहीं चूक रही है, वहीं जद (यू) भी भाजपा की पोल खोलने की जुगत में है।
भाजपा के दरभंगा जिले के हायाघाट के विधायक अमरनाथ गामी के पार्टी नेतृत्व के खिलाफ मुखर होने के कारण बिहार भाजपा आलाकमान ने भले उन्हें निलंबित कर दिया हो, परंतु इस मामले को लेकर भी राज्य में भाजपा और जद (यू) आमने-सामने आ गए हैं। वैसे जद (यू) के केन्द्रीय अध्यक्ष शरद यादव इसे पार्टी का आंतरिक मामला बता रहे हैं। भाजपा सूत्रों का मानना है कि पार्टी में यह स्थिति गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का 'साइड इफेक्ट' है। भाजपा के एक नेता ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि मोदी के नाम पर राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पहले से ज्यादा आक्रामक नहीं थे, परंतु जैसे ही सत्ता गई वे नरेंद्र मोदी के नाम को लेकर आक्रामक हो गए हैं। ऐसे में उनसे लोग तो नाराज होंगे ही। इसी नाराजगी के कारण गामी का स्वर मुखर हो गया। गामी ने मोदी पर पार्टी को 'हाइजैक' करने का आरोप लगा दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी जो चाहते हैं वही होता है। जद (यू) में जाने के सवाल पर गामी कहते हैं कि वह कहीं नहीं जा रहे। पार्टी में रहकर राजतंत्र को पार्टी से बाहर निकालेंगे। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने जैसे सवाल पर वह कहते हैं कि छोटा मुंह बड़ी बात मत करवाइए। हालांकि भाजपा में इस बगावत का ठीकरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फोड़ा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार पार्टी में गामी का साथ देने को लेकर कई विधायक तैयार बैठे हैं। इसमें जाले के विजय कुमार मिश्र, मोहिउद्दीन नगर से राणा गंगेश्वर सिंह, कुशेश्वरस्थान से शशिभूषण हजारी, गायघाट से वीणा देवी, चिरैया से अवनीश कुमार सिंह जैसे विधायकों के नाम शामिल हैं। गामी को पार्टी में अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। भाजपा के प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता विनोद नारायण झा कहते हैं कि पार्टी के खिलाफ गतिविधि करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। वैसे भाजपा के विधायक राणा गंगेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पक्ष में बयान देकर पार्टी में बगावत को और हवा दी है। उन्होंने नीतीश को अगले प्रधानमंत्री के लिए योग्य उम्मीदवार बताते हुए गामी के निलंबन को ही दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। इस बीच भाजपा बिहार इकाई के अध्यक्ष मंगल पांडेय कहते हैं कि यह सब कुछ मुख्यमंत्री का किया धरा है। वह कहते हैं कि जद (यू) के एक दर्जन विधायक भी उनसे संपर्क में हैं, सभी मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार कर रहे हैं।  मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जद (यू) में टूट होगी। इधर, जद (यू) के नेता और प्रवक्ता शिवानंद तिवारी कहते हैं कि बिहार में भाजपा पहले से ही कुछ नहीं है। जद (यू) के नाम पर भाजपा चल रही थी। वह कहते हैं कि विधानसभा में विश्वास मत के दौरान ही भाजपा के आठ विधायक नहीं थे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के कई विधायकों में नेतृत्व को लेकर असंतोष है। यह असंतोष तो कभी न कभी फूटेगा ही। वैसे आगे-आगे देखिए क्या होता है। वैसे भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी में नाराज विधायकों को मनाने का प्रयास जारी है। राज्य में भाजपा के 91 विधायक हैं, ऐसे में टूट की संभावना से इंकार किया जा रहा है। वरिष्ठ नेता सी़ पी़ ठाकुर भी कहते हैं कि पार्टी में असंतोष तो है परंतु पार्टी इसे देख लेगी।

