Tuesday 31 December 2013

सफाई देने के लिए वीरभद्र सिंह दिल्ली पहुंचे

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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कांग्रेस आलाकमान के समक्ष अपनी बात रखने के लिए बुधवार को दिल्ली पहुंचे। उन्होंने भाजपा पर उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ दुर्भाव नापूर्ण प्रचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए उसकी जमकर आलोचना की। समझा जाता है कि सिंह को भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली द्वारा उन पर और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के मद्देनजर कांग्रेस आलाकमान द्वारा मुख्यमंत्री को यहां बुलाया गया है।
वीरभद्र सिंह के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और संभवत: पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर अपनी स्थिति स्पष्ट किए जाने की संभावना है। यह सब ऐसे समय हो रहा है जब पार्टी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जोरदार ढंग से आवाज उठा रही है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह भी कांग्रेस मुख्यालय आयीं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की।

सिंह ने जेटली के आरोपों का बिन्दुवार जवाब देने का प्रयास करते हुए आठ पेज का एक बयान जारी किया और इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने कोई घूस नहीं ली है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि हताश भाजपा नेता झूठी कहानियां गढ़ रहे हैं और अपनी सुविधा अनुसार तथ्यों को तोड़ मरोड़ रहे हैं। वह मेरे आयकर रिटर्न और मेरे परिवार द्वारा लिए गए ऋण से जुड़े वही पुराने मुद्दे उठा रहे हैं जिसका जवाब और स्पष्टीकरण समय समय पर दिया जा चुका है और इसमें कुछ भी नया नहीं है।

प्रधानमंत्री का संदेश, नई शुरुआत का समय

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने नव वर्ष के संदेश में संभवत: कठिन दौर से गुजर रही अपनी सरकार और कांग्रेस की कमियों और गलतियों पर चिंतन करते हुए सुधारात्मक कार्य की नई शुरुआत करने की बात की। सिंह ने आने वाले वर्ष 2014 में सभी के लिए शांति, सुरक्षा, प्रसन्नता और समृद्धि की कामना करते हुए कहा कि यह समय उम्मीद बनाए रखने, लक्ष्यों को प्राप्त करने, संकल्प और विश्वास के साथ नई शुरुआत करने का है।
अपने संदेश में उन्होंने कहा कि राष्ट्र के रूप में यह एकजुट और भावी अवसरों तथा चुनौतियों के लिए अपने आपको तैयार करने का समय है। उनके इस संदेश को आगामी लोकसभा चुनावों की चुनौतियों का सामना करने के परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नया साल हममें से प्रत्येक के लिए बीते हुए वर्ष की सफलताओं और उपलब्धियों के साथ साथ कमियों और गलतियों पर दृष्टिपात करने का समय है। यह हमें स्वयं का पुनर्मूल्यांकन करने और भावी वर्ष के लिए योजना बनाने, सुधारात्मक कार्य करने तथा नए लक्ष्य तय करने का अवसर प्रदान करता है। गुजरते साल में कांग्रेस तथा सरकार के कठिन दौर के परिप्रेक्ष्य में सिंह का यह संदेश महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भ्रष्टाचार के कई आरापों, मंहगाई और अर्थव्यवस्था के धीमे पड़ने आदि मुद्दों पर सरकार को इन दिनों बड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को चार राज्यों में भारी पराजय का सामना करना पड़ा है।

दूतावासों में नहीं दिया जा रहा कम वेतन: अमेरिका

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अमेरिका ने मीडिया में आई उन खबरों का खंडन किया है जिनमें कहा गया था कि भारत स्थित उसके दूतावासों में कार्यरत भारतीय कर्मचारियों को कम वेतन दिया जा रहा है या वेतन के सिलसिले में किसी स्थानीय कानून का उल्लंघन किया जा रहा है।

विदेश विभाग की उप प्रवक्ता मेरी हार्फ ने सोमवार को कहा कि हमारी मानक परिपाटी दुनिया भर के देशों में अपने लिए काम करने वालों को स्थानीय कानून के साथ सामंजस्य बिठा कर वेतन अदा करने की रही है और मेरे पास यह मानने का ऐसा कोई कारण है कि यह चीज इस मामले में नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैं उन खास खबरों पर गौर कर खुश हूं, मेरे मुताबिक कम से कम यह स्थानीय कानून और स्थानीय परिपाटी के अनुकूल है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह इससे आगे नहीं है। इसलिए मैं अपनी परिपाटी की जांच पड़ताल कर खुश हूं।

मेरी ने कहा कि मेरे पास यह मानने का कोई कारण नहीं है कि हमारे लोगों ने इस बारे में कुछ गलत किया है। गौरतलब है कि अपनी नौकरानी संगीता रिचर्ड की वीजा अर्जी में जालसाजी करने के आरोप को लेकर भारत की वरिष्ठ राजनयिक देवयानी खोबरागडे को 12 दिसंबर को न्यूयार्क में गिरफ्तार किए जाने के बाद भारत में अमेरिकी दूतावासों के भारतीय कर्मचारियों को अदा किए जाने वाले वेतन का मुद्दा उठा है।

नई दिल्ली में मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि भारत स्थित अमेरिकी दूतावासों में कार्यरत भारतीय कर्मचारियों को उनके अमेरिकी समकक्षों की तुलना में कम वेतन दिया जा रहा है

केजरीवाल ने दिल्लीवालों को दी सस्ती बिजली की सौगात

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट की बैठक के बाद बिजली पर सब्सिडी देने की घोषणा की जिससे अगले तीन महीनों में 61 करोड़ रूपये का खर्चा आएगा। इस सब्सिडी से दिल्ली के 28 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। विधानसभा चुनावों से पहले बिजली पर सब्सिडी देना आप के प्रमुख वादों में से एक था। बिजली पर सब्सिडी की घोषणा से एक दिन पहले केजरीवाल ने 20 किलोलीटर प्रति माह जल मुफ्त में देने की घोषणा की थी।

बैंकों के एनपीए में 2014 में हो सकती है और बढ़ोतरी

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बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) में अगले वर्ष भी कोई कमी आने की उम्मीद नहीं है और यह  2014 के अंत तक बढ़कर डेढ़ लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। वाणिज्य एवं उद्योग संगठन एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक अर्थव्यवस्था के कमजोर पड़ने से बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता में और गिरावट आएगी।

ठीक इसी तरह अर्थव्यवस्था में मजबूती आने से इनकी गुणवत्ता में सुधार होता है। वित्त वर्ष 2014 की दूसरी छमाही में बैंकों पर एनपीए के दबाव में और बढ़ोतरी होगी। रिजर्व बैंक के अन्य बैंकों विशेषकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की परिसंपदा गुणवत्ता की खराब स्थिति पर चिंता जाहिर करने के एक दिन बाद जारी एसोचैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि  इस वर्ष 30 सितंबर में 40 सूचीबद्ध बैंकों का कुल एनपीए 31 मार्च के एक लाख 79 हजार 891 करोड़ रुपये की तुलना में 27 प्रतिशत बढ़कर 229007 करोड़ रुपये पहुंच गया था।

रिपोर्ट में बैंकों का एनपीए बढ़ने के लिए त्रुटिपूर्ण ऋण प्रबंधन, कर्मचारियों में पेशेवर तरीके का अभाव, पुनर्भुगतान की गैर जिम्मेदाराना पद्धति, ग्राहकों द्वारा कर्ज का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं करना, अदालतों में दर्ज मामलों का समय पर समाधान न न हो पाना और स्थानीय स्तर पर राजनीतिक हस्तक्षेप को जिम्मेदार बताया गया है।

2013 में निवेश के 62000 करोड़ के प्रस्ताव आये

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इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र के लिये 2013 महत्वपूर्ण साल रहा। इसमें 62,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के प्रस्ताव आये और इस मामले में इस क्षेत्र ने दूरसंचार क्षेत्र को पीछे छोड़ दिया जो एक समय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये सर्वाधिक निवेश हासिल करने वाला क्षेत्र था।

सर्वाधिक आयात वाला भारतीय इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण क्षेत्र में करीब 51500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को साल के दौरान मंजूरी मिल गई जबकि 20 इकाइयों को अलग-अलग 12,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव अभी प्रक्रिया में है।

सुधारात्मक उपायों के अभाव में यह अनुमान है भारत को आने वालें वर्षों में सालाना 300 अरब डॉलर मूल्य का इलेक्ट्रानिक उत्पादों का आयात करना पड़ेगा जो देश के पेट्रोलियम उत्पादों के आयात के मूल्य से अधिक होगा। दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी कपिल सिब्बल ने कहा कि कच्चे तेल का मौजूदा आयात बिल करीब 140 अरब डॉलर है। क्या आपको लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 300 अरब डॉलर के उपभोक्ता इलेक्ट्रानिक्स के आयात को वहन कर सकती है।

हम दिवालिया हो जाएंगे। हमारे पास देश में विनिर्माण क्षेत्र तैयार करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। इलेक्ट्रानिक क्षेत्र के लिये पिछले साल आई राष्ट्रीय नीति इस क्षेत्र में नई जान डालने के समान रहा। इलेक्ट्रानिक्स विभाग तथा आईटी सचिव जे सत्यनारायण ने कहा कि मेरे हिसाब से वर्ष 2012 तथा 2013 दोनों को इलेक्ट्रानिक प्रणाली तथा डिजाइन विनिर्माण क्षेत्र के लिये आधार वर्ष माना जाना चाहिए। इलेक्ट्रानिक्स की राष्ट्रीय नीति को इस साल मंजूरी मिली लेकिन कुछ महत्वपूर्ण तत्वों को 2012 में मंजूरी मिली।

ईश्वर व बिन्नी टीम में शामिल, युवराज बाहर


आलराउंडर युवराज सिंह को दक्षिण अफ्रीका में खराब प्रदर्शन
के कारण भारत की वनडे टीम से बाहर
कर दिया गया जबकि उदीयमान खिलाड़ी ईश्वर पांडे और स्टुअर्ट बिन्नी ने पहली बार भारतीय टीम में न्यूजीलैंड दौरे के लिए जगह बनाई है, जो 19 जनवरी से वनडे सीरीज से शुरू होगा।
युवराज की जगह पूर्व भारतीय आलराउंडर रोजर बिन्नी के पुत्र स्टुअर्ट बिन्नी को शामिल किया गया है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में युवराज जब एकमात्र बार क्रीज पर उतरे तो वह दूसरी गेंद पर शून्य पर आउट हो गए। इस सीरीज में भारत हार गया था। 29 वर्षीय बिन्नी ने कर्नाटक के लिए 53 प्रथम श्रेणी मैच खेलकर 34.79 के औसत से 2714 रन जुटाए हैं और 79 विकेट भी झटके हैं। टीम में एक और हैरानी भरा चयन मध्यप्रदेश के तेज गेंदबाज ईश्वर पांडे का है जिन्हें वनडे और टेस्ट दोनों टीमों में शामिल किया गया है। फिट हुए 24 वर्षीय तेज गेंदबाज वरुण आरोन ने मोहित शर्मा की जगह वनडे टीम में वापसी की है। मोहित दक्षिण अफ्रीका में प्रभावित करने में असफल रहे। अगर पांडे न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच मैचों की वनडे सीरीज में अंतिम एकादश में जगह बनाते हैं तो यह 2011 के बाद आरोन का भारत के लिए पहला 50 ओवर का मैच होगा। टेस्ट टीम में भी ज्यादा बदलाव नहीं किया गया है, ईश्वर को प्रज्ञान ओझा की जगह टीम में चुना गया है। न्यूजीलैंड के खिलाफ आकलैंड में 10 फरवरी से शुरू हो रही दो मैचों की सीरीज के लिए चुनी गई 17 सदस्यीय टीम में यह एकमात्र बदलाव है। सीरीज शुरू होने से पहले दो दिन का अभ्यास मैच होगा। दिलचस्प बात है कि ओझा को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की सीरीज में एक भी मैच में नहीं खिलाया गया जिसमें भारत को कल 0-1 से शिकस्त मिली थी। ओझा की जगह लेने वाले 24 वर्षीय ईश्वर ने 31 प्रथम श्रेणी मैचों में 24.43 औसत से 131 विकेट झटके हैं। बाकी टेस्ट टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया, जिसमें आर अश्विन को बरकरार रखा गया है जबकि वह अपनी गेंदबाजी से काफी प्रभावित नहीं कर सके और न्यूजीलैंड में हालात धीमे गेंदबाजों के मुफीद नहीं हैं। मुरली विजय, अजिंक्य रहाणे और विराट कोहली दक्षिण अफ्रीका के कठिन दौरे में शानदार प्रदर्शन से टीम में जगह सुनिश्चित रखे हैं। शिखर धवन और रोहित शर्मा हालांकि अच्छा नहीं कर सके लेकिन फिर भी चयनकर्ताओं ने उन पर भरोसा कायम रखा है। सीनियर तेज गेंदबाज जहीर खान एक बार फिर टेस्ट में भारतीय तेज गेंदबाजी की अगुवाई करेंगे जिसमें इशांत शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, मोहम्मद शमी और पांडे न्यूजीलैंड की तेज पिच पर उनका सहयोग देंगे। वनडे टीम में भी तेज गेंदबाजों को तवज्जो मिली है लेकिन तेज गेंदबाजी के अगुवा की भूमिका इशांत संभालेंगे क्योंकि जहीर पांच मैचों की सीरीज नहीं खेलेंगे। बल्लेबाजी लाइन अप भी लगभग समान ही रहेगा, सिर्फ बिन्नी युवराज का स्थान लेंगे। विशेषज्ञ आलराउंडर की भूमिका में रविंद्र जडेजा जारी रहेंगे जो दक्षिण अफ्रीका में गेंद से तो चमके लेकिन उन्होंने बल्लेबाजी में निराश किया। न्यूजीलैंड का दौरा नेपियर में पहले वनडे से शुरू होगा। हैमिल्टन में 22 जनवरी और 28 जनवरी को मैच खेले जाएंगे। आकलैंड में 25 जनवरी को तीसरा और 31 जनवरी को वेलिंगटन में पांचवां वनडे आयोजित होगा। भारतीय टीम दो फरवरी से वांगघारेई में दो दिवसीय अभ्यास मैच खेलेगी जिसके बाद आकलैंड में छह से 10 फरवरी तक और वेलिंगटन में 14 से 18 फरवरी तक दो मैचों की टेस्ट सीरीज आयोजित होगी। टेस्ट टीम इस प्रकार है:
महेंद्र सिंह धौनी (कप्तान और विकेटकीपर), मुरली विजय, शिखर धवन, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, रोहित शर्मा, अंजिक्य रहाणे, रविंद्र जडेजा, जहीर खान, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा, अम्बाती रायुडू, भुवनेश्वर कुमार, आर अश्विन, उमेश यादव, रिद्धिमान साहा (विकेटकीपर), ईश्वर पांडे।
वनडे टीम इस प्रकार है:
महेंद्र सिंह धौनी (कप्तान और विकेटकीपर), शिखर धवन, सुरेश रैना, विराट कोहली, रोहित शर्मा, अंजिक्य रहाणे, स्टुअर्ट बिन्नी, रविंद्र जडेजा, आर अश्विन, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, अम्बाती रायुडू, ईश्वर पांडे, इशांत शर्मा, वरुण आरोन, अमित मिश्रा।

