गाजियाबाद. शहर के नई बस्ती इलाके में मंगलवार को हुए सनसनीखेज
नरसंहार के आरोप पुलिस ने गोयल परिवार के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक, ड्राइवर राहुल (22) ने ही व्यापारी के परिवार के सात
लोगों की हत्या की है। उसने अपना अपराध स्वीकार भी कर लिया है।
प्रदेश के एडीजीपी अपर पुलिस महानिदेशक अरुण कुमार के मुताबिक, राहुल
तीन घर लांघकर गोयल के घर में छत के रास्ते घुसा। उसने छत पर एक घंटे तक
इंतजार किया, क्योंकि बच्चे उस वक्त खेल रहे थे। वह शाम को करीब साढे सात
बजे घर में आया था। उसने पहले घर की दो महिलाओं मंजू और रेखा का खून किया
और उसके बाद बच्चे सचिन को मारा। बाद में उसने तीन अन्य बच्चों पर चाकू से
तोबड़तोड़ वार किए और सबसे अंत में सबसे बुजुर्ग सदस्य सतीश गोयल को मारा।
पुलिस के मुताबिक, खूनी ने वारदात को अंजाम देने के बाद घर में फ्रिज
से बोतल निकाल कर पानी पिया। बेसिन में खून से सना हाथ धोया। उसके बाद नकदी
और ज्वैलरी समेट कर फरार हो गया। उसके पास से हत्या में इस्तेमाल किया
चाकू तथा कुछ जेवरात बरामद किए गए हैं। घर की छत से कूदने पर उसके पैर में
चोट भी लगी है।
बताते चलें कि गाजियाबाद की नई बस्ती इलाके में मंगलवार को इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया गया था। सतीशचंद्र
गोयल (65), उनकी पत्नी मंजू (62), पुत्र सचिन (40), बहू रेखा (38) तीन
बच्चे-मेघा (13), नेहा (10), अमन (7) की कुल्हाड़ी मारकर हत्या की गई।
मामले की जांच के लिए विशेष दल बनाया गया है।
सदमे में राहुल का परिवार
राहुल वर्मा का परिवार इस वारदात के बाद सदमे में है। उन्हें इस बात
पर विश्वास ही नहीं हो रहा है कि वह इस निर्मम हत्याकांड को अंजाम दे सकता
है। परिवार के लोगों के मुताबिक, राहुल ने लखनऊ से 12वीं की परीक्षा पास की
है। इसके बाद साउथ दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन में स्थित एक एनिमेशन कॉलेज
से पढाई करने लगा। इसी दौरान इसकी संगत कुछ बुरे लोगों से हो गई। उसके बाद
इसने पढाई छोड़ दी।
परिवार के मुताबिक, बुरे लोगों की संगत में आने के बाद राहुल का
स्वभाव बिगड़ गया था। वह शराब और सिगरेट पीने लगा था। एक दिन उसकी शरारतों
से तंग आकर बड़े भाई ने थप्पड़ मारा। इसके बाद ही उसने घर छोड़ दिया।
हालांकि इसका पिछला कोई क्राइम रिकार्ड नहीं है।
इंस्पेक्टर का पोता
राहुल के पिता गाजियाबाद में ही डार्डवेयर की दुकान चलाते हैं। इसके
दादा जी यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर थे। वह अपने कड़क मिजाज और अनुशासन के
लिए पूरे महकमे में जाने जाते थे।
पुलिस की थ्योरी की मुताबिक, गोयल के पड़ोसी की छत पर से करीब 10 फिट
की ऊंचाई से कूदने पर राहुल के पैर में चोट लगी थी। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल
यह उठता है कि फ्रैक्चर हो चुके पैर के बाद कैसे कोई सात लोगों का खून
कैसे कर सकता है। राहुल की कदकाठी देखने से भी नहीं लगता कि वह परिवार के
दो जवान सदस्यों की हत्या को अंजाम दे सकता है।
दूसरा सवाल
इतने बड़े नरसंहार के दौरान परिवार के साथ लोगों को एक शख्स द्वारा
मौत की नींद सुला देना अप्रत्याशित है। इस दौरान परिवार के लोगों ने शोर
क्यों नहीं मचाया। बाहरी लोगों से मदद की गुहार क्यों नहीं लगाई?
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