Salasar Dham yatra |
उम्र के जिस दौर में बच्चे अपना समय मैदान में खेलने कूदने या कम्प्यूटर-लैपटॉप में बिताते हैं, उस उम्र में इन स्कूली बच्चों की टीम ने एवरेस्ट को ही फतह कर साहस की नयी मिसाल पेश की है। इनमें एक छात्र राघव जुनेजा 15 वर्ष सात महीने का है और इस तरह वह एवरेस्ट को फतह करने वाला सबसे युवा भारतीय बन गया है।
एवरेस्ट पर जीत हासिल करने वाले ये जोशीले छात्र सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे। उनका कारनामा ऐसा था कि उनके अभियान के एक एक चरण के जिक्र पर लगातार तालियां बजती रहीं। लारेंस स्कूल के सात छात्रों की टीम एवरेस्ट को फतह करने निकली थी, जिनमें एक छात्र ऑक्सीजन मास्क में परेशानी के कारण अभियान को पूरा नहीं कर सका था, जबकि छह छात्रों ने 21 मई को यह दुर्लभ उपलब्धि हासिल की।
छात्रों के इस अभियान को हीरो साइकिल्स लिमिटेड ने अपनासमर्थन दिया। इस अवसर पर मौजद हीरो साइकिल्स के सह अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पंकज मुंजाल भी मौजद थे। उन्होंने इस मौके पर कहा कि हमें इन छात्रों पर गर्व है, जिन्होंने यह कारनामा कर दिखाया है, जो हर पर्वतारोही का सपना होता है।
एवरेस्ट विजेता इस टीम में अजय सोहल (16 वर्ष), पृथ्वी चहल (17), शुभम कौशिक (16), फतह बरार (16), राघव जुनेजा (15 वर्ष सात महीने) और गुरिबादत सिंह (17) शामिल थे, जबकि हकीकत ग्रेवाल ऑक्सीजन मास्क की परेशानी के कारण शिखर पर नहीं पहुंच सके और उन्हें 27600 फुट से वापिस लौटना पड़ा।
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