Tuesday, 17 June 2014
प्याज की कीमतें थामने के लिए मोदी सरकार ने लिया एक्शन, एमईपी तय
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नई दिल्ली. मोदी सरकार ने महंगाई कम करने को अपने एजेंडे में सबसे ऊपर रखा है, लेकिन हालात ऐसे बन रहे हैं कि सरकार के लिए बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण मुश्किल हो सकता है। मई की महंगाई दर का आंकड़ा तो बढ़ कर आया ही है, अब आगे कीमतें और ऊपर जाने का खतरा बन गया है। प्याज की कीमतें पिछले सप्ताह भर में पांच से सात रुपए प्रति किलो बढ़ गई हैं। व्यापारी मानते हैं कि कम उत्पादन की आशंका के चलते कीमत और ऊपर जाएगी। सरकार ने इस पर रोक लगाने के लिए मंगलवार को प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय किया। 300 डॉलर प्रति टन से कम कीमत पर प्याज विदेश नहीं भेजा जा सकेगा।
उधर, इराक संकट के चलते दस दिन में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 106 से 113 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। इराक के बुरे हालात के चलते अगर आपूर्ति प्रभावित हुई तो यहां पेट्रोल-डीजल सामान्य से ज्यादा महंगा हो सकता है।
महंगाई दर का आंकड़ा
देश में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर मई में 6.01% हो गई है। इससे पहले, अप्रैल में यह 5.2% थी। अगर महंगाई दर बढ़ती रही तो रिजर्व बैंक की ओर से ब्याज दराें में कटौती की संभावना और कम हो जाएगी। बता दें कि सोमवार को आए आंकड़ों के मुताबिक, मई में थोक महंगाई दर, दिसंबर 2013 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। मार्च की थोक महंगाई दर 5.7% से संशोधित होकर 6% हो गई थी। इसके अलावा मासिक आधार पर मई में खाने-पीने की महंगाई दर भी 8.64 से बढ़कर 9.5% हो गई है। इसी तरह मासिक आधार पर ही प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर में भी इजाफा देखा गया है। यह 7.06 से बढ़कर 8.58 हो गई है।
मासिक आधार पर मैन्यूफेक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 3.15% से बढ़कर 3.55% हो गई है। यह 13 माह के उच्चतम स्तर पर है। मासिक आधार पर मई में फ्यूल-पावर की महंगाई दर 8.93% से बढ़कर 10.53% हो गई।
रेल मंत्री ने दिए किराया बढ़ाने के संकेत
केंद्रीय रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने सोमवार को एक बयान जारी किया, जिसके मुताबिक मंत्रालय रेल किराये की समीक्षा करेगी। गौड़ा के मुताबिक, यदि रेल किराया बढ़ जाता है तो इसमें कोई आश्चर्य करने वाली बात नहीं होगी। गौर हो कि सदानंद गौड़ा ने एक अखबार के साथ इंटरव्यू में भी कहा कि निश्चित तौर पर रेल किराया बढ़ाने की जरूरत है। वहीं, मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि रेलवे की माली हालत अच्छी नहीं है। पैसेंजर सब्सिडी का आंकड़ा 26,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। इस देखते हुए यात्री किराया और माल भाड़ा दोनों में बढ़ोतरी किए जाने की जरूरत है। हालांकि इसमें कितनी बढ़ोतरी होनी चाहिए, इस अभी फैसला होना बाकी है। रेल मंत्री जुलाई के दूसरे हफ्ते में 2014-15 का रेल बजट पेश करेंगे।
अच्छे दिन आखिर कैसे आएंगे?
देश से अच्छे दिन लाने का वादा कर चुके पीएम नरेंद्र मोदी ने अब कहा है कि कुछ कड़े फैसलों के लिए तैयार रहना होगा, लेकिन रेल किराया बढ़ाने और सब्सिडी खत्म करने जैसे फैसले लिए गए तो महंगाई और बढ़ेगी। ऐसे में मोदी के सामने आम लोगों को राहत देने की चुनौती और बढ़ जाएगी। साथ ही, यह सवाल भी गहरा जाएगा कि अच्छे दिन आखिर कैसे आएंगे?
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