Sunday 2 June 2013

दो वचन मान लो '' नाम जपो और प्रेम करो '' काम तो इतना सा ही है एक तो नाम जपा करो और एक सबसे निस्वार्थ भावना से प्यार करा करो !

Rachasodha
02 जून 2013 का सत्संग और रूहानी जाम प्रोग्राम ,

डेरा सच्चा सौदा , सिरसा !!

'' धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा ''

जी तो प्यारी साध-संगतजीयों जैसा की आपको मालूम है !
रूहानी जाम शुरु करने जा रहे है !
जी तो जो आज रूहानी जाम पीने आए है ! जरा आपना हाथ खड़ा करके बताए जो साध संगत
रूहानी जाम पीने आई है ! बहने जयादा है , हाथ निचे कर लीजिये बैठ जाएं _बैठ जाए इधर भी है बहुत साध संगत ! देखते है बहने पहले पिलाते है या भाई ? वचनों में गलती ना किया करो बेटा मालिक माफ़ करे ! तेजी से हिम्मत से रूहानी जाम पिलाईये !
तो सबसे पहले आपको कसमें
दिलादे अल्ला,वाहेगुरु ,राम , मालिक , खुदा ,गॉड , खुदा रब के नाम की
जिसने सारी श्रष्टि को बनाया है ! रचाया है !
दूसरा इस धरती पर मुर्शिदे - कामिल आए !
तीसरा जिन्होंने सर्व-धर्म संगम बताया डेरा सच्चा सौदा बनाया !
सच्चे साईं शाह मस्ताना जी महाराज के नाम पर !
चोथा हमारे गुरु दाता रहबर मालिक शाह सतनाम जी महाराज के नाम पर !

''ये रूहानी जाम , खुशियों का लेके आता है पैगाम, सच्ची भावना से पियो
बिगड़े बना देता है काम , सच्ची भावना से पि कर सुमरिन करो तो
मिला देता है निजधाम , ये रूहानी जाम खुशियों का लेके आता है पैगाम !

तो रूहानी जाम आपको अभी पिलाया जाएगा सच्ची भावना से सच्ची
तड़फ से रूहानी जाम पीजिए जरुर मालिक का रहमो कर्म बरसेगा !
और तीन वचनों में अगर गलती की है जाम पीने आएं है !
नारा लगाए आइन्दा गलती ना करे कभी दोहराना ना खुशिया चली जाती है !
तो अब रूहानी जाम शुरु किया जायेगा उस मालिक का धन्यवाद जिसने रूहानी जाम शुरु किया
उसका धन्यवाद करना है ! और धन्यवाद के लिए साईं मस्तना जी महाराज ने एक नारा दिया है !

'' धन-धन यानि धन्य है ! धन्य है !
कोन सतगुरु ,सतगुरु का मतलब अल्ला,वाहेगुरु,गॉड,हरी,राम,खुदा,रब, तेरा ही आसरा ! तेरा ही सहारा है !
तो सबने मिलके जोर से ये नारा बोलना है ! हाँ जी ...

'' ध न ध न सत गुरु ते रा ही आ स रा ''

तो ये रूहानी जाम जो नाम ले कर पिता है ! सोने पर सुहागा है !
गुरुमंत्र तमाम खुशिया देता है ! और रूहानी जाम उन खुशियों को बढ़ा देता है !
जैसे किसी मशीन में पुर्जे फिट कर देते है ! तो उसकी पावर को डबल कर देता है !
उसी तरह ये रूहानी जाम है ये खुशियों को बढ़ा देता है ! और कई जीवों के तो इतना बढ़ा देता है की
उनके कैंसर तक उड़ा देता है और एड्स तक भायनक बीमारी को ख़त्म कर देता है ! तो ये मालिक का रहमोकर्म है उसकी दया मेहर है !
तो ये रूहानी जाम की शक्ति है !
तो नाम और जाम जिसने ले लिया है ! कहीं वो वचनों पर अमल कर ले
मालिक अंदर बहार कमी तो क्या उनकी कुलो तक का भी
उद्धार कर देता है ! और कोई कमी नहीं छोड़ता ! वचनों में कभी गलती ना करो ! और आप मालिक क दया मेहर रहमत के
काबिल बनते चले जाते है ! और उसकी दया द्र्स्थी के काबिल बन जाते है ! तो आप को एक भजन सुना देते है जी !
U.P का ये भंडरा है ! जी U.P वाले चाह रहे है ! ये ही सुनायेंगे ! U.P का भंडरा है ! आप ये मत समझये की सत्संग का फल नहीं मिलता !
यहाँ आप जब भी आप आके बैठते है हर रोज सत्संग होता है ! सत्संगो के दिन सत्संग से बढ़कर आप फल लेकर जाते है !
वो मालिक जानता है ! देने वाला वो है ! वो कमी नहीं छोड़ता !
कई कहते है जी ! सत्संग लम्बा नहीं हुआ ! आप लम्बे की छोड़ो ! दो वचन मान लो
'' नाम जपो और प्रेम करो ''
चलो लम्बा ही लम्बा है ! काम तो इतना सा ही है एक तो नाम जपा करो और एक सबसे निस्वार्थ भावना से प्यार करा करो
बस आप कर लो लम्बी चोड़ी बाद में सुनायेंगे ! ये करो पहले आप फिर कोई कमी रह जाए तो हाथ उठा के दिखाना की मुझ में ये कमी रह गयी !
ना अंदर कमी ना बहार कमी सो
'' काखो ले लख है पया , बन्दे तेरे समझ ना आया ''
तो सबकुछ मिल जाता है ! ये मत सोचो की सत्संग में कोई कमी रह गयी !
वो सतगुरु मोला ने देना है ! निगाह से दे देता है बोलने की जरुरत नहीं है ! वो देने पर आ जाए तो !
य उसकी मर्जी होती है लेने वाले की भावना कैसे है ! कैसे सुद्ध विचार है वैसे ही जैसा बर्तन है ! वैसा ही सामान आ जाता !!