बिजली कंपनियों से बुधवार तक जवाब देने को कहा

Image Loadingदिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी की बिजली कंपनियों को बुधवार तक यह ब ताने को कहा है कि उनकी लेखा जांच क्यों न कराई जाए। केजरीवाल ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) शशिकांत शर्मा से मुलाकात के बाद संवाददाताओं को बताया कि बिजली कंपनियों का जवाब मिलने के बाद सरकार उनकी लेखा जांच कराने के बारे में फैसला करेगी।
यह पूछे जाने पर कि इस लेखा जांच में कितना समय लगेगा तो उन्होंने कहा कि कैग ने उन्हें बताया है कि कंपनियों का कामकाज देखने के बाद ही वह इस बारे में कुछ कह सकते हैं। यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि कंपनियां कितनी जल्दी

अमेरिका ने कहा, देवयानी मामले में नहीं है कोई गड़बड़ी

Image Loadingअमेरिका ने भारत के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका ने वरिष्ठ भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की नौकरानी के वीजा आवेदन में दी गई वेतन की जानकारी को गलत समझ लिया था।
दावे को खारिज करते हुए अमेरिका ने जोर देकर कहा कि इस मामले में कोई भी गड़बड़ नहीं हुई है और देवयानी के खिलाफ मामले का मजबूत आधार है। खोबरागड़े के खिलाफ लगे वीजा धोखाधड़ी के आरोपों को नहीं हटाने की बात स्पष्ट तौर पर कहते हुए अमेरिकी सूत्रों ने कहा कि इस मामले में की गई धोखाधड़ी का स्तर काफी बड़ा है। सूत्रों ने कहा कि उनके खिलाफ मामला कायम रहेगा और इसे वापस नहीं लिया जाएगा। उनपर आरोप बने रहेंगे। सूत्रों ने यह भी कहा कि 39 वर्षीय राजनयिक को पूर्ण राजनयिक छूट प्राप्त है और वह देश के बाहर यात्रा कर सकती हैं। हालांकि अगर वह बाद में कभी अमेरिका की यात्रा पर आती हैं और तब उनके पास यह छूट नहीं होती है तो उनके खिलाफ लगे आरोपों के आधार पर उनकी गिरफ्तारी हो सकती है और तब उनपर मुकदमा चलाया जा सकता है। खोबरागड़े के वकील ने कहा था कि वीजा आवेदन पर 4,500 डॉलर का जो वेतन लिखा गया था, वह खोबरागड़े का अपना वेतन था, न कि नौकरानी संगीता रिचर्ड को दिया जाने वाला वेतन। खोबरागड़े के वकील की ओर से लगाए गए इन आरोपों पर सूत्रों ने कहा कि खोबरागड़े आवेदन पत्र को सही ढंग से समझ नहीं पाईं। खोबरागड़े के वकील डैन एरशैक के इन आरोपों को खारिज करते हुए सूत्रों ने कहा कि आवेदन पत्र को पढ़ने में किसी संघीय एजेंट को गलती नहीं हुई। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि वीजा आवेदन पर मांगी गई वेतन की जानकारी कर्मचारी की है न कि नियोक्ता की। उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क में तत्कालीन उप महावाणिज्यदूत खोबरागड़े की 12 दिसंबर को हुई गिरफ्तारी पर भारत से माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। इस गिरफ्तारी के बाद भारत सरकार की ओर से भारी विरोध दर्ज कराया गया था। खोबरागड़े को अदालत में दोषी न पाए जाने पर 2.5 लाख डॉलर का बॉण्ड भरवाकर छोड़ दिया गया था। भारत सरकार ने खोबरागड़े के खिलाफ मामला वापस लेने और राजनयिक के साथ बुरा व्यवहार करने के लिए अमेरिका की ओर से माफी मांगने की मांग की है।

केजरीवाल की सेहत में सुधार, कल पहुंच सकते हैं दफ्तर

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दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को बताया कि मुख्यमंत्री अब बेहतर महसूस कर रहे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह बेहतर महसूस कर रहे हैं और आराम कर रहे हैं। वह कल दफ्तर जाएंगे। जैन ने आज केजरीवाल से उनके कौशाम्बी स्थित आवास पर मुलाकात की और उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री कल से शुरू हो रहे दिल्ली विधानसभा के सत्र में शिरकत कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि वह विधानसभा सत्र में शिरकत कर सकेंगे। केजरीवाल का इलाज कर रहे डॉ. विपिन मित्तल ने उन्हें दो दिन आराम करने की सलाह दी है। दिल्ली के नये मुख्यमंत्री की देखभाल कर रहे डॉ. मित्तल ने कहा कि केजरीवाल आज दो घंटे के लिए दफ्तर जाना चाहते थे, लेकिन मैंने उन्हें ऐसा नहीं करने की सलाह दी। केजरीवाल का रक्तचाप अभी सामान्य है और उनकी सेहत में सुधार हो रहा है। उन्होंने कुछ महीने पहले कई दिन तक अनशन किया था और वह कमजोर महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका बीपी 110-70 है और शुगर 76 के स्तर पर है। उन्हें अब भी बुखार है। उन्हें ड्रिप चढ़ाने की भी जरूरत पड़ेगी। डॉक्टर के मुताबिक उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव राजेंद्र कुमार भी आज सुबह उनके घर पहुंचे। केजरीवाल से मिलने वालों में आप के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास और संजय सिंह भी थे। मित्तल ने बताया कि केजरीवाल दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल विनोद कुमार के परिवार से भी मिलना चाहते थे, जिनकी दक्षिण दिल्ली के घिटोरनी में शराब माफिया ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। हालांकि उन्होंने मुख्यमंत्री को घर से बाहर नहीं जाने की सलाह दी। मित्तल ने कहा कि मुझे पता चला है कि विनोद कुमार का परिवार मुजफ्फरनगर में रहता है। मैंने केजरीवाल से साफ कहा है कि वहां नहीं जाएं, क्योंकि वह दिल्ली से बाहर जाने की स्थिति में नहीं हैं। बहरहाल डॉक्टर मित्तल ने यह भी कहा कि वह लंबे वक्त से केजरीवाल को जानते हैं और हो सकता है कि वह उनकी सलाह नहीं भी मानें। कल भी सेहत नासाज होने की वजह से दफ्तर नहीं जा पाये केजरीवाल ने अपने कौशाम्बी स्थित घर पर ही दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों की बैठक ली और हर घर में 667 लीटर पानी प्रतिदिन मुफ्त देने का निर्णय लिया।

मनमोहन के इस्तीफे की खबर का मनीष ने किया खंडन

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केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने उस खबर का खंडन किया है, जिसमें यह कहा गया है प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शुक्रवार को प्रेस वार्ता के दौरान इस्तीफा दे देंगे।
टेलीविजन चैनलों से सूत्रों के हवाले से खबर प्रसारित की गई है कि प्रधानमंत्री कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का रास्ता साफ करने के लिए प्रेस वार्ता में इस्तीफा दे सकते हैं। तिवारी ने मनमोहन सिंह के इस्तीफे के सवाल पर कहा कि यह खबर आधारहीन है, यह अटकलबाजी पर आधारित है। मैं तो इसमें जवाब दिए जाने की भी जरूरत नहीं समझता। उन्होंने एक चैनल से कहा कि मीडिया कहती रहती है कि प्रधानमंत्री मीडिया से बात नहीं करते और अब जब उन्होंने 2014 की शुरुआत में प्रेस वार्ता की स्वीकृति दी है, तो भी अटकलबाजी की जा रही है, मैं समझता हूं कि यह गलत है। कांग्रेस प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में राहुल के नाम की घोषणा कब करेगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं आपको कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सवाल पूछने के लिए कहूंगा, उचित समय पर उचित निर्णय लिया जाएगा।

Monday 30 December 2013

मुशर्रफ को मलाल, कयानी ने नहीं की उनकी मदद

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पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को इस बात का मलाल है कि उनके खिलाफ चल रहे देशद्रोह के मामले में सेवानिवृत्त सेना प्रमुख अशफाक परवेज कयानी ने उनकी मदद नहीं की। मुशर्रफ ने विशेष अदालत द्वारा खुद को दोषी ठहराए जाने की स्थिति में माफी मांगने की संभावना से इनकार किया है।
पाकिस्तान के इतिहास में यह पहली बार है जब सैन्य शासक रहे किसी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जा रहा है। मुशर्रफ पर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है। मामले की सुनवाई विशेष अदालत में हो रही है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति 70 वर्षीय परवेज मुशर्रफ को इस बात का मलाल है कि कयानी ने उस समय उनका समर्थन नहीं किया जब उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया। कयानी को मुशर्रफ ने ही सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था। कयानी पिछले महीने ही सेवानिवृत्त हुए हैं। मुशर्रफ ने कल रात एक्सप्रेस न्यूज चैनल से कहा कि मैं क्षमादान का आग्रह नहीं करूंगा (यदि दोषी ठहराया जाता हूं) मैं किसी ऐसे समाधान का भी विकल्प नहीं चुनूंगा जिससे यह संकेत जाए कि मैं डर गया। वर्ष 2007 में आपातकाल लगाने के लिए देशद्रोह के आरोप का सामना कर रहे मुशर्रफ को यदि दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें उम्रकैद या मौत की सजा हो सकती है। कई साल के स्व निर्वासन के बाद मार्च में अपनी देश वापसी के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुझे कोई पछतावा नहीं है। मैं अपने खिलाफ मामलों को सामना करने के लिए पाकिस्तान लौटा क्योंकि लोग परिवर्तन चाहते थे। मुशर्रफ ने यह भी कहा कि उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया जाएगा। उन्होंने देशद्रोह के आरोप से संबंधित संवैधानिक प्रावधान के संबंध में कहा कि हां, आप कह सकते हैं कि यह मेरा गलत फैसला था। मुझे अपने पर अनुच्छेद 6 लगाए जाने की उम्मीद नहीं थी।

स्टेट्स अपडेट में आगे रहा स्वर्ण मंदिर

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बातचीत का बड़ा साधन बनकर सामने आई सोशल नेटवर्किग साइट फेसबु क का दायरा अब व्यापक होता जा रहा है। 1.19 अरब यूजर वाली यह वेबसाइट साल-2013 में खूब चर्चा में रही। रॉयल बेबी की बात हो या फिर सीरिया संघर्ष की या फिर मंगलयान की लॉन्चिंग। इन सभी मुद्दों पर फेसबुक पर खूब चर्चा हुई। भारतीय यूजर गोल्डन टेंपल से ज्यादा संख्या में लाइव हुए। पढ़िए कौन से मुद्दे, कौन सी बातें और कौन सी शख्सियतें सर्वाधिक लोकप्रिय सोशल प्लेटफॉर्म पर इस साल छाई रहीं।
स्वर्ण मंदिर-डिज्नीलैंड टॉप पर
फेसबुक की चेक इन लिस्ट (भारत) में हरमंदिर साहिब (द गोल्डन टेंपल) इस साल शीर्ष पर रहा तो वहीं दूसरी ओर डिज्नीलैंड एंड डिज्नी कैलीफोर्निया एंडवेंचर विश्व भर में पहले पायदान पर रहा। फेसबुक इन स्थानों का आकलन फेसबुक यूजर के जाने के आधार पर किया है। वैश्विक सूची में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड को दूसरा और ब्राजील के साओ पाउलो के आईबीइरापुएरा पार्क को तीसरा स्थान हासिल हुआ है। कनाडा का रोजर एरेना और मिस्र के शर्म-अल-शेख को शीर्ष पांच में जगह मिली है।