जानिए आखिर क्या है UPPSC त्रिस्तरीय आरक्षण विवाद

Image Loadingउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षाओं में त्रिस्तरीय आरक्षण विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साक्षात्कार पर रोक लगाते हुए निर्णय आज सुरक्षित कर लिया। न्यायमूर्ति एल. के. महापात्र और न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दोनो पक्षों को सुनने के बाद आयोग की परीक्षाओं में होने वाले साक्षात्कार पर फिलहाल रोक लगाते हुए निर्णय सुरक्षित कर लिया।
       
न्यायालय ने कहा कि निर्णय 10 दिन बाद सुनाया जाएगा। निर्णय सुनाये जाने तक साक्षात्कार पर रोक रहेगी। आयोग की परीक्षाओं में इस वर्ष से त्रिस्तरीय आरक्षण व्यवस्था लागू की गई थी, जबकि पहले परिणाम आने के बाद आरक्षण लागू किया जाता था। नई व्यवस्था में प्रिलिमिनरी, मुख्य परीक्षा और उसके बाद साक्षात्कार में भी आरक्षण लागू किया जाना प्रस्तावित है।
       
त्रिस्तरीय आरक्षण व्यवस्था का विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि इससे आरक्षण करीब 70 प्रतिशत पहुंच रहा है, जबकि संविधान के मुताबिक आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। प्रस्तावित नई व्यवस्था से सामान्य वर्ग की अनारक्षित सीटों में से पिछडे वर्ग को भी सीटें मिल जाती। आयोग ने परीक्षाओं के साक्षात्कार की तिथि 26 जुलाई रखी थी।
आरक्षण के विरोध में मुख्य रुप से वरिष्ठ वकील केशरीनाथ त्रिपाठी और एम.बी.चन्द्रशेखर ने अपना पक्ष रखा, जबकि आयोग के वकील ने बहस के दौरान त्रिस्तरीय आरक्षण को जरूरी बताया। आरक्षण की नई व्यवस्था को लेकर यहां उग्र आन्दोलन हुआ। गत 15 जुलाई को कई वाहनों में आग लगा दी गयी थी और आरक्षण समर्थक व विरोधियों में जमकर पथराव हुआ था।
      
अदालत के निर्णय पर सभी की निगाहें लगी थीं। जिला प्रशासन ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबन्ध किये थे। स्कूल, कॉलेज बंदकर पूरे शहर में धारा 144 लगा दी गई। जिलाधिकारी राजशेखर के अनुसार उच्च न्यायालय जाने वाले मार्गों पर बैरीकेडिंग कर आने जाने वालों पर कडी निगाह रखी जा रही।
     
उन्होंने बताया कि नगर को सात जोन और 18 सेकटर में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गयी है। प्रशासनिक तौर पर वीडियोग्राफर व फोटोग्राफर लगाये गये हैं, ताकि उपद्रवियों की शिनाख्त की जा सके। आरक्षण के विरोध में कल देर शाम नगर के प्रमुख मार्गों पर हजारों युवकों ने कैन्डिल मार्च किया।

Sunday 21 July 2013

पूजा भट्ट को गाली दी पुलिस ऑफीसर ने!

