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Krishanarao |
माथे पर लगा कुमकुम तिलक। चेहर पर सजी गर्वीली मुस्कान। हवा में
लहराते हाथ। सड़क के दोनों लगा शहरवासियों का हुजूम। जिधर देखो उधर से
बरसते फूल। मंगलवार सुबह 11 बजे का यह आंखो देखा हाल माशिमं 12वीं बोर्ड
परीक्षा में नागदा टॉपर रही सुनंदा खैरवार को एक दिन का नपाध्यक्ष बनाने के
लिए आयोजित जलसे का है। शहर का गौरव बनी सुनंदा को अध्यक्ष की कुर्सी
सौंपने के नपाध्यक्ष शोभागोपाल यादव वाहनों का काफिला लेकर बिरलाग्राम
श्रमिक बस्ती पहुंची।
खुली जीप में सवार होकर सुनंदा जुलूस के रूप में नपा कार्यालय पहुंची
तो हैरान रह गई। हरे चटख रंग का मखमली कॉलीन और नपा अधिकारियों, पार्षदों व
कर्मचारियों के हाथों में पुष्पमालाएं उसके स्वागत को आतुर थी। इसी बीच
स्वयं को मिल रहे सम्मान से आश्र्वयचकित सुनंदा चाह कर भी बूंदों का आंखों
में सहेज नहीं पाई। नपा की कुर्सी पर बैठने के बाद सुनंदा ने जो कहा वो
संबोधन किसी सधे राजनीतिक का था। सुनंदा ने कहा मजबूत नींव पर ही महल बनाया
जा सकता है। गर्व के क्षण है। आपने बोलने का अधिकार भी दिया है। इसलिए
प्रतीकात्मक अध्यक्ष ही सही मेरे सुझाव पर अमल करना ही मेरा असली सम्मान
होगा। मेरे मत में ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक शालाओं का स्तर सुधारने
की आवश्यकता है, क्योंकि वहीं से समाज के निर्माण की शुरूआत होती है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में सबसे पहला कदम प्रत्येक सरकारी स्कूलों
में लड़कियों के लिए शौचालय बनाने की जरूरत है। हालात बदतर है। मप्र के 10
हजार 471 (४७१) स्कूलों में लड़कियों के लिए सुविधा घर नहीं है। कहीं है तो टूटे
फूटे है या अपूर्ण है।
युवाओं को आना होगा राजनीति में
आदर्श समाज की स्थापना के लिए युवाओं को राजनीति में दखल करना होगा।
सुनंदा ने कहा शिक्षा के प्रति संजीदा व मेधावी विद्यार्थियों को सम्मान
देने की दिशा में नपाध्यक्ष श्रीमती यादव का कदम देश के इतिहास में बिरला
ही अवसर है। आज मेरा सम्मान हुआ है। कल मेरी जगह कोई और होगा। यह कड़ी टूटे
नहीं। यहीं कामना है प्रार्थना है।
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