दीपिका ने जीते बिग स्टार एंटरटेंमेंट के तीन पुरस्कार

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अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने बिग स्टार एंटरटेंमेंट के तीन पुरस्कार जीते हैं जिसमें रोमांटिक और कॉमेडी भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार शामिल है। रिलायंस ब्राडकास्ट नेटवर्क लिमिटेड लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत बिग स्टार एंटरटेंमेंट पुरस्कारों के चौथे संस्करण की शुरुआत भारत के फिल्म और टेलीविजन क्षेत्र के प्रतिभावान और सामर्थ्यवान प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिए की गई थी।
इस वर्ष दीपिका की लगातार चार फिल्में हिट रहीं। उन्हें चेन्नई एक्सप्रेस के लिए सबसे मनोरंजक अभिनेत्री का पुरस्कार प्रदान किया गया तथा इसी वर्ग में फरहान अख्तर को भाग मिल्खा भाग के लिए पुरस्कार मिला। फिल्म निर्माता राकेश रोशन को कृष 3 के लिए सबसे मनोरंजक निदेशक नामित किया गया। भाग मिल्खा भाग को वर्ष की सबसे मनोरंजक फिल्म का पुरस्कार मिला।
    
स्टार प्लस इंटरटेंनर ऑफ द ईयर का पुरस्कार शाहरुख खान और इंटरटेनर ऑफ द सेंचुरी का पुरस्कार अमिताभ बच्चन को दिया गया। रोमांटिक फिल्म लुटेरा और आशिकी 2 के लिए क्रमश: सोनाक्षी सिन्हा और आदित्य राय कपूर को सबसे मनोरंजक अभिनेता का पुरस्कार मिला। सबसे रोमांटिक फिल्म अयान मुखर्जी की ये जवानी है दीवानी थी। बेस्ट रोमांटिक कपल का पुरस्कार साझा तौर पर आदित्य राय कपूर-श्रद्धा कपूर को आशिकी 2 और शाहरुख खान-दीपिका पादुकोण को चेन्नई एक्सप्रेस के लिए दिया गया।
    
कॉमेडी फिल्म में सबसे मनोरंजक अभिनेता का पुरस्कार चेन्नई एक्सप्रेस के लिए दीपिका पादुकोण (महिला) और फिल्म जॉली एलएलबी के लिए अरशद वारसी (पुरुष) को मिला। सर्वश्रेष्ठ कॉमेडी फिल्म का पुरस्कार चेन्नई एक्सप्रेस को दिया गया। अभिनेता रितिक रोशन ने कृष 3 में भूमिका के लिए एक्शन फिल्म में सबसे मनोरंजक अभिनेता का पुरस्कार जबकि रामलीला को सर्वश्रेष्ठ

दिल्ली में हर महीने 20 हजार लीटर पानी मुफ्त मिलेगा

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दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए मीटर कनेक्शन वाले प्रत्येक परिवार को रोजाना 667 लीटर पानी मुफ्त पानी देने की सोमवार को घोषणा की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कौशांबी स्थित आवास में उनकी अध्यक्षता में हुई दिल्ली जल बोर्ड की एक बैठक में यह फैसला किया गया।
दिल्ली जल बोर्ड के नवनियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि मीटर कनेक्शन वाले सभी परिवारों को 1 जनवरी से 20 किलोलीटर पानी मुफ्त मिलेगा। हम कोई अतिरिक्त शुल्क जैसे कि जल उपकर और सीवरेज शुल्क नहीं लगाएंगे।
हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि उपभोक्ता 20 किलोलीटर से अधिक पानी की खपत करते हैं तो उन्हें पानी और अन्य शुल्क अदा करना होगा। कुमार को देबाश्री बनर्जी के स्थान पर शनिवार को बोर्ड का सीईओ नियुक्त किया गया। समझा जाता है कि मुखर्जी को मुफ्त पानी आपूर्ति करने पर ऐतराज था। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि यदि वह सत्ता में आई तो हर परिवार को 700 लीटर मुफ्त पानी की आपूर्ति रोजाना की जाएगी। पिछले महीने दिल्ली जल बोर्ड ने अपने वित्त में सुधार के लिए जनवरी से पानी का शुल्क 10 प्रतिशत बढ़ाने की योजना बनाई थी। बहरहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार शहर में 1600 अनाधिकृत कॉलोनियों को आपूर्ति की जा रही पानी के लिए शुल्क लेगी या नहीं क्योंकि इन बस्तियों में रहने वाले ज्यादातर लोगों के घर पानी का मीटर अभी तक नहीं लगा है।

घोषित करना चाहिए पीएम पद का उम्मीदवारः चिदंबरम

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वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस को अगले सा ल होने वाले आम चुनावों से पहले प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए। एक टेलीविजन चैनल को दिए गए साक्षात्कार में चिदंबरम ने कहा, मेरी राय में कांग्रेस को एक व्यक्ति को पार्टी के नेता के तौर पर पेश करना चाहिए। मेरी राय है और इस पर पार्टी को फैसला करना है।
उन्होंने कहा कि संसदीय और राज्य के चुनावों में आज मतदाता पूछते हैं कि कौन नेता है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस स्थिति को मैंने विगत 15-20 वर्षों में देखा है। उन्होंने कहा कि अनेक राज्यों में चुनाव में पार्टी ए या पार्टी बी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बीच सीधा मुकाबला होता है। चिदंबरम ने कहा कि हमने तमिलनाडु में तकरीबन 30 वर्षों या अधिक समय से ऐसा देखा है। भाजपा ने सितंबर में नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था। इस बात को लेकर आलोचना हो रही है कि कांग्रेस अपने प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं कर रही है। जिस दिन चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे उसी दिन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि पार्टी सही समय पर अपने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेगी। बता दें कि इस बात को लेकर अटकलें हैं कि कांग्रेस 17 जनवरी को एआईसीसी की बैठक में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेगी।

शिविरों में बच्चों की मौत पर केंद्र ने मांगा ब्यौरा

Image Loadingउत्तर प्रदेश सरकार ने मुजफ्फरनगर में दंगा पीडितों के लिए बनाए गए राहत शिविरों में बच्चों की मौत के बारे में ब्यौरा भेजने के केन्द्र के आग्रह पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया हालांकि चार बार लगातार इस तरह का आग्रह किया गया है।
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से चार बार कहा कि वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दंगा पीडितों के लिए लगाए गए राहत शिविरों में मौत का शिकार बने बच्चों की संख्या बताए, उनकी मौत की वजह बताए और यह भी बताए कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि हमने 8 दिसंबर से अब तक चार पत्र भेजे। आज ही एक पत्र भेजा गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हालांकि चारों पत्रों की अनदेखी की और उसे अभी जवाब देना बाकी है। शिविरों में रहने वाले लोगों ने पिछले हफ्ते दौरे पर गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से शिकायत की थी कि राहत शिविरों में गर्म वस्त्रों के अभाव में ठंड से 23 बच्चों की मौत हो चुकी है। बसपा ने हाल ही में संपन्न संसद के शीतकालीन सत्र में लगतार ये मुद्दा उठाया और सदन की कार्यवाही बाधित की। बसपा का दावा था कि राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से राहत शिविरों में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई है। मीडिया में भी खबरें आईं कि इन राहत शिविरों में अब तक 40 बच्चों की मौत हो चुकी है। 

Sunday 29 December 2013

घुटने का दर्द, पर सर्जरी नहीं समाधान

Image Loadingलोग घुटने के दर्द से मुक्त होने के लिए इसकी सर्जरी कराते हैं, लेकिन हाल के एक अध्ययन से यह बात सामने आई है कि अनावश्यक सर्जरी की अपेक्षा फिजियोथेरेपी घुटने के दर्द के इलाज में ज्यादा कारगर हो सकता है।
आथ्रेस्कोपिक सर्जरी आम बात है, लेकिन फिनलैंड में कराए गए अध्ययन की माने तो हजा रों लोग अनावश्यक रूप से सर्जरी कराते हैं। अध्ययन के अनुसार, इस सर्जरी की संख्या कम होनी चाहिए तथा फिजियोथेरेपी इस रोग के निदान का अच्छा विकल्प है। फिनलैंड के शोध में हालांकि, सर्जरी को कारगर माना गया है लेकिन यह कम उम्र के रोगियों पर किया जाना चाहिए है। इसका कहना है कि 80 फीसदी मामले में सर्जरी उतनी कारगर साबित नहीं होती। अमेरिकन एकेड़मी ऑफ आर्थोपेडिक सर्जन डेविड जेवसेवर ने कहा, ''यह जाना माना अध्ययन है। यह कई शोध को विश्वसनीयता देता है जिसने यह दिखाया है कि मरीजों पर आथ्रेस्कोपी हमेशा बेहतर साबित नहीं रहती।'' इस अध्ययन के लिए पांच अस्पताल और 35 से 45 साल के 146 मरीजों को शामिल किया गया।

अधिक सेहतमंद जिंदगी जीते हैं विदुर

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क्या विधवा या विदुर होना कठिन, सही या गलत है? विधवा या विदुर अपनी जिंदगी का वास्तव में आनंद लेते हैं, जबकि अकेला इंसान अपनी निजी रिश्ते, घर और सुरक्षा के मामले में परेशानी झेलता है।
नेशनल ऑस्ट्रेलियन बैंक वेलबीइंग इंडेक्स के हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक विधवा-विदुर शादीशुदा लोगों की अपेक्षा सेहतमंद जिंदगी जीते हैं। ऑस्ट्रेलिया में 2,100 लोगों पर कराए गए शोध से पता चला कि 18 से 29 साल की महिलाएं दुखी रहती हैं, जबकि विधवा-विदुर अच्छी जिंदगी जीते हैं। एनएबी के अर्थशास्त्री के मुताबिक, ''उसी तरह, शादीशुदा जोड़ों की अपेक्षा ऐसे लोग मानसिक रूप से स्वस्थ, समुदाय का हिस्सा और सेहतमंद महसूस करते हैं।'' अध्ययन में यह भी पाया गया है कि जिनके बच्चों नहीं होते वे भी खुशहाल रहते हैं, जबकि निम्न आय की अपेक्षा उच्च आय वाले ज्यादा खुश रहते हैं। छोटे शहरों के लोग बड़े शहरों व ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा ज्यादा खुश रहते हैं।

कैंसर में कीमोथेरैपी से सर्जरी अधिक कारगर

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जीभ व मुंह के कैंसर के लिए कीमोथेरैपी से ज्यादा सर्जरी कारगर साबित होती है।
एक नए अध्ययन के मुताबिक, युनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के कॉम्प्रेहेंसिव कैंसर सेंटर के वैज्ञानिकों ने बताया कि जीभ के कैंसर से पीड़ित रोगी, जिसका इलाज कीमोथेरेपी के जरिए किया गया, उसके परिणाम सर्जरी कराने वाले रोगी से खराब रहे। शोधकर्ता डगलस चेपेहा ने कहा, ''जीभ के कैंसर से पीडिम्त एक युवा के लिए कीमोथेरेपी सुनने में अच्छा विकल्प लगता है, लेकिन मुंह के कैंसर के मरीज शुरुआती कीमोथेरेपी को नहीं झेल सकते और वे सर्जरी और इसके बाद के रेडिएशन को झेल सकते हैं।'' उन्होंने कहा, ''हमारे पुनर्निर्माण की तकनीक बेहद आधुनिक है और यह मरीजों को और जीवन प्रदान करती है।'' यह शोध नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। उन्होंने कहा, ''इस तकनीक के गले के कैंसर में कारगर साबित होने के बावजूद शुरुआती कीमोथेरेपी मुंह के कैंसर के इलाज का विकल्प नहीं होनी चाहिए, यह सर्जरी की अपेक्षा ज्यादा बुरा परिणाम सामने लाती है।'' यह शोध 19 मरीजों पर किया गया। उन्हें कीमोथेरेपी के शुरुआती डोज दिए गए, जिन्हें इंडक्शन कीमोथेरेपी कहते हैं।

शादी जब होगी हो जाएगी,शादी के लिए अभी बच्चा हूं!