पूजा भट्ट को गाली दी पुलिस ऑफीसर ने!
Pooja Bhatt
बॉलीवुड की जानी मानी निर्देशक और निर्माता पूजा भट्ट ने हाल ही में पुलिस अधिकारियों द्वारा उनके साथ गलत तरीके से व्यवहार करने को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई है। पूजा भट्ट का कहना है कि एसपी ने पूजा भट्ट को गालियां देकर बात की और साथ ही उनकी फिल्म के क्रू मेंबर के साथ भी बद्तमीजी के साथ बात की। पूजा भट्ट की फिल्म बेड की शूटिगं भी इस चक्कर में रोक दी गयी और पूरी टीम वापस आ गयी। दूसरी तरफ पुलिस अधिकारी का कहना है कि उन्होंने कोई बद्त
मीजी नहीं की बल्कि पूजा भट्ट की टीम के क्रूमेंबर ने पुलिस अधिकारी का मजाक उड़ाया और उन्हें उनके ऑफिस जानेसे रोका जिसके चलते उन्होंने शूटिंग बंद कराने का फैसला किया। पूजा भट्ट के अनुसार उनकी फिल्म बेड की शूटिगं उदयपुर के एक कलेक्ट्रेस परिसर में हो रही थी और शूटिंग के दौरान पूरा परिसर बंद करदिया गया था। लेकिन बीच में एसपी हरिप्रसाद शर्मा जी अपने कार्यालय गये थे कुछ काम से लेकिन फिल्म की शूटिंग के चलते फिल्म के क्रू मेंबर ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया और साथ ही उन्होंने हरिप्रसाद शर्मा जी का मजाक भी उड़ाया। उन्होंने हरिप्रसाद जी से कहा कि वो पहले महेश भट्ट जी से बात करें तभी उन्हें अंदर जाने दिया जा सकता है। इस बात से एसपी को गुस्सा आ गया उन्होंने कहा कि भले ही शूटिगं हो रही हो औरउ न्होंने परिसर बंद करादिया हो लेकिन वो लोग उन्हें उनके कार्यालय जाने से कैसे रोक सकते हैं। पूजा भट्ट को गाली दी पुलिस ऑफीसर ने! इस बात पर एसपी और क्रू मेंबर में थोड़ी बहस हुई लेकिन कुछ देर बाद सब कुछ ठीक हो गया। और पुलिस अधिकारी ने क्रू मेंबर पर किसी तरह की कोई कार्यवाई नहीं की। लेकिन पूजा भट्ट का कहना है कि एसपी ने उनसे काफी बद्तमीजी से बात की और उन्हें गालियां भी दीं। पूजा भट्ट ने कहा कि उन्होंने एसपी से सिर्फ दो मिनट इंतजार करने के लिए कहा था लेकिन इन दो मिनट में ही उन्होंने पूरे क्रू मेंबर की हालत खराब कर दी। हालांकि पुलिस अधिकारी ने इस बात से इंकार किया है।

ओडिशा में 9 नवजात बच्चों की मौत

ओडिशा में बच्चों की मौतओडिशा में बच्चों की मौत
ओडिशा के बुरला में एक अस्पताल में 24 घंटे के भीतर 9 नवजात बच्चों की मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि सभी बच्चे वक्त से पहले जन्मे थे और गंभीर रूप से बीमार थे. राज्य सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.अस्पताल की सुपरिटेंडेंट डॉ. लक्ष्मीकांत दास ने अस्पताल प्रशासन की ओर से किसी लापरवाही की आशंका से इनकार किया. उन्होंने बताया कि सभी बच्चों को अस्पताल के शिशु वार्ड में इनक्यूबेटर (समय से पहले जन्मे बच्चों को जिंदा रखने की मशीन) में रखा गया था. सभी बच्चे समय से पहले जन्मे थे. उनका वजन बहुत कम था और उन्हें खून की कमी और सांस से जुड़ी दिक्कतें भी थीं.
उन्होंने कहा, 'उनमें से एक बच्चे का वजन मुश्किल से 560 ग्राम था. उनकी मौत महज इत्तेफाक है. हालांकि हम मामले की जांच करेंगे. मैंने विभाग के अध्यक्ष से तत्काल रिपोर्ट मांगी है.'
वहीं स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राउत ने बताया कि द डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग और शिशु भवन के डायरेक्टर को मामले की जांच करने को कहा गया है. उन्होंने कहा, 'शुरुआती जानकारी के मुताबिक ज्यादातर बच्चे जन्म के साथ बीमार थे. लेकिन जांच के बाद ही तस्वीर साफ होगी.'
घटना के बाद अस्पताल में तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब बच्चों के परिजन अस्पताल प्रशासन को घटना का जिम्मेदार बताने लगे.
मामले को विपक्ष ने भी हाथोंहाथ लिया है. अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने बुरला में सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. वहीं बीजेपी नेता जयनारायण मिश्रा ने भी राज्य की बीजेडी सरकार पर अस्पताल की हालत सुधारने में नाकाम रहने का आरोप लगाया.

