Wednesday 11 September 2013

पब्लिक रिलेशनर: कम्युनिकेशन स्किल है जरूरी

Image Loadingसही कम्युनिकेशन व लोगों से मे ल-मिलाप भी एक कला है। यही कला जब आपके प्रोफेशन के साथ जुड़ती है तो तरक्की की नयी राहें खुलती हैं। पब्लिक रिलेशन का क्षेत्र इन्हीं कलाओं का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें करियर के सुनहरे अवसरों के बारे में बता रही हैं नमिता सिंह
देश में करियर से संबंधित कई ऐसे क्षेत्र हैं, जो युवाओं के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इन्हीं में से एक पब्लिक रिलेशन भी है। इसे खासकर उन लोगों के लिए ज्यादा उपयुक्त समझा जाता है, जो कम्युनिकेशन के लिहाज से पूरी तरह से फिट बैठते हों। इसमें काम के दौरान लोगों से मिलना-जुलना पड़ता है। आज लगभग सभी कंपनियां अपने ग्राहकों व कर्मचारियों की नजर में अपनी छवि बेहतर बनाने के लिए ऐसे प्रशिक्षित लोगों को अपने यहां रखती हैं, जो उनकी बात को जनता और कर्मचारियों के बीच ले जाएं और दूसरे पक्ष से जो भी फीडबैक मिल रहा हो, उससे कंपनी को अवगत कराते हुए अपेक्षित कदम उठाएं।  इसके अलावा इन्हें क्लाइंट तथा संबंधित कंपनी के लिए प्रेस रिलीज तैयार करने से लेकर उनके लाभ को बढ़ाने के लिए नीतियां बनानी होती हैं। आपात स्थिति को कैसे हैंडिल किया जाए कि उसका कर्मचारियों व जनता के बीच गलत संदेश न जाए, इसकी भी जिम्मेदारी पीआर प्रोफेशनल्स की होती है। कई तरह के कोर्स मौजूद
पब्लिक रिलेशन के क्षेत्र में डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा, शॉर्ट टर्म व मास्टर्स डिग्री के रूप में कई ऐसे कोर्स हैं, जिनकी बदौलत छात्र अपने सपनों में रंग भर सकते हैं। पब्लिक रिलेशन मास कम्युनिकेशन का ही एक पार्ट है। कोर्स के दौरान छात्रों को कॉरपोरेट कम्युनिकेशन, टेक्निकल कम्युनिकेशन, मार्केटिंग कम्युनिकेशन, प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, एडवर्टाइजिंग रिसर्च, इंटरनेशनल कम्युनिकेशन, ह्यूमन राइट्स, पब्लिक रिलेशन में आईटी की भूमिका आदि के बारे में विस्तार से बताया जाता है।  कार्य का स्वरूप
एक पीआर मैनेजर कंपनी कीपॉलिसी तैयार करने से लेकर संस्थान के प्रमुख विभागों के बीच बेहतर तालमेल बिठाने का कार्य करता है। कंपनी अथवा व्यक्ति विशेष की अच्छाइयों को लोगों के बीच ले जाने, किसी भी आपात स्थिति को सुलझाने की जिम्मेदारी भी पीआर प्रोफेशनल्स पर होती है।   ग्रेजुएशन के बाद रखें कदम
पब्लिक रिलेशन से संबंधित जो भी कोर्स हैं, वे पीजी लेवल के हैं। इसके लिए छात्रों को किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट होना आवश्यक है। हालांकि कई संस्थान पब्लिक रिलेशन से संबंधित शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स कराते हैं। इनके लिए 10+2 योग्यता निर्धारित की गई है। ये शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स किसी विशेष क्षेत्र से संबंधित होते हैं। कुछ संस्थान प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला लेते हैं, कुछ मेरिट के आधार पर। कम्युनिकेशन स्किल्स जरूरी
