नई दिल्ली. आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग के
खुलासे अभी थमे नहीं थे कि बांग्लादेश प्रीमियर लीग (T-20 चैंपियनशिप) में
भी स्पॉट फिक्सिंग का खुलासा हुआ है। मंगलवार को पूर्व बांग्लादेशी कप्तान
मोहम्मद अशरफुल को बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने स्पॉट फिक्सिंग
की बात कबूल करने पर स्सपेंड कर दिया। बीसीबी के अध्यक्ष नजमुल हसन ने
पत्रकारों को बताया कि अशरफुल ने आईसीसी की एंटी करप्शन एंड स्कियोरिटी
यूनिट के सामने स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने की बात कबूल की है। इसलिए
जांच पूरी होने तक वह किसी भी लेवल पर क्रिकेट नहीं खेल सकेगा।
वहीं भारत में स्पॉट फिक्सिंग कर लाखों रुपये लेने के आरोपी श्रीसंथ,
अंकित चव्हाण और चंदीला पर दिल्ली पुलिस ने मकोका लगा दिया है। अब
इन्हें एक साल तक जमानत नहीं मिल सकेगी।
श्रीसंथ इन दिनों जेल में व्रत रखकर भगवान की पूजा करके अपनी जमानत मांग
रहे हैं तो दूसरी तरफ मुंबई में गिरफ्तार विंदू दारा सिंह और गुरुनाथ
मयप्पन को जमानत मिल गई है। इनके अलावा तीन बुकीज को भी मुंबई की किला
कोर्ट ने जमानत दे दी है। इन सभी से 25-25 हजार रुपये की जमानत राशि जमा
कराई गई है। इसके साथ ही उनके देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है और आदेश
दिया गया है कि सभी लोग हर दूसरे दिन क्राइम ब्रांच के कार्यालय में
हाजिरी लगाएंगे।
पुलिस के मुताबिक विंदू दारा सिंह शाहरुख खान की टीम कोलकाता नाइट
राइडर्स के सीईओ वेंकी मैसूर के संपर्क में भी था और कई बार उनसे उसने टीम
के अंदर की सूचनाएं लेने की कोशिश कीं। हालांकि वह वेंकी से कोई भी सूचना
नहीं ले पाया। वहीं क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के मुताबिक वह अभी
वेंकी से पूछताछ नहीं करेंगे। एक समाचार पत्र को वेंकी ने बताया कि
उन्होंने कभी विंदू से बातचीत नहीं की। न ही वह यह जानते हैं कि ये चीजें
कहां से सामने आ रही हैं।
वहीं जांच में इस बात का पता चला है कि विंदू वेंकी के संपर्क में था।
यह उसके अपराध करने का तरीका था कि जो भी क्रिकेट की दुनिया से ताल्लुक
रखता था, विंदू उससे दोस्ती गांठ लेता था। इसके बाद वह उससे भविष्य में
होने वाले मैचों, पिच की हालत, टीम में खिलाड़ियों के स्थान आदि के
बारे में सूचनाएं इकठ्ठा करता था जिसे बाद में सट्टेबाजी के लिए प्रयोग
किया जाता था। वेंकी का नाम खुद विंदू ने पुलिस को बताया। हालांकि उसने
पुलिस को यह भी बताया कि वेंकी से उसे कोई खास सूचना नहीं मिली।
पहले अंकित चव्हाण और अब विंदू व मयप्पन को जमानत मिल जाने से
श्रीसंथ की परेशानी बढ़ सकती है। दिल्ली में तिहाड़ जेल के अधिकारियों
के मुताबिक श्रीसंथ ने दाढ़ी बनवाने से मना कर दिया है और सिर्फ एक वक्त
खाना खा रहे हैं। खाने में वह महज दो रोटियां और दाल ले रहे हैं। हाल में
ही आई कुछ खबरों का खंडन करते हुए जेल अधिकारियों ने बताया कि श्रीसंथ
ने जेल में किसी को भी क्रिकेट खेलना सिखाना शुरू नहीं किया है।
तिहाड़ जेल के प्रवक्ता सुनील गुप्ता ने बताया कि श्रीसंथ ने अभी तक जेल
में किसी को क्रिकेट खेलना नहीं सिखाया है। श्रीसंथ को बेडशीट रखने की
