एक नई तकनीक के जरिए अब शुक्राणुओं से संबंधित विसंगतियों की पहचान
आसानी से की जा सकेगी। यह नई प्रणाली जीवित शुक्राणुओं की गतिविधि की एक
3डी फिल्म तैयार करेगी, जि
सके जरिए शुक्राणुओं की प्रजनन क्षमता का पता
लगाया जा सकेगा।
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह शुक्राणुओं की प्रजनन क्षमता का पता
लगाने वाली पहली ऐसी तकनीक है जो शुक्राणुओं की गतिविधि से जुड़े आंकड़े
त्रिवीमिय संरचना में एकत्रित करता है। अब तक वीर्य में मौजूद शुक्राणुओं
की मात्रा एवं उनके स्वास्थ्य का निरीक्षण उन्हें देखकर किया जाता रहा है
या कंप्यूटर आधारित परीक्षण प्रणाली द्वारा की जाती रही है।
इटली और बेल्जियम के शोधकर्ताओं ने 3डी फिल्म बनाने के लिए माइक्रोस्कोपी
एवं होलोग्राफी तकनीक को मिलाकर इजाद की गई नई तकनीक के जरिए शुक्राणुओं का
त्रिवीमिय निरीक्षण करने की प्रभावी प्रणाली विकसित की।
इटली के नेपल्स स्थित नेशनल रिसर्च काउंसिल (एनआरसी) एवं कैंब्रिज के
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता ग्यूसेप डी कैप्रियो ने कहा कि
शुक्राणुओं की गतिविधि को दर्शाने वाले त्रिवीमिय फिल्म तैयार करते हुए
हमने इसमें समय को चौथे आयाम के रूप में जोड़ दिया है।
उन्होंने कहा कि वास्तविक समय में चल रही फिल्मों में शुक्राणुओं की
गतिविधि के चित्रों को देखकर हम जान सकते हैं कि शुक्राणु कैसे गति करते
हैं तथा इस बात का भी पता लगा सकते हैं कि शुक्राणुओं के आकार-स्वरूप के
कारण कहीं उनकी गति बाधित तो नहीं हो रही।
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