Tuesday 29 April 2014

फोर्ड ने उतारी नई एंडेवर, कीमत 19.84 लाख

एंडेवर की लॉन्चिंग के दौरान निजेल हैरिसफोर्ड इंडिया ने स्पोर्ट्स यूटिलिटी वीकल्स एंडेवर का नया संस्करण पेश किया है. इसकी दिल्ली में शोरूम कीमत 19.84 लाख रुपये से 23.06 लाख रुपये के बीच है. कंपनी ने इस नए संस्करण के तीन मॉडल पेश किए हैं. फोर्ड इंडिया के अध्यक्ष निजेल हैरिस ने कहा कि एंडेवर विश्‍वसनीय नाम है और फोर्ड इंडिया के उत्पाद पोर्टफोलियो में इसका विशेष स्थान है.
उन्होंने कहा कि इस एंडेवर को ज्यादा स्टाइलिश, डायनैमिक और आरामदायक बनाया गया है.

फैमिली फ्लोटर्स: कॉस्ट कम, लेकिन कवर पड़ सकता है छोटा


family-health-plan
एक्सपर्ट्स का कहना है कि फैमिली हेल्थ प्लान अपेक्षाकृत कम उम्र वाले पॉलिसीहोल्डर्स के लिए अच्छे होते हैं। प्रीति कुलकर्णी बता रही हैं कि 45 साल से ऊपर वालों और लाइफस्टाइल के चलते होने वाली किसी बीमारी से परेशान लोगों के लिए इंडिविजुअल कवर बेहतर हो सकता है...

इंश्योरेंस की चाहत रखने वाले ज्यादातर लोग इन दिनों ऐसे हेल्थ इंश्योरेंस प्रॉडक्ट्स ले रहे हैं, जो पूरी फैमिली को कवर करें (बीमा की शब्दावली में फैमिली फ्लोटर्स)। इन लोगों का मानना है कि इन पॉलिसी से उन्हें पूरे परिवार के लिए अपेक्षाकृत कम प्रीमियम पर ज्यादा कवर हासिल होता है।

इंश्योरेंस एक्सपर्ट्स के अनुसार, ये लोग नपातुला जोखिम उठा रहे हैं क्योंकि इन लोगों का मानना होता है कि ऐसा होने की गुंजाइश बेहद कम है कि परिवार के सभी सदस्यों को किसी एक साल हॉस्पिटल में भर्ती होने या क्लेम्स लेने की जरूरत पड़े। फैमिली फ्लोटर प्लान में फिक्स्ड इंश्योरेंस कवर होता है, जिसे एक साल में परिवार के कई सदस्य क्लेम कर सकते हैं।

टाटा-एआईजी जनरल इंश्योरेंस के नेशनल रूरल हेड (ऐक्सिडेंट एंड हेल्थ) रविंदर एम ने कहा कि मेट्रो और छोटे शहरों के लोग अब पूरी फैमिली के लिए 10 लाख रुपये का कवर खरीदने लगे हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग फैमिली फ्लोटर पॉलिसी ले रहे हैं।

हमारे पोर्टफोलियो में फ्लोटर और इंडिविजुअल पॉलिसीज का अनुपात 60:40 है। कंपनी की फैमिली फ्लोटर पॉलिसीज की बिक्री पिछले एक साल में दोगुनी से ज्यादा हो गई है। फाइनेंशियल ईयर 2013 में आईसीआईसीआई लोंबार्ड की फ्लोटर पॉलिसीज की सेल्स 6.3 पर्सेंट बढ़ी है। कई बीमा कंपनियों के मामले में भी यही ट्रेंड दिखा है।

फ्लोटर्स के पक्ष में दलील
एक्सपर्ट्स के अनुसार, कई लोग लागत के पहलू के चलते फैमिली फ्लोटर पॉलिसीज ले रहे हैं। इसे चार मेंबर्स की एक फैमिली के उदाहरण से समझते हैं। इसमें सबसे कम उम्र के मेंबर की उम्र 8 साल और सबसे बड़े मेंबर की उम्र 38 साल है। यह फैमिली 5 लाख रुपये का कवर ले रही हैं। उन्हें हर मेंबर के इंडिविजुअल कवर्स के लिए 19,337 रुपये देने होंगे। हालांकि इस परिवार को 10 लाख रुपये का फैमिली फ्लोटर कवर करीब 700 रुपये ज्यादा देने पर मिल जाएगा। हेल्थ इंश्योरेंस अडवाइजरी मेडिमैनेजडॉटकॉम के सीईओ सुधीर सरनाबत ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में फैमिली फ्लोटर पॉलिसीज के लोकप्रिय होने की एक वजह यह है कि इसमें कम प्रीमियम में ज्यादा कवर मिल जा रहा है।

कई लोगों का यह भी मानना है कि बड़ा फैमिली फ्लोटर कवर हर मेंबर के लिए छोटे इंडिविजुअल कवर से बेहतर रहेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये लोग हर मेंबर के लिए कई पॉलिसीज के बजाय पूरे परिवार के लिए एक पॉलिसी को ट्रैक करने में आसानी भी महसूस करते हैं। इंश्योरेंस पोर्टल मायइंश्योरेंसक्लबडॉटकॉम के सीईओ दीपक योहानन ने कहा कि मसलन, आपको चार प्रीमियम नहीं देने होंगे। इसी तरह आपको कई पॉलिसीज पर नजर नहीं रखनी होगी। बच्चों को फ्लोटर में आसानी से जोड़ा जा सकता है।

सीमाओं का रखें ध्यान
कई इंश्योरेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर किसी खास वर्ष में एक से ज्यादा फैमिली मेंबर बीमार पड़ जाएं तो तथाकथित बड़ा कवर छोटा साबित हो सकता है। परिवार में अगर सीनियर सिटिजंस हों या लाइफस्टाइल के चलते होने वाली बीमारियों से परेशान कोई मेंबर हों तो ऐसी हालत के आसार ज्यादा बन सकते हैं। ऐसा होने पर साल के बाकी हिस्से के लिए शेष फैमिली मेंबर्स को कम कवर पर निर्भर रहना होगा।

रविंदर ने कहा कि आदर्श स्थिति में हर फैमिली मेंबर के लिए इंडिविजुअल कवर खरीदना मददगार होता है क्योंकि एक के मामले में क्लेम का दूसरों पर असर नहीं पड़ेगा। योहानन ने कहा कि 45 साल से ऊपर के लोगों को इंडिविजुअल कवर लेना चाहिए। कम उम्र के पॉलिसीहोल्डर्स को फैमिली फ्लोटर्स पर फोकस करना चाहिए।

कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि कस्टमर्स को 'रेस्टोरेशन' फीचर वाले प्रॉडक्ट को चुनकर कवर खत्म करने से बचना चाहिए। एलएंडटी इंश्योरेंस, अपोलो म्यूनिख, रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेंस और सिग्ना टीटीके हेल्थ इंश्योरेंस ने हाल में ऐसे प्रॉडक्ट्स पेश किए हैं, जो किसी साल में खर्च किए गए कवर को बहाल कर देते हैं, बशर्ते बाद वाला क्लेम फैमिली के दूसरे किसी मेंबर ने किया हो।

यह मोबाइल ऐप खोजेगा 'सेक्‍स वर्कर'

sex-worker
अब एक ऐसा मोबाइल ऐप बनाया गया है जिसका फंक्शन कुछ अलग ही है। यह मोबाइल ऐप आपको अपने इलाके में सेक्स वर्करों को ढूंढने में मदद करेगा। आप उस समय जहां भी होंगे, इस ऐप से पता चल जाएगा कि वहां सेक्स वर्कर कहां हैं।

मोबाइल फोन पर सेक्स पोजिशन के बारे में जानकारी देने के लिए पहले से ही ऐप आ चुके हैं, लेकिन अब इस क्षेत्र में यह नया ऐप बनाया गया है। इस बर्लिन आधारित मोबाइल ऐप का नाम 'पिपर' है, यह जीपीएस की मदद से उस इलाके के आसपास सेक्स वर्करों को ढूंढने में मदद करेगा, जहां आप उस समय होंगे। इस ऐप को एक ऑस्ट्रियाई डिवेलपर पिया पोपेनरिटर ने बनाया है। इस ऐप को बनाने के पीछे उनका मकसद सेक्स वर्कर्स को ग्राहक ढूंढने के लिए सड़क पर घूमने से बचाना है। गौरतलब है कि जर्मनी में वेश्यावृत्ति को कानूनी मान्यता मिली हुई है।

पढ़ें: अब हिंदी से इंग्लिश सिखाएगा फ्री ऐप ड्यूओलिंगो

डिवेलपर का कहना है कि उन्हें इस ऐप को बनाने का आइडिया तब आया जब उन्होंने सेक्स वर्कर्स को रात को ठंड में सड़क पर ग्राहक ढूंढने के लिए घूमते हुए देखा। उन्होंने बताया कि बर्लिन में एक दिन देर शाम वह अपने एक दोस्त के साथ कहीं जा रही थीं। उन्होंने उस समय स्कर्ट पहन रखी थी। वहां बहुत ठंड थी और कम कपड़ों में ठंड और ज्यादा महसूस हो रही थी। उन्होंने बताया कि उसी दौरान सड़क पर मैंने सेक्स वर्कर को देखा, जो ठंड में बेहद कम कपड़ों में ग्राहक की तलाश कर रही थी। मैंने सोचा कि इन्हें कितनी दिक्कत उठानी पड़ती है। तभी यह ख्याल आया। मैंने सोचा कि हर चीज के लिए मोबाइल ऐप है, लेकिन इसके लिए नहीं। फिर मैंने एक ऐप पर काम करना शुरू कर दिया और उसका रिजल्ट 'पिपर' के रूप में सामने आया।

लेनोवो S860 स्मार्टफोन भारत में लॉन्च, 4000mAh की है बैटरी

लेनोवो S860 स्मार्टफोन भारत में लॉन्च हो गया है। इसकी कीमत 21500 रुपए है। कंपनी के ऑनलाइन स्टोर से 1999 रुपए में इसकी प्री-बुकिंग शुरू हो गई है। 3 मlenovo s860 smartphoneई से ऑनलाइन स्टोर के साथ यह दुकानों पर बिकना शुरू हो जाएगा।

लेनोवो S860 की सबसे खास बात इसकी 4000mAh बैटरी है। कंपनी का दावा है कि इससे 3G नेटवर्क पर 960 घंटे तक का स्टैंडबाई टाइम और 24 घंटे तक का टॉक टाइम मिलेगा। इतनी बड़ी बैटरी वाले स्मार्टफोन बहुत कम ही आए हैं। ऐसे ही दो फोन लेनोवो P780 और माइक्रोमैक्स कैनवस पावर हैं।

लेनोवो S860 का बाहरी हिस्सा ब्रश्ड ऐल्युमिनियम से बनाया गया है। ड्यूल-सिम सपोर्ट करने वाला स्मार्टफोन ऐंड्रॉयड 4.2 जेली बीन पर चलता है। लेकिन कंपनी ने इस बात के संकेत दिए हैं कि इसके लिए ऐंड्रॉयड 4.4 किटकैट अपडेट जल्द ही जारी किया जा सकता है।

इसमें 720x1280 पिक्सल्स रेजॉलूशन वाला 5.3 इंच का एचडी आईपीएस डिस्प्ले है। इसमें 1.3 गीगाहर्त्ज क्वॉड-कोर मीडियाटेक प्रोसेसर, माली 400 - MP2 जीपीयू और 2 जीबी रैम है।

होली के रंगो से बेरौनक न हो जाए त्वचा..

प्रियंका दुबे मेहता, गुड़गांव। होली के रंगो में रंगना भले ही बहुत पसंद आता हो लेकिन यह रंग त्वचा पर बुरे प्रभाव छोड़ जाते हैं जिससे त्वचा की परतों के डैमेज होने का खतरा रहता है। होली के उत्साह में रंगो के प्रयोग से त्वचा की चमक खोने तथा संक्रमण होने के खतरे को दूर करने के लिए लोग इस त्योहार से पहले विशेषज्ञों की सलाह ले रहे हैं।
सौंदर्य विशेषज्ञों के मुताबिक होली के रंग लगाने से कुछ समय पहले अगर त्वचा पर नमी छोड़ने वाला फेशियल करवाया जाए तो रंगो का दुष्प्रभाव त्वचा पर नहीं पड़ता। इसके अलावा अगर ऐसा कुछ हो भी जाता है तो भी घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि फेशियल के माध्यम से त्वचा पर विभिन्न हार्मोन्स को सक्रिय कर दिया जाता है ताकि उसपर से रंगो की परत हट जाए तथा कोशिकाएं वापस उसी अवस्था में आ जाएं।
सेक्टर 14 स्थित सलोन 'टैंगल्स' की संचालिका एवं सौंदर्य ंिवशेषज्ञ नुपुर गुप्ता के मुताबिक होली के रंगो चाहे अनचाहे अपना असर छोड़ जाते हैं जिससे त्वचा के टिश्यू खराब हो जाते हैं तथा कोशिकाओं की ऊपरी परत प्रभावित हो जाती है। ऐसे में कम से कम प्रभाव पड़े इसके लिए हाइड्रेटिंग फेशियल काफी लाभदायक साबित होगा। उनके मुताबिक इस फेशयल विशेष रूप से बने 'एम्प्यूल्स' डाले जाते हैं जो कि त्वचा को नमी प्रदान करते हैं। इससे त्वचा पर रंगो का प्रभाव नहीं पड़ता तथा त्वचा रंग नहीं सोख पाती। कुल मिलाकर ऐहतियात बरतने से रंगो का लुत्फ भी लिया जा सकता है व त्वचा पर भी हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता।
रंग खेलने पर अगर किसी का चेहरा तथा स्किन खराब हो जाएं तो क्या करना चाहिए। इस बारे में झाड़सा रोड स्थित सलोन ग्रेस एंड ग्लैमर की संचालिका प्रिया कालरा बताती हैं कि अगर पहले से किसी ने त्वचा का बचाव नहीं किया और त्वचा पर प्रभाव पड़ भी जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है। इसके लिए 'हार्मोनाइजिंग फेशियल' होता है जो कि त्वचा को संतुलित करने का काम करता है। इससे त्वचा पर जलन, खुजली, खुष्की आदि समस्याओं से छुटकारा मिलता है तथा त्वचा अपने मूल रूप में लौट आती है।
घरेलू तरीके
त्वचा पर रंगों के प्रभाव को कम करने के लिए विशेषज्ञ कुछ घरेलू उपाय करने का सुझाव देते हैं -
- त्वचा पर तेल अथवा तेल बेस्ड क्रीम लगानी चाहिए
- रंग लगाने के तुरंत बाद त्वचा को धो लेना चाहिए
- हर बार रंग लगाने पर बार बार त्वचा नहीं धोना चाहिए
- रंग को बेसन व दही के मिश्रण से छुड़ाना बेहतरीन होता है

