भंवरी कहां और किस हालत में है, अगर उसकी मौत हो गई है तो किसने मारा, सीबीआई के पास नहीं हैं पुख्ता सबूत।
जोधपुर। हाईकोर्ट में भंवरी के जिंदा अथवा मृत होने की जानकारी देने के लिए सीबीआई के पास सिर्फ बुधवार का दिन बचा है। गुरुवार को उन्हें यह जवाब देना होगा, लेकिन सीबीआई के पास ऐसा कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि भंवरी कहां और किस हालत में है, उसकी मौत हो गई है तो किसने और कहां मारा है। इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए सीबीआई अफसरों ने स्पेशल टीम के डीआईजी गिर्राजलाल मीणा, एसपी नवज्योति गोगोई व फलौदी एएसपी केसरसिंह को सर्किट हाउस बुलाया गया। सभी अफसर इस रहस्य का रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
जोधपुर। हाईकोर्ट में भंवरी के जिंदा अथवा मृत होने की जानकारी देने के लिए सीबीआई के पास सिर्फ बुधवार का दिन बचा है। गुरुवार को उन्हें यह जवाब देना होगा, लेकिन सीबीआई के पास ऐसा कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि भंवरी कहां और किस हालत में है, उसकी मौत हो गई है तो किसने और कहां मारा है। इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए सीबीआई अफसरों ने स्पेशल टीम के डीआईजी गिर्राजलाल मीणा, एसपी नवज्योति गोगोई व फलौदी एएसपी केसरसिंह को सर्किट हाउस बुलाया गया। सभी अफसर इस रहस्य का रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि भंवरी अपहरण की जांच अनंत काल तक नहीं चल सकती और 24 नवंबर तक मोहलत दी थी। तमाम कोशिश के बावजूद साजिश रचने वाला सहीराम पकड़ में नहीं आया, दूसरी गैंग का विशनाराम भी हाथ नहीं लगा।
लोहावट के धोरों में 20 किमी तक भंवरी के जिंदा अथवा मारे जाने के साक्ष्यों की छानबीन की गई और फोरेंसिक लेबोरेट्री के वैज्ञानिकों से भी पूछ लिया कि कोई तो ऐसा सबूत होगा जिससे भंवरी का मृत माना जा सके। परंतु सीबीआई को कामयाबी नहीं मिली। अब सिर्फ एक दिन और बचने के कारण सीबीआई इधर-उधर हाथ-पैर मार रही है। रास्ता ढूंढऩे के लिए दोपहर में डीआईजी गिर्राज मीणा, एसपी गोगोई व एएसपी केसरसिंह को चर्चा करने बुलाया। उधर निलंबित थानेदार लाखाराम को भी दिन भर पूछताछ के लिए बुलाया और उससे भी सहयोग लिया गया।
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