Tuesday, 22 November 2011

पूर्व मंत्री ने बनाई महिला की अश्‍लील सीडी, भंवरी का कंकाल तलाश रही पुलिस!


भंवरी के भंवर में फंसे राजस्‍थान में एक और महिला ने अपने पति पर कई रसूखदार लोगों के साथ मिल कर उसे नशीला पदार्थ खिलाने और उसकी अश्‍लील सीडी बनाने का आरोप लगाया है। जयपुर  की एक अधीनस्थ अदालत के आदेश पर सोमवार को पूर्व मंत्री व पूर्व सांसद समेत 17 आरोपियों के खिलाफ वैशाली नगर थाने में इस संबंध में मामला दर्ज किया गया।
उधर, बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में सीबीआई व राज्य सरकार को बुधवार तक राजस्थान हाईकोर्ट को यह जवाब देना है कि भंवरी जिंदा है अथवा उसके साथ कोई अनहोनी हो चुकी है। सोमवार को दो सौ से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने लोहावट के धोरों में लगभग 20 किमी तक खेतों व ढाणियों में भंवरी के अवशेषों की तलाश की। साथ ही फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री के वैज्ञानिकों से भी पूछताछ की जिन्होंने आरोपी शहाबुद्दीन की उस बोलेरो की जांच की थी, जिसमें भंवरी का अपहरण हुआ था। सीबीआई इन वैज्ञानिकों से यह जानना चाहती थी कि उसी बोलेरो में तो भंवरी के साथ अनहोनी नहीं हुई थी?

स्पेशल टीम के डीआईजी गिर्राजलाल मीणा और सीबीआई के डीआईजी अशोक तिवारी ने सोमवार सुबह फलौदी एएसपी केसरसिंह के नेतृत्व में पांच टीमें बनाई। टीमों में कई अधिकारी, लाइन का जाब्ता और आरएसी की दो कंपनियां साथ भेजी गई। दस- बारह गाड़ियों का काफिला लोहावट थाने से निकला और जालोड़ा, दयाकौर व नहर के आस-पास का पूरा इलाका छानने के बाद भंवरी के अवशेष ढूंढ़ने की कोशिश की।
विशनाराम की भी तलाश
इन टीमों ने हिस्ट्रीशीटर विशनाराम व उसके साथी कैलाश जाखड़ की गिरफ्तारी के लिए भी उनके घर, ढाणियों व खेतों में तलाशी ली। साथ ही सभी रिश्तेदारों के यहां भी छानबीन की। हालांकि टीम को अब तक उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली है।
पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद समेत 17 पर केस 
इस बीच, राज्‍य को शर्मसार करने वाले एक और मामला सामने आया है। जयपुर में महिला से ज्यादती के मामले में पीडि़ता ने पति पर अन्य आरोपियों के साथ उसकी सीडी बनाने व नशीला पदार्थ खिलाकर ज्यादती का आरोप लगाते हुए महानगर मजिस्ट्रेट (क्रम 11) की अदालत में शिकायत दी थी। सोमवार को सुनवाई के बाद अदालत ने भादंसं की धारा 376, 328, 343, 323, 506 (सपठित धारा 120 बी) के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

पीडि़ता ने बताया कि वह सिरसा (हरियाणा) के अबूबशहर की निवासी है। उसकी शादी पीलीबंगा (हनुमानगढ़) निवासी ओमप्रकाश गोदारा से 20 दिसंबर 2010 को हुई थी। उसकी वास्तविक जन्म तारीख 12 जनवरी 1994 है। शादी के समय वह नाबालिग थी और अब भी नाबालिग है। ससुराल में दहेज के लिए प्रताडि़त किया जाने लगा तो पीहर वालों ने एक लाख रुपए दिए। पीडि़ता ने दहेज उत्पीडऩ के मामले में 1 जनवरी 2011 को डबवाली (हरियाणा) में मामला दर्ज कराया था। फरवरी में पति उसे जयपुर ले आया और वैशाली नगर स्थित राजपथ पर रहने लगे। पति ने चोरी-छिपे खाने-पीने की वस्तुओं में नशीली चीज डालनी शुरू कर दी। देवर राजकुमार उससे ज्यादती करने लगा, विरोध किया तो पति ने बताया कि वह उसे पत्नी नहीं मानता और उसका उपयोग राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरा करने के लिए कर रहा है। उधर, भाजपा शासन में मंत्री रहे जोगेश्वर गर्ग का कहना है कि मैंने इस लड़की को कभी नहीं देखा। आरोप राजनीति से प्रेरित और झूठे हैं। 

आरोपियों में डीएसपी और पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष भी
आरोपियों में पूर्व मंत्री जोगेश्वर गर्ग, पूर्व सांसद निहालचंद मेघवाल, पीडि़ता का पति ओमप्रकाश गोदारा, डीएसपी अनिल राव, सीआई महावीर, राधेश्याम गोदारा, सतीश सिंगोदिया, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पुष्पेन्द्र भारद्वाज, विवेकानंद, विकास अग्रवाल, आरिफ, हरीश, कुलदीप हुंदल, भगवानजी, मनीष, पिन्टू और कुलदीप शामिल हैं। 

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