हाँ जी चलिए भाई ....

सुंदर सलोना , दो जहाँ से सोणा ,
क्या लगता है खूब ,
मेरा महबूब , मेरा महबूब

चेहरा नूर से भरा है उसका , ऐसा देखा ना कोई ,
एक झलक में उसके रे मैं , तो पगली जल्ली हो गयी ,
बड़ा ही प्यारा , दो जहाँ का सहारा ,
क्या लगता है खूब मेरा महूबब ,मेरा महूबब !
सुंदर सलोना.......

नशे से भरी है आखे है उसकी , जो मैं गयी हूँ प्याले ,
धरती पैर ना उसके लगता , जिसको पिला वो डाले
बड़ा मतवाला , जो जहाँ का रखवाला ,
क्या लगता है खूब मेरा महूबब ,मेरा महूबब !
सुंदर सलोना.......

हसना उसका गजब है ढाए , जब वो खिल-खिलाएं ,
करोड़ों आखे बैठी है टिकटिकी लगाए ,
कब वो मुस्कुराये बहार लाये , ....बहार लाये .
क्या लगता है खूब मेरा महूबब ,मेरा महूबब !
सुंदर सलोना.......

जुल्फे उसकी घटा - घनघोर , सब को मोह लेती ,
अपने में उलझा के जुल्फे , जिंदगी सुलझा देती ,
एक एक छल्ला , वाह माशा अल्ला ,....माशा अल्ला
क्या लगता है खूब मेरा महूबब ,मेरा महूबब !
सुंदर सलोना.......

मीत को दो जहाँ से प्यारा , जिसके गीत है गए ,
सतनाम - मस्तान कसम है वो , मीत मे रहा समाए ,
इश्क बाज , मेरा सरताज
क्या लगता है खूब मेरा महूबब ,मेरा महूबब !
सुंदर सलोना.......

जी बिराजिये - बिराजिये , बैठ जाइए बैठ जाइए
हाँ जी लांगरी सा...!!
जी तो रूहानी जाम - पीने आए है !
13845 पुरे नाम वाले हुएं है जी !!
जिन्होंने नाम लिया गुरु मन्त्र लिया जी !!
'' धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा ''

जिसके परिवार में किसी ने चोला छोड़ा है !!
खड़े हो जाओ !
1 की आखें दान महादान !
तो बेटा जिसने नाम लिया होता है ! वो आत्मा मालिक की
गोद में बैठ कर निजधाम -सचखंड -सतलोक-अनामी
जरुर जाती है ! अस्तियां फूल ले कर आए हो !
किसी नहर नदी मे नारा लगा के प्रवाह कर दो ! या अपना खुद
के खेत में गहरा खड्डा खोद कर वहां दबा दो !
ये तो मिट्टी है ! आत्मा को मालिक ज्यो-की त्यों निजधाम ले कर जाता है !
जो जख्म देता है ! महरम भी जरुर देता है ! सो नारा
लगा कर बैठ जओ ! आशिर्वाद बेटा !
प्रसाद ले लेना आशिर्वाद !

साध-संगत में कोई नशा छोड़ना चाहता है ! 7 दिन के लिए रुक
जाए परिवार का एक आदमी साथ रहे ,
रहना फ्री- खाना फ्री जरुरत पड़े तो दावा फ्री !
ध्यान रहे जब नसा छोड़ के जओ यार दोस्त जो नसेड़ी है !
उनकी संग-सोहगत बिलकुल नहीं करनी जी !!

साध संगत में शादी का कार्ड , कपड़े , हार , पेन , प्रसाद ,
चाबी , पढाई के लिए
आशिर्वाद लेना है ! बैठे - बैठे सामान उपर कर लो !
''सारी साध-संगत को अच्छे नेक कामो के लिए आशिर्वाद _स !
सामान निचे कर लीजिये जी !!
तो
तो जो भी साध- संगत आश्रम में सत्संग में चल कर आई है आपका
सबका पदारने का तहदिल से बहुत-बहुत सुवागत करतें है ! जी
आयानु श्याम विद कहते है most welcome ! फिर जैसा आपका
विचार जाने का सेवा करने का जैसे सेवादार भाई बताए सेवा करना आराम करना !!
बस अभी थोड़े समय इस प्रकार प्यार मोह्हबत से बैठे रहेगा जी ! इसी तरह सजे रहिएगा !

सभी के शेअर करके पढ़े जी ....!!!

No comments:

Post a Comment