ओडिशा: अस्पताल में 24 घंटे में 9 नवजात बच्चों की मौत, जांच के आदेश

ओडिशा में बच्चों की मौतओडिशा में बच्चों की मौत
ओडिशा के बुरला में एक अस्पताल में 24 घंटे के भीतर 9 नवजात बच्चों की मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि सभी बच्चे वक्त से पहले जन्मे थे और गंभीर रूप से बीमार थे. राज्य सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.अस्पताल की सुपरिटेंडेंट डॉ. लक्ष्मीकांत दास ने अस्पताल प्रशासन की ओर से किसी लापरवाही की आशंका से इनकार किया. उन्होंने बताया कि सभी बच्चों को अस्पताल के शिशु वार्ड में इनक्यूबेटर (समय से पहले जन्मे बच्चों को जिंदा रखने की मशीन) में रखा गया था. सभी बच्चे समय से पहले जन्मे थे. उनका वजन बहुत कम था और उन्हें खून की कमी और सांस से जुड़ी दिक्कतें भी थीं.
उन्होंने कहा, 'उनमें से एक बच्चे का वजन मुश्किल से 560 ग्राम था. उनकी मौत महज इत्तेफाक है. हालांकि हम मामले की जांच करेंगे. मैंने विभाग के अध्यक्ष से तत्काल रिपोर्ट मांगी है.'
वहीं स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राउत ने बताया कि द डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग और शिशु भवन के डायरेक्टर को मामले की जांच करने को कहा गया है. उन्होंने कहा, 'शुरुआती जानकारी के मुताबिक ज्यादातर बच्चे जन्म के साथ बीमार थे. लेकिन जांच के बाद ही तस्वीर साफ होगी.'
घटना के बाद अस्पताल में तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब बच्चों के परिजन अस्पताल प्रशासन को घटना का जिम्मेदार बताने लगे.
मामले को विपक्ष ने भी हाथोंहाथ लिया है. अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने बुरला में सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. वहीं बीजेपी नेता जयनारायण मिश्रा ने भी राज्य की बीजेडी सरकार पर अस्पताल की हालत सुधारने में नाकाम रहने का आरोप लगाया.

बिहार में 23 बच्चों का रक्तपात किन्तु उन्हें किसी ने नहीं मारा

Aniket Parik Sirsa
यह षड्यंत्र हो सकता है  हमारी सरकार गिराने का
- पी.के. शाही, बिहार के शिक्षा मंत्री

'सरकार तुम चला रहे हो, न कि हम।
किसने रोका था चेक करने से? - लालू यादव, राजद प्रमुख
इस हादसे को सुनते ही महिलाएं रो पड़ीं। देश दहल उठा। बंगाल के अस्पताल से आई १०० बच्चों की मौत की भयावह खबर के डेढ़ साल बाद बिहार का मिड-डे मील हादसा सरकारी लापरवाही का निकृष्टतम शर्मनामा है। बल्कि हादसा क्यों, नरसंहार है यह। २३ बच्चों का रक्तपात। नीचे से लेकर ऊपर तक सभी दोषी। किन्तु कौन मान रहा है दोष? और मानेगा भी क्यों? जब चुने हुए नेता इस रूदन में भी अपना राजनीतिक लाभ ढूंढ़ रहे हों। सत्ता पक्ष सारे लोकलाज को तार-तार कर अपना बचाव तो कम, विरोधी पक्ष पर कालिख अधिक फेंक रहा है।
तो विपक्ष के पास कैसा धैर्य? और कौन सा गांभीर्य? वह उसी कालिख में कीच फेंटकर लौटा रहा है। केंद्र और राज्य के नेताओं के घृणित दावे, दांव और दलीलों का शोर, उन बच्चों की मौत के पीछे के सच को कमजोर करने, कुचलने और कलुषित करने की चिंघाड़ बना दिया गया। सारण के मशरक ब्लॉक से उठी मासूम चिताओं की धधकती लपटें किसी सरकारी और राजनैतिक लापरवाही को इसीलिए छू तक नहीं सकी हैं।
न कभी जला सकेंगी। क्योंकि दोष किसका है - यह कभी कोई न बता सकेगा। जांच आयोगों की आंच इतनी ठंडी होती है कि कई पूर्व जज उसकी 'बयारÓ में सकुशल विश्राम करते न•ार आएंगे। किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सिवाय तबाह हुए, तबाह किए गए कम•ाोर, $गरीब परिवारों के। उन्होंने अपने कलेजे के टुकड़ों को शिक्षित होने के लिए भेजा था। क्षत-विक्षत होकर लौैटे। आंतें उस ज़हर से लड़ते-लड़ते अंतत: जान के रूप में बाहर आ गईं। बच्चे अस्पताल में •ाहरीले मध्यान्ह भोजन से संघर्ष कर, उबकाइयां ले रहे थे।
किन्तु वास्तव में तो यह देश की दीनता, हीनता और पराधीनता पर उबकाई थी। सरकारें और इन्हें चलाने वाले अफसर व नेता इतने दीन हैं कि हमारे बच्चों को एक समय का खाना तक साफ-सुथरा नहीं दे सकते। हीन इतने कि बच्चों की मौत उन्हें राजनीतिक शह-मात का अवसर न•ार आती है। और स्वाधीनता के साढ़े छह दशक के बाद भी ऐसा रक्तपात हो जाए - और एक मनुष्य भी दोष न माने, न दोषी पाया जाए - तो आम भारतीय पराधीन ही तो रहा। कहां है स्वतंत्रता? जीने तक की स्वतंत्रता नहीं।
खेतों और चूहों के लिए बनाए गए कीटनाशक के पराधीन है हमारे बच्चों का खाना। और ऐसे येलो फॉस्फोरस को खाने में मिलने देने वाले स्कूलों के पराधीन है हमारी शिक्षा।

