क्या है एयरपोर्ट डिजाइनिंग?
बेहतर टेक्नोलॉजी और ग्लोबलाइजेशन के कारण हर कंट्री अपने एयरपोर्ट को मॉडर्न लुक देना चाहता है। एयरपोर्ट को मॉडर्न व एथनिक लुक एयरपोर्ट डिजाइनर देते हैं। अपनी क्रिएटिविटी और लोकल टच से ये एयरपोर्ट आने वाले सभी पैसेंजर्स को अपनी डिजाइनिंग से इंप्रेस करने में सफल होते हैं। एयरपोर्ट में दो तरह का वर्क होता है- एयर साइड डेवलपमेंट और सिटी साइड डेवलपमेंट। एयर साइड डेवलपमेंट के अंतर्गत रनवे, टैक्सी वे और एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर्स की डिजाइनिंग का वर्क होता है, तो वहीं सिटी साइड डेवलपमेंट में टर्मिनल बिल्डिंग्स और इससे संबंधित अन्य वर्क होते हैं।
एलिजिबिलिटी
इंडिया में एयर डिजाइनर के लिए कोई स्पेशलाइज्ड कोर्स नहीं है, लेकिन अगर आपके पास आर्किटेक्चर में डिग्री या डिप्लोमा है या आप सिविल इंजीनियर हैं तो इस प्रोफेशन में एंट्री कर सकते हैं। आर्किटेक्चर कोर्स के अंतर्गत एक सब्जेक्ट के रूप में इसकी स्टडी होती है और बाद में इससे संबंधित स्पेशलाइज्ड कोर्स किया जा सकता है। अगर आप सीनियर सेकेंडरी पीसीएम से पास हैं, तो आप आर्किटेक्चर कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं।
पर्सनल स्किल्स
-इंटरनेशनल रूल्स एंड रेगुलेशंस की जानकारी
-नॉलेज ऑफ कंस्ट्रक्शन टेक्निक्स एंड लेटेस्ट टेक्नोलॉजी
-टीम स्पिरिट
-इनोवेटिव आइडिया
-एबिलिटी टू प्रोवाइड क्वॉलिटी वर्क
-कमिटमेंट ऑफ डेडलाइन
-लोकल एरिया नॉलेज
अपॉच्र्युनिटीज
इंडिया में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव है और ग्रीन एयरपोर्ट भी एक चैलेंज है। इसके अलावा आज काफी लोग एयर ट्रेवलिंग प्रिफर कर रहे हैं। पब्लिक की सुविधा के लिए गवर्नमेंट और प्राइवेट लेवल पर टियर-2 से लेकर टियर-3 सिटीज में भी काफी संख्या में एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं। इस कारण इसमें अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा जॉब काफी हैं।
इंस्टीट्यूट वॉच
-स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली
-सेंटर फॉर एनवॉयरनमेंटल प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी, अहमदाबाद
-गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर
-चंडीगढ कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, चंडीगढ
-गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
-डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली
एक्सपर्ट बाइट
चाइना और इंडिया में स्किल्ड मैन पॉवर और टेक्नोलॉजी आसानी से कम रेट पर मिल जाते हैं। यही कारण है कि डेवलप्ड कंट्री के मुकाबले एशियन कंट्रीज एयरपोर्ट डिजाइनिंग के हब बनते जा रहे हैं। अगर इंडिया की बात करें, तो इन दिनों एयरपोर्ट की सुविधा सभी सिटीज से जोडी जा रही है। यह कार्य टियर-2 सिटीज में तेजी से बढ रहा है। सभी एयरपोर्ट फ्यूचर को देखते हुए लोकल टच दे रहे हैं, जिसमें वे ग्लोबल लेवल की सुविधा और डिजाइनिंग में लोकल टच शामिल कर रहे हैं। इस फील्ड में आर्किटेक्चर के स्टूडेंट्स के अलावा सिविल और मेकेनिकल इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स के लिए भी काफी स्कोप है।
प्रो. मोहम्मद जियाउद्दीन
एचओडी, डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली
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