पश्चिम बंगाल के बेलूरमठ और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बीच एक
बड़ा संबंध है, जिसे कम ही लोग जानते होंगे.
दरअसल इस मठ में मोदी पहली बार युवा लड़के के तौर पर आए थे. मोदी को उनके
शुरुआती जीवन में आध्यात्मिक शिक्षा देने वाले रामकृष्ण मठ औ
र मिशन
ऑर्डर के प्रमुख स्वामी आत्मास्थानंद महाराज ने तब उन्हें पढ़ाई पर ज्यादा
ध्यान देने की सलाह दी थी क्योंकि वह ऑर्डर में शामिल होने की न्यूनतम आयु
से भी
कम के थे.
कुछ समय बाद मोदी द्वारा फिर साधु बनने की इच्छा जाहिर करने के बाद उन्हें
स्वामी द्वारा हतोत्साहित किया गया था और उनसे कहा कि उनकी कहीं और
जरूरत है.
मोदी ने जब पिछले साल बेलूरमठ का दौरा किया था तो उन्होंने स्वामी से कहा
भी था कि आपने मुझे उस समय भगा दिया था इसलिए मैं आज मुख्यमंत्री हूं.
स्वामी आत्मास्थानंद महाराज ने मोदी को पश्चिम बंगाल के बेलूरमठ में आने के लिए आमंत्रित किया है. मोदी को लिखे एक पत्र में महाराज ने कहा, ‘‘ मैं, भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर बेलूरमठ में आपके दौरे की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा हूं.’’
स्वामी आत्मास्थानंद महाराज ने मोदी को पश्चिम बंगाल के बेलूरमठ में आने के लिए आमंत्रित किया है. मोदी को लिखे एक पत्र में महाराज ने कहा, ‘‘ मैं, भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर बेलूरमठ में आपके दौरे की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा हूं.’’
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