Monday 30 September 2013

बेनजीर भुट्टो की आलीशान हवेली में होती हैं रंगीन पार्टियां


रॉकवुड हाउस
कभी यहां सियासत की बड़ी-बड़ी चर्चाएं होती थीं, लेकिन आज यहां सेक्‍स और रेव पार्टियों का आयोजन किया जाता है. हम बात कर रहे हैं पाकिस्‍तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की एक आलीशान हवेली की.साल 1995 में बेनजीर भुट्टो और उनके पति आसिफ अली जरदारी ने दक्षिण पूर्व इंग्‍लैंड की काउंटी सरी के विटले गांव में एक घर खरीदा था, जिसे रॉकवुड हाउस के नाम से जाना जाता है. 15 बेडरूम वाली इस शानदार हवेली में भुट्टो दुनिया भर के हुक्‍मरानों के साथ चाय पीते हुए गंभीर सियासी मसलों पर बातें किया करती थीं, लेकिन अब इस घर का रोल बदल चुका है. अब यह जगह सेक्‍स पार्टियों की खुफिया जगह बन गई है.
डेली मेल के मुताबिक, हवेली के टेनिस कोर्ट में नग्‍न होकर मैच खेले जाते हैं और यहां के तहखाने में मेहमान बिजनेस सूट या ईवनिंग ड्रेस के बजाए कामोत्तेजक क्रियाएं करते हुए मिल जाते हैं.
हालांकि भुट्टो परिवार ने यह हवेली 2004 में 4 मिलियन पाउंड में बेच दी थी. लेकिन रॉकवुड हाउस में होने वाली इन गतिविधियों का खुलासा अब जाकर हुआ है. हवेली का मालिक अब इसे बेचना चाहता है. वेबसाइट पर दिए गए विज्ञापन में इन सीक्रेट वीकेंड इवेंट्स का खुलासा हुआ है.
भुट्टो के हवेली बेचने के बाद इसके नए मालिक ने इसे सेक्‍स पार्टियों के लिए किराए पर बेचना शुरू कर दिया. इन पार्टियों में हर हफ्ते के अंत में जोड़े 450 पाउंड की फीस चुकाकर एंट्री ले सकते हैं.
यहां अभी हाल ही में इवेंट कंपनी 'लिटिल लायसन्‍स' ने अगस्‍त में 'मिनी फेस्टिवल ऑफ सिन' के नाम से एक पार्टी आयोजित की थी, जिसमें नेकेड टेनिस, सेक्स इन पूल, नॉटी वॉक्स, बोन फायर के पास ओपन एयर सेक्स, हॉट टब सेक्स और फोरेस्ट सेक्स शामिल थे.
नाम ना जाहिर करने की शर्त में हवेली के किराएदार ने बताया, 'यह किसी तरह का वेन्‍यू नहीं है. यह एक प्राइवेट घर है, जहां मैं खुले विचारों के लोगों के लिए अकसर ही पार्टियां आयोजित करता रहता हूं.'
उन्‍होंने कहा, 'मैं जो पार्टियां आयोजित करता हूं उनमें से ज्‍यादा म्‍यूजिकल या चैरिटी इवेंट होते हैं. हां, यहां मैंने कुछ सेक्शुअल पार्टियां भी आयोजित की थीं, लेकिन मुझे समझ नहीं आता कि लोगों को इसमें दिक्कत क्या है. यहां जो कुछ भी होता है कानून के दायरे में रहकर ही किया जाता है और प्रशासन को इससे कोई परेशानी नहीं है. शर्म को सेक्‍शुएलिटी से जोड़कर क्‍यों देखा जाता है? ये हैप्पी इवेंट्स हैं, वैसी वाहियात पार्टियां नहीं, जो दुनिया भर में आयोजित की जाती हैं.'

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