अब सिलसिलेवार जांचना जरूरी है कि आखिर ये सब दोषी हैं किन्तु फिर भी दोषी नहीं, कैसे? खाना पकाने वालों से लेकर प्रधान अध्यापिका तक और नीतीश कुमार सरकार से लेकर मनमोहनसिंह सरकार तक - किसी ने कुछ नहीं किया, जो गलत हो। तो क्या इन बच्चों को किसी ने नहीं मारा? देखते हैं :

१. खाना पकाने वाली मंजू देवी और पन्नो देवी :
इन दोनों महिलाओं के जिम्मे था धरमसती प्राथमिक स्कूल के बच्चों का खाना पकाना। दोनों पर दुखों का पहाड़ वैसा ही टूटा है जैसा अन्य बच्चों के परिवारों पर। मंजू ने अपने दोनों बेटे और एक बेटी - तीनों बच्चे इस त्रासदी में खो दिए। मंजू ने चखा था जबकि बाकी सभी ने वही खाना खाया था। पन्नो के बच्चों के भी मरने की खबर आई थी - हालांकि पुष्टि नहीं हुई। मंजू ने तेल काला पड़ जाने की शिकायत की थी। प्रधान अध्यापिका ने कुछ न सुना।

२. प्रधान अध्यापिका मीना कुमारी राय :
इस त्रासदी का केंद्र बिन्दु है मीना राय। फरार है। पहली तलाशी में पाया गया कि खाने की सारी सामग्री उसके ऑफिस में पड़ी थी। वहीं कीटनाशक का डिब्बा भी था। जो कुछ हुआ, यहीं हुआ। यह तो साफ है। ओपन एंड शट केस। किन्तु संदिग्ध कडिय़ां और हैं। खाद्यान्न मीना के घर पर इकठ्ठा रहता/रखा जाता था। स्टोर रूम की जगह प्रधान अध्यापिका का घर। यही नहीं, जो खाद्यान्न-तेल वगैरह सप्लाई होता था वह मीना के पति अर्जुन राय की दुकान से खरीदा जाता था। अर्जुन छपरा के राजद नेता ध्रुव राय का चचेरा भाई है। खुद भी राजद से जुड़ा है। पहली न•ार में पुलिस मीना को ही आरोपी मान रही है। फरारी से इस संदेह को बल भी मिला है। अर्जुन भी $गायब है।

