उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई मधुमेह निरोधक दवा जल्द बाजार में आने वाली है। दावा किया जा रहा है कि यह दवा मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण साबित होगी।
विशेषज्ञों का दावा है कि एनबीआरएमएपी-डीबी नाम की इस दवाई से बिना किसी नुकसान के ग्लूकोज स्तर को नियंत्रित किया जा सकेगा। मधुमेह के शुरुआती दौर से अगर इस दवा को ले लिया जाए तो इंसुलिन लेने की नौबत नहीं आएगी।
एनबीआरआई के निदेशक सीएस नौटियाल ने बताया कि यह दवा आयुर्वेदिक पद्धति को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इसमें मेथी, गुडूची और मठीज जैसे औषधीय पौधों का इस्तेमाल किया गया है।
उन्होंने बताया कि आज मधुमेह भारत सहित पूरे विश्व की एक बड़ी समस्या है। इसे देखते हुए यह दवा तैयार की गई है। इसको उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने विगत 22 फरवरी को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में लांच किया था।
नौटियाल ने बताया कि दवाई का पेटेंट हो चुका है। इसे बाजार में लाने के लिए कई हर्बल दवा निर्माता कंपनियों से बात चल रही है।
विशेषज्ञों का दावा है कि एनबीआरएमएपी-डीबी नाम की इस दवाई से बिना किसी नुकसान के ग्लूकोज स्तर को नियंत्रित किया जा सकेगा। मधुमेह के शुरुआती दौर से अगर इस दवा को ले लिया जाए तो इंसुलिन लेने की नौबत नहीं आएगी।
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