दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए
मीटर कनेक्शन वाले प्रत्येक परिवार को रोजाना 667 लीटर पानी मुफ्त पानी
देने की सोमवार को घोषणा की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कौशांबी स्थित
आवास में उनकी अध्यक्षता में हुई दिल्ली जल बोर्ड की एक बैठक
में यह फैसला
किया गया।
दिल्ली जल बोर्ड के नवनियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि मीटर कनेक्शन वाले सभी परिवारों को 1 जनवरी से 20 किलोलीटर पानी मुफ्त मिलेगा। हम कोई अतिरिक्त शुल्क जैसे कि जल उपकर और सीवरेज शुल्क नहीं लगाएंगे।
हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि उपभोक्ता 20 किलोलीटर से अधिक पानी की खपत करते हैं तो उन्हें पानी और अन्य शुल्क अदा करना होगा। कुमार को देबाश्री बनर्जी के स्थान पर शनिवार को बोर्ड का सीईओ नियुक्त किया गया। समझा जाता है कि मुखर्जी को मुफ्त पानी आपूर्ति करने पर ऐतराज था। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि यदि वह सत्ता में आई तो हर परिवार को 700 लीटर मुफ्त पानी की आपूर्ति रोजाना की जाएगी। पिछले महीने दिल्ली जल बोर्ड ने अपने वित्त में सुधार के लिए जनवरी से पानी का शुल्क 10 प्रतिशत बढ़ाने की योजना बनाई थी। बहरहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार शहर में 1600 अनाधिकृत कॉलोनियों को आपूर्ति की जा रही पानी के लिए शुल्क लेगी या नहीं क्योंकि इन बस्तियों में रहने वाले ज्यादातर लोगों के घर पानी का मीटर अभी तक नहीं लगा है।
दिल्ली जल बोर्ड के नवनियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि मीटर कनेक्शन वाले सभी परिवारों को 1 जनवरी से 20 किलोलीटर पानी मुफ्त मिलेगा। हम कोई अतिरिक्त शुल्क जैसे कि जल उपकर और सीवरेज शुल्क नहीं लगाएंगे।
हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि उपभोक्ता 20 किलोलीटर से अधिक पानी की खपत करते हैं तो उन्हें पानी और अन्य शुल्क अदा करना होगा। कुमार को देबाश्री बनर्जी के स्थान पर शनिवार को बोर्ड का सीईओ नियुक्त किया गया। समझा जाता है कि मुखर्जी को मुफ्त पानी आपूर्ति करने पर ऐतराज था। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि यदि वह सत्ता में आई तो हर परिवार को 700 लीटर मुफ्त पानी की आपूर्ति रोजाना की जाएगी। पिछले महीने दिल्ली जल बोर्ड ने अपने वित्त में सुधार के लिए जनवरी से पानी का शुल्क 10 प्रतिशत बढ़ाने की योजना बनाई थी। बहरहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार शहर में 1600 अनाधिकृत कॉलोनियों को आपूर्ति की जा रही पानी के लिए शुल्क लेगी या नहीं क्योंकि इन बस्तियों में रहने वाले ज्यादातर लोगों के घर पानी का मीटर अभी तक नहीं लगा है।
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