Krishana Rao |
इंडोनेशिया के पश्चिमी जावा द्वीप पर जावाई गांव में वकारिया का
सांपों का कसाईघर है। हजारों सांपों को पूरे देश से यहां पकड़ कर लाया जाता
है और उन्हें मारा जाता है। उसके बाद इनके चमड़ी उतारी जाती है, जो इस
गांव की मुख्य आमदनी का स्रोत है। इस चमड़ी से बैग बनाए जाते हैं। इन हैंड
बैग की दुनिया भर के फैशन जगत में अच्छी-खासी मांग है।
वकारिया को उसके कसाई घर के कारण 'बॉस कोबरा' भी कहा जाता है। उसके
यहां दस मजूदर दिन-रात सांपों को मारने और उनकी खाल उतारने का काम करते
हैं। उनको इस धंधे से हर महीने 1562 डॉलर (करीब 85 हजार रुपये) की कमाई
होती है।
पश्चिमी जावा प्रांत की इस फैक्ट्री में सांपों की चमड़ी से बैग,
जूते, पर्स और बेल्ट बनाए जाते हैं। एक और बैग निर्माता सुनार्ता ने बताया
कि आमतौर पर बैग के दाम सामान्य ही होते है, लेकिन फैशन जगत द्वारा खरीदे
जाने पर हम अपने दाम बढ़ा देते हैं। उन्होंने बताया कि यहां सांपों को मारे
जाने की बड़ी क्रूर पद्धति अपनाई जाती है। ये सभी लोग बिजनेस से जुड़े
हैं, इसलिए सांपों से हमदर्दी की आशा रखी ही नहीं जा सकती है।
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