नई दिल्ली. स्पॉट फिक्सिंग के मामले में एक और बड़ा खुलासा
हुआ है। विंदू दारा सिंह बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद से
लगातार बात किया करते थे। श्रीनिवासन आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग के
मालिक हैं और उनके दामाद गुरुनाथ मेईयप्पन इसमें टीम प्रिंसिपल हैं। टीम
मालिक के रिश्तेदार से बात करने के बाद फौरन विंदू बुकी रमेश व्यास को फोन
करते थे।
गुरु की शादी एन श्रीनिवासन की बेटी रूपा से हुई है। विंदू का कहना
है कि वह गुरु को निजी कारणों से फोन करते थे, लेकिन क्राइम ब्रांच ने गुरु
को पूछताछ के लिए बुलाया है। इस पर उनका जवाब आया कि अभी उनके पा वक्त
नहीं है। वह अगले सप्ताह से पहले जांच में सहयोग के लिए नहीं आ सकते।
विंदू ने माना कि वह जयपुर में ज्यूपिटर और संजय से मिला था।
चेन्नई हाईकोर्ट ने बीसीसीआई और आईपीएल को नोटिस जारी किया। कुछ वकीलों
ने इस मामले में हाईकोर्ट में रिट दाखिल की थी। वहीं आइईपीएल कमिश्नर
राजीव शुक्ला ने बुधवार को कहा कि बीसीसीआई का काम फिक्सिंग रोकना नहीं
है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई के पास ऐसा कोई मकैनिज्म नहीं है जिससे
कि वह फिक्सिंग रोक सके।
उधर, अब तक पुलिस जांच में असहयोग का रवैया अख्तियार कर रहे
श्रीसंथ ने पुलिस को बताया है कि इस मामले में चार और खिलाड़ी शामिल
हैं। इनमें से एक विदेशी खिलाड़ी भी है। ये खिलाड़ी आईपीएल की दो अन्य
टीमों के हैं।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि श्रीसंथ ने पूछताछ के दौरान आईपीएल-6 में शामिल दो अन्य टीमों के चार खिलाड़ियों के नाम लिए
हैं। अधिकारी ने बताया कि इस संदिग्ध खिलाड़ियों की फिक्सिंग में
संलिप्तता की कड़ियां भी काफी हद तक जुड़ चुकी हैं। इनमें से कुछ
खिलाड़ियों के खिलाफ सबूत भी इकठ्ठा कर लिए गए हैं और जो बचे हैं, उनके खिलाफ सबूत इकठ्ठा किए जा रहे हैं। जल्द ही इनकी गिरफ्तारी संभव है।
दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने यह भी बताया है कि श्रीसंत ने पूछताछ
में कबूल किया है कि राजस्थान रॉयल्स की तरफ से वह, अजित चंडीला और
अंकित ही स्पॉट फिक्सिंग कर रहे थे।
मुंबई. आईपीएल में एक बार फिर फिक्सिंग का जिन्न बनकर सामने आए स्पॉट फिक्सिंग मामले में पुलिस ने मंगलवार की सुबह बिंदु दारा सिंह को गिरफ्तार कर लिया था।
इस बीच विश्वनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी में ये बात सामने आई है कि
पुलिसिया कार्रवाई के दौरान बिंदु दारा सिंह की शक्ल से साफ जाहिर था कि वे
काफी परेशान थे। वे लगातार रो रहे थे और पुलिस के सामने इस बात की दुहाई दे रहे थे कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया।
पुलिस के द्वारा की गई पूछताछ में ये बात सामने आई कि
विंदू दारा सिंह ने इस बात को तो माना कि वे सट्टा लगाने के शौकीन रहे हैं
पर सट्टेबाजी के काले धंधे में लिप्त नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने
ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे बाबा (दारा सिंह) की इज्जत को कोई दाग
पहुंचे। मैं सट्टा लगाने का शौकीन रहा हूं और अक्सर सट्टा लगाया भी मगर
सीधे तौर पर सट्टेबाजी में लिप्त नहीं था।
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