फिनलैंड की कंपनी नोकिया (Nokia) ने राजीव सूरी (Rajeev Suri) को कंपनी की कमान सौंपी है। नोकिया ने राजीव सूरी को नया अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया है। भारतीय मूल के राजीव सूरी 1 मई से स्टीफन एलॉप (Stephan Elop) की जगह पद्भार सँभालेंगे। 46 वर्षीय सूरी अक्टूबर 2009 से नोकिया साल्यूशंस एंड नेटवर्क्‍स (Nokia Solutions & Networks) का नेतृत्व कर रहे थे। राजीव सूरी ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं दूरसंचार इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की। सूरी नोकिया से 1995 में जुड़े और 2007 में एनएसएन के प्रमुख रहे। (शेयर मंथन, 29 अप्रैल 2014)

फिनलैंड की कंपनी नोकिया (Nokia) ने राजीव सूरी (Rajeev Suri) को कंपनी की कमान सौंपी है।

नोकिया ने राजीव सूरी को नया अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया है। भारतीय मूल के राजीव सूरी 1 मई से स्टीफन एलॉप (Stephan Elop) की जगह पद्भार सँभालेंगे।
46 वर्षीय सूरी अक्टूबर 2009 से नोकिया साल्यूशंस एंड नेटवर्क्‍स (Nokia Solutions & Networks) का नेतृत्व कर रहे थे। 
राजीव सूरी ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं दूरसंचार इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की। सूरी नोकिया से 1995 में जुड़े और 2007 में एनएसएन के प्रमुख रहे। (शेयर मंथन, 29 अप्रैल 2014)

टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत, इंट्रा सर्किल 3जी रोमिंग करार मंजूर




नई दिल्ली। भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया सेल्यूलर जैसी टेलिकॉम कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए टीडीसैट ने कंपनियों के इंट्रा-सर्किल 3जी रोमिंग करार को मंजूरी दी है। साथ ही, दूरसंचार विभाग (डॉट) द्वारा कंपनियों पर लगे 1,200 करोड़ रुपये जुर्माने को खारिज कर दिया है।
टीडीसैट के एक बेंच ने कहा, 'हम सभी याचिकाओं को मजूंरी देते हैं।' टेलिकॉम विभाग ने टेलिकॉम कंपनियों के 3जी रोमिंग करारों को गैर-कानूनी बताया था। भारती एयरटेल पर 350 करोड़ रुपये, आइडिया सेल्यूलर पर 550 करोड़ रुपये और वोडाफोन पर 450 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
डॉट ने एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया को 23 दिसंबर 2011 को 24 घंटे के भीतर 3जी आईसीआर सेवाओं को बंद करने के लिए नोटिस भेजा था, लेकिन इन आदेशों के खिलाफ कंपनियों ने अदालत में गुहार लगाई थी। टाटा टेलीसर्विसेज ने एयरटेल के साथ 3जी आईसीआर सेवा के लिए समझौता किया था लेकिन नोटिस के तुरंत बाद उस समझौते को रद्द कर दिया। एयरटेल भी महाराष्ट्र, कोलकाता, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पूर्व में वोडाफोन का 3जी नेटवर्क इस्तेमाल करता है। वहीं, वोडाफोन आसाम, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश पश्चिम में एयरटेल के 3जी सर्किल का इस्तेमाल करती है।
टेलिकॉम एक्सपर्ट महेश उप्पल का कहना है कि इंट्रा-सर्किल 3जी रोमिंग करार को मंजूरी मिलना कंपनियों के साथ-साथ ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है। अब ग्राहक अपने ऑपरेटर से 3जी सर्विस ले सकेंगे। 3 भारती एयरटेल के पूर्व सीईओ, संजय कपूर के मुताबिक, ऑपरेटर्स के हित में ये फैसला लिया गया है। इससे ऑपरेटर्स, ग्राहकऔर सरकार को फायदा होगा।

फेडरल बैंक का मुनाफा 25% बढा

वित्त वर्ष 2014 की चौथी तिमाही में फेडरल बैंक का मुनाफा 25 फीसदी बढ़कर 277.3 करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष 2013 की चौथी तिमाही में फेडरल बैंक का मुनाफा 222 करोड़ रुपये रहा था।

वित्त वर्ष 2014 की चौथी तिमाही में फेडरल बैंक की ब्याज आय 30.2 फीसदी बढ़कर 625 करोड़ रुपये हो गई है। वित्त वर्ष 2013 की चौथी तिमाही में फेडरल बैंक की ब्याज आय 480 करोड़ रुपये रही थी।

वित्त वर्ष 2014 की चौथी तिमाही में फेडरल बैंक के नेट एनपीए 0.74 फीसदी हो गए हैं। वित्त वर्ष 2014 की तीसरी तिमाही में फेडरल बैंक के नेट एनपीए 0.86 फीसदी रहे थे। वहीं तिमाही दर तिमाही आधार पर चौथी तिमाही में फेडरल बैंक के ग्रॉस एनपीए 2.46 फीसदी रहे थे। इससे पिछली तिमाही में फेडरल बैंक के ग्रॉस एनपीए 2.83 फीसदी रहे थे।

वित्त वर्ष 2014 की चौथी तिमाही में फेडरल बैंक ने 55 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग की है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में फेडरल बैंक ने 93 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग की थी।

वित्त वर्ष 2014 की चौथी तिमाही में फेडरल बैंक का कैपिटल एडुकेसी रेश्यो (बेसल 3) 15.14 फीसदी हो गया है। इससे पिछली तिमाही में फेडरल बैंक का कैपिटल एडुकेसी रेश्यो 14.80 फीसदी रहा था।

मार्केट में गिरावट जारी, सेंसेक्स 100 अंक लुढ़का

share-marketमुंबई
भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट का दौर जारी है। मंगलवार को मजबूत शुरुआत के थोड़ी देर बाद ही बाजार में गिरावट आई और एक समय सेंसेक्स 160 अंक नीचे चला गया। हालांकि बाद में इसमें कुछ सुधार हुआ। लेकिन अभी भी सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट के साथ कोराबार हो रहा है।

फिलहाल (@12.45PM) सेंसेक्स 72.06 अंकों की गिरावट के साथ 22559.55 पर कारोबार कर रहा था। इस दौरान इसने 22681.89 का उच्चतम स्तर और 22470.43 का न्यूनतम स्तर छुआ। निफ्टी 21.30 अंकों की गिरावट के साथ 6,739.95 पर कारोबार कर रहा था। इस दौरान इसने 6,779.70 का उच्चतम और 6,711.10 का न्यूनतम स्तर छुआ। हालांकि मिडकैप और स्मॉलकैप में बढ़त के साथ कारोबार हो रहा है।

इससे पहले आज सेंसेक्स 22.67 अंकों की तेजी के साथ 22654.28 पर 6,769.00 और निफ्टी 7.75 अंकों की तेजी के साथ 6,769.00 पर खुला। सोमवार को सेंसेक्स 56.46 अंकों की गिरावट के साथ 22631.61 पर बंद हुआ था। निफ्टी भी 21.50 अंक गिरकर 6761.25 पर बंद हुआ था।
एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार
एशियाई बाजारों में हैंगशेंग में 94.21 अंकों की तेजी के साथ कारोबार हो रहा था। जबकि शंघाई मार्केट में 12.05 अंकों की तेजी के साथ कारोबार हो रहा था। निक्केई में आज कारोबारी अवकाश है।

अमेरिकी बाजारों में मिलाजुला रुख
अमेरिकी बाजारों में मिलाजुला रुख रहा। डाउ जोंस और एसऐंडपी बढ़त के साथ बंद हुए जबकि नैस्डैक और दूसरे मार्केट में गिरावट रही। एसऐंडपी मामूली बढ़त के साथ 1869.43 पर बंद हुआ। डाउ जोंस 87.28 अंकों की तेजी के साथ 4074.40 पर बंद हुआ। नैस्डैक मामूली गिरावट के साथ 4074.40 पर बंद हुआ।

लोग बदलाव के लिए मोदी की तरफ देख रहे हैं: आडवाणी


गांधीनगर। नरेंद्र मोदी को लोगों में आत्मविश्वास भरने वाला नेता बताने के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के बेटे जयंत आडवाणी ने कहा कि पार्टी और मोदी को अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए। लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर से छठी बार चुनाव लड़ रहे हैं जहां बुधवार को मतदान होना है। उन्होंने पिछला चुनाव एक लाख 20 हजार मतों से जीता था।
इस बार उनका सामना कांग्रेस के किरीट पटेल से है। उनके चुनाव अभियान के प्रभारी जयंत ने कहा कि मोदी लहर से भाजपा को फायदा मिला है। जयंत ने कहा, देश के लोग बदलाव चाहते हैं और उन्हें नरेंद्र मोदी से उम्मीदें हैं। युवाओं में मोदी को लेकर काफी उत्साह है। लोगों ने अपना मन बना लिया है और वे बदलाव के लिए वोट देना चाहते हैं। वे कांग्रेस सरकार को जल्दी हटाना चाहते है। यह पूछने पर कि लोग भाजपा को वोट दे रहे हैं या मोदी को, उन्होंने कहा कि दोनों अलग नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमें मोदी को भाजपा से अलग करके नहीं देखना चाहिए। दोनों एक ही है मोदी पार्टी का चुनावी चेहरा हैं और लोग केंद्र में बदलाव के लिए मतदान कर रहे हैं। हमें भाजपा और मोदी को एक ही परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए। भाजपा की सरकार बनने पर आडवाणी की भूमिका के बारे में जयंत ने कहा कि आडवाणी जी कह चुके हैं कि चुनाव के बाद उन्हें जो भी जिम्मेदारी पार्टी से मिलेगी, वह स्वीकार करेंगे।
यह पूछने पर कि क्या उन्हें लगता है कि उनके पिता को पार्टी में वह दर्जा मिला जिसके वह हकदार थे उन्होंने कहा, बिल्कुल। पार्टी से उन्हें सब कुछ मिला। प्यार, सम्मान और सहयोग जो शुरु से मिलता आ रहा है और आज तक मिल रहा है। राजनीति में पदार्पण के सवाल पर उन्होंने कहा, अगर मौका मिला तो मैं जरूर राजनीति में आना चाहूंगा।

बांग्लादेश तूफान में अब तक 16 लोगों की मौत


ढाका। उत्तरी बंगलादेश में तूफान के कारण कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और एक हजार से अधिक लोग बेघर हो गए। पुलिस और स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी। तूफान के कारण कई पेड और बिजली के खंभे उखड गए। इसकी वजह से एक रेलगाड़ी प
टरी से उतर गई जिससे कई लोग घायल हो गए।
बंगलादेश की भारत से लगी सीमा के उत्तरी भाग के कई गांव से तूफान गुजरा जिससे कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए और खेतों में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई। तूफान की चपेट में आकर 16 लोगों की मौत हो गई जिनमें एक गर्भवती महिला और उसके तीन बच्चे शामिल हैं। इससे बीस व्यक्ति घायल हो गए जिनमें से एक की हालत गंभीर है। तूफान में जो मकान नष्ट हुए हैं उनमें से अधिकतर मिट्टी तथा टिन के बने हुए थे।

लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में बुधवार को होंगे 89 सीटों के लिए मतदान

लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में बुधवार को होंगे 89 सीटों के लिए मतदानसात राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में 30 अप्रैल को वोट डाले जायेंगे.
 89 संसदीय सीटों पर करीब 14 करोड मतदाता 11 हजार से अधिक उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे.सातवें चरण के मतदान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है और इसके ही 438 सीटों पर चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. अगले दो चरणों में शेष 105 सीटों के लिए सात और 12 मई को मतदान होना है.
शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिये व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त तथा सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं.
छठे चरण के मतदान के बाद झारखंड और जम्मू कश्मीर में मतदान केंद्रों से लौट रहे मतदानकर्मियों पर हमले की घटना को देखते हुए कड़े सुरक्षा प्रबंध कर दिए गए हैं.
छठे चरण में 24 अप्रैल को मतदान के बाद हुई हिंसा में कम से कम दस लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए थे. मतदान के बाद हुई हिंसा के मद्देनजर चुनाव आयोग ने इस तरह
की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
इस चरण के मतदान से पहले आज सभी संसदीय क्षेत्रों में उम्मीदवार सुबह से आज घर घर जाकर मतदाताओं से व्यक्तिरूप से संपर्क कर रहे हैं और अपने पक्ष में मतदान करने के लिए मतदाताओं को प्रेरित कर रहे हैं.
सातवें चरण के मतदान में जिन प्रमुख राजनीतिक हस्तियों की किस्म का फैसला होना है. उनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी बडोदरा भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी.
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी. पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान  नेशनल कांफ्रेंस के नेता और केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली तथा पंजाब के पूर्व मुख्य मंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह सहित कई अन्य कई प्रमुख राजनेता शामिल हैं.       
इस चरण में कुल मिलाकर 11295 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.अब तक हुए छह चरणों के मतदान में कुल 394 सीटों के लिये मतदान हो चुका है और इनमकें औसतन 66 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके है.
इस चरण की 89 सीटों में से सर्वाधिक 37 सीटें कांग्रेस के कब्जे में हैं.
भारतीय जनता पार्टी के पास 19 सीटें हैं. जिसमें से 15 सीटें उसे गुजरात में मिली थीं. इस चरण में गुजरात की सभी 26 सीटों पर एक साथ मतदान हो रहा है.
जिस सीट पर सबकी आंखें लगी हुयी हैं. वह है. वडोदरा जहां से श्री मोदी चुनाव मैदान में हैं. यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के मधुसूदन मिस्त्री से है. श्री मोदी लोकसभा के लिये पहली बार चुनाव मैदान में है.
श्रीमती सोनिया गांधी अपनी परम्परागत सीट रायबरेली से एक बार फिर चुनाव लड रही हैं जहां उनका मुकाबला भाजपा के अजय अग्रवाल से है.
इस चरण में दो जून को नए राज्य के रूप में गठित हो रहे तेलंगाना में पहले चरण में 17 लोकसभा सीटों और 119 विधानसभा सीटों के लिए भी मतदान होना है.
राज्य में 2 करोड 81 लाख मतदाता लोकसभा के 265 तथा विधानसभा के 1669 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. तेलंगाना में भाजपा. कांग्रेस और तेंलंगाना राष्ट्र समिति
के बीच त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है.
जम्मू कश्मीर में मतदान को लेकर लोगों में भय और भ्रम का माहौल है. श्रीगनर में केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला की चुनावी सभा में दो दिन पहले आतंकवादियों के हथगोला फेंकने की घटना के बाद मची अफरा तफरी से मतदाता डरा हुआ है.
श्रीनगर संसदीय सीट पर 14 उम्मीदवार मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला तथा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी .पीडीपी. के तारिक हमीद कारा के बीच है. वर्ष 1975 से यह सीट नेशनल कांफ्रेंस के कब्जे में रही है.
सिर्फ एक बार 1996 में यह सीट कां

विमिंस हॉकी चैंपियंस चैलेंज-1: दूसरे मैच में स्कॉटलैंड से हारी भारतीय टीम

Women's Hockey Teamग्लास्गो
भारत की महिला हॉकी टीम को स्कॉटलैंड के शहर ग्लास्गो में जारी चैम्पियंस चैलेंज-1 टूर्नमेंट के अपने दूसरे ग्रुप स्टेज मुकाबले में भी हार का सामना करना पड़ा है। भारतीय टीम स्कॉटलैंड के हाथों 0- 4 से हार गई। इससे पहले पूल-ए के शुरुआती मैच में कोरिया के हाथों 2- 4 से हार का सामना करना पडा था।

भारत अपने अगले मैच में बुधवार को बेल्जियम से भिड़ेगा। सोमवार रात हुए मुकाबले में स्कॉटलैंड ने अच्छी शुरुआत की और मैच में दबदबा बनाए रखा। टीम को चौथे ही मिनट में पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन टीम इसे गोल में नहीं बदल सकी।

निकी किड ने 30वें मिनट में गोल दागकर स्कॉटलैंड को बढ़त दिलाई जबकि एमिली मैग्वायर ने 33वें मिनट में स्कोर 2- 0 कर दिया। दूसरे हाफ में स्कॉटलैंड की ओर से विकी बुंस ने 41वें मिनट और बेकी वार्ड ने 66वें मिनट में एक-एक गोल दागकर अपनी टीम की 4-0 से जिताने में योगदान दिया।

देश भर में गुस्‍सा: यूपी में फूंका गया रामदेव का पुतला, बेंगलुरु में भी प्रदर्शन, भेजा जाएगा समन

देश भर में गुस्‍सा: यूपी में फूंका गया रामदेव का पुतला, बेंगलुरु में भी प्रदर्शन, भेजा जाएगा समननई दिल्‍ली. योगगुरु बाबा रामदेव के बयान कि राहुल गांधी दलितों के घर हनीमून-पिकनिक मनाने के लिए जाते हैं, को लेकर लोगों का गुस्‍सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को मुजफ्फरनगर में एससी/एसटी राइट्स प्रोटेक्‍शन महासंघ के कार्यकर्ताओं ने रामदेव के खिलाफ प्रदर्शन किया और कलेक्‍टर ऑफिस के बाहर उनका पुतला फूंका। प्रदर्शनकारियों ने रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। बेंगलुरु में भी रामदेव के खिलाफ प्रदर्शन हुआ है। राष्‍ट्रीय महिला आयोग ने रामदेव को नोटिस भेज दिया है और कहा है कि अगर जवाब नहीं आया तो उन्‍हें समन भेजा जाएगा। महिला आयोग की अध्‍यक्ष ममता शर्मा ने कहा कि रामदेव की जगह जेल में है।
 
सोशल नेटवर्किंग साइट टि्वटर पर भी लोगों का गुस्‍सा दिखाई दे रहा है। यूजर्स बाबा रामदेव के खिलाफ ट्वीट कर रहे हैं।
 
उधर, रामदेव ने अपने बचाव में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है और दलितों की पूजा करते तस्‍वीरें भी जारी की हैं। मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के चंबा में उन्‍होंने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस आयोजित कर कांग्रेस पर हमला बोला। चुनाव आयोग ने हिमाचल में उनके कार्यक्रम पर बैन लगा दिया है, फिर भी उन्‍होंने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस आयोजित की।
 
बीजेपी और कांग्रेस ने भी की निंदा
 
मुजफ्फरनगर में बीजेपी की एससी/एसटी इकाई ने बाबा के बयान की निंदा की और उनसे माफी मांगने की भी मांग की। वहीं कांग्रेस ने भी बाबा के बयान की आलोचना की है। 
 
क्‍या कहा था रामदेव ने 
 
बाबा रामदेव ने 25 अप्रैल को लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा था कि राहुल गांधी दलितों के घर सिर्फ हनीमून और पिकनिक मनाने जाते हैं। उन्‍होंने कहा था यदि राहुल किसी दलित युवती से विवाह कर लिए होते तो उनका भाग्य खुल जाता और वह अब तक प्रधानमंत्री बन गए होते। इस बयान पर विवाद बढ़ता देख बाबा ने कहा था कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है। उन्‍होंने इसके लिए माफी भी मांग ली थी।

हिमाचल, उत्तराखंड में दिखी मोदी लहर, बोले, 'ये दिल मांगे मोर'

पालमपुर/मंडी/हरबतपुर। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संप्रग सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश को शासकों ने बर्बाद किया। देश लूटने वालों के खिलाफ जनता में भयंकर गुस्सा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड मेरा परिवार है। मोदी ने कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र में विकास की बात है। पहाड़ और मैदान के लिए अलग से नीतियां होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि गंगा मां समान हैं जिसे सुरक्षित करने का प्रयास नहीं हुआ।
मोदी ने उत्तराखंड सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो जनता को दिखता है वह सरकार को नहीं दिखता। उत्तराखंड त्रासदी पर उन्होंने कहा कि इतने दिन बाद भी हालात में सुधार नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि जहां टूरिज्म की आपार संभावना है, जड़ी-बूटियों का भंडार है।
उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा का जख्म हमने भुगता है। चुनाव दल या प्रत्याशी नहीं। मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि किसी भी राज्य में दस का आंकड़ा नहीं छू पाएगी सत्तारूढ़ दल। मां-बेटे पर उन्होंने फिर से हमला बोलते हुए कहा कि वे इतने गुस्सा में हैं कि यदि मैं कहीं मिल गया तो कच्चा चबा जाएंगी। राहुल पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होने गरीबी देखी नहीं है। इसलिए देखने जाते हैं। जबकि हम गरीबी में पैदा हुए इसलिए गरीबी महसूस करता हूं।
हिमाचल में बोले मोदी
इससे पहले हिमाचल प्रदेश के पालमपुर [कांगड़ा] और मंडी में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि देश को कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने बर्बाद कर दिया। आज इनकी वजह से देश की गाड़ी खाई में गिरी पड़ी है। इनके खिलाफ जनता में बेहद गुस्सा है। उन्होंने जनता से 60 महीने सेवा करने का मौका मांगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस धोखेबाज पार्टी और उसका घोषणापत्र नहीं धोखा पत्र है। उन्होंने कहा कि इस बार नेता नहीं जनता लड़ रही चुनाव है। उन्होंने नौजवान से आह्वान किया कि वे इस बार मतदाता नहीं भाग्यविधाता बनें।
मोदी ने विक्रम बत्रा को याद करते हुए कहा कि ये ऐसे लोग हैं जिन्होंने देश के सैनिकों के साथ भी धोखा किया। भारत जैसा बड़ा देश आज भी शक्तिशाली लेकिन इसे सुरक्षित हाथों में रखना होगा। ये जो मां और बेटे की सरकार है.. ऑक्सीजन पर चल रही है। कुछ ही दिन बाकी हैं। मृत सरकार देश का भला नहीं कर सकती। लेकिन ये दिल मांगे मोर..परिवर्तन कीजिये।
उन्होंने कहा कि 18 से 28 तक ही युवा सारे अहम फैसले करता है। इसमें नौकरी और शादी जैसे अहम फैसले शामिल होते हैं। इसीलिए युवाओं को ये दायित्व भी है की दिल्ली में मजबूत सरकार के लिए वोट करें। उन्होंने कहा कि देश की गाड़ी गहरी खाई में गिरी पड़ी है.. उसे निकालने के लिए दिल मांगे मोरे, इस बार परिवर्तन के लिए वोट करें। मुझे 300 कमल चाहिए और उसमें हिमाचल के चारों हों।
लगा घर आ गया हूं
मोदी ने कहा, जब गुजरात छोड़ा था, बहुत दुख हुआ था लेकिन हिमाचल प्रदेश पहुंच कर लगा था कि घर आ गया हूं। सच यह है कि दिल्ली, में भाजपा की सरकार बनती है तो वह हिमाचल की अपनी सरकार होगी।
हिमाचल वीरों की भूमि
मोदी ने रैली में हिमाचल प्रदेश को वीरभूमि बताया और शहीदों को याद करते हुए कैप्टन विक्रम बतरा की उस उक्ति का उद्घोष भी किया जिसे उन्होंने कारगिल चोटी फतह कराने के बाद बोला था, 'ये दिल मांगे मोर'। बकौल मोदी, देश की गाड़ी गहरी खाई में गिरी चुकी है, जिसे निकालने के लिए 'ये दिल मांगे मोर'।
युवाओं से किया आह्वान
मोदी ने युवाओं से कहा कि 18 से लेकर 28 साल की उम्र कुछ कर गुजरने वाली होती है। इसी में युवा पढ़ाई, नौकरी और शादी जैसे महत्वपूर्ण फैसले लेता है। इसी प्रकार आपका फर्ज है कि आप अच्छी सरकार दें।
कांग्रेस ने सैनिकों को छला
मोदी ने कांग्रेस पर सैनिकों से भी छल करने का आरोप लगाया और कांग्रेस के घोषणापत्र को घोषणापत्र के बजाय धोखापत्र कहा।
मोदी की पालमपुर के प्रगति मैदान में आयोजित रैली में तिल धरने को भी जगह नहीं थी। वहीं मंडी में भी उनकी रैली में अपार जनसमूह उमड़ा। मंडी के बाद मोदी सोलन में रैली को संबोधित करेंगे। सोलन में मोदी को सुनने के लिए लोगों का हुजूम रैली स्थल पर उमड़ रहा है।

केजरीवाल का वार, भाजपा के गुंडे कर रहे हैं आप कार्यकर्ताओं की पिटाई

clipनयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने आज भाजपा पर यह आरोप लगाया कि उसके गुंडे आप कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट कर रहे हैं. महिला की जासूसी कराने के मामले में और राबर्ट वाड्रा संबंधी विवादों को लेकर आप नेता केजरीवाल ने आज भाजपा और कांग्रेस दोनों पर हमला बोला और कहा कि दोनों इन मामलों में एक दूसरे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं. यह चुनाव के पहले से बनी उनकी आपसी सांठगांठ का सबूत है. उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी एक दूसरे के चुनाव क्षेत्र में चुनाव प्रचार अभियान के लिए क्यों नहीं गए.

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा ,‘‘नरेंद्र मोदी को वाड्रा मुद्दे पर अपना रवैया स्पष्ट करना चाहिए. अगर भाजपा वाकई इस मुद्दे को लेकर गंभीर है तो भाजपा के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की.’’ उन्होंने कहा ,‘‘भाजपा और कांग्रेस ने आपस में हाथ मिला लिया है. वे सिर्फ एक दूसरे पर टिप्पणी करते हैं लेकिन उनके दल के नेतृत्व वाली सरकारें इन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करतीं.’’

आप नेता ने कहा ,‘‘अगर मैं शीला दीक्षित और मुकेश अंबानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सकता हूं तो भाजपा नीत सरकार वाड्रा के खिलाफ पिछले चार माह में एक प्राथमिकी तक दर्ज क्यों नहीं कर पाई.’’  कांग्रेस पर हमला करते हुए केजरीवाल ने कहा ,‘‘अगर कांग्रेस नीत संप्रग सरकार अडानी के मामले में वाकई गंभीर है तो वह सीबीआई से उनकी भूमिका की जांच करने के लिए क्यों नहीं कह रही है.’’

