2. परिवार के प्रत्येक सदस्य का सम्मान करें और उनके प्रति फिक्रमंद रहें। सभी से नम्रता से बात करें और जहां तक संभव हो मुस्कराहट बिखेरने की कोशिश करें।
3. अन्य रिश्तेदारों का भी स्वागत करें। जलन, क्रोध और संशय को अपने व्यवहार में स्थान न दें।
4. नि:संदेह महिलाएं पुरुषों के समकक्ष हैं, पर इसका यह अर्थ नहीं कि आप आक्रामक हो जाएं या दूसरों का दिल दुखाने वाले कड़वे बोल बोलने लगें। हमेशा अपनी ही बात को आगे रखने के बजाय दूसरों का पक्ष भी सुनने और समझने का प्रयास करें।
5. अकेले प्रयास की तुलना में साझा प्रयास हमेशा अधिक कारगर होते हैं। इस फार्मूले को अपनी पारिवारिक जिंदगी में भी लागू कर सकती हैं। परिवार में भी सदस्यों को एक टीम की
तरह अपने साथ जोड़ते हुए कार्य करेंगी तो सफलता निश्चित है।
6. रुचियों और शौक को अपने दोनों परिवारों के साथ मिलकर एंजॉय करें। इससे परिवार के सदस्यों को आप अपने और करीब ला सकेंगी।
7. अतीत की अप्रिय यादों को भुला देना ही बेहतर होता है। रिश्तों में पुरानी अनबन और तनाव को अपने वर्तमान पर हावी न होने दें। आपके दिलोदिमाग के साथ ही इसका सीधा असर आपके चेहरे पर भी पड़ता है। याद रखें यदि आपका मन साफ और उदार है तो उसका ओज आपके चेहरे पर आएगा। अपने आसपास मौजूद लोगों को जोड़ने का प्रयास करें, न कि उनमें दरार लाएं। अपने अहं के कारण एक-दूसरे से दूर जाने के बजाय बातचीत के जरिए मतभेदों को दूर करने का प्रयास करें।
8. पति के अभिभावकों की पृष्ठभूमि के बारे में रुचिकर बातें जानने का प्रयास करें। उन्हें भी यह जानकर अच्छा लगेगा कि आप यह जानती हैं कि उनकी शिक्षा कहां हुई और कॅरियर में उन्होंने क्या उपलब्धियां हासिल की हैं। थोड़ी बहुत उनकी भाषा सीखने की कोशिश करें। इस प्रकार आप उनसे खूबसूरत रिश्ता जोड़ सकेंगी। उनके लिए उपहारों का चयन करते वक्त समझदारी और फिक्र दिखाएं। उनके सवालों का शालीनता और मुस्कराहट के साथ जवाब दें। आपके परिवार, शिक्षा और विभिन्न मुद्दों पर आपकी राय जानने को लेकर उनमें उत्सुकता हो सकती है। उनकी इस उत्सुकता को खारिज न करें, क्योंकि उनके दिल तक पहुंचने का यह एक सेतु है, जिसका निर्माण आप खुद करेंगी।
9. इस बात का ख्याल रखें कि परिवार में विभिन्न आयु वर्ग के भाई, बहनें, भतीजे, भतीजियां और कुछ मामलों में पति की पहली शादी से बच्चे भी मौजूद होंगे। उन सभी को प्यार देना और उनका ख्याल रखना आपका दायित्व होगा।
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