किन्तु कई तर्क-कुतर्क सामने आएंगे। मीना को नियमानुसार खाना, परोसने से पहले चखना था। वो कहेगी - बिल्कुल चखा था। उसने संभवत: सिर्फ चावल चखे, सोया की सब्•ाी नहीं जिसमें कीटनाशक था। चखा था, इसलिए दोष क्यों मानेगी? जांच क्यों नहीं करवाई? स्कूल निगरानी समिति ने नहीं की। खाद्यान्न घर में क्यों रखा? सरकार ने जगह नहीं दी। कीटनाशक, खाद्यान्न के साथ रखा था? प्रधान अध्यापिका ने नहीं, किसी भृत्य ने रखा होगा। पति की दुकान से मिलावटी, खाद्य सामग्री क्यों सप्लाई ली? जिला प्रशासन तय करता है कहां से लें।
बाल विकास प्रोजेक्ट के अफसर जांचते हैं। स्कूल निगरानी समिति तय करती है। राशन दुकान सरकार आवंटित करती है। ये होंगे मीना के बचाव। यही बयान दस-बारह वर्ष तक चलेंगे जांच आयोग में। कुछ जल्दी भी हो सकते हैं। दोष सिद्ध नहीं होगा। कोई सिद्ध करना चाहेगा भी नहीं। उनके घर का कोई बच्चा जो शिकार नहीं हुआ है।

३. स्कूल निगरानी समिति :
वो कहेगी जांचते रहते थे। उस दिन 'हादसाÓ हो गया। बाकी सब ठीक-ठाक चल रहा था। मीना के पति की दुकान से ही सामग्री आती थी, इसलिए ज्य़ादा जांचने की जरूरत महसूस ही नहीं हुई। स्टोर के लिए ज़मीन जिला प्रशासन ने दी ही नहीं।

४. जिला प्रशासन :
समय-समय पर जांच करते हैं। यहां भी की थी। एक बार 'चूकÓ हो गई। इस स्कूल में, जो दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण है। स्टोर के लिए सरकार को लिखा था। एक-एक करके बन रहे हैं। जिला प्रशासन का इसमें कोई दोष नहीं। मूल जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की है।

५. शिक्षा मंत्री पी. के. शाही :
शिक्षा मंत्री तो इसे अपनी सरकार गिराने का सियासी षड्यंत्र बताकर किसी स्तर पर दोष मानने को तैयार ही नहीं है। शाही ने कहा है सभी जानते हैं कि प्रधान अध्यापिका का पति राजद का सक्रिय कार्यकर्ता है। राजद का नाम लिए बगैऱ वे कहते हैं षड्यंत्र तो पुलिस जांच में सामने आ ही जाएगा। स्टोर के बगैऱ ही कीटनाशक के साथ खाद्यान्न रखे जाने का दोष शाही केंद्र सरकार को देते हैं। फंड ही नहीं दिया।

शाही कांग्रेस, भाजपा को भी राजद के साथ-साथ सलाह देते हैं कि बच्चों की मौत पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। $खुद वे करते चले जा रहे हैं। राष्ट्रीय धिक्कार का सामना कर रहे हैं शाही, किंतु दो। लेशमात्र भी मानने को तैयार नहीं।

६. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव :
इस त्रासदी को लेकर लगातार राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश में लगे लालू अपनी ही शैली में बोल रहे हैं। उनका कहना है कि भले ही प्रधान अध्यापिका का पति उनकी पार्टी का हो। हमारे तो लाखों समर्थक हैं - किस-किस को पकड़ेंगे? सरकार दोषी है। दोष मान नहीं रही।

७. बिहार की नीतीश सरकार :
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फ्रैक्चर हो गया है और वे त्रासदी वाले मशरक ब्लॉक के गांव नहीं जा सके हैं - लेकिन विरोधी इसे भी मुद्दा बनाए हुए हैं। नीतीश सरकार इस दोष को लेने को एक पल भी तैयार नहीं है। वह तो उल्टे उस पत्र का प्रचार कर रही है जो केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से एक हफ्ते पहले ही उसे मिला था। पत्र में मंत्रालय ने बिहार सरकार की मिड-डे मील योजना लागू करने के बाद किए सुधारों की तारीफ की थी। नीतीश सरकार हादसे को बड़ा दुखदायी मानती है लेकिन कहती है कि यह अपवाद है, दोहराव नहीं होने देंगे।

८. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री एमएम पल्लम राजू :
केंद्र सरकार इसे पूरी तरह राज्य सरकार और स्थानीय समिति का जिम्मा और दोष मानती है। सबसे पहले वह इस बात को खारिज करती है कि उसने स्टोर के लिए कुछ नहीं दिया। राजू उल्टे दोष मढ़ते हैं कि बिहार के लिए ६५ हजार स्टोर-कम-किचन मंजूर किए जा चुके हैं। लेकिन वह 44 हजार ही बना पाया है। केंद्र सरकार इसकी जांच क्यों नहीं करती? - करती रहती है। किन्तु जिम्मा राज्य, जिला और स्थानीय लोगों का ही है।

यह तो इतनी भयावह घटना है। छोटी भी बात हो, तो भी कोई दोष मान ले, यह असंभव ही है। या कि जिन पर दोष सिद्ध करने का जिम्मा है, वे पूरी ईमानदारी, पूर्ण सच के साथ दोष सिद्ध करने का अपना कर्तव्य निर्वहन करें, असंभव ही है। किन्तु मानना ही होगा। सिद्ध करना ही होगा।

दरअसल हम सब अपनी-अपनी तरह से, अपना-अपना बिहार चला रहे हैं। किसी भी दोषी को इसलिए डर नहीं लगता चूंकि उसे पता है कि कुछ नहीं होगा। मौत के दोषी प्रधान अध्यापिका या उसका पति हो ; फिर आसान जिंदगी जीते दिखाई देंगे। उन्हें पकड़ कर कम•ाोर धाराओं में कठघरे में खड़े करने वाले पुलिस अफसर तरक्की पा जाएंगे। स्कूल निगरानी समिति के सदस्य किसी राज्य समिति में तकरीर करते दिखेंगे। जिला प्रशासन के अफसर राज्य में सचिव बनेंगे। न राज्य सरकार पर $फर्क पड़ेगा न केंद्र सरकार पर। शाही फिर चुनाव जीतेेंगे। हम ही जितवाएंगे। राजू को भी चुुनेंगे। बिहार भी बंगाल बन जाएगा। नीतीश ममता हो जाएंगे। वहां १०० बच्चों की जानें गईं थीं तो सारे उप चुनाव जीते। यहां २३ बच्चे गए हैं - तो तय है, वैसी विजय मिलेगी।

देखिए कितनी स्टाइलिश हैं श्रीदेवी की बेटियां, जान्हवी और खुशी

देखिए कितनी स्टाइलिश हैं श्रीदेवी की बेटियां, जान्हवी और खुशी की खास तस्वीरें
Shri Devi with her daughters
श्रीदेवी को बॉलीवुड की अब तक की सबसे बड़ी स्टार्स की श्रेणी में शुमार किया जा सकता है। उन्होंने कई सालों तक सिल्वर स्क्रीन पर राज किया है। लेकिन इसके बाद जब उनकी शादी और दो बेटियां हो गईं तो उनकी परवरिश के लिए श्रीदेवी ने फिल्मों से ब्रेक ले लिया था।
 
अपनी बेटियों जान्हवी और खुशी के लिए श्री ने उस समय ब्रेक लिया था जब उनका करियर अपने चरम पर था। लेकिन आज भी वो कहीं पर से बूढ़ी या कमजोर नहीं दिखती हैं। उनकी अभिनय क्षमता और उनकी खूबसूरती आज भी बरकरार है।
 
श्रीदेवी की बेटियां जान्हवी और खुशी कपूर से भी यही उम्मीद की जा रही है कि वो बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपने पैर जमाएंगी। यहां तक कि अटकलें लगाई जा रही हैं कि श्री की बड़ी बेटी जान्हवी बहुत ही जल्द अपना बॉलीवुड करियर शुरू कर देगी। श्री की दोनों बेटियां उनके साथ कई पार्टीज और इवेंट में नजर आती रहती हैं।

गीतांजलि हत्‍याकांड : चार घंटे से ज्‍यादा हुई जज से पूछताछ, गिरफ्तारी जल्‍द !