वन इंडिया » हिन्दी » सिनेमा » बॉलीवुड » समाचार टैगोर की नंदिता का रोल करने के लिए मेहनत कर रही हैं कोंकणा


टैगोर की नंदिता का रोल करने के लिए मेहनत कर रही हैं कोंकणाइन दिनों बहुमुखी प्रतिभा की धनी अभिनेत्री कोंकणा सेन शर्मा फिल्म ‘सजरूर कांता' में काम कर रही हैं जो कि महान कवि और लेखक रविन्द्र नाथ टैगोर की लिखी कहानी से प्रेरित हैं और इस फिल्म के लिए वो बहुत ज्यादा उत्साहित भी है। फिल्म में कोंकणा टैगोर के मशहूर नाटक रक्तकराबी के फेमस चरित्र नंदिनी का किरदार प्ले कर रही हैं। कोंकणा सेन शर्मा की कातिल अदाएं जिसके लिए कोंकणा काफी मेहनत कर रही हैं। कोंकणा ने कहा कि जब आप किसी महान व्यक्ति की कृति से संबंधित चरित्र को निभाते हैं तो आपकी मेहनत दोगुनी हो जाती है इसलिए मेरे लिए भी‘सजरूर कांता'की दीपा का किरदार काफी मायने रखता है, देखती हूं कि मेरी मेहनत लोगों को रास आती है कि नहीं। इस फिल्म को बना रही हैं राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित फिल्म निदेशक सुमन घोष। सुमन घोष को पूरा भरोसा है कि उनकी कोशिश को लोग जरूर पसंद करेंगे। इससे पहले निर्देशक संगीता दत्ता ने इस महान कवि की 150वीं जयंती के मौके पर उनके जीवन को फिल्म में उतारने की योजना बनाई थी। संगीता की पहली फिल्म 'लाइफ गोज ऑन' 25 मार्च को भारत में प्रदर्शित हुई थी। दत्ता को पूरा भरोसा है कि उनकी कोशिश को लोग जरूर पसंद करेंगे। देखते हैं कि कोंकणा और सुमन के इन दावों का बॉक्सऑफिस पर क्या असर होता है।
 

ओरलैंडों ब्लूम के साथ नजर आई सेलेना गोमेज

लॉस एंजिलिस: पिछले सप्ताहंत में चेल्सी हेन्डलर के एक कार्यक्रम के दौरान हॉलीवुड गायिका सेलेना गोमेज और ओरलैंडों ब्लूम को एक साथ देखा गया।
   
एश शोबिज की खबरों के मुताबिक, एक तस्वीर में 21 वर्षीय गोमेज काले रंग के परिधान में नजर आ रही हैं जबकि ब्लूम ने भूरे रंग केी एक टी-शर्ट पर नीले रंग का जैकेट पहन रखा है।
   
गोमेज और ब्लूम एक साथ कार्यक्रम में पहुंचे और बाद में एक ही कार से दोनों रवाना भी हो गये। 37 वर्षीय ब्लूम पिछले साल अपनी पत्नी मिरांडा केर से अलग हो गये थे और सेलेना के जस्टिन बीबर के साथ संबंध बनते-बिगड़ते रहे हैं।

जैक्सन संग देखी गईं नरगिस फाखरी

मुंबई: बॉलीवुड अभिनेत्री नरगिस फाखरी 50 सेंट नाम से मशहूर वैश्विक रैपर कुर्टिस जैक्सन के साथ देखी गईं। फाखरी ने हाल में अमेरिका में अपनी पहली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म ‘स्पाई’ की शूटिंग की।
फाखरी ‘स्पाई’ की शूटिंग के दौरान ‘कैंडी शॉप’ गीत के गायक के साथ देखी गई थीं। पॉल फीग निर्देशित इस फिल्म में मेलिसा मैकार्थी, जेसन स्टैथम और ज्यूड लॉ भी हैं। फिल्म में 50 सेंट भी एक छोटी सी भूमिका निभा रहे हैं। हिंदी फिल्म ‘रॉकस्टार’ में अभिनय कर चुकीं फाखरी अपनी पहली एक्शन भूमिका में नजर आएंगी।

विद्या ने अपनी प्रेगनेंसी को लेकर किया खुलासा

मुंबई: अभिनेत्री विद्या बालन एक बार फिर से अपनी प्रेगनेंसी को लेकर चर्चा में हैं। बताया जा रहा था कि सुजॉय घोष की अगली फिल्म 'दुर्गा रानी सिंह' को छोड़ने का कारण विद्या की प्रेगनेंसी है।

पर अब विद्या ने इन अफवाडों का खंडन करते हुए कहा है कि वह इस समय मोहित सूरी की फिल्म 'हमारी अधूरी कहानी' कर रही हैं। फिल्म ना करने की सारी बातें झूठी हैं। विद्या ने बताया कि वह अपनी सेहत के कारण कुछ समय के लिए काम नहीं कर रही थी। उन्होंने यह भी साफ कहा कि वह अभी मां बनने के लिए तैयार नहीं हैं।

बता दें कि हाल ही विद्या की कुछ ऐसी तस्‍वीरें सामने आई थी, जिनमें उनका 'बेबी बंप' नजर आ रहा है। जिससे कयास लगाए जा रहे थे कि विद्या बालन प्रेग्‍नेंट है। ऑस्‍ट्रेलिया ट्रिप में भी विद्या और उनके 'बेबी बंप' का किस्‍सा छाया रहा।

सनी की स्ट्रिप डांस तस्वीरें हुई वायरल

नई दिल्ली: पॉर्न स्टार और बॉलीवुड अभिनेत्री सनी लियोन की एक पार्टी की तस्वीरें इन दिनों खूब चर्चे में है। ये तस्वीरें सोशल साइटस पर काफी वायरल हो गई हैं।
बताया जा रहा है कि इन तस्वीरों में सनी सेमी न्यूड दिखाई दे रही है। जानकारी मिली है कि सनी लियोन ने हाल ही में हीरा कारोबारियों की एक पार्टी में स्ट्रिप डांस किया। यह उसी पार्टी की
तस्वीरें हैं और इस डांस के लिए सनी ने इ 40 लाख रुपये लिए हैं।

सूत्रों ने जानकारी दी है कि कुछ हीरा कारोबारियों ने मुंबई-पुणे हाइवे पर एक अज्ञात जगह पर प्राइवेट पार्टी का आयोजन किया था जिसमें सनी लियोन ने परफॉर्मेंस दिया।

दूसरी तरफ सनी लियोन ने इन खबरों का खंडन कर दिया है। उन्होंने कहा है कि 18 अप्रैल को मैं टीना एंड लोलो की शूटिंग कर रही थी। सनी ने कहा है कि कुछ भी लिखने से पहले तथ्यों को जांच लेना चाहिए और झूठ लिखने से परहेज करना चाहिए।

''हमशक्‍ल'' में गुजराती युवक बनेंगे सैफ अली


    clip
    मुंबई : बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान अपनी आगामी फिल्म ‘हमशक्ल’ सें गुजराती युवक का किरदार निभाने वाले हैं. इसका निर्देशन साजिद खान कर रहे हैं. इस फिल्म में सैफ का ट्रिपल रोल है, जिसमें से एक किरदार गुजराती युवक का है. इससे पहले भी सैफ ‘कल हो ना हो’ में गुजराती युवक की भूमिका निभा चुके हैं.
    खबर है कि ‘हमशक्ल’ में सैफ गुजराती बोलते नजर आएंगे. सूत्रों के हवाले से खबर है कि छोटे नवाब गुजराती सीखने के लिए कड़ी मेहनत की है. फिल्म के सेट पर भी सैफ गुजराती बोलते हैं.
    वासु भगनानी निर्मित और साजिद खान निर्देशित ‘हमशक्ल’ में सैफ के अलावा रितेश देशमुख, राम कपूर, विपाशा बसु, तमन्ना भाटिया, इशा गुप्ता की भी मुख्य भूमिकाएं है. यह फिल्म 20 जून को रिलीज होगी.

    अक्षय का नया अवतार "गोल्डन गन मैन"

    In Singh is Bling poster Akshay Kumar is the man with the golden gunजयपुर। बॉलीवुड कि हिट जोड़ी अक्षय कुमार और कटरीना कैफ एक बार फिर "सिंग इज ब्लिंग" में काम करते नजर आएंगे। ये जोड़ी इससे पहले भी सिंग इज किंग में साथ काम कर चुकी है।

    "सिंग इज ब्लिंग" का फस्ट पोस्टर 27 अप्रेल को जारी किया गया था। इस फिल्म में अक्षय एक बार फिर एक सरदार की भूमिका निभा रहे हैं। ये एक ऎसा सरदार है जो डॉलर्स मैन है गले में सोलिड गोल्ड चेन पहने है और हाथ में गोल्ड गन कैरी करता है।

    इससे पहले अक्षय कुमार और कटरीना कैफ ने 2008 में प्रदर्शित सिंग इज किंग, 2007 मे नमस्ते लंडन और 2010 मे तीस मार खां जो कि बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हुई थी में साथ काम किया है।

    हम आपको ये बता दें कि प्रभु देवा निर्देशित यह फिल्म "सिंग ईज किंग" का सिक्वल नहीं है। दोनों फिल्मों के नामों में समानता होने की वजह से कंफ्युजन पैदा हो सकता है। इससे पहले प्रभु देवा अक्षय कुमार के

    आलिया के हीरो बनेंगे टाइगर?

    जैकी श्रॉफ के बेटे, ऐक्टर टाइगर श्रॉफ की पहTiger & Aliaली फिल्म 'हीरोपंती' अभी रिलीज भी नहीं हुई, लेकिन उनकी फिल्म के प्रड्यूसर साजिद नाडियाडवाला को अपने हीरो पर पूरा भरोसा है। साथ ही, साजिद को अपनी फिल्मों 'हाइवे' और '2 स्टेट्स' की हिरोइन आलिया भट्ट भी भा गई हैं।

    खबर है कि साजिद आलिया और टाइगर को एक रॉमकॉम मूवी में साथ लाने की प्लैनिंग कर रहे हैं। अभी इस फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम चल रहा है। प्रॉडक्शन हाउस से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि आलिया साजिद के साथ दो कामयाब फिल्में कर चुकी हैं और अब साजिद आलिया के साथ हैट ट्रिक करना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि टाइगर आलिया के ऑपोजिट बढ़िया ऑप्शन होंगे।

    साजिद फिलहाल पौलंड में सलमान खान की फिल्म 'किक' का फाइनल शेड्यूल शूट कर रहे हैं। साजिद के करीबी सूत्रों ने बताया कि एक बार 'किक' की शूटिंग कंप्लीट हो जाने के बाद वह इस फिल्म पर फोकस करेंगे। साजिद इस बारे में आलिया और टाइगर से बात भी कर चुके हैं।

    बता दें कि आलिया और टाइगर की मुलाकात '2 स्टेट्स' के प्रीमियर पर हुई थी और उनके बीच अच्छी दोस्ती भी हो चुकी है। इस फिल्म की शूटिंग इस साल के आखिर में शुरू होने की संभावना है। साजिद इस बारे में क\मेंट करने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके।

    rohitsainibuti

    rohitsainibuti
    मित्रो इससे बड़ी विडम्बना क्या होगी की पूरे देश का पेट भरने वाला किसान खुद भूख से मरता है आत्मह्त्या करता है ! उसके घर की छत टपकती है फिर भी वो बारिश का इंतजार करता है ! हर वर्ष हमारे देश मे 70 हजार किसान आत्महत्या कर रहे है लेकिन हमारे कृषि प्रधान देश मे ऐसा क्यों हो रहा है ?? और इसका समाधान क्या है ?? इस पोस्ट के माध्यम से हम इस समस्या का मूल कारण और समाधान की बात करेंगे !

    मित्रो बड़ी पोस्ट पढ़ने की आदत नहीं तो यहाँ click कर देखें
    http://goo.gl/hV0jaK
    देश मे किसानो की आत्महत्या के पीछे का सबसे कारण ये है की प्रतिदिन उनकी खेती का खर्चा बढ़ता जा रहा है और आमदनी कम होती जा रही है जिससे किसान कर्जे मे डूब रहा है और आत्महत्या कर रहा है ! खेती करने के लिए किसान अपने खेत रसायानिक खाद और कीटनाशक डाल रहा है !!

    जिसको यूरिया,DAP,superphosphate,कहते है और कीटनाशको को एंडोसल्फान ,मेलाथ्यान आदि कहते है ! तो ये विदेशी कंपनियो के कीटनाशक और रासायनिक खाद किसानो के बीच मे सबसे ज्यादा खरीदे जाते है और हर साल 4 लाख 80 हजार करोड़ रूपये ये कंपनियाँ हमारे देश के किसानो से लूटती है ! 4 लाख 80 हजार करोड़ को 100 करोड़ की जनता मे कैश बांटे तो प्रति व्यकित 4800 रूपये आएंगे सोचो कितनी बड़ी लूट होती है रासायनिक खाद और कीटनाशक से !
    _________________________
    राजीव भाई ने 12 साल कर्नाटक ,महाराष्ट्र मे हजारो किसानो के साथ काम किया और उन किसानो ने राजीव भाई के कहने पर यूरिया DAP छोड़ कर गोबर का खाद डालना शुरू किया ! और जिन किसानो के यूरिया DAP वाले खेत मे पहले एक एकड़ मे 20 से 25 मीट्रिक टन गन्ना होता था आज उस किसान के खेत मे एक एकड़ मे 90 से 100 टन गन्ना होता है !

    जिन किसानो के यूरिया DAP वाले खेत मे पहले एक एकड़ मे 12 क्विंटल गेहूं होता था आज उस किसान के खेत मे गोबर की खाद डालने से एक एकड़ मे 20 से 22 क्विंटल तक गेहूं होता है !

    जिस किसान के यूरिया DAP वाले खेत मे पहले एक एकड़ मे 3 कवींटल कपास होती है आज उस किसान के खेत मे गोबर की खाद डालने से एक एकड़ मे 7 क्विंटल कपास होती है !

    ऐसे एक नहीं हजारो किसान है महाराष्ट्र मे ,कर्नाटक मे और थोड़ा आगे जाओ छतीसगढ़ मे जिनहोने अपने खेतो मे यूरिया DAP छोड़कर गोबर की खाद डालना शुरू किया ! गोबर का खाद डालने से उत्पादन ज्यादा होता यूरिया DAP की तुलना मे !

    गोबर की खाद से क्यों उत्पादन ज्यादा होता है ?? उसे जानना बहुत जरूरी है ये बात आप समझ जाए भारत का हर किसान समझ जाए पूरा भारत दुबारा खुशहाल हो जाएगा !