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यह साल दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह के करियर का सबसे सफल साल रहा। इस साल इन दोनों की एक के बाद एक फिल्में सफल रहीं। तो क्या आने वाले साल में भी इन दोनों सिता रों का जलवा कायम रहेगा? क्या ये दोनों सितारे बाकी सितारों के लिए खतरे की घंटी तो नहीं?
चार सुपरहिट फिल्मों के साथ कैसा महसूस कर रही हैं?
जब लोग फिल्म की प्रशंसा करते हैं तो अच्छा लगता है। पर मैं इन बातों को बहुत ज्यादा गंभीरता से नहीं लेती। लेकिन जब फिल्म सौ करोड़ या दो सौ करोड़ कमाती है तो सुनने में भी अच्छा लगता है। आप इम्तियाज अली के साथ एक फिल्म ‘विंडो सीट’ करने वाली हैं?
यह सच है कि मैं इम्तियाज अली के साथ एक फिल्म कर रही हूं, जो एक लव स्टोरी है और इसमें रणबीर कपूर मेरे अपोजिट हैं, लेकिन इस फिल्म का नाम अभी तक तय नहीं है। इस फिल्म की शूटिंग अगले साल मई या जून तक शुरू होगी। पर यह फिल्म 2014 में रिलीज होगी या 2015 में, यह मैं नहीं कह सकती।    पर चर्चा तो ये है कि शाहरुख के साथ आपकी कैमिस्ट्री ज्यादा अच्छी जमती है?
मैंने अपने करियर की शुरुआत शाहरुख खान के साथ की थी। उस वक्त मुझे बहुत कुछ सीखना पड़ा। लगभग छह साल बाद जब मैंने दोबारा उनके साथ ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ में काम किया तो यह मेरे लिए एक अलग तरह का अनुभव था। अब हम ‘हैप्पी न्यू ईयर’ में फिर साथ काम कर रहे हैं। उम्मीद करती हूं कि दर्शकों को हमारी जोड़ी फिर पसंद आएगी।  रणबीर कपूर और रणवीर सिंह के साथ भी आपकी जोड़ी काफी हिट रही है। क्या कहना चाहेंगी इन दोनों के बारे में?
मैं तो भविष्य में भी इन दोनों के साथ काम करना चाहूंगी। इससे अधिक एक कलाकार के तौर पर हमें क्या चाहिए? ‘कॉकटेल’ के बाद आप होमी अदजानिया की दूसरी फिल्म ‘फाइंडिंग फैनी फर्नाडीस’ में भी काम कर रही हैं। कोई खास वजह?
मैंने किसी स्ट्रेटजी के तहत इस फिल्म में काम करना स्वीकार नहीं किया था। ‘कॉकटेल’ की शूटिंग के दौरान होमी ने मुझसे इस फिल्म का जिक्र किया था। तब से वह मेरे जवाब का इंतजार कर रहे थे। हां, उसी दौरान मैंने उनसे इस फिल्म के लिए हां भी कर दी थी। इन दिनों रणवीर सिंह के साथ आपकी बढ़ती रिलेशनशिप की काफी चर्चाएं होती रहती हैं?
लोग बकवास कर रहे हैं। ऐसा कुछ नहीं है। सच यह है कि मेरी जिंदगी में इन दिनों प्यार और शादी के लिए समय ही नहीं है। मैं अपने करियर में बहुत ज्यादा व्यस्त हूं। मेरी राय में प्यार और शादी जब होनी होगी, हो जाएगी। आपको नहीं लगता कि अब आपको ध्यान में रखकर चरित्र लिखे जा रहे हैं?
मेरी कोशिश होती है कि मैं नारी प्रधान फिल्मों को स्वीकार करूं। और फिल्मकारों को भी इस बात का एहसास है, इसलिए वह मेरे पास इसी तरह की फिल्मों के ऑफर लेकर आते हैं। इंडस्ट्री में ऐसा कौन सा इंसान है, जिसे आप नापसंद करती हैं?
किसी को नापसंद करने में अपनी एनर्जी बर्बाद करने से अच्छा है कि मैं अपनी एनर्जी उसके साथ अपने रिश्तों को बनाए रखने में जाया न करूं। करियर में आपने काफी ऊंचाई तय कर ली है। वहां से नीचे गिरने का डर नहीं सताता?
मुझे अपनी तकदीर पर पूरा यकीन है। किसी फिल्म या चरित्र का चयन करने से पहले आप किससे सलाह लेती हैं?
मैं अपने विचारों को अपने करीबी लोगों के साथ बांटती हूं। पर मैं अंतिम निर्णय स्क्रिप्ट के आधार पर खुद ही करती हूं। क्या आपको लगता है कि अब आप ज्यादा पैसा मांगने में समर्थ हो गयी हैं?
सच कहूं तो मुझे पैसा मांगना ही नहीं आता। इस साल ‘लुटेरा’ और ‘गोलियों की रासलीला राम-लीला’ को मिली सफलता से आपके अंदर क्या बदलाव आया?
मैं आपके सामने हूं। क्या आपको लग रहा है कि मैं कहीं से बेडौल हो गया हूं? मेरे अंदर कोई बदलाव नहीं है। हां, अब मैं बेतुकी बातें झेलने की बजाय उनका सामना करना सीख रहा हूं।   तो क्या आप अपने करियर से संतुष्ट हो गए हैं?
जिस दिन कलाकार संतुष्ट हो जाता है, उसी दिन उसके अंदर का कलाकार मर जाता है। मेरी हालिया फिल्मों की सफलता मेरे करियर में यह बहुत बड़ा टर्निग प्वाइंट है। पर अभी मुझे बहुत कुछ करना है।  पूरे दो साल बाद यशराज फिल्म्स में आपकी एक बार फिर से वापसी हो रही है?
मैं यशराज से दूर ही कहां गया था, जो वापसी हो रही है। ये तो मेरे घर जैसा है। मैं इस बैनर की एक अन्य फिल्म ‘किल दिल’ भी कर रहा हूं।    फिल्म ‘गुंडे’ के बारे में कुछ बताएं?
यह फिल्म 70 के दशक की कहानी कहती है, जिसमें मैंने एक बंगलादेशी रिफ्यूजी का किरदार निभाया है, जो कि बाद में कोलकाता शहर का बड़ा गुंडा बन जाता है। तो क्या ये भी ‘लुटेरा’ जैसी पीरियड फिल्म है?
बिलकुल नहीं। ‘लुटेरा’ में तो मैं लुटेरा बना था, जबकि इस फिल्म में मेरा किरदार काफी अलग किस्म का है। वैसे भी अभी से सब कुछ बता दिया तो फिल्म को लेकर सारी उत्सुकता खत्म हो जाएगी।  आप अभिनय से ज्यादा अनुष्का या दीपिका संग अफेयर के कारण चर्चा में ज्यादा रहते हैं?
ये चर्चाएं भी मीडिया वाले ही करते हैं। पता नहीं क्यों आप लोग मुझे सही तरीके से जज नहीं करते। मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि मेरे बारे में जो कुछ कहा जा रहा है, वह सही नहीं है। बस ये है कि मुझे लड़कियां हमेशा आकर्षित करती हैं।  ठीक है, तो फिर शादी के बारे में क्या सोचा है?
शादी के लिए तो मैं अभी बच्चा हूं। सच कहूं तो 26 साल की उम्र तक मेरे लिए शादी के कुछ और ही मायने थे। मैंने सोच रखा था कि मैं कभी शादी नहीं करूंगा। आज मैं सोचता हूं कि मुझे सच में शादी करनी चाहिए। 35 साल की उम्र से पहले ही मुझे शादी करनी है। यदि तब तक नहीं हुई तो मैं बहुत घबरा जाऊंगा। जोया की फिल्म में आप अनुष्का के साथ फिर से काम करने जा रहे हैं?
अभी बात चल रही है। कुछ भी तय नहीं हुआ है। पर मुझे अनुष्का के साथ काम करने में खुशी होगी। उन्होंने मुझे एक बेहतरीन कलाकार बनाया है। ऐसा है तो आपने अनुष्का के साथ ‘बॉम्बे वेलवेट’ क्यों नहीं की?
हां, उन दिनों मैं भंसाली सर की फिल्म में व्यस्त था।

कंपनियों ने 27.4 अरब डॉलर के विलय अधिग्रहण सौदे किए

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आर्थिक गतिविधियों में नरमी के चलते इस साल भारतीय कंपनियों द्वारा किए जाने वाले विलय एवं अधिग्रहण सौदों में गिरावट देखने को मिली। आलोच्य साल 2013 में लगभग 30 अरब डॉलर मूल्य के करीब 500 सौदे हुए परंतु अगले साल विशेषकर आम चुनावों के बाद इनमें गति आने की उम्मीद है।
सौदों पर निगरानी रखने वाली विभिन्न कंपनियों के आंकड़ों के अनुसार उल्लेखनीय है कि 2012 में भारतीय कंपनियों ने 35.4 अरब डॉलर मूल्य के 598 विलय एवं अधिग्रहण सौदे, जबकि 2011 में 44.6 अरब डॉलर मूल्य के 644 सौदे हुए थे। सौदों के मूल्य में लगातार दूसरे साल गिरावट दर्ज की गई है और विलय एवं अधिग्रहण सौदों के लिए अच्छी मांग है और सौदों की संख्या 2014 में बढ़ सकती है। ग्रांट थोर्नटन के अनुसार 13 दिसंबर, 2013 तक 27.4 अरब डॉलर मूल्य के कुल 480 ऐसे समझौते हुए जिनमें भारतीय कंपनियां शामिल थीं। उसके बाद से कुछ और सौदों की घोषणा की गई है। सौदों पर निगाह रखने वाली वैश्विक फर्म मर्जरमार्केट के भारतीय ब्यूरो प्रमुख मिथुन वरके ने कहा कि अगले साल यानी 2014 में सौदे मुख्यत: स्थानीय उपभोग पर आधारित क्षेत्रों विशेषकर उपभोक्ता एवं दवा क्षेत्र से होंगे।

चीन ने दी दूसरे बच्चे पैदा करने की औपचारिक अनुमति

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चीन की शीर्ष विधायिका ने शनिवार को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें उन युगलों को दो बच्चों को पैदा करने की अनुमति दी गई है जिनके माता-पिता की एक ही संतान है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, नेशनल पीपल्स कांग्रेस (एनसीपी) की स्थायी समिति ने अपने द्विमासिक सत्र में परिवार नियोजन नीति में समायोजन और सुधार का प्रस्ताव पारित कर दिया। नई नीति के संज्ञान के लिए चीन में प्रस्ताव प्रांतीय कांग्रेस और उनकी स्थायी समितियों को सौंपा गया। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) ने 18वें सीपीसी सेंट्रल कमेटी के तीसरे पूर्ण अधिवेशन में ही एक संतान नीति को सरल करने का फैसला लिया था।

समस्याओं के समाधान के लिए 10 दिन का समय दें:केजरीवाल

Image Loadingदिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में लोगों की समस्याओं और शिकायतों के समाधान के लिए एक प्रणाली का गठन करने के लिए रविवार को 10 दिन का समय मांगा।
केजरीवाल ने कहा कि वह एक प्रणाली विकसित हो जाने के बाद ही उनसे मिलने आ ए लोगों के प्रार्थना पत्रों को स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं आपको झूठा दिलासा नहीं देना चाहता हूं। हम समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रणाली विकसित कर लेने के बाद ही प्रार्थना पत्रों को स्वीकार करेंगे। केजरीवाल ने उनके आवास पर बड़ी संख्या में एकत्र हुए लोगों से कहा कि उन्हें ऐसी प्रणाली विकसित करने के लिए लोगों का समर्थन चाहिए और उनके समर्थन के बिना वह समस्याओं को सुलझा नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने अभी अभी सत्ता संभाली है। हमें आपकी समस्याओं को सुलक्षाने के लिए एक प्रणाली विकसित करने में सात से 10 दिन का समय लगेगा। नगर निगमों और डीटीसी में संविदा पर काम करने वाले कर्मचारी इन संगठनों में संविदा प्रणाली समाप्त करने की अपनी मांग को लेकर केजरीवाल के पास आए थे। उन्होंने मांग की कि कई वर्षों से काम कर रहे कर्मचारियों को स्थायी बनाया जाना चाहिए।

अमीर राज्य की गोद में गरीबी पल रही है: मोदी

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भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने रांची में एक विशाल रैली को सं बोधित करते हुए कहा कि अमीर राज्य की गोद में गरीबी पल रही है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि झारखंड पर गलत लोगों ने शासन किया।
मोदी ने कहा कि झारखंड के गठन को सालों कांग्रेस पार्टी ने लटकाए रखा। अंत में अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड के लोगों की भावनाओं को समझा और इस राज्य का गठन किया। मोदी ने कहा कि हम वाजपेयी के प्रति सदा आभारी रहेंगे, क्योंकि उन्होंने इसका निर्माण किया। लेकिन जिन उम्मीदों के लिए इस राज्य का गठन किया गया, हमें उन उम्मीदों पर खरे उतरने है। मोदी ने कहा कि लेकिन अभी वाजपेयी की उम्मीदों का झारखंड नहीं बना है, इसलिए हमें इसके लिए कोशिश करनी चाहिए। दुर्भाग्यवश झारखंड की गरीबी बढ़ती ही जा रही है। उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ का गठन झारखंड के साथ ही हुआ था, लेकिन झारखंड सबसे पीछे रह गया। जिन तीन राज्यों ने एक साथ गठन हुआ था, उनमें छत्तीसगढ़ आगे निकल गया और अन्य दो पीछे रह गए। उनमें भी झारखंड सबसे पीछे रह गया। मोदी ने कहा कि झारखंड में इतनी क्षमता है कि यह कई सारे देशों से अधिक सम्पन्न हो सकता है, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया। मोदी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार पर यकीन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दिन लद गए हैं और अब जनता द्वारा उसे उखाड़ फेंकने का समय आ गया है।

