Wednesday, 11 January 2012

मौत का था खौफ, पर खुद की कब्र बनाने का राज क्या है?


पेसिफिक कॉलेज के छात्र शेखर पांचाल के अपहरण और फिरौती मांगने के मामले में पुलिस ने सोमवार को मुख्य आरोपी के दोस्त मुकेश सोनी को कोटा से गिरफ्तार कर लिया है।

उस पर अपहरण से लेकर फिरौती मांगने तक मुख्य अपहर्ता के संपर्क में रहने और साजिश में शामिल होने का आरोप है। पुलिस को अपहृत छात्र शेखर पांचाल और मुख्य आरोपी प्रदीपसिंह भाटी का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। कोटा गया पुलिस दल सोमवार रात को उदयपुर के लिए रवाना हो गया।

उधर, सुविवि की छात्र संघर्ष समिति ने 36 घंटे में अपहृत छात्र व मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने पर बुधवार को संभागभर के शिक्षण संस्थान को बंद कराने व उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है। एएसपी सिटी तेजराज सिंह ने बताया कि कोटा में दादावाड़ी निवासी मुकेश पुत्र चंदालाल सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

बताया गया कि आरोपी ने कई लोगों से रुपए उधार ले रखे हैं। यह मुख्य आरोपी प्रदीप सिंह भाटी और उसका पड़ोसी मुकेश पूरी योजना में शामिल रहा। भाटी द्वारा शेखर का अपहरण करने के बाद फिरौती की राशि एक करोड़ रुपए और 5 किलो सोना लेकर बुलाया गया था, तब मुकेश मौके पर मौजूद था और प्रदीपसिंह को सूचना दे रहा था।

मुकेश ने मुख्य आरोपी को बताया कि शेखर के माता-पिता के साथ कौन-कौन आया है? उसे पुलिस अफसरों के साथ होने की भी सूचना दी गई थी। मुकेश ने अपहरण में प्रयुक्त कार भी अपनी मित्र की सहायता से मुख्य आरोपी प्रदीप को उपलब्ध करवाई थी।

छात्र का सुराग नहीं : पुलिस को दसवें दिन सोमवार को भी शेखर पांचाल के बारे में पता नहीं चल सका। इसके लिए पुलिस मुख्य आरोपी प्रदीपसिंह भाटी की तलाश में जुटी है। इस संबंध में हिरासत में ली गई प्रदीप की पत्नी प्रीति, चचेरा भाई भगवान सिंह, ताऊ का लड़का बहादुर सिंह, साला सुमित, दोस्त पिंटू सहित सात जनों से पूछताछ जारी है।

उदयपुर और कोटा पुलिस के अलग-अलग दल ने मोबाइल कॉल लोकेशन के आधार पर सोमवार को फिर कोटा और आसपास के इलाकों में दबिश देकर मुख्य आरोपी तक पहुंचने का प्रयास किया। इसके अलावा उदयपुर में भी शेखर के मित्रों व परिचितों से पूछताछ कर अनुसंधान किया जा रहा है।

यह है मामला

31 दिसंबर को पेसिफिक कॉलेज के छात्र शेखर पांचाल का बोहरा गणेशजी क्षेत्र से उसके परिचित प्रदीप सिंह भाटी घूमाने के बहाने अपहरण कर ले गया था। मुख्य आरोपी प्रदीप सिंह द्वारा शेखर की मां को फोन कर एक करोड़ रुपए व पांच किलो सोने की फिरौती मांगी गई थी। कोटा में आरोपी की मिली कार में खून के आधार पर पुलिस का मानना है कि शेखर के साथ अनहोनी हुई है।

खुद की कब्र बनाने का राज क्या है?