    गोबर की खाद जब हम खेत मे डालते है तो होता क्या है ?? दरअसल गोबर जो है वो बहुत तरह के जीव जन्तुओ का भोजन है और यूरिया भोजन नहीं जहर है आपके खेत मे एक जीव होता है जिसे केंचुआ कहते हैं केंचुआ को कभी पकड़ना और उसके ऊपर थोड़ा यूरिया डाल देना आप देखोगे केंचुआ तरफना शुरू हो जाएगा और तुरंत मर जाएगा ! जब हम टनों टन यूरिया खेत मे डालते है करोड़ो केंचुए मार डाले हमने यूरिया डाल डाल के !!

    केंचुआ करता क्या है ?? केंचुए मिट्टी को नरम बनाते है पोला बनाते है उपजाऊ बनाते हैं केंचुए का कम क्या है ?? ऊपर से नीचे जाना ,नीचे से ऊपर आना पूरे दिन मे तीन चार चक्कर वो ऊपर से नीचे ,नीचे से ऊपर लगा देता है ! अब जब केंचुआ नीचे जाता तो एक रास्ता बनाते हुए जाता है और जब फिर ऊपर आता है तो फिर एक रास्ता बनाते हुए ऊपर आता है ! तो इसका परिणाम ये होता है की ये छोटे छोटे छिद्र जब केंचुआ तैयार कर देता है तो बारिश का पानी एक एक बूंद इन छिद्रो से होते हुए तल मे जमा हो जाता है !

    मतलब water recharging का काम पूरी दुनिया मे कोई करता है तो वो केंचुआ है जो यूरिया के कारण मर जाता है इसलिए यूरिया डालना मतलब किसान के लिए आत्मह्त्या करने के बराबर है ! जिस किसान के खेत मे यूरिया डालेगा तो केंचुआ मर जाएगा केंचुआ मर गया तो मिट्टी मे ऊपर नीचे कोई जाएगा नहीं तो मिट्टी कठोर होती जाएगी कड़क होती जाएगी मिट्टी और रोटी के बारे एक बात कही जाती है की इन्हे फेरते रहो नहीं तो खत्म हो जाती है रोटी को फेरना बंद किया तो जल जाती है मिट्टी को फेरना बंद करो पत्थर जैसी हो जाती है !

    मिट्टी को फेरने का मतलब समझते है ?? ऊपर की मिट्टी नीचे ! नीचे की ऊपर !ऊपर की नीचे ,नीचे की ऊपर ये केंचुआ ही करता है ! केंचुआ किसान का सबसे बड़ा दोस्त है ! एक केंचुआ साल भर जिंदा रहे तो एक वर्ष मे 36 मीट्रिक टन मिट्टी को उल्ट पलट कर देता है और उतनी ही मिट्टी को ट्रैक्टर से उल्ट पलट करना पड़े तो सौ लीटर डीजल लग जाता है 100 लीटर डीजल 4800 का है ! मतलब एक केंचुआ एक किसान का 4800 रूपये बचा रहा है ऐसे करोड़ो केंचुए है सोचो कितना लाभ हो रहा है इस देश को !

    इसलिए गोबर खाद डालने से फाइदा क्या होता है ? रसायनिक खाद डालो केंचुआ मर जाता है गोबर का खाद डालो केंचुआ ज़िंदा हो जाता है क्योंकि गोबर केंचुए का भोजन है केंचुए को भोजन मिले वह अपनी जन संख्या बढ़ाता है और इतनी तेज बढ़ाता है की कोई नहीं बढ़ा सकता भारत सरकार कहती है हम दो हमारे दो ! केंचुआ नहीं मानता इसको !एक एक केंचुआ 50 50 हजार बच्चे पैदा करके मरता है एक प्रजाति का केंचुआ तो 1 लाख बच्चे पैदा करता है ! तो वो एक ज़िंदा है तो उसने एक लाख पैदा कर दिये अब वो एक एक लाख आगे एक एक लाख पैदा करेंगे करोड़ो केंचुए हो जाएंगे अगर गोबर डालना शुरू किया !!

    ज्यादा केंचुआ होंगे तो ज्यादा मिट्टी उलट पलट होगी तो फिर छिद्र भी ज्यादा होंगे तो बारिश का सारा पानी मिट्टी मे धरती मे चला जाएगा ! पानी मिट्टी मे चला गया तो फालतू पानी नदियो मे नहीं जाएगा ,नदियो मे फालतू पानी नहीं गया तो बाढ़ नहीं आएगी तो समुद्र मे फालतू पानी नहीं जाएगा इस देश का करोड़ो करोड़ो रूपये का फाइदा हो जाएगा !! इसलिए आप किसानो को समझाओ की भाई गोबर की खाद डालो एक ग्राम भी उत्पादन कम नहीं होगा !!
    ______________________________
    ____

    लेकिन गोबर की खाद डालने का तरीका क्या है वो आप जान लो !!
    अभी किसान क्या करता है कचड़ा डालने वाले घूरे मे गोबर जमा कर देता है वो साल भर सूखता रहता है उसकी पूरी ताकत निकल जाती वो कोई लाभ नहीं देता ! तो गोबर को हमेशा गीला डालना चाहिए ताजा डालना चाहिए !! आप ये फार्मूला लिख लो एक एकड़ खेत के हिसाब से !!

    _____________________________

    जैविक खेती का एक आसान तरीका.
    जैविक खाद ( एक एकड़ खेत के लिए ) कैसे बनाये !

    एक पलास्टिक के ड्रम में नीचे लिखी पाँच चीजों को आपस में मिला लें.

    10 किलो गोबर ( देशी गाय का, बैल का, या भैंस का )

    10 लीटर मूत्र (देशी गाय का, बैल का, या भैंस का )

    1 किलो गुड़ ( कैसा भी चलेगा, जो सड़ गया हो आपके उपयोग का ना हो तो वो ज्यादा अच्छा है )

    अब इसमे 1 किलो पिसी हुई दाल या चोकर (कैसा भी चलेगा, आपके उपयोग का ना हो तो ज्यादा अच्छा )

    और अंत मे डालनी है 1 किलो मिट्टी किसी भी पुराने पेड़ के नीचे की पीपल, बरगद .... (पीपल ,बरगद के पेड़ 24 घंटे आक्सीजन छोड़ते है ! जिससे जीवाणुओ की संख्या ज्यादा होगी यही जीवाणु खेत को चाहिए !!

    तो कुल 5 चीजे हो गई !

    1 ) 10 किलो गोबर
    2) 10 लीटर मूत्र
    3) 1 किलो गुड
    4) 1 किलो दाल
    5) 1 किलो मिट्टी

    इन पांचों को आपस मे मिला दो हाथ से या किसी डंडे से ! मिलाने मे तकलीफ आए तो थोड़ा पानी डाल दो पानी थोड़ा सा ही डालना है !! अब इसे 15 दिन तक छाँव में रखो,पेड़ की छाँव के नीचे ज्यादा बढ़िया ! धूप मे बिलकुल मत रखना !और रोज सुबह शाम एक बार इसे मिला दो. 15 दिन बाद ये खाद बन कर तैयार हो जाएगी इस खाद करोड़ो करोड़ो सूक्ष्म जीवाणु होगी वो हमने जो मिट्टी डाली ना उसी के जीवाणु अपनी संख्या बढ़ाएँगे ! जिस दिन मिट्टी डाल कर रखा था अगर उस दिन 1 लाख जीवाणु है तो 15 दिन बाद इनकी संख्या 100 करोड़ को पार कर जाएगी !!

    अब इस खाद (जीवाणु घोल ) को खेत मे डालना है और डालने से पहले इसमे पानी मिलना है पानी कितना मिलना है जितना गोबर था उसका 10 गुना पानी ! 10 किलो गोबर था तो 100 लीटर पानी !! तो पानी मिलाने के बाद ये पूरा घोल तैयार हो जाता है और इसे बस अब एक एकड़ के खेत मे छिड़कना है ! जैसे मिट्टी दबाने के लिए हम पानी छिड़कते है वैसे छिड़कना है !

    आप इसे छिड़क देंगे तो ये जीवाणु मिट्टी मे मिल जाएंगे और मिट्टी मे सारा खेल खेलने का काम ये जीवाणु ही करते हैं ! आपको पता है ये जीवाणु क्या कम करते है ?

    पोधे की जड़ को नाइट्रोजन चाहिए तो ये जीवाणु उपलब्ध करवाते है !

    पोधे की जड़ को कैल्शियम चाहिए तो ये जीवाणु उपलब्ध करवाते है !

    पोधे की जड़ को आइरन चाहिए तो ये जीवाणु उपलब्ध करवाते है !

    अर्थात पोधे को जितने सूक्ष्म तत्व चाहिए और पोधे के फल से होते हुए हमारे शरीर को भी चाहिए तो ये जीवाणु ही उपलब्ध करवाते हैं ! तो जिस पोधे को जीवाणु ज्यादा मिलेंगे तो उसकी बढ़त ज्यादा होगी बढ़त ज्यादा होगी तो फल ज्यादा होगा फल ज्यादा होगा तो उत्पादन ज्यादा होगा !

    ________________________________

    अब समय लिख लो इसको कितनी बार कैसे कैसे डालना है ! सब्से अच्छा तरीका है की बीज डालने से पहले जब आप खेत की जुताई करे ठीक उसके अगले दिन डाल दीजिये !! फिर बीज बो दिये जिये और बीज बोने के 21 दिन बाद फिर डाल दो ! आप मोटी सी बात याद रखो हर 21 दिन बाद डाल दो !! मान लो एक फसल 4 महीने की है तो 5 बार डालना पड़ेगा !!

    इसको छिड़कने की कुल 4 विधि है !!

    1) पहली ये की सीधे डब्बा लो भरो और छिड़क दो !! भरो और छिड़क दो !!
    अब आप कहोगे खेत बड़ा है तो क्या करे !

    तो दूसरा तारीक है खेत मे पानी लागाते है तो पानी मे डाल दो नाली मे से पानी जा रहा है एक टंकी मे इसको भरकर टूटी खोल दो टपक टपक पानी के साथ चला जाएगा

    तीसरा तरीका ये है अगर आपके पास जानवरो की संख्या ज्यादा है तो गोबर ज्यादा होगा थोड़ा गोबर तो खाद बनाने मे काम आ गया बाकी गोबर का क्या करोगे तो बाकी गोबर अगर सूखा हुआ है तो उसे भी 15 दिन बाद 200 लीटर पानी के साथ इसी ड्रम मे डाल दो फिर उस गोबर के लड्डू बना लो खेत मे छिड़क दो !

    एक और तरीका है खेत की मिट्टी खोद लो मिट्टी मे ये पूरा घोल मिला दो मिट्टी गीली हो गई इसके लड्डू बना खेत मे छिड़क दो !!
    ___________________________________

    अब अगर जानवर घर के है तो गोबर ,गौ मूत्र फोकट का ! गुड़ वो लेना है जो
    बिलकुल सड़ा हुआ हो जिसे जानवर भी ना खाये पानी तो पहले से फोकट का है कुछ दाल आदि लेने का खर्चा करना पड़ेगा वो भी अगर किसान दाल की खेती करता है तो वो भी मिल जाएगी तो कुल मिलाकर खाद बनाने का खर्चा शून्य हो जाएगा !! मेहनत लगेगी लेकिन पूंजी मे पैसा कम से कम खर्च होगा !!

    और ये खाद जो तैयार होगी उसमे जबर्दस्त कवालेटी quality है क्यों इसमे कैल्शियम भरपूर ,आइरन भरपूर ,माइग्निशियम भरपूर , और ऐसे 18 पोषक तत्व है जो मिट्टी को चाहिए वही लेकिन यूरिया मे नहीं है DAP मे ये नहीं है यूरिया मे कैल्शियम नहीं है DAP मे कैल्शियम नहीं है

    कैल्शियम सबसे मुख्य आधार है मिट्टी के लिए क्योंकि खेत मे कैल्शियम होगा तो पोधें मे होगा ,पोधे मे होगा तो फल मे होगा ,फल मे होगा तो हमारे भोजन मे होगा
    हमारे भोजन मे होगा तो शरीर मे होगा शरीर मे होगा तो हड्डियाँ मजबूत हड्डियाँ मजबूत तो शरीर मजबूत तो ये सारा साइकिल गोबर की खाद से ही मिलेगा यूरिया DAP से तो मिलने वाला ही नहीं है ! तो आप किसानो को ये समझाएँ की गोबर का खाद डालें भरपूर उत्पादन होगा खर्चा शून्य आएगा !! अगर पहले वर्ष थोड़ा उत्पादन कम भी हुआ तो तो खाद जो मे खर्चा शून्य हुआ तो वो बराबर हिसाब बैठेगा क्यों यूरिया की खाद के लिए हजारो हजारो रुपए खर्च करने पड़ते है !! और हर साल उत्पादन बढ़ता जाएगा ! 10 -12 साल बाद तो 100 % की बढ़ोतरी हो जाती है !! दोगुना लाभ ! बस हमेशा एक बात याद रखे जो गोबर लेना है वो देशी गाय का ही होना चाहिए ! विदेशी जर्सी गाय वाले से लाभ नहीं मिलेगा

    _____________________________________

    अब फसल को कभी कीड़ा लग जाए तो उसका फार्मूला भी लिख लीजिये वैसे फसल को कीड़ा यूरिया DAP से आदि डालने से ही ज्यादा लगता है !!

    जैविक जंतु नाशक ( एक एकड़ खेत के लिए )

    एक ड्रम में नीचे लिखी चीजों को मिला कर उबालें !

    20 लीटर मूत्र ( गाय का, बैल का, या भैंस का )

    2 से 3 किलो नीम के पत्ते या निम्बोली पिस कर मिलाएं !

    2 से 3 किलो सीताफल के पत्ते पिस कर मिलाएं !

    2 से 3 किलो आकड़ा ( आक, अकौवा, अर्क मदार ) के पत्ते को पिस कर मिलाएं !

    2 से 3 किलो धतुरे के पत्ते को पिस कर मिलाएं !

