मानव संसाधन मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी स्मृति ईरानी
की वह तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो गई है जिसमें उन्होंने शॉर्ट्स पहने
हुए हैं.इन दिनों अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर विवादों में चल रहीं
38 साल की नई-नवेली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इस तस्वीर में दो
लड़कियों के बीच में दिखाई दे रही हैं. आपको बता दें कि स्मृति 1998 में
मिस इंडिया की फाइनलिस्ट रह चुकी हैं.
मशहूर टीवी एक्ट्रेस स्मृति ईरानी ने साल 2000 में टीवी सीरियलों में काम करना शुरू किया. इसके बाद उन्होंने स्टार प्लस के धारावाहिक 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में तुलसी का किरदार निभाया. यही वह रोल था जिसने स्मृति को भारत के घर-घर में पहचान दिलाई.
बहरहाल, स्मृति ईरानी तब से विवादों में घिर गईं हैं जब से इस बात का पता चला है कि उन्होंने 2004 और 2014 के लोसभा चुनाव में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में अलग-अलग जानकारी दी है. उन्होंने 2004 के चुनाव के दौरान दायर अपने एफिडेफिट में कहा था कि वो ग्रैज्युएट हैं, जबकि 2014 में खुद को 12वीं पास बताया.
वहीं, कांग्रेस नेता अजय माकन ने ट्वीट करके ईरानी की शैक्षिक योग्यता पर सवाल किया था. उन्होंने लिखा था, 'मोदी की क्या कैबिनेट है? मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी स्नातक भी नहीं हैं.'
हालांकि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला समेत कई राजनेताओं ने यह कहते हुए स्मृति ईरानी का बचाव किया कि माकन के तर्क के हिसाब से तो केवल उसी व्यक्ति को नागरिक उड्डयन मंत्री होना चाहिए जिसके पास पायलट होने का लायसेंस हो.
मशहूर टीवी एक्ट्रेस स्मृति ईरानी ने साल 2000 में टीवी सीरियलों में काम करना शुरू किया. इसके बाद उन्होंने स्टार प्लस के धारावाहिक 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में तुलसी का किरदार निभाया. यही वह रोल था जिसने स्मृति को भारत के घर-घर में पहचान दिलाई.
बहरहाल, स्मृति ईरानी तब से विवादों में घिर गईं हैं जब से इस बात का पता चला है कि उन्होंने 2004 और 2014 के लोसभा चुनाव में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में अलग-अलग जानकारी दी है. उन्होंने 2004 के चुनाव के दौरान दायर अपने एफिडेफिट में कहा था कि वो ग्रैज्युएट हैं, जबकि 2014 में खुद को 12वीं पास बताया.
वहीं, कांग्रेस नेता अजय माकन ने ट्वीट करके ईरानी की शैक्षिक योग्यता पर सवाल किया था. उन्होंने लिखा था, 'मोदी की क्या कैबिनेट है? मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी स्नातक भी नहीं हैं.'
हालांकि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला समेत कई राजनेताओं ने यह कहते हुए स्मृति ईरानी का बचाव किया कि माकन के तर्क के हिसाब से तो केवल उसी व्यक्ति को नागरिक उड्डयन मंत्री होना चाहिए जिसके पास पायलट होने का लायसेंस हो.
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