लालू बोले, राहुल के सामने कुछ नहीं हैं मोदी, केजरीवाल

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मुजफ्फरनगर में दंगा पीड़ितों के राहत शिविरों का दौरा करने आए राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल कांग्रेस उपाध्यक्ष के सामने कुछ भी नहीं हैं।
लालू प्रसाद ने यहां साम्प्रदायिक हिंसा के लिए भाजपा और सपा को दोषी ठहराया। राजद प्रमुख ने कहा कि उनका दल लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगा। उन्होंने कहा कि राहुल के सामने केजरीवाल और मोदी कुछ नहीं है। आप लोगों ने उन्हें (केजरीवाल, मोदी को) चांद पर बैठा दिया है। आप ही हैं, जिन्होंने उनका प्रचार किया है। उन्होंने अब तक किया क्या है। शामली में गत रविवार को राहुल गांधी के दौरे के एक सप्ताह बाद यहां दौरे पर आए लालू ने कांग्रेस उपाध्यक्ष के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि शिविरों में रह रहे लोगों को अपने गांवों में लौट जाना चाहिए। लालू ने कहा कि हम यहां पीड़ितों के आंसू पोंछने आए हैं। उन्हें अपने घर लौट जाना चाहिए। सरकार को इस कार्य में मदद करनी चाहिए। लालू ने आम आदमी पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी लालबत्ती वाली कारों और सुरक्षा आदि जैसी सुविधाएं लेने से इनकार करके नाटक कर रही है। उन्होंने कहा कि आप भ्रष्टाचार के बारे में बात कर रही है, लेकिन वे खुद भ्रष्ट हैं। लालू ने मोदी पर निशाना साधते हुए उनके निकट सहयोगी अमित शाह को समाज को साम्प्रदायिक बनाने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री का महाप्रबंधक करार दिया। उन्होंने कहा कि वह (शाह) पूरे माहौल को खराब कर रहे हैं। यहां (उत्तर प्रदेश में) काम कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मोदी और अमित शाह इसके लिए जाने जाते हैं और देखिए दंगे हो गए। लोग यहां साथ मिलकर रहा करते थे, लेकिन दंगे हो गए। लालू ने कहा कि अमित शाह को उत्तर प्रदेश में पार्टी की चुनाव मुहिम संभालने के लिए भेजे जाने के बाद यहां साम्प्रदायिक हिंसा हुई। वह राज्य का माहौल खराब कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा देश की दुश्मन है, हम भाजपा के दुश्मन है। उन्होंने कहा कि जिन ताकतों ने अफवाह फैलाई थी कि भगवान गणेश दूध पी रहे हैं, वे पूरे समाज को साम्प्रदायिक बनाने और बाह्य एवं आंतरिक विभाजन को बढावा देने की कोशिश कर रही है। युवक मुख्य रूप से इसका शिकार हैं। लालू को अल्पसंख्यक समुदाय के बीच एक लोकप्रिय नेता माना जाता है और उनकी पार्टी राजद ने मुख्य रूप से मुस्लिम-यादव समर्थन से 15 वर्ष तक बिहार में सत्ता संभाली। राजद प्रमुख ने कहा कि विभाजनकारी ताकतें और हस्तिनापुर (दिल्ली) की सीट पर कब्जा करने की चाहत रखने वालों ने हिंदू राज्यों को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि मैंने पटना में एक रैली में कहा था कि लोगों को यह निर्णय लेना है कि 2014 के चुनावों में देश एक रहेगा या विभाजित हो जाएगा। चारा घोटाला मामले में जमानत पर जेल से बाहर आए लालू ने दंगा पीड़ितों से बात करते हुए कहा कि वह जेल में होने के कारण उनसे मिलने पहले नहीं आ सके। लालू ने कहा कि राहत शिविरों में रह रहे लोगों पर शुरुआत में कोई ध्यान नहीं दिया गया। यदि शुरुआत में ही उन पर ध्यान दिया जाता तो आज हालात बेहतर होते।
 सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने विवादास्पद बयान दिया था कि शिविरों में रह रहे लोग दंगा पीड़ित नहीं, बल्कि राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। यादव ने इस बयान का जिक्र करते हुए कहा कि यह बहुत बुरी बात है, मैंने लोगों को यह कहते भी सुना है कि शिविरों में रह रहे लोग पीड़ित नहीं हैं। उन्होंने सपा प्रमुख को याद दिलाते हुए कहा कि उनकी धर्मनिरपेक्ष सरकार के लिए अल्पसंख्यकों ने इतने खुले दिन से मतदान किया था कि उन्हें भी उम्मीद नहीं थी कि वह इतने बड़े अंतर से जीत दर्ज करेंगे। लालू ने कहा कि मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा हूं, लेकिन प्रशासन को इस मामले में शुरुआत में जो ध्यान देना चाहिए था, वह नहीं दिया गया। उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी के राहत शिविरों में लोगों के ठंड ने नहीं मरने संबंधी बयान के बारे में पूछे जाने पर लालू ने कहा कि वे सभी पागल हो गए हैं, इन अधिकारियों के ऐसे बयानों का खामियाजा किसी और को भुगतना पड़ेगा।

Saturday 28 December 2013

कोई पैसे मांगे तो मना मत करना, बस, मुझे बता देना: अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मु
ख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आज जो शपथ ली गई है, वो अरविंद केजरीवाल ने नहीं ली है, ना ही इन मंत्रियों ने नहीं ली, बल्कि यह शपथ दिल्

ली की जनता ने ली है। ये कवायद अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं थी, बल्कि भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए थी। यहां केजरीवाल की जीत नहीं हुई है, बल्कि आम आदमी की जीत हुई है। केजरीवाल ने साथ ही कहा कि पहले तो कोई काम भी रिश्वत के बिना नहीं होता था, लेकिन मैं ऐलान करता हूं, अगर आपसे कोई पैसे मांगे तो मना मत करना, उससे सेटिंग कर लेना। हम आपको दो दिन के भीतर एक फोन नंबर देंगे। आप बस उस नंबर पर तुरंत सूचना दे देना। हम सभी रिश्वत लेने वाले को रंगे हाथों पकड़वा देंगे।
एक नजर में पढ़ें शपथ ग्रहण के बाद अरविंद केजरीवाल का संबोधन
दोस्तों, बैरिकेडिंग को मत तोड़िए, बाउंड्री पर मत दौड़िए। इससे पुलिस वालों को व्यव्स्था बनाए रखने में परेशानी हो रही है। बहनों, भाइयों, माताओं, बुजुर्गो, आप सबको सबसे पहले मेरा नमस्कार, मेरा प्रणाम। दोस्तों आज बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। आज जो शपथ ली गई है, वो अरविंद केजरीवाल ने नहीं ली, इन मंत्रियों ने नहीं ली, बल्कि दिल्ली की जनता ने ली है। ये कवायद अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं थी। यहां केजरीवाल की जीत नहीं हुई है, आम आदमी की जीत हुई है।
दिल्ली के लोगों ने इस बार विधानसभा चुनाव में बहुत बड़ा काम करके दिखाया है। इस देश के लोग पूरी तरह से निराश हो चुके थे। ऐसा लग रहा था कि इस देश का कुछ नहीं हो सकता है, यहां कुछ भी नहीं बदल सकता, लेकिन दिल्ली की जनता ने दिखा दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़े भी जा सकते हैं और जीते भी जा सकते हैं। ये जीत दिल्ली के लोगों की जीत है। मैं ईश्वर को धन्यवाद देना चाहूंगा कि ये जो जीत हुई है वो वाकई कुदरती करिश्मा लगती है, जो दो साल पहले बिलकुल नहीं लगता है। इसके लिए भगवान, ईश्वर, अल्ला का शुक्रिया अदा करता हूं, लेकिन दोस्तों असली लड़ाई अभी बची है। ये लड़ाई सिर्फ केजरीवाल नहीं लड़ सकते हैं, लेकिन दिल्ली के डेढ़ करोड़ लोग एकजुट हो जाएं तो हम लड़ाई जीत सकते हैं। यह भी सच है कि मेरे हमारे पास सारी समस्याओं का समाधान नहीं है और ना ही हमारे पास जादू की छड़ी है कि आज सरकार बनेगी और कल सबकुछ सही हो जाएगा, लेकिन दिल्ली के लोग मिलजुलकर इसका समाधान कर सकते हैं। दिल्ली के अंदर ऐसी व्यवस्था चलाएंगे कि डेढ़ करोड़ लोग मिलकर सरकार बनाएंगे और सरकार चलाएंगे।
दोस्तों, आज से ढाई साल पहले यहीं इकट्ठा हुए थे। हमने सिर्फ भ्रष्टाचार दूर करने की मांग की थी। अनशन किया, प्रदर्शन किया, लेकिन यह साफ हो गया कि जबतक राजनीति नहीं बदलेगी तब तक तकदीर नहीं बदलेगी। अन्ना जी कहते थे कि राजनीति कीचड़ है, लेकिन मैं उन्हें समझाता था कि इसके अंदर जाकर ही इसे सुधारा जा सकता है। राजनीति खराब होने के कारण सभी समस्याएं सामने हैं। दोस्तों इसी राजनीति को साफ करने के लिए हमलोग निकले हैं और आज बहुत ऐतिहासिक दिवस है। पिछले दो साल से संघर्ष कर रहे हैं और इस दौरान हमने संतोष कोली को खो दिया।
आज कल कई लोग कहते हैं कि अरविंद जी सतर्क रहना। अफसर शाही आपको सतर्क नहीं होने देंगे। मुझे इस बात से कोई हिचक नहीं है और मैं देश की सेवा करना चाहता हूं। दिल्ली की अफसरशाही को यह दिखाना होगा कि जनता इकट्ठी हो जाए तो हम लोग देश को भ्रष्टमुक्त बना सकते हैं। मैं अपने विधायकों से विनती करना चाहूंगा कि हमारे अंदर कभी घमंड नहीं आना चाहिए। जिस दिन यह घमंड आ गया, उस दिन सारी तपस्या खत्म हो जाएगी। यह बात कार्यकर्ताओं के लिए भी लागू होती है। हमें सबके सामने हाथ जोड़कर विनम्रता के साथ काम करना है। हमें सेवाभाव कभी नहीं भूलना चाहिए। दोस्तों आज हम सभी लोगों ने मिलकर बड़ी से बड़ी ताकतों का ललकारा है, सांप्रदायिक ताकतों को ललकारा है दोस्तों। ये कभी शांत नहीं बैठेंगी, लेकिन सच्चाई का रास्ता तो कांटो भरा ही होता है। जैसे आज तक हमने सारी चुनौतियों का सामना किया है, वैसे ही हम आगे भी चुनौतियों का सामना करते रहेंगे।
मैं समझता हूं कि हमारे ऊपर दिल्ली की जनता ने बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है, उसे हम पूरा करेंगे। कई बार मन में डर लगता है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि हम सफल होंगे या नहीं ये हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन हे प्रभु हमें इतनी शक्ति देना कि हमसे कोई चूक न हो। इस पूरे संघर्ष में मैं सभी का आह्वान करता हूं। डॉ हर्षवर्धन जो भाजपा के नेता हैं, वे बहुत अच्छे इंसान हैं, उनकी पार्टी के बारे में तो कुछ नहीं कह सकता लेकिन वे बहुत अच्छे इंसान हैं। मैं उन्हें बहुत अच्छी तरह से जानता हूं। सभी पार्टियों से भी अपील करता हूं कि अगर उन्हें यह सब सही लगे तो वे भी अच्छे कामों में उनका साथ दें।
एक सप्ताह में विश्वास मत का प्रस्ताव आएगा। कुछ लोग कह रहे हैं कि विश्वास मत हासिल नहीं होगा, लेकिन मुझे इस बात का डर नहीं है। अगर विश्वास मत हासिल नहीं किया तो मैदान में उतर जाएंगे और जनता चुनाव के लिए तैयार है। चिंता तो दूसरी पार्टी वाले कर रहे हैं, हम नहीं कर रहे हैं। साथियों अंत में मैं यह कहना चाहूंगा कि पिछले दो साल में इस देश में बहुत कुछ अद्भुत हो रहा है। यह सब भगवान, ईश्वर का चमत्कार है। दामिनी का बलात्कार हुआ तो पूरा देश सड़कों पर उतर आया। बलात्कार तो इससे पहले भी हुआ था, लेकिन ऐसा आंदोलन नहीं हुआ था। मुझे विश्वास है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो अगले पांच साल में यह देश सोने की चिड़िया कहलाएगा।
दोस्तों, अब हम सब लोगों को मिलकर दिल्ली को बदलना है। हम यह कसम खाएंगे कि कभी रिश्वत नहीं लेंगे और ना ही देंगे। पहले तो कोई काम भी रिश्वत के बिना नहीं होता था, लेकिन मैं ऐलान करता हूं और अगर आपसे कोई पैसे मांगे तो मना मत करना, उससे सेटिंग कर लेना। हम आपको दो दिन के भीतर एक फोन नंबर देंगे। आप उस नंबर पर तुरंत सूचना दे देना। हम सभी रिश्वत लेने वाले को रंगे हाथों पकड़वा देंगे। आपका काम नहीं रुकेगा। आपका काम मैं करवाउंगा। आप यह कसम खाइए कि मैं न रिश्वत लूंगा, न ही दूंगा। आपलोग मेरे साथ दोहराइए, मैं कसम खाता हूं कि अपनी जिंदगी में न कभी रिश्वत लूंगा और न कभी दूंगा। इसी बात को उन्होंने जनता से दोहरवाया। पार्टी की प्रार्थना के साथ अपना संबोधन समाप्त किया।

