भारतीय राजनीति और बीजेपी में जसवंत सिंह एक प्रमुख नेता के तौर पर जाने जाते रहे हैं। लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर वह नौ बार सांसद रह चुके हैं। जसवंत सिंह रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और वित्त मंत्री सहित कई अहम भूमिकाएं निभा चुके हैं। बीजेपी में उनके उभार का श्रेय भैरों सिंह शेखावत को दिया जाता है। राजनीति के साथ-साथ कलम से भी उनकी दोस्ती काफी गहरी रही है। हालांकि, जसवंत द्वारा लिखी गई कई चीजों पर वक्त-बेवक्त विवाद भी हो चुका है। आइए, जानते हैं जसवंत सिंह के राजनीतिक कॅरिअर के बारे में-
1980: पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए।
1986: राज्यसभा में दूसरे कार्यकाल के लिए चुने गए।
1989 -1991: नौंवी लोकसभा के मेंबर रहे।
1991-1996: दसवीं लोकसभा के लिए भी चुने गए।
1996-1997: ग्यारहवीं लोकसभा में सांसद।
1998-1999: योजना आयोग के डिप्टी चेयरमैन के पद पर रहे।
1998 -2002: विदेश मंत्री बने।
1999-2004: राज्यसभा में लीडर ऑफ द हाउस।
2003-2004: वित्त मंत्री रहे।
2004-2009: राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष।
जून 2009: 15वीं लोकसभा के सांसद चुने गए।
6 अगस्त 2009-31 दिसंबर 2009: लोकलेखा समिति के चेयरमैन।
मार्च 2011: टेलिकॉम लाइसेंस और स्पेक्ट्रम के वितरण और कीमतों से जुड़े मुद्दों को देखने के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य।
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