फिर सीबीआई ने भी ओमप्रकाश पर भावनात्मक दबाव बनाने के लिए पत्नी और मासूम बच्चे को उसके सामने बैठा कर पूछताछ की। मगर वह जोधपुर व फलौदी के लगभग 4.5 डिग्री के न्यूनतम तापमान में रात 10 बजे तक जालोड़ा पहुंची। सीबीआई दूसरी गैंग के सरगना विशनाराम के समर्पण के लिए उसकी पत्नी को भी सर्किट हाउस बुलाना चाहती थी, मगर वह भी गर्भवती है।
जोधपुर.सीबीआई ने भंवरी मामले में गिरफ्तार ओमप्रकाश पर भावनात्मक दबाव बनाने के लिए सोमवार को उसकी पत्नी सुशीला और डेढ़ माह के बच्चे को सामने बैठाकर पूछताछ की। सुशीला कड़ाके की ठंड में सवा सौ किमी का सफर तय जालोड़ा से सर्किट हाउस आई।
सीबीआई ने उसे दो घंटे बाद घर जाने को कह दिया, लेकिन सुशीला को यह समझ नहीं आ रहा था कि मासूम बच्चे का भंवरी के अपहरण की जांच से क्या ताल्लुक?
मालवीय नगर ए ब्लॉक की मुख्य सड़क पर आलीशान मकान। यह मुन्नी देवी के सबसे छोटे बेटे विजय (एनआरआई) का है। इसी में वे काफी समय से रहती थीं। उनके छह बेटे व एक बेटी है। सभी उनके पास समय-समय पर रुकने आते थे, पर घटना के समय उनके साथ कोई नहीं था। दो नौकर थे, जिसमें से एक तीन दिन पहले रखा गया था और दूसरा दस दिन पहले।
31 दिसंबर को नौकरी पर रखा था
बड़े बेटे उमराव ने बताया कि 18 दिसंबर को घरेलू नौकर के लिए विज्ञापन दिया था। उधर, जयपुर ज्वैलरी शो में शामिल होने जयपुर आए विजय 29 दिसंबर को बैंकॉक लौट गए। इसी दिन पटना निवासी कुणाल पांडे उनके घर पहुंचा। तब घर में मां के पास रुके उमराव ने कुणाल से पूछताछ की, तो उसने खुद के मतदाता परिचय पत्र की एक फोटो स्टेट उन्हें दी और बताया कि वह बनीपार्क में एक व्यापारी के घर काम करता है। फिर उसने दो परिचितों के नाम, पते व मोबाइल नंबर भी दिए।
भरोसे का गला घोंटा
महज कुछ मिनट की बातचीत से बुजुर्ग मुन्नी देवी का भरोसा जीतने वाला कुणाल इस हद तक चला जाएगा, किसी ने सोचा तक नहीं था। जिस दिन उसे नौकरी पर रखा गया था, मुन्नीदेवी के बड़े बेटे ने रात को फोन पर मां को समझाते हुए कहा था कि इस काम में जल्दबाजी न करें, लेकिन उसका वैरिफिकेशन करा पाते, उससे पहले ही वह हत्या कर भाग निकला।
31 दिसंबर को नौकरी पर रखा था
बड़े बेटे उमराव ने बताया कि 18 दिसंबर को घरेलू नौकर के लिए विज्ञापन दिया था। उधर, जयपुर ज्वैलरी शो में शामिल होने जयपुर आए विजय 29 दिसंबर को बैंकॉक लौट गए। इसी दिन पटना निवासी कुणाल पांडे उनके घर पहुंचा। तब घर में मां के पास रुके उमराव ने कुणाल से पूछताछ की, तो उसने खुद के मतदाता परिचय पत्र की एक फोटो स्टेट उन्हें दी और बताया कि वह बनीपार्क में एक व्यापारी के घर काम करता है। फिर उसने दो परिचितों के नाम, पते व मोबाइल नंबर भी दिए।
भरोसे का गला घोंटा
