नया संवत 2069 इस बार एक सदी बाद अनूठा संयोग लेकर आ रहा है। इस संवत के ग्रहों का मंत्रिमंडल 23 मार्च को बदल जाएगा। इसके राजा और मंत्री के दोनों पद शुक्र को मिलेंगे। नए संवत आधुनिक तकनीक पर जोर रहेगा। नए अविष्कार भी होंगे।
ज्योतिषियों के मुताबिक राजा और मंत्री दोनों के पद शुक्र को मिलने से ऐसा संयोग एक सदी पहले तक देखने को नहीं मिला। अगली बार 16 साल बाद संवत 2086 में वापस शुक्र को राजा और मंत्री के पद पर रहने का अवसर मिलेगा।
पं. रमेश भोजराज द्विवेदी के अनुसार दोनों पदों पर एक ही ग्रह के आसीन रहने का अवसर तो कई बार आया करता है लेकिन शुक्र को यह अवसर एक सदी बाद मिल रहा है। विश्वस्त नाम का संवत्सर प्रजा में आध्यात्मिक रुचि व आस्था बढ़ाने वाला रहेगा।
नए संवत में रोहिणी का वास पर्वत पर होने से कहीं कहीं वर्षा की कमी के संकेत मिलेंगे, तो समय का वास कुंभकार के पास होने से भ्रष्टाचार में बढ़ोत्तरी होगी और भौतिकता का बोलबाला रहेगा।
समय का वाहन मेढ़क होने से अच्छी वर्षा के संकेत हैं। वहीं दूसरी ओर शनि का उच्चस्थ परिभ्रमण फिर वक्री होकर कन्या राशि में परिभ्रमण करने से डीजल, पेट्रोल, गैस और ऑयल आदि के दामों में भारी वृद्धि होगी। साथ ही देश के आर्थिक हालात में भी अधिक उतार चढ़ाव रहेगा।
इनसे छिनेगी सत्ता
संवत 2068 के दुर्गेश, मेघेश और धनेश बुध नव संवत में तीनों पदों से विहीन हो जाएंगे। वहीं इस बार ये सभी पदों से वंचित रहेंगे। बुध के सभी पद संवत 2069 में गुरु के पास रहेंगे। उधर संवत के राजा चंद्रमा से राजा का पद छिन जाएगा। इससे इस बार खासे प्रभाव देखने को मिलेंगे।
इस संवतों में राजा-मंत्री समान रहे
संवत 2063 : गुरु
संवत 2048 : सूर्य
संवत 2046 : गुरु
संवत 2040 : गुरु
संवत 2029 : गुरु
संवत 2023 : बुध
संवत 2006 : बुध
संवत 2004 : सूर्य
संवत 1981 : शनि
आगे भी ऐसा संयोग
संवत 2071 : चंद्रमा
संवत 2078 : मंगल
संवत 2082 : सूर्य
संवत 2084 : बुध
संवत 2086 : शुक्र
पंडितों के अनुसार भविष्य में आने वाले इन अनूठे संयोगों के असर से आर्थिक और सामाजिक बदलाव देखने को मिलेंगे। कुछ क्षेत्रों में इसके दूरगामी परिणाम भी सामने आएंगे।
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