लखनऊ। तेंदुए के खौफ ने मेरठ शहर की रफ्तार रोक दी है। दहशत बरकरार है।
लोगों ने बच्चों को घरों में कैद कर दिया है। सेना, पुलिस व वन टीमें
तेंदुआ पकड़ने के अभियान में जुट गई है। पूरे शहर में हाई अर्लट घोषित कर
दिया गया है। स्कूल कालेज और बाजार बंद हैं। मेरठ के सदर बाजार में रविवार
सुबह करीब 11 बजे घुसा तेंदुआ सोमवार तड़के शहर की गलियों में गुम हो गया।
वह पूरी रात कैंट अस्पताल के जनरल वार्ड में रहा, जहा पुलिस प्रशासन, फौज
और वन विभाग की टीम ने उसे काबू करने की नाकाम कोशिश की। अब पूरे शहर में
दहशत का माहौल है और शहरवासियों की सुरक्षा रामभरोसे लगती है। डीएम के
निर्देश पर स्कूल और कालेज बंद कर दिए गए हैं। साथ ही प्रभावित क्षेत्र में
सड़कों पर लोगों की संख्या काफी कम है। पूरे शहर में लोगों ने बच्चों को
घरों में रोककर खिडकी और दरवाजे आदि बंद कर लिए हैं। सर्च अभियान, पटाखे
फोड़े वन टीम ने सुबह साढ़े आठ बजे तक सर्च अभियान चलाया। इस दौरान उसने
पटाखे भी फोड़े, लेकिन तेंदुए को लोकेट करने की उसकी पूरी कोशिश नाकाम रही।
इसके चलते ऑपरेशन रोककर सभी कैंप लौट गए। न तो पर्याप्त पुलिस बल ही सड़कों
या संदिग्ध क्षेत्रों में है और न ही कोई अधिकारी। ऐसे में तेंदुए के सुराग
न मिलने की स्थिति में पूरा शहर राम भरोसे पड़ा है। इधर, तेंदुए के गुम
होने की स्थिति में छावनी स्थित फौज के सभी संस्थानों को भी अलर्ट कर दिया
गया और फौजी आवासीय क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सभी को परिसर न
छोडऩे का निर्देश जारी कर दिया गया है। इस बीच एक वन्य जीव विशेषज्ञ ने
बताया कि उन्होंने अपने पूरे सेवा काल में इतनी क्षमता का तेंदुआ पहले कभी
नहीं देखा। डंडा मारने से गुस्साया तेंदुआ तेंदुआ कल दोपहर मेरठ शहर में
धुस आया था। इसके बाद सदर बाजार में बच्चे के डंडा मारने से गुस्साए तेंदुए
ने करीब एक दर्जन लोगों को लहूलुहान कर दिया था। इस दौरान भागने के चक्कर
में कुछ लोग सडक पर गिर गए, तो कुछ नाले में गिरकर घायल हो गए। मोर्चा
संभाले पुलिसकर्मियों ने तेंदुए पर फायरिंग कर दी, जिससे उसके एक पैर में
गोली लग गई। इसके बाद घायलावस्था में वह कैंट अस्पताल में घुस गया, जहा उसे
एक कमरे में कैद कर लिया गया था। इसके बाद घेरेबंदी तोड़कर तेंदुआ आज फिर
शहर की बाजारों में विचरण कर रहा है। प्रदेश में बनेगा मेगा एनीमल रेस्क्यू
केंद्र वन्य जीवों और मानव आबादी के बीच जानलेवा अंतर्कलह से निजात पाने
के लिए वन विभाग मेगा रेस्क्यू केंद्र बनाएगा। इसके जरिए आबादी में भटककर
पहुंचे वन्य जीवों को सुरक्षित तरीके से ट्रैंकुलाइज कर हाइटेक रेस्क्यू
केंद्र में रखा जाएगा। बाद में इलाज कर उन्हें प्राकृतिक आवास में छोड़ा
जाएगा। प्रदेश वन निदेशालय ने इस बाबत राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी मेगा रेस्क्यू केंद्र बनाने की संभावनाएं
खोजी जाएंगी। वन विभाग नए प्रस्ताव के मुताबिक मेगा रेस्क्यू केंद्र में
पचास से ज्यादा वन्य जीवों को रखने की क्षमता होगी। ट्रैंकुलाइजिंग गन,
अत्याधुनिक बाड़ा और विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम भी नियुक्त होगी। कहां रखा
जाएगा तेंदुआ उत्तर प्रदेश में तेंदुओं की तादात भले घटी है, किंतु जंगलों
से पलायन का ग्राफ बढ़ गया है। विभिन्न रेस्क्यू आपरेशन के बाद लखनऊ
चिड़ियाघर के बाड़े में 16 और कानपुर चिड़ियाघर में 13 तेंदुए रखे गए हैं। दो
तेंदुए मेरठ में पकड़े जाने के बाद अब संख्या तीस पार हो गई है। हाल की मेरठ
के किठौर में भी एक तेंदुआ पकड़ा गया है। वेस्ट यूपी में आगरा में एनीमल
रेस्क्यू केंद्र है, किंतु उसमें भालुओं का संरक्षण किया जा रहा है। मेरठ
में टुकड़ों में बंटे हुए वन क्षेत्रों में लगातार तेंदुओं की दस्तक की वजह
से वेस्ट यूपी में भी बड़ा रेस्क्यू केंद्र बनाने पर वार्ता शुरू हो गई है।
वैसे भी एक तेंदुआ रोजाना करीब दस किलो मीट का आहार करता है, ऐसे में बाड़े
में भोजन के लिए मीट आपूर्ति की पुख्ता व्यवस्था करनी होगी। वन विभाग के
मुताबिक एक ट्रैंकुलाइजिंग गन में सीरिंज भरने में करीब आठ हजार रुपए का
खर्च आता है। राष्ट्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगाएगा।
मेरठ में पहले पकड़े गए तेंदुए को गंभीर चोट लगने से अब उसे जंगल में नहीं
छोड़ जा सकेगा। वन्य जीव भटकने की घटनाएं बढ़ीं प्रमुख वन संरक्षक डा. रूपक
डे ने बताया कि वन्य जीवों के भटकने की घटनाएं बढ़ रही हैं। मेरठ में घनी
आबादी में तेंदुआ पहुंचने की घटना ने चौंका दिया है। कानपुर और लखनऊ में
बाड़ों की क्षमता के मुताबिक तेंदुओं की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में मेरठ में
पकड़े गए तेंदुए के लिए नया ठिकाना बनाना पड़ सकता है। मेगा रेस्क्यू एनीमल
सेंटर का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है।
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