गैर परंपरागत राजनीति के प्रतीक हैं आम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

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राजनीति के वैकल्पिक ब्रांड के प्रतीक के रूप में उभरे और इंजीनियर से लोकसेव क बने अरविंद केजरीवाल ने आप को सत्ता में लाकर राजनीतिक सोच बदल दी है। आम आदमी पार्टी की इस जीत से कार्यकर्ताओं की उस पार्टी ने उस व्यंग्य का एक मीठा सा बदला ले लिया है, जिसमें उसे कभी बेहद कमजोर बताया गया था।
     
आम आदमी पार्टी के 45 वर्षीय नेता ने सामने से मोर्चा संभालकर गैर परंपरागत तरीके से अपनी मुहिम शुरू की और उनकी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर कांग्रेस के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया। आप के एजेंडे में आम आदमी के हितों को केंद्र में रखते हुए केजरीवाल ने तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित को हरा दिया।
देश के राजनैतिक क्षितिज पर नए सितारे की तरह उभरकर पहली बार में चुनावी मैदान में सफलता हासिल कर लेने वाले केजरीवाल की पार्टी आप को अपना सबसे यादगार उपनाम उस समय मिला था, जब कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने इस साल की शुरुआत में आप को मैंगो पीपुल इन बनाना रिपब्लिक यानि राजनैतिक रूप से बेहद कमजोर देश के लोग कहा था।
    
चेहरे मोहरे से वास्तविक आम आदमी की छवि को साकार करने वाले केजरीवाल को देखकर कहीं यह महसूस नहीं होता कि विनम्र वाणी और सादा हावभाव वाला यह शख्स दिल्ली की सियासत का चेहरा बदलने की कुव्वत रखता है। भ्रष्टाचार के खिलाफ बरसों पहले शुरू की गई अपनी मुहिम को आईआईटी के इस पूर्व छात्र ने धीरे-धीरे एक जन आंदोलन में बदल दिया और राजनीति के दिग्गजों को जब तक उनका खेल समझ में आता, वह सत्ता के गलियारों तक अपनी पहुंच बना चुके थे।
   
परिवर्तन का सपना लेकर राजनीति में उतरे केजरीवाल अपनी विनम्र वाणी और सहज व्यक्तित्व से राजधानी के लोगों को एक बेहतर कल का सपना दिखाने और नयेपन की उम्मीद जगाने में कामयाब रहे और महंगाई, भ्रष्टाचार, लाल फीताशाही और नौकरशाही से आजिज मतदाताओं ने 4 दिसंबर को केजरीवाल को अपना नया नेता चुन डाला।
   
लंबे समय से समाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहे जिस केजरीवाल को राजनीति का नौसीखिया कहकर खारिज किया जा रहा था, उसी केजरीवाल ने एक शानदार राजनैतिक शुरुआत करते हुए महज एक साल की आम आदमी पार्टी के जरिए वर्षों से स्थापित राजनैतिक तंत्र को चुनौती देकर राजनीति में अपनी मजबूत जगह बना ली।
   
केजरीवाल ने भारतीय राजनीति के खेल के पुराने नियम-कायदों को हटाते हुए इस खेल के नए मापदंड तय किए। भ्रष्टाचार विरोधी पार्टी के रूप में शुरू हुए इस सामाजिक आंदोलन ने पूरे भारत में मौजूद छात्रों, किसानों, नागरिक अधिकार समूहों, गैर सरकारी संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, महिला समूहों और शहरी युवाओं की असीमित उर्जा अपने साथ ले ली।

स्वस्थ रहने के लिए लें 10 संकल्प

Image Loadingखुद को स्वस्थ रखने के लिए हम बहुत कुछ करना चाहते हैं, लेकिन कर नहीं पाते। इस साल हम अपनी सेहत के लिए 10 प्रण क्यों न लें, जिसका पालन पूरी ईमानदारी से करें।
नया साल आते ही हम मन ही मन कुछ संकल्प लेने लगते हैं कि आने वाले साल में अपना वजन कम करेंगे, अपनी फिटनेस पर ध्यान देंगे, धूम्रपान या शराब छोड़ेंगे या अधिक पोषक भोजन का सेवन करेंगे आदि। एक अनुमान के अनुसार  विश्व की कुल जनसंख्या के 70 प्रतिशत लोग साल के शुरू होने पर कोई न कोई संकल्प लेते हैं। इनमें स्वास्थ्य संबंधी संकल्प ही सबसे अधिक होते हैं, लेकिन बहुत ही कम लोग अपने संकल्पों को पूरा कर पाते हैं। कोशिश करें कि इस साल आप जो भी संकल्प लें, उन्हें जरूर पूरा करें। तनाव भगाएं
करियर और परिवार की जिम्मेदारियां, काम का बोझ, वक्त की कमी, रिश्तों के बीच बढ़ती दूरियां, अकेलापन और महत्वाकांक्षाएं, आज इन स्थितियों का सामना अधिकतर  लोग कर रहे हैं। इससे उनके जीवन में तनाव का स्तर काफी बढ़ गया है। इसका नकारात्मक प्रभाव उनके शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य तथा जीवन की गुणवत्ता पर पड़ रहा है। इसलिए जरूरी है कि नया साल इस संकल्प के साथ शुरू करें कि छोटी-छोटी बातों पर तनाव नहीं पालेंगे। तनाव के नकारात्मक प्रभाव
तनाव के कारण शरीर में कई हार्मोनों का स्तर बढ़ जाता है, जिनमें एड्रीनलीन और कार्टिसोल प्रमुख हैं। इनकी वजह से दिल का तेजी से धड़कना, पाचन क्रिया का मंद पड़ जाना, रक्त का प्रवाह प्रभावित होना, नर्वस सिस्टम की कार्यप्रणाली गड़बड़ा जाना और इम्यून सिस्टम कमजोर होने जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। जानलेवा मोटापे से बचें
मोटापे का अर्थ है शरीर में आवश्यकता से अधिक चर्बी बढ़ने से शरीर का बेडौल हो जाना। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मोटापे को स्वास्थ्य के लिए सर्वाधिक 10 खतरों में शामिल किया है। आंकड़ों के अनुसार 10 प्रतिशत आबादी मोटापे की शिकार है। मोटापे के नुकसान
मोटापा अपने आपमें कोई रोग नहीं, लेकिन यह कई रोगों को न्योता देने का कारण अवश्य है। इनमें प्रमुख हैं डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हार्ट फेलियर, अत्यधिक पसीना आना, जोड़ों में दर्द और बांझपन। इससे बचे रहकर स्वस्थ व युवा नजर आएंगे। नियमित दिनचर्या अपनाएं
अपने सोने-जागने का एक नियमित चक्र बनाएं। अगर हर दिन एक निश्चित समय पर सोएंगे और जागेंगे, आप अधिक ऊर्जावान और  तरोताजा अनुभव करेंगे। अगर आप अपने स्लीप पैटर्न को बदलना चाहते हैं तो धीरे-धीरे 15 मिनट का बदलाव करके बदलें। इसी तरह से खाने का भी एक नियत समय बना लें, जिससे आपका शरीर उस समय तक ऊर्जा का स्तर बनाए रखने का आदी हो जाएगा। एक्सरसाइज की आदत डालें
आज की तेज रफ्तार जिंदगी से तालमेल बैठाने के लिए स्वस्थ और ऊर्जा से भरपूर होना जरूरी है। इसके लिए एक्सरसाइज से बेहतर क्या हो सकता है। इससे न सिर्फ शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने में सहायता मिलती है, बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। ‘लैनसेट’ में प्रकाशित एक खबर के अनुसार हर दिन केवल 15 मिनट की एक्सरसाइज भी आपके जीवनकाल को 3 साल बढ़ा सकती है। भोजन रखे निरोग
एक पुरानी कहावत है कि भोजन को ही दवा बना लें। अगर आप नियमित रूप से संतुलित और पोषक भोजन का सेवन करेंगे तो न केवल बीमारियों से बचेंगे, बल्कि स्वस्थ और ऊर्जावान भी बने रहेंगे। अपने भोजन में फल, सब्जियों, साबुत अनाज और तरल पदार्थो को उचित मात्र में शामिल करें। दिन में तीन बार मेगा मील खाने की बजाए छह बार मिनी मील खाएं। नींद कितनी जरूरी
विशेषज्ञ कहते हैं कि हमें कम से कम छह से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। हर व्यक्ति के शरीर में नींद की बायोलॉजिकल क्लॉक होती है। जब यह क्लॉक असंतुलित होती है तो परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे तनाव, कोई शारीरिक या मानसिक समस्या। रिश्तों को दें नई ताजगी
अच्छे खुशहाल रिश्ते हमारी सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं। हाल ही में किए एक शोध में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों का सामाजिक जीवन जितना सक्रिय होता है, वो उतने ही खुशहाल होते हैं। सामाजिक रूप से सक्रिय रहना अवसाद और तनाव से दूर रखता है। अपने बच्चों के साथ बैठें और उनसे दिन के बारे में चर्चा करें। परिवार के साथ डिनर या पिकनिक पर जाएं। नाश्ता करने की आदत डालें
आपको अपने दिन की शुरुआत करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ब्रेकफास्ट आपके शरीर को सुचारु रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक ऊर्जा उपलब्ध कराता है। ब्रेकफास्ट को हमारे दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन माना जाता है। सुबह ब्रेकफास्ट के लिए समय नहीं मिलता तो ट्रेन, बस या अपनी गाड़ी में रास्ते में खा सकते हैं। ध्यान लगाएं
ध्यान को मस्तिष्क की खुराक कहा जाता है। ध्यान एक साधारण, लेकिन शक्तिशाली तकनीक है, जो आपके मस्तिष्क को शांत और स्थिर रखती है। आपको सिर्फ यह करना है कि आप अपनी आंखें बंद करके बैठ जाएं और गहरा आराम अनुभव करें। शुरुआत में थोड़ी दिक्कत होगी, लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति से आप मन को काबू में कर लेंगे। ध्यान से लाभ
कई अध्ययनों में यह बात भी सामने आई है कि ध्यान एलर्जी, उत्तेजना, अस्थमा, कैंसर, थकान, हृदय संबंधी बीमारियों, हाई ब्लड प्रेशर, अनिद्रा में आराम मिलता है। हमारी कई बीमारियां मनोवैज्ञानिक होती हैं। इनसे भी बचाव करने में ध्यान हमारी काफी सहायता करता है। वार्षिक हेल्थ चेकअप कराएं
हमारे देश में लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का इतना अभाव है कि अधिकतर लोग स्वस्थ्य दिखने पर तो क्या बीमारी के लक्षण नजर आने पर भी चैकअप के लिए नहीं जाते, जब तक कि हालात नियंत्रण से बाहर न हो जाएं। मेडिकल टैस्ट जरूरी हैं, ताकि लक्षण नजर आने से पहले उनकी पहचान हो सके। हेल्थ चेकअप के लाभ
अधिकतर लोग सोचते हैं कि वो पूरी तरह फिट और स्वस्थ हैं। उनके साथ कुछ गड़बड़ नहीं है। उनके लिए हेल्थ चेक-अप समय और पैसे की बर्बादी से ज्यादा कुछ नहीं है। कई गंभीर बीमारियों के लक्षण प्रथम चरण में नजर नहीं आते। मेडिकल टैस्ट जरूरी हैं, ताकि बीमारियों की पहचान समय रहते कर ली जाए या कई बीमारियों की आशंका को जीवन शैली में बदलाव, खानपान पर नियंत्रण और हल्की एक्सरसाइज द्वारा ही खत्म किया जा सके। इसलिए रूटीन चेकअप अवश्य कराएं। कैसे करें संकल्प पूरा
-एक साथ पांच-छह संकल्प मत लीजिए। केवल एक संकल्प लें और उसे पूरा करने का प्रयास करें।
-पहले से ही अपना संकल्प तैयार कर लें, ताकि आपको अपने लक्ष्य के बारे में सोचने और उसे प्राप्त करने का समय मिल जाए।
-पिछले वर्ष का ही संकल्प मत दोहराएं। अगर आप उसे ही चुनते हैं तो कम-से-कम उसे प्राप्त करने की अलग तकनीक चुनें।
-संकल्प और उसे पूरा करने के तरीके को अपनी डायरी में लिख लें।
-संकल्प पूरा करने पर आप अपने लिए कोई पुरस्कार निर्धारित कर लें। यह आपको चीजों पर अधिक फोकस करने के लिए प्रेरणा देगा।
-संकल्प को अवास्तविक तरीके से पूरा करने का न सोचें। 3 साल उम्र बढ़ाए 15 मिनट व्यायाम
-70 प्रतिशत लोग साल के शुरू होने पर कोई न कोई संकल्प लेते हैं, जिनमें स्वास्थ्य संबंधी संकल्प ही सबसे अधिक होते हैं।
-10 प्रतिशत आबादी मोटापे की शिकार है, दुनियाभर में विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार।
-6 से 8 घंटे का समय जरूर निकालें सोने के लिए और इसके लिए संकल्प करें।
-2008 में हुए शोध में यह बात सामने आई है कि ध्यान तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है।