    2 से 3 किलो बेल पत्र के पत्ते को पिस कर मिलाएं !

    और इसमे खूब लाल तीखी मिर्च डाल दो 300 -400 ग्राम ! आधा किलो लहसुन डाल दो ! और एक मोटी सी बात याद रखे जिन जिन पत्तों को गाय नहीं खाते और आपके गाँव मे उपलब्ध है वो सब इसमे डाल दो !!

    अब इस घोल को 20 लीटर देशी गाय के मूत्र मे डाल कर उबाले ! खूब उबल जाये तो इसे ठंढा करके छान लें ! अब इसे बोतल में या किसी और बर्तन में रख लें !
    # अब जब भी इसका इस्तेमाल करना हो तो इसमें 200 लीटर पानी मिला कर किसी भी फसल पर छिड़के !
    छिड़कने के दिन के अंदर सभी कीट मर जायेंगे ! एक भी पैसे का खर्चा नहीं होगा बाजार से कुछ नहीं लाना पड़ता !!
    _________________
    तो मित्रो ये फार्मूला अगर आप भारत के एक एक किसान तक पहुंचा दें तो इस देश का 4 लाख 80 हजार करोड़ विदेश जाने से बच जाएगा !! लाखो किसानो का उत्पादन खर्च कम हो जाएगा ! उनकी आय बड़ जाएगी उनको कर्ज नहीं लेना पड़ेगा ! लाखो किसान आत्मह्त्या करने से बच जाएंगे ! और जहीरले चावल ,गेहूं ,चना फल हम नहीं खाएँगे तो हम ग्ंभ्रीर बीमारियो से बचेंगे ! लाखो करोड़ हर वर्ष जो दवा कंपनियाँ लूट रही वो बच जाएगा !! इसलिए मित्रो अधिक से अधिक इस zero budget farming फार्मूले को share करें !

    अमर बलिदानी राजीव दीक्षित जी की जय !!
    यहाँ जरूर click करे !

    http://www.youtube.com/watch?v=LVROt-6N9C8

    वन्देमातरम !!

    इस फार्मूले से खेती करने मे कोई समस्या आए तो इस नंबर पर संपर्क करें !
    अमित आनंद,08090012349
    माधवराव 09866548278
    सचिन शिंदे 0992241933

    Around the IPL: Week 2

    The Pepsi Indian Premier League 2014 juggernaut rolls on and as the second weekend of the season drew to a close, one was witness to plenty of mind-blowing action. Here are some of the top picks from the week that has gone by:

    More Max from…Well…Maxwell

    Glenn Maxwell had blown away two formidable sides in the first five days of the season. Chennai Super Kings – despite posting 205 on the board – were demolished by the Australian who smashed 95 off 43 balls. The Rajasthan Royals were at the receiving end next; playing a wide range of shots, finding the unmanned regions on the field precisely and packing some muscle in his strokes, Maxwell smashed six sixes and eight fours in his 45-ball 89.

    Maxwell’s first innings last week mirrored his efforts against CSK. His 43-ball 95 versus SRH contained an incredible nine sixes – including a 98 m hit, which set the record for the longest six in the tournament at that point. The leg-side was undoubtedly his preferred scoring area – he scored 74 percent of his runs on that side of the pitch. There was a lot of rationale in Maxwell’s choice of shots; he normally packed a punch in his sweeps and slog-sweeps, but he pulled out the unorthodox reverse-sweep and switch-hit from his repertoire when the bowlers packed the leg-side field and bowled a restrictive line. And he picked the gaps playing those unorthodox shots too!

    Incredible Catches

    Dropped catches continued to cost teams during Week 2; some 16 catches were put down in the 10 matches played in that period. However, there were some screamers too.

    Chennai Super Kings’ Faf du Plessis pulled off two stunning catches in the space of one over in Chennai Super Kings’ match against the Delhi Daredevils. The two catches he took – to send back Murali Vijay and Manoj Tiwary – reflected on how complete an athlete he is. With the airborne cricket ball flying away from him, du Plessis – stationed at mid-off – ran in pursuit of it, covering a lot of ground. He kept looking upwards to keep his eyes on the ball, and as the ball came crashing down, he lunged and came up with the ball in both hands.

    The second effort was even better – he had to stretch completely at the last moment and had to be airborne for a moment even as the ball made contact with his palms. Such catches happen once in a while. But to pull it off twice in quick succession is simply astounding.

    Lynn’s Limbo near the Fence


    If one thought du Plessis had set the new standards for catching, there was more to come in Week 2. Kolkata Knight Riders’ Chris Lynn pulled off a screamer against Royal Challengers Bangalore. With RCB on the brink of victory, AB de Villiers made good connection as he attempted to deposit R Vinay Kumar into the stands at midwicket. Chris Lynn positioned squarer on the leg-side boundary, ran to his left in an attempt to take the catch.

    Just as he appeared to get to the position where the ball was coming down, he slipped – right on the edge of the fence – almost as if he was doing the limbo. The Australian was not one bit distracted despite losing his footing. He held his poise, settled down nicely under the ball, with his knees firmly on the ground. And as the ball came down, he raised himself ever so slightly, and then, arched backwards to come up with the ball.

    What was more astonishing was the follow-up. The 24-year-old lost his balance during the act of arching backwards to get enough elevation to come in contact with the ball. However, he showed good awareness as he realized the momentum would have resulted in his head landing on the padding of the boundary rope. He dragged his body forward just enough to ensure he landed inside the field of play with the ball in his hand. Unreal!

    Ump Vision

    One of the innovations of Pepsi IPL 2014 has been wiring the on-field Umpires with cameras and getting to see bits of action from their perspective. And one got to see two fantastic visuals from the Umpire’s Cam during Week 2. First up, in RCB’s match against KKR, the camera mounted on Umpire Vineet Kulkarni’s hat provided visuals of Yuvraj Singh muscling Umesh Yadav for a six over midwicket. The camera gave an insight into the pace of things in the middle – the speed at which the ball travels to the batsman, the time the batsman has to react and play the shot, how well Yuvraj Singh middled it on that occasion, and finally how far he hit it.

    There was another piece of brilliance captured by the Umpire’s Cam in the match between the Mumbai Indians and Delhi Daredevils. DD opener Quinton de Kock pounced on a wide delivery from Corey Anderson and cut it right out of the middle of the bat. But 38-year-old Michael Hussey, positioned at point, moved swiftly to his left and pulled off a sharp catch right in front of the Umpire at the striker’s end. The Umpire’s Cam gave us a good look into the positioning of the point fielder, how quickly the ball traveled to him and how agile Hussey was to move swiftly to his left and pluck a sharp catch.

    This is as close as one can get to all the action in the centre!

    Selection of the Week


    ‘Why fix things when they ain’t broke?’ they say. But Kolkata Knight Riders skipper Gautam Gambhir made the huge decision of leaving out R Vinay Kumar, who had bowled the fantastic last over – successfully defending nine runs – in KKR’s previous match against Royal Challengers Bangalore. Speaking at the toss, Gambhir explained his team was going with “horses for courses” and had hence picked leg-spinner Piyush Chawla for their match against Kings XI Punjab. And didn’t the move work! The 25-year-old spinner returned as the most successful bowler for KKR with figures of 4-0-19-3. Who were his three scalps? The dangerous David Miller, George Bailey and Virender Sehwag!

    Saturday 26 April 2014

    जयललिता जयराम

    भारतीय राजनीति में जयललिता एक ऐसा नाम है जिनपर तमिलनाडु की जनता जान छिड़कती है। राजनीति में आने से पहले जयललिता फिल्म जगत की जानी मानी हती थीं। जयललिता का जन्म 24 फरवरी 1948 को मांडया जिले के पांडवपुरा तालुक, जो अब कर्नाटक में है, में हुआ था। इनके पूर्वज मैसूर राजघराने के सर्जन थे। स्राज परिवार से अपना संबंध दर्शाने के लिए इनका परिवार अपने नाम के आगे जय शब्द का प्रयोग करने लगा इसीलिए इनका नाम जयराम जयाललिता पड़ा। वैसे इनको इनकी माता कोमलावल्ली कहकर पुकारती थी।

    चुनावी सर्वेक्षण बता रहे हैं कि इस बार के आम चुनाव में जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके राज्य की 39 लोकसभा सीटों में से अधिकांश सीटों पर कब्जा जमा सकती हैं। हिंदी, अंग्रेजी,तमिल,तेलगु,कन्नीड़ सहित छह भाषाओं को जानने वाली जयाललिता इस बार पीएम की दौड़ में भी काफी बड़ा नाम है।

    जीवन के अहम पड़ाव: साल 1982- जयललिता ने एआईएडीएमके की सदस्यता ग्रहण की और वो राजनीति में आईं। जयललिता के राजनीति में आने की अहम वजह तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके के संस्थापक एमजी रामचंद्रन यानी एमजीआर को माना जाता है। साल 1983- इस साल जयललिता की नियुक्ति एआईएडीएमके के प्रचार सचिव के रूप में हुई। साल 1984- जयललिता राज्य सभा की सदस्य बनीं। जब बीमार होने पर पार्टी के संस्थापक एमजीआर देश से बाहर चले गए, उस स्थिति में जयललिता ने पार्टी में उनका स्थान ले लिया। साल 1987- साल 1987 में एमजीआर की मौत के बाद एआईएडीएमके दो धड़ों में बंट गई। साल 1989- पार्टी महासचिव होने के नाते साल 1989 में जयललिता तमिलनाडु के निर्वाचन क्षेत्र बोदिनायकनूर से राज्य विधानसभा चुनावों के लिए खड़ी हुईं। जयललिता चुनाव जीतीं और राज्य विधानसभा की पहली नेता विपक्ष बनीं।

    साल 1991- राजीव गांधी की हत्या के बाद पूरे भारत में कांग्रेस गठबंधन सरकार ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। जयललिता ने भी भारी अंतर के साथ जीत दर्ज की। इन चुनावों के बाद वह राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। तमिलनाडु की अब तक की सबसे कम उम्र और दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनने का खिताब भी जयललिता के ही नाम है। साल 2011- जयललिता चौथी बार राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। उनका चौथा कार्यकाल 16 मई, 2011 से शुरू हुआ है।

    अरविंद केजरीवाल

    टीम अन्ना का चाणक्य जो अराजक चंद्रगुप्त बन गया आधुनिक भारतीय राजनीति में जेपी के आंदोलन के बाद महान भारतीय मध्यय वर्ग के भीतर राजनीतिक हलचल मचाने का श्रेय अगर किसी को दिया जा सकता है तो वह हैं अरविंद केजरीवाल। अरविंद को परांपरागत राजनेता या सामाजिक कार्यकर्ता की परिभाषा के खांचे में रखकर देखा-समझा नहीं जा सकता है।

    दरअसल अरविंद मूलत: विद्रोही व्यक्त्वि के स्वामी है। उनके शब्दों में वह अराजक है और हर मानव द्रोही परांपरा के खिलाफ हैं। केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा राज्य के हिसार जिले के सिवानी गांव में हुआ था। हिसार के बड़ा मोहल्ला के बाशिंदे बताते हैं कि उनका जन्म जन्‍माष्‍टमी को हुआ था इसीलिए उनके दादा-दादी उन्हें ‘कन्हैया’कहकर पुकारते थे। इनकी माता का नाम गीता और पिता का नाम गोविंद है।

    वे अपने तीन भाई बहनों में सबसे बड़े हैं। अरविंद का बचपन सोनीपत, मथुरा,गाजियाबाद और हिसार में बीता है। केजरीवाल ने आईआईटी खड़गपुर से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली और टाटा स्टील में काम करने के बाद वे 1992 में भारतीय राजस्व सेवा में शामिल हुए। 2006 में जब वे आयकर विभाग में संयुक्त आयुक्त थे तब उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी। 2000 में उन्होंने नौकरी से विश्राम लेकर वे मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी, रामकृष्ण मिशन और नेहरू युवा केन्द्र से जुड़े । अरविंद का सुनीता से प्रेम विवाह हुआ है। सुनीता खुद भी एक आईआरएस अधिकारी हैं । दम्पति के दो बच्चे हैं। बेटी का नाम हर्षिता और बेटा का नाम पुलकित है।

    अरविंद पिछले कई वर्षों से विपासना का अभ्यास कर रहे हैं। केजरीवाल ने 'स्वराज' नामक एक पुस्तक भी लिखी है। यह किताब उनकी और उनके आंदोलन का वैचारिक खाका पेश करती है। अरविंद का राजनीतिक सफर अरविंद छात्र जीवन से ही सामाजिक विषयों पर तीखी नजर रखते थे। महात्मा गांधी से वह खासे प्रभावित लगते हैं। जन आंदोलनों में शिरकत करने के दौरान वह गांधीवादी,समाजवादी और सामाजिक जनवादी व्यक्त्विों के संपर्क में आए। अरुणा राय,अन्ना हजारे, मेधा पाटकर, बाबा अड़ाव जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं का उनपर प्रभाव रहा है। 2006 में अरविंद ने परिवर्तन नामक गैर सरकारी संगठन की नींव रखी। परिवर्तन का मुख्य लक्ष्य था सूचना के अधिकार , सार्वजनिक वितरण प्रणाली आदि सवालों को लेकर जनचेतना फैलाना और नागरिक अधिकारों के लिए संघर्ष करना। इसी संघर्ष का प्रतिफल था कि अरविंद को सूचना के अधिकार को जमीनी स्तर पर प्रभावी तौर लागू करवाने के लिए रमन मैगसेसे पुरस्कार से नवाजा गया।

    2011-12 के इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन, अरविंद के सामाजिक-राजनीतिक जीवन का अहम पड़ाव है।इस आंदोलन में वह और अन्ना हजारे देशभर के शहरी मध्य वर्ग के नायक बनकर उभरे। माना जाता है कि इस भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के चाणक्य अरविंद थे। वैसे टीम अन्ना व अरविंद को इस भूमिका में पहुंचाने में मीडिया और केंद्र सरकार के असंवेदनशील रुख को भी श्रेय दिया जा सकता है।

