क्या विधवा या विदुर होना कठिन, सही या गलत है? विधवा या विदुर अपनी जिंदगी
का वास्तव में आनंद लेते हैं, जबकि अकेला इंसान अपनी निजी रिश्ते, घर और
सुरक्षा के मामले में
परेशानी झेलता है।
नेशनल ऑस्ट्रेलियन बैंक वेलबीइंग इंडेक्स के हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक विधवा-विदुर शादीशुदा लोगों की अपेक्षा सेहतमंद जिंदगी जीते हैं। ऑस्ट्रेलिया में 2,100 लोगों पर कराए गए शोध से पता चला कि 18 से 29 साल की महिलाएं दुखी रहती हैं, जबकि विधवा-विदुर अच्छी जिंदगी जीते हैं। एनएबी के अर्थशास्त्री के मुताबिक, ''उसी तरह, शादीशुदा जोड़ों की अपेक्षा ऐसे लोग मानसिक रूप से स्वस्थ, समुदाय का हिस्सा और सेहतमंद महसूस करते हैं।'' अध्ययन में यह भी पाया गया है कि जिनके बच्चों नहीं होते वे भी खुशहाल रहते हैं, जबकि निम्न आय की अपेक्षा उच्च आय वाले ज्यादा खुश रहते हैं। छोटे शहरों के लोग बड़े शहरों व ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा ज्यादा खुश रहते हैं।
नेशनल ऑस्ट्रेलियन बैंक वेलबीइंग इंडेक्स के हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक विधवा-विदुर शादीशुदा लोगों की अपेक्षा सेहतमंद जिंदगी जीते हैं। ऑस्ट्रेलिया में 2,100 लोगों पर कराए गए शोध से पता चला कि 18 से 29 साल की महिलाएं दुखी रहती हैं, जबकि विधवा-विदुर अच्छी जिंदगी जीते हैं। एनएबी के अर्थशास्त्री के मुताबिक, ''उसी तरह, शादीशुदा जोड़ों की अपेक्षा ऐसे लोग मानसिक रूप से स्वस्थ, समुदाय का हिस्सा और सेहतमंद महसूस करते हैं।'' अध्ययन में यह भी पाया गया है कि जिनके बच्चों नहीं होते वे भी खुशहाल रहते हैं, जबकि निम्न आय की अपेक्षा उच्च आय वाले ज्यादा खुश रहते हैं। छोटे शहरों के लोग बड़े शहरों व ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा ज्यादा खुश रहते हैं।
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