Friday 27 December 2013

एस. जयशंकर पर कूटनीतिक विवाद सुलझाने की जिम्मेदारी

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अमेरिका में भारत के नए राजदूत एस. जयशंकर ने भारतीय राजनयिक की गिरफ्तारी और उनकी गहन तलाशी से अमेरिका-भारत के बीच उपजे कूटनीतिक विवाद को समाप्त कर ने की राह तलाशी शुरू कर दी है।
अमेरिकी विदेश विभाग में अपने दस्तावेजों की प्रति सौंपते हुए उन्होंने दो शीर्ष अधिकारियों -राजनीतिक मामलों की उप उपमंत्री वेंडी शेरमन और प्रबंधन उपमंत्री पैट्रिक एफ.केनेडी- से मुलाकात की। चीन में चार साल तक राजदूत रह चुके जयशंकर हालांकि सबसे पहले अपने दस्तावेज आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति को सौंपेंगे, जो नए साल की छुट्टी पर हवाई गए हुए हैं, और उनसे अब नए साल में ही मुलाकात हो पाएगी। लेकिन विदेश विभाग में दस्तावेजों की एक प्रति सौंपने के बाद अब वह अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत शुरू कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि न्यूयार्क स्थित भारतीय उपमहावाणिज्यदूत देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी के बाद उपजे संकट के समाधान के लिए राजनयिक भारत और अमेरिका में सक्रिय हैं। भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता एवं अन्य मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके जयशंकर अमेरिकी नौकरशाही के बीच जाना-पहचाना चेहरा हैं। जयशंकर दक्षिण और मध्य एशिया की उप विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल और अन्य अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठक में प्रगति की उम्मीद कर रहे हैं। जयशंकर ने अमेरिका में भारतीय राजदूत के रूप में निरूपमा राव का स्थान लिया है। इसके पहले वह विदेश मंत्रालय में अमेरिकी मामलों एवं नीत निर्माण के अधीनस्थ सचिव रह चुके हैं। उसके बाद 1985 से 1988 के बीच उन्होंने अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास में राजनीतिक मामलों के प्रथम सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दी और उसके बाद दो साल तक वह श्रीलंका में भारतीय शांति सेना (आईपीकेएफ) के प्रथम सचिव और राजनीतिक सलाहकार रह चुके हैं। जयशंकर ने 2004 से 2005 के बीच विदेश मंत्रालय में अमेरिकी डिविजन का नेतृत्व किया है। जयशंकर का तीन दशक से अधिक समय का कूटनीतिक अनुभव रहा है। उन्होंने विश्वभर के देशों के सामने भारतीय हितों को पेश किया है और कामकाज के दोस्ताना रवैये को प्रोत्साहित किया है। जयशंकर ने अंतर्राष्ट्रीय संबंध में पीएचडी और एमफिल तथा राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। जयशंकर ने क्योको जयशंकर से शादी की है और उनके दो बेटे और एक बेटी है।

आपकी शादी को खास बनाती हैं ये सामग्री

Image Loadingभारतीय शादी से जुड़े रीति-रिवाजों की तुलना किसी अन्य देश के रीति-रिवाजों से नहीं की जा सकती। हर दिन इस्तेमाल में आने वाली आम चीजें, शादी की रीति-रिवाजों में खास हो जाती हैं। पान, सुपारी और हल्दी जैसी चीजें कैसे बनाती हैं आपकी शादी को खास।
खूबसूरत त्वचा के लिए हल्दी
शादी से जुड़ी सबसे आम रस्म है हल्दी लगाना। शादी से एक दिन पहले दूल्हा और दुल्हन को शादीशुदा महिलाएं हल्दी लगाती हैं। पारंपरिक रूप से हल्दी की इस विधि में दुल्हन पीले रंग का कपड़ा पहनती है। हल्दी के कार्यक्रम के बाद दूल्हा और दुल्हन को एक-दूसरे से मिलने की इजाजत नहीं होती है। हल्दी, बेसन और तेल को मिलाकर इस दिन के लिए उबटन बनाया जाता है। हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होता है, वहीं बेसन त्वचा को साफ करके उसमें चमक लाता है और तेल त्वचा को जरूरी नमी प्रदान करके उसकी खूबसूरती बढ़ाता है। कई बार इस उबटन में चंदन और केसर भी मिलाया जाता है ताकि त्वचा की खूाबसूरती और बढ़ सके। समृद्धि का प्रतीक है चावल
भारतीय खानपान में चावल का प्रमुखता से इस्तेमाल होता है और चावल के इसी गुण के कारण उसे शुद्ध और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। शुद्धता के इस प्रतीक का इस्तेमाल हमारे यहां के समारोह और रीति-रिवाजों में बहुलता से किया जाता है। हिंदू विवाह के दौरान नए जोड़े को आशीर्वाद देने के लिए उनके ऊपर चावल छिड़का जाता है। ऐसी मान्यता है कि चावल नकारात्मक चीजों को दूर भगाता है, इसलिए विवाह के दौरान प्रज्वलित अग्नि में दूल्हे के द्वारा चावल भी डाला जाता है। घर की देवी को भी चावल अर्पित किया जाता है। शादी के बाद विदाई के वक्त दुल्हन अपने हाथों में चावल भरकर उसे अपने सिर के पीछे की ओर फेंकती है, वहीं अपने ससुराल पहुंचकर वह चावल से भरे बरतन को अपने पैरों से गिराकर घर में प्रवेश करती है। इन दोनों रिवाजों के माध्यम से दुल्हन यह प्रार्थना करती है कि उसके मायके और साथ ही साथ उसके ससुराल में समृद्धि हमेशा बनी रहे। पान-सुपारी भी हैं खास
हर धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ-साथ शादी से जुड़े विभिन्न विधि-विधानों का अहम हिस्सा है पान और सुपारी। कई धार्मिक रीति-रिवाजों में तो सुपारी को देवी का प्रतीक भी माना जाता है। वहीं, पान का पत्ता ताजगी और समृद्धि का प्रतीक है। कई हिंदू विवाह में पान के पत्ते को दूल्हा और दुल्हन के सिर पर लगाया जाता है। दूल्हे के परिवार का स्वागत भी पान के पत्ते से किया जाता है और अमूमन शादी की हर विधि में पान के पत्ते का इस्तेमाल होता है। वहीं, पान का पत्ता और नारियल सभी मेहमानों को धन्यवाद के प्रतीक के रूप में भी दिया जाता है। शुद्ध नदियों का प्रतीक पानी
शादी के विभिन्न रीति-रिवाजों में पानी का बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है। पानी शुद्ध नदियों का प्रतीक है। इसे जिंदगी और जीवन चक्र का आधार माना जाता है। सभी धर्म और समुदाय में सफाई करने के लिए, सेहत को बेहतर बनाने के लिए, अच्छे भविष्य और समृद्धि के लिए शादी के रीति-रिवाजों में पानी का इस्तेमाल किया जाता है। इनका भी होता है इस्तेमाल
-आम, केला, नीम और तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल भी शादी के विभिन्न रीति-रिवाजों में किया जाता है। ये सभी पत्ते शुद्धता के प्रतीक हैं।
-जब दुल्हन गृह-प्रवेश करती है, उस समय गुड़ खिलाकर उसका स्वागत किया जाता है। शादी के बाद के विभिन्न रिवाजों में दही का इस्तेमाल भी होता है।
-घी को पवित्र माना जाता है और शादी के अमूमन सभी रिवाजों में घी का इस्तेमाल दीप जलाने के लिए किया जाता है।
-कई समुदायों में दुल्हन के पैर धोने के लिए दूध और नारियल पानी का इस्तेमाल किया जाता है।

पर्मानेंट मेकअप से बचाएं अपना अनमोल समय

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हनीमून कभी न भुलाई जाने वाली एक अनमोल घड़ी है। इस घड़ी में नई-नवेली दुल्हन खूबसूरत भी दिखना चाहती है और हर पल साथ भी रहना चाहती है। लेकिन बार-बार मेकअप करने से ये अनमोल घड़ियां यूं ही बीत सकती हैं। नई दुल्हन मेकअप से समय बचाकर ज्यादा से ज्यादा समय अपने पति के साथ बिता सके, इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए मेकअप की एक नई शैली विकसित की गई है, जिसका नाम है पर्मानेंट मेकअप। क्या है इस मेकअप में खास, आइये जानते हैं-
पर्मानेंट आईब्रोज : आईब्रोज का कलर लाइट होने पर हम आईब्रो पेंसिल के इस्तेमाल से उस कमी को सुधार लेते हैं। लेकिन ये पेंसिल कुछ ही देर तक आपके सौंदर्य को बरकरार रख पाती है। इस कलर को हर पल बरकरार रखने और हनीमून पर अपना बहुमूल्य समय बचाने के लिए पर्मानेंट मेकअप एक उचित समाधान है। इसके अलावा आईब्रोज पतली होने पर या फिर बचपन की किसी चोट के चलते आईब्रो में कट हो जाने पर भी पर्मानेंट आईब्रोज का ऑप्शन बेस्ट है। इसके अंतर्गत मशीन द्वारा एक बार आईब्रो को खूबसूरत शेप व मनचाहे रंग से बना दिया जाता है, जो पसीने या नहाने से खराब नहीं होती और लगभग 15 साल तक टिकती है। पर्मानेंट आईलाइनर और काजल : नई-नवेली दुल्हन अपने मुख से कम और आंखों से ज्यादा बात करती हैं। इन आंखों में कशिश लाने के लिए ही काजल और लाइनर का इस्तेमाल किया जाता है। मगर बार-बार इसे लगाना जहां आप दोनों को एक-दूसरे से दूर करेगा, तो वहीं लेंस व चश्मे का इस्तेमाल करने वालों के लिए ये दिक्कत का विषय भी हो जाता है। पर्मानेंट आईलाइनर व काजल से आपकी हर एक समस्या सुलझ सकती है। पर्मानेंट ब्यूटी स्पॉट : सेक्सी लुक की चाहत भला किसे नहीं होती। अपने लुक में भी सेक्सी अंदाज जगाने के लिए आप पर्मानेंट ब्यूटी स्पॉट बनवा सकती हैं। पर्मानेंट लिप लाइनर : बार-बार लिपलाइनर से अपने लिप्स को शेप देने की बजाय आप पर्मानेंट लिपलाइनर लगवा सकती हैं। इससे लिप्स की शेप 10 से 15 वर्षों तक हर पल सुन्दर बनी रहेगा और इस खूबसूरत शेप को आईने में देखकर आप हर पल मुस्करा उठेंगी। पर्मानेंट लिपस्टिक : दिन हो या रात, अपने होठों को हर पल गुलाबी व खूबसूरत बनाए रखने के लिए पर्मानेंट लिपस्टिक लगवा सकती हैं। इससे होठ तकरीबन 2 साल तक गुलाबी व सुंदर दिखेंगे, साथ ही आपको बार-बार लिपस्टिक लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। पर्मानेंट कलरिंग : यदि आप सफेद दाग या ल्यूकोडर्मा पैचेस की शिकार हैं तो पर्मानेंट कलरिंग की तकनीक आपके लिए किसी रामबाण से कम नहीं। इसके अंतर्गत स्किन से मैच करते कलर को त्वचा की डर्मिस लेयर तक पहुंचाया जाता है, जिससे दाग छुप जाते हैं। पर्मानेंट कलरिंग का असर 2 साल से लेकर 15 साल तक बना रह सकता है।

