लोग घुटने के दर्द से मुक्त होने के लिए इसकी सर्जरी कराते हैं, लेकिन हाल
के एक अध्ययन से यह बात सामने आई है कि अनावश्यक सर्जरी की अपेक्षा
फिजियोथेरेपी घुटने के दर्द के इलाज में ज्यादा कारगर हो सकता है।
आथ्रेस्कोपिक सर्जरी आम बात है, लेकिन फिनलैंड में कराए गए अध्ययन की माने तो हजा रों लोग अनावश्यक रूप से सर्जरी कराते हैं। अध्ययन के अनुसार, इस सर्जरी की संख्या कम होनी चाहिए तथा फिजियोथेरेपी इस रोग के निदान का अच्छा विकल्प है। फिनलैंड के शोध में हालांकि, सर्जरी को कारगर माना गया है लेकिन यह कम उम्र के रोगियों पर किया जाना चाहिए है। इसका कहना है कि 80 फीसदी मामले में सर्जरी उतनी कारगर साबित नहीं होती। अमेरिकन एकेड़मी ऑफ आर्थोपेडिक सर्जन डेविड जेवसेवर ने कहा, ''यह जाना माना अध्ययन है। यह कई शोध को विश्वसनीयता देता है जिसने यह दिखाया है कि मरीजों पर आथ्रेस्कोपी हमेशा बेहतर साबित नहीं रहती।'' इस अध्ययन के लिए पांच अस्पताल और 35 से 45 साल के 146 मरीजों को शामिल किया गया।
आथ्रेस्कोपिक सर्जरी आम बात है, लेकिन फिनलैंड में कराए गए अध्ययन की माने तो हजा रों लोग अनावश्यक रूप से सर्जरी कराते हैं। अध्ययन के अनुसार, इस सर्जरी की संख्या कम होनी चाहिए तथा फिजियोथेरेपी इस रोग के निदान का अच्छा विकल्प है। फिनलैंड के शोध में हालांकि, सर्जरी को कारगर माना गया है लेकिन यह कम उम्र के रोगियों पर किया जाना चाहिए है। इसका कहना है कि 80 फीसदी मामले में सर्जरी उतनी कारगर साबित नहीं होती। अमेरिकन एकेड़मी ऑफ आर्थोपेडिक सर्जन डेविड जेवसेवर ने कहा, ''यह जाना माना अध्ययन है। यह कई शोध को विश्वसनीयता देता है जिसने यह दिखाया है कि मरीजों पर आथ्रेस्कोपी हमेशा बेहतर साबित नहीं रहती।'' इस अध्ययन के लिए पांच अस्पताल और 35 से 45 साल के 146 मरीजों को शामिल किया गया।
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