Friday, 7 March 2014

RJD की बगावत थामने के लिए सक्रिय हुईं लालू की बेटी, सीट कुर्बान करने को तैयार

RJD की बगावत थामने के लिए सक्रिय हुईं लालू की बेटी, सीट कुर्बान करने को तैयारनई दिल्‍ली. लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्‍ट्रीय जनता दल में एक बार फिर बगावत हो गई है। इस बगावत को थामने के लिए इस बार लालू की बेटी मीसा भारती आगे आई हैं। दरअसल, बगावत की वजह भी वही हैं। इसलिए शुक्रवार दोपहर को वह रामकृपाल यादव के घर उन्‍हें मनाने गईं। यादव नहीं मिले तो कहा कि जब तक वह लौटते नहीं, तब तक इंतजार करेंगी। उन्‍होंने यहां तक कह दिया कि जरूरी हुआ तो वह यादव के लिए पाटलिपुत्र से अपनी उम्‍मीदवारी छोड़ने के लिए भी तैयार हैं। उधर, मीसा की मां राबड़ी देवी ने कहा, 'परिवार में तो लड़ाई-झगड़ा होता ही रहता है।' लेकिन, लालू ने कुछ अलग ही बात की। उन्‍होंने कहा, 'रामकृपाल ने कभी मेरे सामने पाटलिपुत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्‍छा नहीं जताई थी।'
काफी समय से नाराज हैं रामकृपाल 
नई मुश्किल में फंसे राजद के मुखिया लालू प्रसाद के सबसे करीबी सहयोगियों में रामकृपाल यादव शामिल रहे हैं। लेकिन, एक सप्ताह से वह बेहद नाराज चल रहे हैं। कुछ दिनों से तो उन्होंने लालू से मिलना भी बंद कर दिया था। गुरुवार को उन्‍होंने अपना मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ कर रखा था। 
क्‍यों चरम पर पहुंची नाराजगी
गुरुवार को राजद ने बिहार में 25 प्रत्याशी घोषित किए (लिस्‍ट ऊपर तस्‍वीर में देखें)। लालू ने पत्‍नी और बेटी मीसा भारती, दोनों को टिकट दिया। मीसा को पाटलिपुत्र से टिकट दिया गया। रामकृपाल को पिछली बार भी टिकट नहीं मिला था। पिछले लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काट कर लालू खुद चुनाव लड़ गए थे। इस बार चारा घोटाले में दोषी होने के चलते लालू चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। इसलिए टिकट बेटी को दे दिया। इसके बाद रामकृपाल की नाराजगी चरम पर पहुंच गई और उन्‍होंने यहां तक कह दिया कि पार्टी में दम घुटता है।
आगे क्‍या
रामकृपाल ने शुक्रवार को तो यही कहा कि अभी वह सारे विकल्‍पों पर विचार कर रहे हैं। लेकिन, उनके सामने तीन विकल्‍प हैं।
1. अब रामकृपाल के भाजपा में जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि वे भाजपा से पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। शुक्रवार को लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने बयान भी दिया कि राजद ने एक वरिष्‍ठ नेता के साथ बेहद बुरा सलूक किया है। रामकृपाल जी को एनडीए में आ जाना चाहिए।
2. उन्हें जदयू से भी ऑफर है। सो, वहां भी जा सकते हैं। लेकिन, तमाम चुनाव सर्वे में भाजपा को ज्‍यादा सीटें मिलने के अनुमान के चलते भाजपा उनके लिए पहली प्राथमिकता हो सकती है।
3. राजद में ही बने रह सकते हैं। रामकृपाल लालू के बेहद करीबी रहे हैं। मीसा भारती उनके लिए सीट छोड़ने को भी तैयार हैं। ऐसे में उनके मान जाने की भी संभावना है।
और भी हैं बागी 
राजद के विधान पार्षद गुलाम गौस ने भी पार्टी के खिलाफ झंडा उठा लिया है। उन्होंने कहा कि वे हर हाल में पश्चिम चंपारण से चुनाव लड़ेंगे। पूर्व मंत्री सुरेश पासवान भी बगावती सुर अख्तियार कर लिए हैं। उन्हें गया या जमुई से उम्मीदवार बनाए जाने का भरोसा था। भोजपुर के बड़हरा से विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह भी टिकट न मिलने से नाराज हैं। उन्होंने कहा पार्टी का विनाश तय है।

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