Friday 23 September 2011

टाइगर के नाम से मशहूर नवाब मंसूर अली खां पटौदी



 टाइगर के नाम से मशहूर नवाब मंसूर अली खां पटौदी ने गुरुवार शाम फानी दुनिया को अलविदा कह दिया। पटौदी की भोपाल में ननिहाल तो पटौदी स्टेट (गुडगांव) में ददिहाल है। 11 साल की उम्र में पिता नवाब इफ्तेखार अली खां पटौदी का साया सिर से उठने के बाद उन्होंने भोपाल में अपने नाना (भोपाल रियासत के) नवाब हमीदुल्ला खां से जिंदगी का ककहरा सीखा।

पटौदी ने यहीं पर कसरे सुल्तानी में क्रिकेट और हॉकी के गुर सीखे तो भोपाल की फिजा ने उन्हें ऐसा बांधा कि जब भी उन्हें क्रिकेट से फुर्सत मिली वे यहां चले आए। सियासत की पगडंडी और छोटे पर्दे पर नजर आने के शौक को उन्होंने अपना करिअर नहीं बनाया।

ये अलग बात है कि उनकी बेगम शर्मिला टैगोर, पुत्र सैफ अली खान और बेटी सोहा अली खान फिल्मों में सक्रिय हैं। वहीं एक अन्य बेटी सबा अली खान ज्वैलरी डिजाइनिंग क्षेत्र में है। गौरतलब है कि पटौदी फरवरी में आखिरी बार भोपाल आए थे।

पटौदी ने शर्मिला टैगोर से शादी करने का फैसला 25 जुलाई, 1966 को लंदन में लिया था। शर्मिला से उनकी पहली मुलाकात उनके कोलकाता स्थित घर पर तब हुई थी, जब पटौदी अपने एक मित्र के साथ वहां एक फंक्शन में गए थे। 27 दिसंबर, 1967 को बाल्व डेर स्टेट कोलकाता में शादी हुई थी। इससे पहले एक मार्च, 1967 को उनकी मंगनी हुई थी। इसमें तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन और इंदिरा गांधी भी शामिल हुईं थीं।

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