    मंत्रियों के अलोकतांत्रिक आचरण ने आग में घी का काम किया। 2012 के मध्य में यह आंदोलन भी आंतरिक मतभेदों का शिकार हो गया। दरअसल आंदोलनकर्ताओं के एक धड़े,जिसकी अगुवाई अरविंद,मनीष सिसोदिया और प्रशांत भूषण कर रहे थे, का मानना था कि राजनीति में पारदर्शिता और जनभागीदारी सुनिश्चित करनी है तो राजनीति में सीधे भागीदारी करनी होगी। इसके लिए नई राजनीतिक पार्टी बनानी होगी। अन्‍ना और किरन बेदी की अगुवाई वाला दूसरा धड़ा सक्रिय राजनीति में उतरने के खिलाफ था। इनका मानना था कि हमे एक दबाव समूह के तौर पर काम करना चाहिए। इसके बाद केजरीवाल राजनीति में सक्रिय हो गए और उन्होंने 2 अक्टूबर, 2012 को एक राजनीतिक पार्टी का गठन किया और 24 नवंबर, 2012 को इसे आम आदमी पार्टी का नाम दिया। यह पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनावों में दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी और समीकरण कुछ ऐसे बने कि कांग्रेस के बिना शर्त समर्थन से अरविंद दिल्ली के सातवें और सबसे युवा मुख्यमंत्री बने।

    दिल्ली में हालांकि अरविंद की सरकार केवल 49 दिन ही चली क्योंकि जन लोकपाल विधेयक को पास कराने की प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने अरविंद की सरकार को समर्थन नहीं दिया। फलस्वकरुप अरविंद ने सरकार से इस्तीफा दे दिया।

    इसके बाद अरविंद और अनकी पार्टी ने लोकसभा चुनावों में हिस्‍सा लेने का निणर्य किया। फिलहाल उनकी पार्टी 350 से ज्‍यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वह बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ बनारस से चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं।

    राहुल गांधी

    देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल इंडियन नेशनल कांग्रेस (आई) के नए कर्णधार के तौर पर देखे जाने वाले राहुल गांधी युवाओं में अपने मासूम से दिखने वाले चेहरे मोहरे की वजह से खासे लोकप्रिय हो रहे हैं। पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के पुत्र और इन्दिरा गांधी के पौत्र के राहुल का जन्म 19 जून, 1970 को दिल्ली में हुआ था। राहुल ने अपनी माता सोनिया गांधी की छत्र-छाया में रहकर राजनीति की शिक्षा-दीक्षा ली है। राहुल गांधी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सेंट कोलम्बस स्कूल और बाद में देहरादून के प्रसिद्ध दून स्कूल में हुई थी।

    इन्दिरा गांधी की हत्या के पश्चात जब 1984 में दंगे हुए तो ऐसे हालातों में सुरक्षा के मद्देनजर कुछ समय के लिए राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका की शिक्षा का सारा इंतजाम घर पर ही किया गया। वर्ष 1989 में राहुल गांधी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध सेंट स्टीफन कॉलेज में दाखिला लिया लेकिन प्रथम वर्ष की परीक्षा देने के बाद वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी चले गए लेकिन वह यहां भी ज्यादा समय तक पढ़ नहीं पाए। 1991 में राजीव गांधी की हत्या के पश्चात सुरक्षा कारणों की वजह से राहुल गांधी फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के रोलिंस कॉलेज चले गए। स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वह लंदन में ही एक प्रशासनिक फर्म के साथ जुड़ गए। राहुल गांधी ने ट्रिनिटी कॉलेज, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से विकास अध्ययन के क्षेत्र में एम.फिल की उपाधि प्राप्त की है।

    स्वतंत्र भारतीय राजनीति के जनक माने जाने वाले गांधी-नेहरू परिवार से संबंधित होने के कारण राहुल गांधी का सारा जीवन राजनीति के दांव-पेचों को देखते हुए ही बीता है। जिसके परिणामस्वरूप राहुल गांधी का राजनैतिक व्यक्तित्व बहुत अधिक परिष्कृत हो गया है। युवा नेता होने के कारण राहुल गांधी खुले विचारों और प्रगतिशील मानसिकता वाले व्यक्ति हैं। वह एक समझदार और जुझारू नेता हैं।

    वर्ष 2003 में जब राहुल चौदह वर्ष बाद पाकिस्तान में हुए भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच देखने गए, तब यह कयास लगने शुरू हो गए कि निःसंदेह राहुल गांधी राजनीति में कदम रखने वाले हैं लेकिन राहुल गांधी ने इस बात की कोई पुष्टि नहीं की वर्ष 2004 में जब प्रियंका और राहुल अपने पिता के पूर्व और माता के तत्कालीन निर्वाचन क्षेत्र अमेठी के दौरे पर गए तो यह अफवाहें और बढ़ गईं कि दोनों भाई-बहन राजनीति में प्रदार्पण करने वाले हैं लेकिन इस समय भी ना तो राहुल ने इस पर प्रतिक्रिया दी और ना ही कांग्रेस के किसी अन्य बड़े सदस्य ने लेकिन 2004 में ही राहुल गांधी ने यह घोषणा कर दी कि वह मई 2004 के चुनावों में पिता के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र अमेठी से ही चुनाव लड़ेंगे। इस समय कांग्रेस की स्थिति उत्तर-प्रदेश में अच्छी नहीं थी।

    80 सीटों में से कुल 10 सीटें ही कांग्रेस के पास थीं। राहुल का यह कदम निःसंदेह कांग्रेस विरोधियों और उन लोगों के लिए हैरान करने वाला था जो यह अनुमान लगाए बैठे थे कि प्रियंका गांधी के राजनीति में आने की संभावना बहुत अधिक है बजाए राहुल गांधी के। मई 2004 के चुनावों में जीतकर राहुल गांधी चौदहवीं लोकसभा के सदस्य बने। राहुल गांधी को पार्टी सचिवालय के एक फेरबदल में 24 सितंबर, 2007 को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का सामान्य सचिव नियुक्त किया गया साथ ही भारतीय युवा कांग्रेस और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के प्रभारी पद का भी भार सौंपा गया। वर्ष 2009 में हुए चुनावों में राहुल गांधी पुन: अमेठी सीट पर जीत गए। फिलहाल वह कांग्रेस के उपाध्य क्ष हैं और कांग्रेस के अघोषित प्रधानमंत्री पद के उम्मीमदवार हैं।

    नरेंद्र मोदी

    दूसरे लौह पुरुष कहलाने की चाहत रखने वाले नरेन्द्र मोदी का उदय भारतीय राजनीति के ऐसे संक्रमण काल मे हुआ है जब देश में अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ती जा रही है। देश में एक तरफ कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार है जिसने बीजेपी को एक दशक से सत्ता में आने से रोक रखा है तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के उदय ने बीजेपी और कांग्रेस जैसी नेशनल पार्टियों के परांपरागत वोट बैंक में सेध लगा दी है। तमाम चुनावी सर्वों में नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनावों 2014 में प्रधानमंत्री पद के सबसे मजबूत उम्मीदवार बनकर उभरे हैं। राजनीतिक हलकों में इसे मोदी लहर कहा जा रहा है। इस लहर के असर ने कांग्रेस के नायक राहुल गांधी और संप्रग सरकार की उपलब्धियों तक को आम चर्चा से बाहर कर दिया है। यही नहीं लोकसभा चुनाव 2014 को लोग मोदी केंद्रित चुनाव तक कहने लगे है। यह पहली बार है कि चुनाव में सत्तााधारी पार्टी के नेता के बजाए विपक्ष के उम्मीदवार को इतनी प्राथमिकता मिल रही है।

    मोदी का पूरा नाम नरेंद्र दामोदरदास मोदी है। मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को मेहसाणा जिला के बडनगर में हुआ था। मोदी ने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की है। वे 2001 से लेकर आज तक तीसरी बार गुजरात के मुख्ययमंत्री चुने गए हैं। बेहद साधारण परिवार में जन्में नरेन्द्र विद्यार्थी जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये तथा अविवाहित रहकर अभी तक संघ की परांपरा का निर्वाह कर रहे हैं।

    मोदी ने पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में काम किया फिर संघ के पूर्णकालिक प्रचारक बन गये। 1991 में सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथ यात्रा में लालकृष्ण आडवाणी के साथ रहे नरेन्द्र मोदी पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मन्त्री फिर महामन्त्री बनाये गये।

    2001 में केशुभाई पटेल के इस्तीफे के बाद उन्हें गुजरात राज्य की कमान सौंपी गयी। हालांकि उनका कार्यकाल और कार्यप्रणाली विवादास्पसद रही है। 2002 के गुजरात नरसंहार को लेकर विपक्षी दल उनकी आलोचना करते रहे हैं। लोकसभा चुनावों में भी विपक्ष ने इसे एक बड़ा मसला बना रखा है। अप्रैल 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जाँच दल भेजकर यह जानना चाहा कि कहीं गुजरात नरसंहार में नरेन्द्र मोदी की साजिश या भूमिका तो नहीं है। यह विशेष जाँच दल दंगों में मारे गये पूर्व काँग्रेसी सांसद ऐहसान ज़ाफ़री की विधवा ज़ाकिया ज़ाफ़री की शिकायत पर भेजा गया था।

    दिसम्बर 2010 में उच्चतम न्यायालय ने एस०आई०टी० की रिपोर्ट पर यह फैसला सुनाया कि इन दंगों में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ़ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। इसके बाद कुछ अखबारों में छपी खबरों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा बिना कोई फैसला दिये अहमदाबाद के ही एक मजिस्ट्रेट को इसकी निष्पक्ष जाँच करके अबिलम्ब अपना निर्णय देने को कहा। अप्रैल 2012 में एक अन्य विशेष जाँच दल ने फिर ये बात दोहरायी कि यह बात तो सच है कि ये दंगे भीषण थे परन्तु नरेन्द्र मोदी का इन दंगों में कोई भी प्रत्यक्ष हाथ नहीं।

    2013 में गोआ में आयोजित भाजपा कार्यसमिति द्वारा नरेन्द्र मोदी को 2014 के लोकसभा चुनाव अभियान की कमान सौंपी गयी थी। उसके बाद दिल्ली में उन्हें अगले लोकसभा चुनाव के लिये पार्टी की ओर से प्रधानमन्त्री पद का अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर दिया। मोदी ने प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद चुनाव अभियान की कमान राजनाथ सिंह को सौंप दी और प्रत्याशी के रूप में पूरे देश का दौरा शुरू कर दिया। वैसे मोदी की यह राह भी आसान नहीं थी उन्हें बीजेपी के पितामह कहे जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी का विरोध सहना पड़ा है। मोदी के राजनीतिक इतिहास को देखते हुए एक बात कही जा सकती है कि जितना उनका मुखर विरोध होता वह उतना ताकतवर होकर उभरते हैं।

    Friday 25 April 2014

    अक्षय-शाहरुख के लिए कुछ भी कर सकते हैं यो-यो हनी सिंह



    मुंबई (एसएनएन): मशहूर रैप सिंगर हनी सिंह जिसको अपना दोस्त मानते हैं उसे दिल से मानते हैं. हनी सिंह ने ये साबित भी किया है. हनी अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म 'शौकीन' के लिए गाने की रिकॉर्डिग करने के लिए अमेरिका में अपना संगीत दौरा बीच में रोककर मुंबई पहुंचे. अक्षय एवं लीजा हेडेन अभिनीत फिल्म में हनी सिंह ने एक गाना गाया है जिसके लिए अक्षय ने उनसे आग्रह किया था.
    हनी सिंह ने एक बयान में कहा कि 'बॉलीवुड में दो कलाकार हैं जिनके लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं- अक्षय और शाहरुख भाई. ये मेरे भाई जैसे हैं. जब अक्षय ने मुझसे एक गाना गाने का आग्रह किया तो मैंने कहा एक क्यों, तीन ले लो. अक्षय के साथ मेरा अच्छा तालमेल है. मैं जैसे भी गाता हूं, वह उस पर बिल्कुल वैसा ही अभिनय करते हैं, जैसा मैं करता.'

    ‘नो एंट्री’ में एंट्री के लिए फरदीन ने घटाया वजन


    मुंबई (एसएनएन): बॉलीवुड अदाकार फरदीन खान ने अपनी आनेवाली नई फिल्म के लिए 14 किलो वजन कम किया है. वह फिल्म इंडस्ट्री में धमाकेदार कमबैक
    करने जा रहे हैं. बोनी कपूर अपनी सुपरहिट फिल्म ‘नो एंट्री’ का सीक्वल बनाने जा रहे है. इस फिल्म के जरिए फरदीन खान इंडस्ट्री में कमबैक करने जा रहे है जिसके लिए उन्होंने अपना वजन 14 किलोग्राम घटाया है.
    फरदीन ने कहा कि मैं काम पर वापस लौटना चाहता हूं. मैं अपने शरीर को लेकर बहुत दुखी हो गया था. मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता था लेकिन अब मैं बिल्कुल फिट हूं. मैंने फैसला किया कि मुझे अपने लिए कुछ करना होगा. इसलिए मैंने खूब वर्कआउट किया. फरदीन खान ने अंतिम बार वर्ष 2010 में रिलीज हुई फिल्म ‘दूल्हा मिल गया’ में काम किया था.

    पढ़ाई और तैराकी की शौकीन है अजय और काजोल की न्यासा

    • |
    clip
    मुंबई:अजय देवगन और काजोल की जोड़ी को सफल माना जाता है. शादी के बाद इनके बारे में वैसी कुछ विवादास्पद बातें सुनने को नहीं मिली जैसा अमूमन देखा जाता है. दोनों के दो बच्चे हैं.  बेटा युग और बेटी न्यासा. बेटी न्यासा 11 साल की हो चुकी हैं. न्यासा को सबसे अच्छा पढ़ना लगता है. वैसे तो उनके काफी शौक हैं लेकिन तैराकी करना उन्हें काफी पसंद है. वह अजय के साथ कभी-कभी शूटिंग पर भी नजर आती हैं.