महज कुछ मिनट की बातचीत से बुजुर्ग मुन्नी देवी का भरोसा जीतने वाला कुणाल इस हद तक चला जाएगा, किसी ने सोचा तक नहीं था। जिस दिन उसे नौकरी पर रखा गया था, मुन्नीदेवी के बड़े बेटे ने रात को फोन पर मां को समझाते हुए कहा था कि इस काम में जल्दबाजी न करें, लेकिन उसका वैरिफिकेशन करा पाते, उससे पहले ही वह हत्या कर भाग निकला।
इतना बड़ा घर, अकेली वृद्धा
जुर्म के निशां.. जश्न और शराब में डूबी जिंदगी :पहले पुराने नौकर को शराब पिलाकर बेसुध किया, फिर मार डाला।
दावत :शराब के अलावा बिखरे मिले ड्राइफ्रूट
एनआरआई सम्मलेन तक धुलेंगे दाग? :पॉश इलाके में मुख्य सड़क पर एनआरआई की मां की हत्या हो गई। सात जनवरी को एनआरआई सम्मेलन है। पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द यह है कि इस सम्मेलन से पहले आरोपी को गिरफ्तार करना। भाजपा नेता इस मामले को तूल दे रहे हैं। अब सरकार को डर है कि कहीं एनआरआई सम्मेलन तक यह मामला तूल न पकड़ ले।
लिपटकर बिलख पड़े सुबह करीब पौने 11 बजे ज्यों ही मुन्नी देवी के जयपुर में मौजूद चार बेटे-बहू, उनके पीहर पक्ष व अन्य परिजनों को हत्या की सूचना मिली, वे तुरंत मालवीय नगर पहुंचे। कमरे में मुन्नी देवी के शव को देखकर वे एक-दूसरे से लिपटकर रो पड़े। भाजपा विधायक कालीचरण सराफ, भाजपा नेता सुमन शर्मा व राजीव अरोड़ा भी मौके पर पहुंचे। सराफ ने वारदात पर आक्रोश जताते हुए कहा कि अगर आरोपी को 72 घंटे के भीतर गिरफ्तार नहीं किया गया, तो मालवीय नगर बंद किया जाएगा।
सेठी दंपती को याद गई वो दहशत भरी रात ए-ब्लॉक में वृद्ध महिला व उनके नौकर की हत्या का पता चला, तो सेक्टर-1, मालवीय नगर निवासी डॉक्टर नरेंद्र सेठ व उनकी पत्नी तुरंत घटनास्थल पहुंचे। डॉक्टर सेठी ने बताया कि उनके घर में गत वर्ष 4 जनवरी की रात को हुई डकैती की दहशत भरी वारदात फिर से ताजा हो गई। मुन्नी देवी की लाश को देखकर डॉक्टर सेठी की पत्नी के आंसू बहने लगे। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके घर में डकैती डालने वालों को गिरफ्तार करने का दावा तो कर दिया, लेकिन एक बार भी बदमाशों की शिनाख्त कराकर लूटा गया सामान बरामद नहीं किया।
बंद पड़ा था सीसीटीवी कैमरा पुलिस ने बताया कि विजय टांक ने घर के दरवाजे पर सीसीटीवी कैमरा लगा रखा है, पर जांच के दौरान वह बंद मिला। साथ ही वारदात के वक्तहॉल में सीढ़ियों के समीप पालतू कुत्ता बंधा था, पर वह भौंका तक नहीं।
चालाक भी, दुर्दात भी स्थानीय पुलिस ने कुणाल के परिचय पत्र में लिखे पते की बिहार पुलिस की मदद से तस्दीक कराई, तो परिचय पत्र फर्जी होने की जानकारी सामने आई। उसमें लिखा पता गलत निकला। वहां एक धार्मिक स्थल बना है। वहीं, कुणाल के परिचितों के मोबाइल नंबर भी बंद आ रहे हैं। तीन दिन के भीतर उसका स्थानीय पुलिस वैरिफिकेशन भी नहीं हो सका था।
दूसरा नौकर :पुलिस के अनुसार दूसरा नौकर साजिश में शामिल नहीं हुआ, शायद इसीलिए उसे जान गंवानी पड़ी।
No comments:
Post a Comment