स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में नाम, पैसा, शोहरत सभी कुछ है। इन्हीं से आकर्षित
होकर युवा इस फील्ड में करियर बनाने आ रहे हैं। अगर आप खेलों में रुचि रखते
हैं, लेकिन किसी कारण उसमें जगह नहीं बना पाते, तो स्पोर्ट्स मैनेजमेंट
से जुडकर खेलों में अपनी सक्रिय उपस्थिति बनाये रख सकते हैं। आजकल हर खेल
और खेल प्राधिकरणों में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के एक्सपर्ट्स की जरूरत होती
है। स्पोर्ट्स मैनेजमेंट का कोर्स करके आप भी नई शुरुआत कर सकते हैं।
खेलों का मैनेजमेंट
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के कोर्स में क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी, गोल्फ, टेनिस
आदि विभिन्न खेलों की नेशनल एवं इंटरनेशनल लेवल पर आयोजनों की रूपरेखा,
उनका निरीक्षण आदि किस तरह से करना है, सिखाया जाता है। इसका मुख्य
उद्देश्य स्टूडेंट में यह कॉन्फिडेंस डेवलप करना है कि उसके अंदर एक अच्छी
लीडरशिप क्वॉलिटी है। वह किसी भी परिस्थिति में वर्क शिड्यूल बनाकर उसे
मैनेज कर सकता है।
कोर्स
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स,
मैनेजमेंट एवं पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स कम्युनिकेशन एंड
मैनेजमेंट के अलावा डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स मैनेजमेंट का कोर्स कर सकते
हैं। कोर्सेज की अवधि संस्थान के हिसाब से भिन्न-भिन्न हो सकती है।
एलिजिबिलिटी
जो स्टूडेंट इस फील्ड से रिलेटेड कोर्स करना चाहते हैं, उनका किसी भी
स्ट्रीम से ग्रेजुएट होना आवश्यक है। एंट्री के लिए मिनिमम मार्क्स
इंस्टीट्यूट डिसाइड करते हैं। जो स्टूडेंट स्पोर्ट्स से जुडे हैं या
जिन्होंने फिजिकल एजुकेशन से ग्रेजुएशन किया है, उन्हें प्रवेश में वरीयता
दी जाती है।
काम का स्वरूप
एक स्पोर्ट्स मैनेजर अगर किसी ग्रुप के साथ जुडा है, तो उसे विभिन्न
प्रकार के टूर्नामेंट्स के लिए प्रायोजक, मार्केटिंग, मीडिया कवरेज,
फाइनेंशियल कांट्रैक्ट आदि की व्यवस्था करनी होती है। वह अगर किसी एक
खिलाडी के लिए काम कर रहा है तो उस खिलाडी के शेड्यूल, करियर, बिजनेस
प्रमोशन, मीडिया और पब्लिक रिलेशन आदि का दायित्व उसी पर होता है।
पर्सनल स्किल
स्पोर्ट्स मैनेजर का काम चैलेंजिंग है। इसमें कई-कई महीनों तक देश से बाहर
रहना पड सकता है। अधिक से अधिक लोगों के साथ संपर्क रखना पडता है, इसलिए
अच्छी कम्युनिकेशन और बिजेनस स्किल होना जरूरी है। अगर आप स्पोर्ट्स
मैनेजर के रूप में काम करना चाहते हैं, तो कुछ प्रमुख खेलों की अच्छी
जानकारी कर लेना फायदेमंद रहेगा। विभिन्न प्रकार के ड्रग्स से संबंधित
नियमों की बारीक जानकारी होना भी अनिवार्य है।
स्कोप
काम के लिहाज से यह तेजी से आगे बढता हुआ क्षेत्र है। इसमें जरूरी स्किल
करने के बाद स्पोर्ट्स मैनेजर या एग्जीक्यूटिव के रूप में नेशनल, स्टेट या
क्लब टीम, स्पोर्ट्स अथॉरिटीज, स्टेडियम, स्पोर्ट्स लीग से जुडकर काम कर
सकते हैं।
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