2002 के गुजरात दंगों के मामले में एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट और भाजपा के
प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को दी गई क्लीन चिट के खिलाफ जकिया
जाफरी की याचिका पर गुरुवार को अहमदा
बाद मेट्रोपॉलिटन कोर्ट अहम फैसला सुना
सकता है।
अहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन अदालत सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट पर अपना फैसला सुनाएगी। एसआईटी ने मोदी को क्लीन चिट दी थी, लेकिन दंगों में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी ने क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी थी। उनकी दलील है कि मोदी और अन्य लोगों जिनमें पुलिस अफसर, नौकरशाह और नेता शामिल हैं, उनके खिलाफ केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। इस मामले में 2 दिसंबर को सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जकिया के पति अहसान जाफरी उन 68 लोगों में शामिल थे, जिनकी भीड़ ने 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में हत्या कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई के डायरेक्टर आर.के. राघवन के नेतृत्व में एसआईटी बनाई थी। उन्होंने वर्ष 2011 को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मोदी को आरोपी बनाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है। जकिया जाफरी ने एसआईटी की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी, जिस पर चली पांच महीने की सुनवाई के बाद आज कोर्ट का अहम फैसला आ सकता है। बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए आज का दिन बेहद अहम है। अगर अदालत एसआईटी की रिपोर्ट को स्वीकार कर लेती है, तो बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार मोदी के लिए बड़ी राहत की बात
अहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन अदालत सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट पर अपना फैसला सुनाएगी। एसआईटी ने मोदी को क्लीन चिट दी थी, लेकिन दंगों में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी ने क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी थी। उनकी दलील है कि मोदी और अन्य लोगों जिनमें पुलिस अफसर, नौकरशाह और नेता शामिल हैं, उनके खिलाफ केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। इस मामले में 2 दिसंबर को सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जकिया के पति अहसान जाफरी उन 68 लोगों में शामिल थे, जिनकी भीड़ ने 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में हत्या कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई के डायरेक्टर आर.के. राघवन के नेतृत्व में एसआईटी बनाई थी। उन्होंने वर्ष 2011 को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मोदी को आरोपी बनाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है। जकिया जाफरी ने एसआईटी की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी, जिस पर चली पांच महीने की सुनवाई के बाद आज कोर्ट का अहम फैसला आ सकता है। बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए आज का दिन बेहद अहम है। अगर अदालत एसआईटी की रिपोर्ट को स्वीकार कर लेती है, तो बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार मोदी के लिए बड़ी राहत की बात
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