नई दिल्‍ली। गीतांजलि हत्‍याकांड मामले में शुक्रवार को मामला दर्ज होने के बाद शनिवार को गुड़गांव पुलिस ने जज रवनीत गर्ग से एसीपी ऑफिस में शाम 7 बजे से लेकर रात करीब 11.30 तक पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि इस पूछताछ के दौरान गीतांजलि के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित कई सवाल सीजेएम से किए गए। वैसे इस मामले में रवनीत गर्ग के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद रिपोर्ट चंडीगढ़ हाईकोर्ट को भेजी जा चुकी है। अगर हाईकोर्ट इस मामले में अपनी मंजूरी दे देता है, तो गुड़गांव पुलिस जज रवनीत सिंह को गिरफ्तार कर सकती है। शुक्रवार रात लगभग साढ़े 12 बजे लिखी गई एफआईआर में यह बात साफ लिखी है कि स्पेशल रिपोर्ट चंडीगढ़ हाईकोर्ट के अलावा सेशन जज, संबंधित मजिस्ट्रेट व संबंधित पुलिस अधिकारियों को भेजी जा रही है। गुड़गांव के पुलिस अधिकारी ने बताया है कि आज वह रवनीत गर्ग के घर के छानबीन करेंगे और आज फिर से सीजेएम को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। (गीतांजलि हत्‍याकांड : मासूम खोल सकती हैं राज)
पुलिस ने एफआईआर में यह भी माना है कि गीतांजलि की मौत को आत्महत्या करार देकर वह सीआरपीसी की धारा 174 सी के तहत पहले ही कार्रवाई कर चुकी है।
गीतांजलि हत्‍याकांड : चार घंटे से ज्‍यादा हुई जज से पूछताछ, गिरफ्तारी जल्‍द !पत्नी गीतांजलि की हत्या के मामले की जांच कर रही एसआ
इटी टीम के सामने नवनीत गर्ग ने अपना पक्ष रखा। इस मामले में शनिवार को पुलिस ने गीतांजलि की सास-ससुर से भी पूछताछ की थी। पालम विहार स्थित एसीपी उद्योग अशोक बख्शी के कार्यालय में उनसे पूछताछ शुरू हुई। इस दौरान सीजेएम ने कहा कि गीतांजलि की मौत से उन्हें भी आघात पहुंचा है और सच सामने लाने में पुलिस की मदद करेंगे।
गीतांजलि के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उन्हें उसकी दो मासूम बेटियों से नहीं मिलने दिया जा रहा है। उन्होंने का कि गीतांजलि की मौत के बाद उन्होंने कई बार बच्चियों से मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें नहीं मिलने दिया गया। इतना ही नहीं जब गीतांजलि की डेडबॉडी पंचकूला लाई गई, तब भी दोनों मासूमों को दूर रखा गया। गीतांजलि के भाई प्रदीप अग्रवाल, जीजा अमित जिंदल, जीजा राजीव बंसल व फुफेरे भाई ने सवाल उठाया है कि आखिर उन्हें बच्चियों से क्यों मिलने नहीं दिया जा रहा है। क्या वे ऐसा कुछ जानती हैं, जिससे पूरे मामले से पर्दा उठ सकता है। गीतांजलि और रवनीत गर्ग की एक बेटी तीन साल और दूसरी पांच साल की है।  (सीजेएम रवनीत गर्ग पर दर्ज हुआ मुकदमा)
गीतांजलि के फुफेरे भाई राकेश गुप्ता ने कहा कि दाह-संस्कार के बाद भी हमने बच्चियों से मिलने के लिए कहा, लेकिन हमें नहीं मिलने दिया गया। आरोप लगाया गया है कि गीतांजलि के ससुराल वाले इस बात से डरे हैं कि बच्चियां लोगों को सच न बता दें।