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सेना के टेलिविजन चैनल पर कहा गया, 'सेना का लक्ष्य सभी समूहों एवं सभी पक्षों के लिए सुरक्षा मुहैया कराना और शांति एवं व्यवस्था बनाए रखना है।' सेना ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उठाया गया उसका यह कदम तख्तापलट नहीं है।
चैनल ने कहा, 'लोगों से अपील की जाती है कि वे घबराएं नहीं। वे अपना काम पहले की तरह जारी रख सकते है। मार्शल लॉ लगाना तख्तापलट करना नहीं है।' सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि मार्शल लॉ लगाने से कार्यवाहक सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
सेना के बयान पर सैन्य प्रमुख प्रायुथ चान ओचा ने हस्ताक्षर किए हैं। इस बयान में 1914 के एक कानून का हवाला दिया गया है, जो संकट के समय सेना को हस्तक्षेप करने की इजाजत देता है।
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