यह एक ऐसा प्रोफेशन है, जिसकी बुनियाद ही कम्युनिकेशन स्किल्स के आधार पर रखी हुई है। काम के सिलसिले में लोगों से मेल-जोल बढ़ाने, क्लाइंट की जरूरतों को समझने, टीम के रूप में काम करने के गुण प्रोफेशनल्स की सहायता करते हैं।  आकर्षक सेलरी पैकेज
इस क्षेत्र में सेलरी की कमी नहीं होती। शुरुआती दौर में प्रोफेशनल्स को 15,000-20,000 रुपए प्रतिमाह की सेलरी दी जाती है। जैसे-जैसे उनका अनुभव बढ़ता जाता है, उनकी सेलरी में भी इजाफा होता रहता है। चार-पांच साल का अनुभव होने पर लगभग 40-45 हजार प्रतिमाह सेलरी मिल जाती है। कई रूप में संभावनाएं मौजूद
किसी अच्छे संस्थान से पब्लिक रिलेशन का कोर्स करने के बाद प्रोफेशनल्स को सरकारी व निजी क्षेत्र, दोनों जगह रोजगार के अवसर मिलते हैं। खासकर कॉरपोरेट घराने, मीडिया हाउस, बैंक, इंश्योरेंस, फाइनेंस, इनवेस्टमेंट कंपनी के अलावा एक्सपोर्ट फर्म आदि में। एजुकेशन लोन/स्कॉलरशिप
कई ऐसे राष्ट्रीयकृत बैंक हैं, जो एजुकेशन लोन के रूप में छात्रों को 6-7 लाख रुपए प्रदान करते हैं। इसके लिए छात्रों को विवि/संस्थान का ऑफर लेटर, आय प्रमाण पत्र, गारंटर सहित कुछ जरूरी कागजात जमा करने होते हैं। बैंकों द्वारा एजुकेशन लोन की अलग-अलग राशि दी जाती है। कुछ संस्थान गरीब व मेधावी छात्रों को स्कॉलरशिप भी देते हैं। साक्षात्कार
हर दिन नया करने की गुंजाइश
नम्रता सूरी, डायरेक्टर
नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ एडवर्टाइजिंग, नोएडा
पब्लिक रिलेशन अपने आप में चुनौतीपूर्ण एवं रोमांचक करियर है। यह एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए प्रोफेशनल्स हर दिन कुछ नया कर सकते हैं। इस क्षेत्र में अच्छी प्रस्तुति तभी संभव है, जब आपको संबंधित तमाम बारीकियां मालूम हों। इसके लिए प्रशिक्षण जरूरी है, क्योंकि बतौर प्रोफेशनल्स आप एक कंपनी या व्यक्ति विशेष का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं। आपकी छोटी-सी भूल बड़ा नुकसान करा सकती है, इसलिए इसके कोर्स का मॉडय़ूल भी कुछ इस तरह से तैयार किया गया है कि इसमें छात्र ग्रेजुएशन के बाद कदम रखें, ताकि इस दौर तक आते-आते उनमें समझ विकसित हो जाए। इस क्षेत्र में प्रगति की काफी संभावनाएं हैं। प्रमुख संस्थान
इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली
वेबसाइट:
www.iimc.nic.in जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
वेबसाइट:
www.jmi.nic.in मुद्रा इंस्टीटय़ूट ऑफ कम्युनिकेशन, अहमदाबाद
वेबसाइट:
www.mica-india.net माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज्म, भोपाल
वेबसाइट:
www.makhanlaluniversity.com नरसी मोंजी इंस्टीटय़ूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई
वेबसाइट:
www.nmims.edu नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ एडवर्टाइजिंग, नोएडा
वेबसाइट:
www.niaindia.org वाईएमसीए इंस्टीटय़ूट ऑफ मीडिया स्टडीज, नई दिल्ली
वेबसाइट:
www.newdelhiymca.in भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली
वेबसाइट:
www bvbdelhi.org

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