रायपुर. संयुक्त परिवार में रहने वाले बच्चे एकाकी परिवार के बच्चों से अधिक क्षमतावान होते हैं। उन्हें सीखने के लिए अधिक मिलता है, क्योंकि सिखाने वाले अधिक होते हैं। संयुक्त परिवारों में पैरेंट्स द्वारा बच्चों पर अधिक ध्यान न दे पाने की स्थिति में परिवार के अन्य सदस्य उनकी देखभाल करते हैं।
बुजुर्गो का साथ होने की वजह से घर की हर समस्या का समाधान आसानी से हो जाता है। यह कहना है सिविल लाइंस निवासी मगनलाल अग्रवाल का। वे अपने 32 मेंबर्स वाले परिवार में मिलजुल कर रहते हैं। इस फैमिली में सबसे अधिक आयु 92 वर्ष रूली राम अग्रवाल की है। इसके बाद सबसे अधिक उम्र वाली 88 साल की लक्ष्मी अग्रवाल हैं। इस परिवार का सबसे छोटा मेंबर इशांत 4 साल का है।
मगनलाल के मुताबिक, घर में चार पीढ़ी एक साथ रह रही हैं। इसका फायदा यह है कि कभी भी किसी मेंबर को डर या अकेलापन महसूस नहीं होता है। हर दुख-सुख में पूरा परिवार एकजुट रहता है। भले ही आजकल छोटा परिवारों का दायरा बढ़ रहा है, लेकिन संयुक्त परिवार में मार्गदर्शन मिलने के अवसर अधिक होते हैं। इन परिवारों में मिलने वाली शिक्षा का जीवन में खासा महत्व है। संयुक्त परिवार में बच्चों की परवरिश अधिक अच्छे से होती है। खुद से बड़े उम्र के लोगों के साथ रहने पर उन्हें मोरल सपोर्ट भी मिलता है।
No comments:
Post a Comment