शेखर पिछले कुछ दिनों से मौत के खौफ से गुजर रहा था, उसकी यह मनस्थिति उसका फेसबुक प्रोफाइल देखने से साफ प्रतीत होती है। पुलिस, आईटी एक्सपर्ट्स और साइक्लॉजिस्ट्स की मदद से पांचाल के फेसबुक प्रोफाइल पर की गई दो फोटोज के संकेत को समझने की कोशिश कर रही है।

पुलिस का मानना है कि अपहरण के एक दिन पहले और ठीक एक दिन बाद इस तरह की फोटोज पोस्ट करना इस बात का साफ संकेत था कि कुछ ऐसा चल रहा था, जिससे शेखर के मन में अनहोनी की आशंका जन्म ले चुकी थी।

शेखर के फेसबुक प्रोफाइल में अपहरण से एक दिन पूर्व 30 दिसम्बर को रात 10:50 बजे डेथ क्लॉक नाम से उसने एक कब्रिस्तान का फोटो पोस्ट किया था। जिसमें एक कब्र पर शेखर की फोटो ऐसे पोस्ट की गई थी, जैसे उसकी कब्र हो। उस फोटो पर क्लिक करने पर लिंक वेलकम टू डेथ क्लॉक पर खुल रहा है। जिसमें सैकंड स्टेप पर लिखा है, फाइन्ड माई डेथ डेट। इस लिंक पर क्लिक करने पर एरर की वजह से आगे नहीं जा सके।

फेसबुक पर शेखर के 251 दोस्त हैं, जिनमें से से ज्यादातर युवा और बड़ी संख्या में खूबसूरत क़ॉलेज गल्र्स हैं। मोट तौर पर प्रोफाइल और साथियों को जायजा लेने पर शेखर का जो व्यक्तित्व ऊभर कर सामने आता है, वह अल्हड़, मस्त, रंगीन दुनिया में जीने वाला है। फिर अचानक 30 दिसंबर को क्या हो गया जो वह मौत, कब्रिस्तान और डेथ टाइम के बीच उलझ गया। ऐसे कई रहस्य हैं जो पुलिस को सुलझाने हैं?

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक शेखर का अपहरण 31 दिसंबर को हुआ। आश्चर्य की उसने एक जनवरी को सुबह 7:12 बजे दोबारा 30 दिसंबर को पोस्ट की गई कब्रिस्तान की फोटो पोस्ट की, नाम दिया सेमेटरी (कब्रिस्तान)। वह एक जनवरी को अपहर्ताओं के कब्जे में था, ऐसे में सवाल उठता है कि उसे कंप्यूटर, इंटरनेट की सुविधा कैसे हासिल हुई ?

क्या वह उस वक्त अपहर्ताओं की निगरानी में उसे नेट की सुविधा हासिल थी। फेसबुक के जरिए दोस्तों को वह खुद के मौत के मुंह में फंसे होने का संकेत देना चाह रहा था। आईटी एक्सपर्ट्स फोटो पोस्ट करने के समय के मुताबिक फोटो लोड करने के लिए इस्तेमाल कंप्यूटर और उसकी लोकेशन पता कर सकते हैं।

पुलिस ऐसा कर भी रही होगी, यह बात अलग है कि इस मुद्दे पर सभी अधिकारी जरूरत से ज्यादा एहतियात बरत रहे हैं। अब तक मिले संकेत अनहोनी की ओर इशारा जरूर कर रहे हैं, मगर शेखर के परिजन, दोस्त, पुलिस अधिकारी और हर संवेदनशील व्यक्ति परमपिता से यही प्रार्थना कर रहा है, मिले संकेत गलत साबित हों। शेखर दीर्घजीवी हो, सकुशल लौटे। भास्कर परिवार की यही प्रार्थना है।

छात्रों ने दी आंदोलन की चेतावनी

दस दिन बाद भी शेखर पांचाल का पता नहीं चल पाने से विद्यार्थियों में रोष है। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिलीप जोशी के नेतृत्व में सोमवार को कार्यकर्ताओं ने शेखर पांचाल के अपहरणकर्ताओं की 36 घंटों में गिरफ्तार करने की मांग को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक के नाम पर ज्ञापन दिया।

छात्रों ने 11 जनवरी को संभाग के सभी शिक्षण संस्थान बंद कराने व उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। इस दौरान सुविवि अध्यक्ष परमवीर सिंह, हरीश चौधरी, प्रवक्ता राहुल नागदा, दीपक मेघवाल, अमित पालीवाल, दीपक शर्मा, अनिल गारु सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।

इसी प्रकार सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अध्यक्ष विक्रम खटीक, पूर्व अध्यक्ष दिलीप सिंह सिसोदिया के प्रतिनिधि मंडल ने गिरफ्तारी की मांग को लेकर एडीएम प्रशासन बीआर भाटी को ज्ञापन पेश किया।

No comments:

Post a Comment