    एक बार काजोल ने न्यासा के संबंध में बताया था, "न्यासा जहाज को एक बहुत बड़ा प्लेग्राउंड समझती थी और दिन भर उसमें इधर से उधर दौड़ती रहती थी. आप जानते हैं कि बच्चों में कितनी एनर्जी होती है. इस छोटी सी बच्ची में एनर्जी कूट-कूटकर भरी थी. दोपहर में उसे सुलाना काफी आसान हो गया था. सामान्यतः मुझे उसे सुलाने में समय लगता है, लेकिन जहाज में जैसे ही उसका सर तकिए पर रख जाता था, वैसे ही उसकी नींद लग जाती थी."

    स्‍टूडेंट से हीरो बने वरुण ने सारी रात पार्टी की

    स्‍टूडेंट से हीरो बने वरुण ने सारी रात पार्टी की आज वरुण धवन का हैप्‍पी वाला बर्थडे है. अब हैप्‍पी वाला इसलिए क्‍योंकि उनकी सेकेंड फिल्‍म और वो भी सोलो हीरो के तौर पर हिट हो गयी है और लोगों ने उन्‍हें यंग जेनेरेशन के हीरो के तौर पर कबूल कर लिया है. ऊपर से उनके खाते में दो और बड़ी फिल्‍में हैं, एक 'हम्‍टी शर्मा की दुल्‍हनिया' और दूस

    री हुमा कुरैशी के साथ अनाम फिल्‍म, और फिर बिग ब्रदर रोहित धवन भी उनको लेकर फिल्‍म बनाने जा रहे हैं यानि पार्टी तो बनती है.

    वैसे पार्टी की डिमांड की थी वरुण के कुछ क्‍लोज स्‍कूल फ्रेंडस ने पर फिर वरुण ने सोचा कि क्‍यों ना अपने बॉलिवुड के फ्रेंडस को भी बुलाया जाए तो वहां पहुंचे आदित्‍य रॉय कपूर जिनके साथ श्रद्धा कपूर भी थीं, रणबीर कपूर, अर्जुन कपूर और आलिया भट्ट भी. भाई रोहित का साथ तो था ही. इसके बाद हुई मजेदार धमाल पार्टी जिसमें इन यंग ब्रिगेट के नुमाइंदों ने जोश में ऊतार फेंकी शर्टस और उसके बाद बॉलिवुड के सारे हिट नंबर्स पर जम कर लगाए ठुमके.

    कम ही लोग जानते हैं कि एवरेज स्‍टूडेंट रहे वरुण ने बिजनेस मैनेजमेंट में डिग्री ली है और वो अपने स्‍कूल डेज में रेसलर बनना चाहते थे. WWE प्‍लेयर रॉक उनके फेवरेट हैं. फिल्‍मों एक्‍टिंग शुरू करने के पहले उन्‍होंने अपने फादर डेविड धवन को असिस्‍ट भी किया है, वो 'माई नेम इज खान' में करण जौहर के भी असिस्‍टेंट रहे हैं, वहीं करण ने उनके टैलेंट को पहचाना और 'स्‍टूडेंट ऑफ द' इयर में ब्रेक दिया.          
     

    Movie review:

    Movie review: सम्राट एंड कंपनीPlot: फिल्म की कहानी है डिम्पी सिंह (मदालसा शर्मा) की जो अपने घर में होने वाली अजीबोगरीब घटनाओं से बेहद परेशान है। उसे लगता है कि घर में भूत प्रेत का साया है।

    कहानी: फिल्म की कहानी है डिम्पी सिंह (मदालसा शर्मा


    ) की जो अपने घर में होने वाली अजीबोगरीब घटनाओं से बेहद परेशान है। उसे लगता है कि घर में भूत-प्रेत का साया है।
    इस मुसीबत का हल पाने के लिए वह डिटेक्टिव एजेंसी चला रहे सम्राट एंड कंपनी के हेड सम्राट(राजीव खंडेलवाल) से संपर्क करती है। सम्राट डिम्पी की मदद करने के लिए उसके घर आता है जहां उसे भी कुछ रहस्यमयी चीजें दिखाई पड़ती हैं। स्थिति तब और मुश्किल हो जाती है जब घर में एक व्यक्ति का मर्डर हो जाता है।
    इन सबके पीछे किसका हाथ है, आखिर क्यों हो रही हैं घर में अजीबोगरीब वारदातें? सम्राट इसी की पड़ताल करता है,क्या वह इसका कारण खोज पाता है? फिल्म में यही दिखाया गया है।
    एक्टिंग: अपनी एक्टिंग स्किल्स से राजीव खंडेलवाल ने हमेशा ही अपने फैन्स को इम्प्रेस किया है। इस फिल्म में भी उनकी एक्टिंग बढ़िया है। डिटेक्टिव के रोल में राजीव बिल्कुल फिट बैठे हैं।  नई एक्ट्रेस मदालसा शर्मा की एक्टिंग कमजोर है।
    क्या देखनी चाहिए फिल्म: राजीव की एक्टिंग फिल्म की USP है मगर फिल्म की कहानी कमजोर है. ऐसी फिल्मों में जबरदस्त सस्पेंस की उम्मीद की जाती है मगर इस फिल्म में आगे क्या होने वाला है आप आसानी से पहले ही भांप जाते हैं।
    कुल मिलाकर कहा जाए तो फिल्म अच्छी बन सकती थी मगर निर्देशक कहीं-कहीं चूक गए जिसकी वजह से फिल्म में वो बात नहीं आ पाई जिसकी आप उम्मीद करते हैं। ऐसी फिल्में सिनेमाघर में जाने के बजाए कुछ समय बाद टेलीविजन पर ही देख ली जाएं तो बेहतर रहता है।

    Previous फिल्म रिव्यू: कांची

    मुंबई, (मनीष त्रिपाठी)।
    निर्देशक: सुभाष घई
    प्रमुख कलाकार: अभिनेत्री मिष्ठी, अभिनेता कार्तिक आर्यन, ऋषि कपूर, मिथुन चक्रवर्ती, ऋषभ सिन्हा
    संगीतकार: सलीम और सुलेमान, इस्माइल दरबार
    स्टार: तीन
    रेसिपी में लिखा था कि शानदार स्वाद के लिए कद्दू और अंगूर को समान मात्रा में मिलाएं, लेकिन रसोइए ने इन्हें समान अंकों में मिला दिया। एक कद्दू और एक अंगूर। कुछ ऐसी ही है मुक्ता आर्ट्स की बहुप्रचारित फिल्म कांची, जो रंग दे बसंती बनते-बनते बसंती का इंतकाम बन कर रह गई। लेकिन केवल इस एक पहलू की वजह से इसे खारिज कर देना भी सुभाष घई की सिनेमा शैली के प्रशंसकों से बहुत नाइंसाफी होगी। अगर आप इससे किसी सामाजिक क्रांति या स्त्री शक्ति के आह्नान (जैसा कि इसे रिलीज से पूर्व प्रचारित किया गया था) की अपेक्षा को छोड़ने को तैयार हैं तो यह आपका भरपूर मनोरंजन करती है।
    इसके ओपनिंग शाट से लेकर क्लाइमेक्स तक हर फ्रेम में जैसे सुभाष घई की नेमस्लिप चिपकी हुई नजर आती है। खूबसूरत पहाड़ों के बीच एक मासूम सी प्रेमकथा, हीरो की दुर्घटना जैसी दिखने वाली हत्या, द्विअर्थी गीत पर नाचते-गाते खलनायक, बदला लेने के लिए हीरोइन द्वारा अपनी खूबसूरती का इस्तेमाल और क्लाइमेक्स में बंधक बनाए गए रिश्तेदार; पुराने दौर के दर्शकों के लिए कांची एक परफेक्ट पैकेज मालूम होती है। इस फिल्म की कहानी उत्तराखंड के एक गांव कोशंपा में बुनी गई है, जहां अधिकांशत: रिटायर्ड फौजियों के परिवार रहते हैं।
    बिंदा (कार्तिक आर्यन) गांव में युवाओं और युवतियों को फौज के लिए तैयार करने का स्कूल चलाता है। कांची (मिष्ठी) से उसका प्रेम कुछ नोक-झोंक और शरारतों वाला है। कांची कुछ गुस्सैल है, कुछ निडर और इसी वजह से वह गलत काम करने वालों से टकरा जाती है। कोशंपा पर एक राजनीतिज्ञ-बिल्डर परिवार की नजर है और कांची पर इस परिवार के बेटे (ऋषभ सिन्हा) की। कांची की शादी बिंदा से तय होती है तो बिल्डर परिवार का बेटा बिंदा को मरवा कर पूरे खानदान के साथ मुंबई भाग जाता है। कांची मुंबई पहुंच कर उस परिवार को तलाशती है, उनके राजनीतिक और व्यावसायिक करियर तबाह करती है और फिर गुमनाम तरीके से अपने गांव लौट आती है।
    इस पूरी कहानी में एक एनजीओ भी है जो अपने तरीके से भ्रष्टाचार की सफाई में जुटा है और उसका साथ मिलने से कांची का काम कुछ आसान हो जाता है। राजनीति, जमीन, एनजीओ, अपराध और एक औरत का बदला मिल कर फिल्म को लाजिमी रूप से ऐसे क्लाइमेक्स पर पहुंचा देते हैं, जहां कुछ सेकेंड के लिए आदर्शो की आइसिंग की गुंजाइश बन ही जाती है। अपने ट्रीटमेंट और हीरोइन के ड्रेसिंग सेंस में कांची कहीं-कहीं ताल जैसी नजर आती है लेकिन कुछ-कुछ देर में हीरोइन के मुंह से झड़ती गालियां और तड़तड़ाते तमाचे आपकी तंद्रा और मिष्ठी के नई ऐश्वर्या राय होने के भ्रम को तोड़ देते हैं।
    फिल्म का असल आनंद मिथुन चक्रवर्ती के राजनीतिक फलसफों और बिल्डर के रूप में ऋषि कपूर की रोमांटिक बेवकूफियों में आता है तो वहीं कई शेड्स वाले पुलिस अधिकारी के रूप में चंदन राय सान्याल अपनी प्रतिभा और टाइमिंग से हतप्रभ कर देते हैं। कांची का साउंड इफेक्ट बेहतरीन है और सुधीर चौधरी की सिनेमैटोग्राफी लाजवाब, इरशाद कामिल के गीतों में सहज बहाव है और निर्देशन नायाब; काश यही चुस्ती संपादन में भी दिखती तो आज कांची को देखते हुए 'शोमैन सुभाष घई' की पुरानी फिल्मों की याद इतनी शिद्दत से न आती!

    जादुई होगा आईफा अवार्ड : प्रियंका चोपड़ा

    clip
    तांपा बे (अमेरिका) : अमेरिका में पहली बार हो रहे अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार (आईफा) के मंच पर अनिल कपूर, प्रियंका चोपडा, और सोनाक्षी सिन्हा जैसे सितारे भारतीय सिनेमा और संस्कृति की झलक पेश करने को तैयार हैं.

    आईफा सप्ताहांत के उद्घाटन के मौके पर प्रियंका चोपडा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा,यह सप्ताह धमाकेदार होने जा रहा है. यह जादुई होगा. यह कहना बहुत जरूरी है कि हमारा सिनेमा सीमाओं को भेदकर लोगों तक पहुंच गया है. यह भारत, भारतीय सिनेमा का उत्सव है. प्रियंका ने कहा, यह भारत का उत्सव है और सीमाओं को पार करने के बाद यह उत्सव सिर्फ हमारे लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी है.

    इस साल की शुरुआत में आईफा पुरस्कारों के 15 वें संस्करण के बारे में चर्चा  पैदा करने के लिए प्रियंका और अनिल कपूर लॉस एंजिलिस, तांपा और न्यूयॉर्क की तीन दिन की यात्रा पर थे. कपूर ने कहा, यहां होने का यह अनोखा अनुभव है.

    हम इस आईफा सप्ताहांत को अविस्मरणीय, ऐतिहासिक और यादगार बना देंगे। हमारा इरादा लोगों को संस्कृति और सिनेमा का एक शानदार सामारोह का गवाह बनने का अवसर प्रदान करने का है. उस्ताद राहत फतेह अली खान का एलबम बैक 2 लव का अनावरण कपूर, भारत के महावाणिज्य दूत अजित कुमार और अन्य लोगों के

    IIFA Rocks के ग्रीन कार्पेट पर प्रियंका, बिपाशा सहित कई सेलेब्स,

    मुंबई. टेम्पा बे (फ्लोरिडा, यूएसए) में आइफा अवॉर्ड्स की शुरुआत हो चुकी है। मैन इवेंट्स से पहले यहां टेक्नीकल अवॉर्ड्स आइफा रॉक्स की घोषणा की गई, जिसमें बॉलीवुड के कई सेलिब्रिटीज ग्रीन कार्पेट पर नजर आए। बता दें कि हर साल ये अवॉर्ड्स इसी तरह दिए जाते हैं। इस साल फाइनल इवेंट 26 अप्रैल को आयोजित होगा।
     
    ग्रीन कार्पेट पर नजर आने वालों में बॉलीवुड एक्ट्रेस बिपाशा बासु, प्रियंका चोपड़ा, ऋचा चड्ढा, मोनाली ठाकुर, करिश्मा कोटक, अनिल कपूर, विवेक ओबेरॉय, सौरभ शुक्ला, अरशद वारसी, स्वरा भास्कर, शत्रुघ्न सिन्हा, रणधीर कपूर, आफताब शिवदासानी, वाणी कपूर, तुषार कपूर, गोविंदा, शबाना आजमी, राइटर जावेद अख्तर, डायरेक्टर रमेश सिप्पी, सिंगर मोनाली ठाकुर, शंकर महादेवन और उनकी पत्नी और सिद्धार्थ महादेवन सहित कई दिग्गज हस्तियां नजर आईं।