मां-बेटी का रिश्ता है यह सबसे खास

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मां, बेटी की हर जरूरत को समझती है। उसकी परेशानियां, खुशियां, इच्छाओं को भला मां से बे हतर कौन जानेगा? पर ऐसा नहीं है कि बेटी इस मामले में कहीं पीछे हैं। वे भी मां की परछाई ही होती हैं। मां का सबसे ज्यादा ख्याल बेटी ही रखती है। दरअसल ये एक ऐसा बंधन है, जो प्यार की कभी न टूटने वाली डोर से बंधा है। हालांकि कभी-कभी कुछ बातें इस रिश्ते में दूरियां ला सकती हैं, पर ये दूरियां ज्यादा दिनों की नहीं होतीं। बस जरूरत है दोनों को कुछ बातों का ध्यान रखने की-
माएं ये ध्यान रखें 1. आप पढ़ाई में अव्वल रही होंगी, पर बेटी को अपना उदाहरण देकर उसके मन में असंतोष को जन्म न दें। उसकी कक्षा की कुछ लड़कियां भी उससे पढ़ाई में आगे हो सकती हैं, उनसे तुलना न करें। हर बच्चा अपने में असाधारण हैं। तुलना उसके मन में नाराजगी और कुंठा को जन्म दे सकती है। 2. सिर्फ पढ़ाई पर जोर नहीं होना चाहिये। उसके व्यक्तित्व के बहुआयामों को समझने के लिये उसे हर विधा आजमाने का मौका जरूर दें। नृत्य, संगीत, कला, खेल। आप तो उसके अंदर छुपे कलाकार से चमत्कृत हो ही जाएंगी, आप उसे भी अनगिनत खुशियां दे पाएंगी। 3. उसकी भी समस्याएं हैं, पर समस्याओं को समस्या कहकर न पूछें। ‘आज क्या-क्या हुआ’ पूछ कर आप पूरे दिन की जानकारी रुचिपूर्वक सुनें। इतना थोड़ा सा समय देकर आप शायद उसकी सबसे अच्छी मित्र बन जाती हैं। साथ ही मित्रों से, टीचर्स के साथ आप उसके रिश्तों को भी पहचान पाती हैं, जो आज बहुत जरूरी है। यदि बच्चों की पूरी दिनचर्या को मां एकाग्रचित्त हो कर सुनें तो कई बार उनके बाल जीवन की परेशानियों और संभावित दुर्घटनाओं को रोक सकती हैं। 4. बेटी से नाराज होकर कभी भी सार्वजनिक स्थल पर या घर के अंदर भी अतिथियों के सामने उस पर अपना रोष व्यक्त न करें। आप उसे अपनी नाराजगी का अहसास फिर कभी करवा सकती हैं, जैसे बातचीत सीमित करके या स्पष्ट रूप से, पर शांतिपूर्वक अपनी बात कहकर। 5. आपका दिमाग कभी-कभी बड़ा अशांत हो उठता है, घर या बाहर की परिस्थितियों से। अपनी परिस्थितियों में घुटिये नहीं, बल्कि बिटिया को साझी बनाइये। परिस्थितियां बदल तो नहीं जाएंगी, पर उसका साथ आपमें एक नई हिम्मत और ऊर्जा देगा। बेटी के लिये मां से ऊंचा कोई दूसरा आदर्श नहीं होता, इसलिए मां को कभी भी स्थितियों से हार नहीं माननी चाहिये, क्योंकि वही संदेश आपकी बेटी ग्रहण करेगी। आपका दृष्टिकोण ही उसका जिन्दगी के प्रति नजरिया तय करेगा। बेटी का फर्ज है ये.. 1. मां, घर में रहें या बाहर, वह दिन भर काम ही करती हैं। ऐसे में यदि बिटिया अपने हाथों से मां को चाय की प्याली या जूस का गिलास पकड़ाए, तो मां का मन खुश हो उठता है। 2. आपको स्कूल में या कॉलेज में एक वातावरण मिलता है, उसका अपना असर होता है, जबकि घर में मां कुछ दूसरी बात कहती नजर आती है, ऐसे में सामंजस्य मुश्किल हो जाता है। पर ध्यान रहे कि मां के ऊपर आप अपना गुस्सा न निकालें। मां को समझाइये कि क्यों आप मां का चाहा या सोचा नहीं कर पा रहीं। ज्यादा उम्मीद है कि मां आपकी बात समझ जाये और अपनी इच्छा न मनवाये। 3. कभी-कभी मां को ऑरगेनाइज होने में मदद करिए। यदि मां की छोटी-छोटी चीजें उनके डॉक्युमेन्ट्स आप संभाल कर फोल्डर में रख दें और मां को उनकी याद दिला दें, तो मां को बहुत तसल्ली और सुकून मिलेगा। 4. अपनी समस्यायें, उलझनें मां से कभी न छुपायें। मां भी तो उम्र के इस दौर से गुजर चुकी हैं, जिससे आप गुजर रही हैं। जिंदगी से तब वो कैसे रूबरू हुई थीं, आप उनके अनुभवों से सीख सकती हैं। मां को यदि आपने सब बातों से वाकिफ रखा, तो कोई समस्या या व्यक्ति आपको परेशानी में नहीं डाल सकता। 5. मां को उनके बीते दिनों की याद ताजा करवायें। उनके पुराने मित्रों के फोन नम्बर खोज कर मां को दें। गुजरे हुये दिन शायद मां के सबसे अच्छे दिन रहे हों। मां को भी अहसास होगा कि उसकी बिटिया उससे अलग नहीं, बल्कि उसकी प्रतिमूर्ति है, मन ही मन वह आपकी कृतज्ञ रहेगी और आपका यह कदम आप दोनों को और भी जोड़ेगा।

खुशियों की बौछार आप पर हो इस साल

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कैसा होगा अगला साल? पिछले से बेहतर या फिर ये साल भी यों ही गुजरेगा! जो कुछ भी हो, हम तो बेहतर के लिए ही कदम उठाएंगे। पर सिर्फ किसी एक मुद्दे पर नहीं, बल्कि हर उस काम को बेहतर तरीके से करेंगे, जो जिंदगी से सीधे तौर पर जुड़ा है। नए साल में हेल्थ, ब्यूटी, नौकरी, रिश्ते और फाइनेंस जैसे जिंदगी के अहम ¨बदुओं में कैसे सुधार लाएं, बता रही हैं चयनिका निगम
आपसे खूबसूरत कौन भला?
दिन में दो बार जरूर देखें खुद को
घर से निकलते वक्त आपने भले ही बहुत सही तरीके से मेकअप किया हो, अच्छी भी लग रही हों, पर दिन भर में दो बार मेकअप में सुधार जरूर कीजिए। इससे आप हमेशा परफेक्ट दिखेंगी। घरेलू नुस्खे रखिए याद
अंडे के सफेद भाग से चेहरे पर मसाज करें और कुछ देर बाद गरम पानी से धो दें। टमाटर काटिए और चेहरे पर रगड़िए। इस तरह के फायदेमंद घरेलू नुस्खों को अपनाएं और आगे के लिए याद रखें। जानिए आप सुंदर हैं
दूसरा आप से कहे, इससे पहले आप समझिए कि आप बहुत सुंदर हैं। आप खुद को सुंदर मानेंगी तो जरा और सुंदर लगेंगी। फिर दूसरा कहे बिना कैसे रह पाएगा। दिल्ली स्थित खूबसूरत की ब्यूटी एक्सपर्ट पूजा गोयल बताती हैं कि हमेशा अच्छे दिखने के लिए कुछ बातें हमेशा ध्यान रखें। सबसे पहले कपड़ों को बॉडी के हिसाब से चुनें। बालों का स्टाइल अपने चेहरे के आकार के मुताबिक तय करें। इसके अलावा न्यूड मेकअप करें, जिसमें लिपग्लॉस, आईलाइनर का इस्तेमाल जरूर करें। इसके बाद मैचिंग एक्सेसरीज का साथ आपके लुक को परफेक्ट बना देगा। मेकअप का हो सही तरीका
सबसे पहले तो मेकअप इतना न हो कि जिस दिन मेकअप न करें, उस दिन लोग आपको पहचान ही न पाएं। हल्के शेड की लिपस्टिक और नेलपॉलिश  लगाएं। करियर की राह बनाएं आसान सपने तो देखिए
करियर में सफलता तब तक नहीं मिलेगी, जब तक आप सपने देखना शुरू नहीं करेंगी। सोचना पड़ेगा मैं इस ओहदे पर आ जाऊं तो? ऐसा करने के लिए जरूरी है कि आप बार-बार अपने सपनों के बारे में सोचें, सपनों को लिख कर रखिए और ऐसी जगह रखिए जहां दिन भर में कई बार आपकी नजर जाए। मेंटर का मिले साथ
काम के दौरान किसी को अपना मेंटर बनाया है तो अच्छी बात है। आपको मार्गदर्शन तो मिलेगा ही प्रमोशन और इंक्रीमेंट के समय भी यह मेंटर आपकी पूरी मदद करेगा। उसके अनुभवों से आप जिंदगी भर कुछ न कुछ जरूर सीखती रहेंगी। सेल्फ प्रमोशन है जरूरी
खुद की पब्लिसिटी और सेल्फ प्रमोशन सफलता के लिए बहुत जरूरी है। लोगों को आपकी प्रतिभा का पता चलेगा तभी तो वो आपको मौके देंगे। इसलिए अपनी खासियतों को दूसरों से जरूर साझा करें। सीखना है जरूरी
सफलता के लिए लगातार सीखने की चाहत बरकरार रखनी होगी। ट्रेनिंग लीजिए, किताबें पढ़िए, ब्लॉग देखिए पर सीखिए जरूर। सफल लोगों की खासियतों से भी सीख सकती हैं। नेटवर्क बढ़ाइए
जितने ज्यादा लोगों को जानेंगी, नौकरी के मौके उतने ही ज्यादा मिलेंगे। दरअसल आपका नेटवर्क बड़ा होगा तो काम के मौकों के बारे में ज्यादा पता चलेगा। पैसा न बने सिरदर्द मुश्किल समय के लिए हो ज्यादा निवेश
हम कमा रहे हैं, खूब मेहनत कर रहे हैं पर मुश्किल समय में इस मेहनत का फायदा न हो तो सब कुछ बेकार है। इसलिए जरूरी है कि आप हर महीने पैसा जमा करें और हां, इसे उस एकाउंट में बिलकुल न रखें, जिसका इस्तेमाल आप आमतौर पर करती हैं। 10 प्रतिशत हो रिटायरमेंट का
जी हां, अपनी आमदनी का 10 प्रतिशत रिटायरमेंट के समय के लिए हर महीने जरूर जोड़ें। फिर चाहे आप कितना भी कम क्यों न कमाती हों। आप जितनी जल्दी ऐसा करना शुरू करेंगी, उतनी जल्दी और ज्यादा धन जोड़ पाएंगी। लोन हों पूरे
आपके ऊपर जितने भी ऋण हैं कोशिश करें वो जल्द पूरे हो जाएं। नए साल में यह दिमाग में बैठा लीजिए, क्योंकि किसी भी तरह की ऐसी जिम्मेदारियां रिटायरमेंट के पहले पूरी हो जानी चाहिए। खर्चों पर हो नजर
कब, कितना और कहां खर्च कर रही हैं, इस पर एक नजर जरूर रखें। हर रोज के खर्चो को लिखकर इसकी पूरी तस्वीर देखी-समङी जा सकती है। इससे आपको यह भी पता चलेगा कि आखिर अतिरिक्त पैसा कहां खर्च हो रहा है। सेहत की फिक्र न रहे कोई पानी पिएं भरपूर
आपके शरीर को करीब-करीब हर काम के लिए पानी की जरूरत होती है। तरह-तरह के दर्द से लेकर दूसरी शारीरिक परेशानियों को पानी की कमी न होने देकर कम किया जा सकता है। इसलिए हर दिन भरपूर मात्र में पानी पिएं। 30 मिनट की हो ब्रिस्क वॉक
आपका शरीर चलने और मूवमेंट करने के लिए बना है। दिल तक को सही से काम करने के लिए इसकी जरूरत होती है। ऐसे में ब्रिस्क वॉक करते रहना आपको स्वस्थ्य जरूर रखेगा। पर कोशिश करें कि ऐसा हरियाली के बीच हो। पेड़-पौधे आपके शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन में बदलते हैं। कम से कम 30 मिनट तो वॉक करें ही। फल-सलाद जरूर है खाना
पूरी कोशिश करें कि दिन भर में 2 से 3 सर्विग फल जरूर खाएं। रंगीन फलों में बीमारियों से लड़ने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं। फलों से साथ सलाद को भी अपना दोस्त बना लीजिए। इनमें विटामिन, मिनरल, क्लोरोफिल, एंजाइम्स जैसे फायदेमंद तत्व होते हैं। 15 मिनट हों खुद के
दिनभर में 15 मिनट खुद के लिए जरूर निकालें। जो पसंद हो वो करें। किताबें पढ़ना, डांस करना, गाने सुनना या फिर शांति से बैठना, कुछ भी करें पर कम से कम 15 मिनट आपके अपने होने चाहिए। इस दौरान आप गहरी सांस लेना या मेडिटेशन भी कर सकती हैं। संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज की डायटीशियन निरूपमा सिंह कहती हैं कि बहुत सारी दूसरी बातों से ज्यादा यह जरूरी होगा कि हंसने का कोई भी मौका न छोड़ें। इसके अलावा समय पर खाना खाएं। खाने में मिल्क प्रोडक्ट जरूर शामिल होने चाहिए। रिश्ते पर ध्यान सबसे ज्यादा उनकी प्रशंसा करें
अपने पार्टनर से रिश्ते सुधारने का इरादा है तो इस साल उनकी अच्छी आदतों की प्रशंसा जरूर करें। उनके काम, उनके सपोर्ट किसी की भी, पर तारीफ जरूर करें। बात बढ़ाएं न
झगड़ा हो गया है, अब तक बात भी नहीं हुई तो जरा ठहरिए और सोचिए कि इस झगड़े से क्या होगा? बात कीजिए और आगे बढ़िए। सोच लीजिए कि इस साल झगड़े को बढ़ाएंगी नहीं। गुस्से को समझों
किसी बात पर गुस्सा आना बहुत वाजिब है। ऐसे में सामने वाले को गुस्सा क्यों आया, यह तो आपको समझना ही होगा। इसके लिए बैठ कर बात करेंगी तो गुस्से का कारण और निवारण दोनों समझ आ जाएगा।