विशेष अनुमति दी गई है।
पढ़ें- स्पॉट फिक्सिंग: दाऊद गैंग के सट्टेबाज की बीबी ने किये अहम खुलासे
जेल सूत्रों के मुताबिक श्रीसंथ उनकी सेल में दिया जाने वाला पानी
नहीं पी रहे हैं। वह जेल की कैंटीन से बोतलबंद पानी लेकर पी रहे हैं। वह कई
सारे देवी-देवताओं की पूजा करने के साथ ही लोगों से बता रहे हैं कि वह
बेगुनाह हैं। इससे पहले उन्होंने जेल में गर्मी की शिकायत करते हुए दो
बार नहाने की मांग की थी। वहीं जेल में कोई भी कैदी श्रीसंथ से बातचीत नहीं
कर रहा है। ज्यादातर कैदी श्रीसंथ से दूरी बनाए हुए हैं। जेल
अधिकारियों के मुताबिक कई सारे कैदी श्रीसंथ से बेहद नाराज हैं। कई सारे
कैदियों का मानना है कि उसने देश के खिलाफ काम किया है और इसके लिए
उसे सजा मिलनी चाहिए।
ई दिल्ली। स्पॉट फिक्सिंग केस में दिल्ली पुलिस ने एक बड़ा कदम
उठाते हुए आरोपी क्रिकेटरों पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ आर्गेनाइज्ड क्राईम
एक्ट (मकोका) लगा दिया है। क्रिकेटर श्रीसंथ सहित 26 आरोपियों पर मकोका
लगाया गया है। क्रिकेटर अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण को भी इस सख्त
कानून के तहत आरोपित किया गया है। कानूनी जानकार कहते हैं कि इस प्रावधान
के तहत अब उन्हें जमानत पाने में बड़ी मुश्किलें होगी। कम से कम साल भर से
पहले तो जमानत नहीं मिलेगी। दिल्ली पुलिस द्वारा आज यह जानकारियां साकेत
कोर्ट में दी गई। इसके चलते सुनवाई कर रही अदालत ने श्रीसंथ और 22 अन्य
आरोपियों की न्यायिक हिरासत अवधि 18 जून तक बढ़ाते हुए तिहाड़ जेल भेजने के
आदेश दिए। (श्रीसंथ, अंकित, चंदीला पर लगा मकोका, गुरु-मयप्पन को बेल)
कोर्ट में बताया कि पूरे केस में मकोका लगा दिया है। ऐसे में आज कई
आरोपियों द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई भी नहीं हो पाएगी। लिहाजा, अब
यह मामला मकोका विशेष अदालत में सुनवाई के लिए जाएगी। अभी अंकित चव्हाण
इस केस में अंतरिम जमानत पर है, जबकि श्रीसंथ के करीबी अभिषेक शुक्ला के
लिए भी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। इस मामले में 16 लोगों ने जमानत याचिका
दायर की हुई थी। बता दें कि मकोका में चार्जशीट फाईल करने के लिए 180 दिन
का वक्त मिल जाता है। अब दिल्ली पुलिस इस मामले की तफ्तीश छह महीने में
कर चार्जशीट दायर कर सकेगी।
वरिष्ठ वकील अमित साहनी कहते हैं कि कोई भी जांच एजेंसी अंडरवर्ल्ड से जुड़े बड़े अपराधियों, संगठित अपराध का गिरोह चलाने वाले आरोपियों और अपराधिक गिरोह चलाने वालों के खिलाफ इस सख्त कानून के तहत मामला दर्ज कर सकती है। हालांकि इसके लिए वरिष्ठ अधिकारी की सहमति जरूरी है। खास तरह के मामलों में ही मकोका लगाया जा सकता है। इसके लिए कानून में अलग से प्रावधान हैं।
वरिष्ठ वकील अमित साहनी कहते हैं कि कोई भी जांच एजेंसी अंडरवर्ल्ड से जुड़े बड़े अपराधियों, संगठित अपराध का गिरोह चलाने वाले आरोपियों और अपराधिक गिरोह चलाने वालों के खिलाफ इस सख्त कानून के तहत मामला दर्ज कर सकती है। हालांकि इसके लिए वरिष्ठ अधिकारी की सहमति जरूरी है। खास तरह के मामलों में ही मकोका लगाया जा सकता है। इसके लिए कानून में अलग से प्रावधान हैं।
No comments:
Post a Comment