समुद्र में खजानों की खोज करने वाली अमेरिकी कंपनी ओडिसी मैरीन एक्सप्लोरेशन इंकॉपरेरेशन ने मंगलवार को बताया कि उन्होंने एक दूसरा ब्रिटिश जहाज उत्तरी अटलांटिक महासागर की गहराइयों में खोजा जिसमें खजाना लदा है।
इस जहाज का नाम है एसएस मैंटोला। इस खजाने को खोजकर्ता कंपनी 2012 के शुरुआती महीनों में एसएस गायरसोप्पा के खजाने के साथ ही निकालेगी। इस काम के लिए उसे खजाने की कीमत का 80 फीसदी हिस्सा मिलेगा, शेष ब्रिटिश सरकार के पास रहेगा।
चांदी लेकर भारत आ रहा था
एसएस मैंटोला प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 4 फरवरी 1917 को लंदन से कोलकाता के लिए चला था। 8 फरवरी को बीच रास्ते में ही जर्मनी की पनडुब्बी यू-81 ने इसपर टॉरपीडो से हमला कर इसे नष्ट कर दिया। उस वक्त जहाज पर 165 क्रू-मेंबर और 18 यात्री सवार थे।
इस हमले में सिर्फ सात लोग मारे गए थे। बाकी सुरक्षित बचा लिए गए। 9 फरवरी को इसके डूबने से पहले जर्मनी इसे खींचकर अपने इलाके में ले जाना चाहता था, पर वह ऐसा कर नहीं सका।
इस जहाज का नाम है एसएस मैंटोला। इस खजाने को खोजकर्ता कंपनी 2012 के शुरुआती महीनों में एसएस गायरसोप्पा के खजाने के साथ ही निकालेगी। इस काम के लिए उसे खजाने की कीमत का 80 फीसदी हिस्सा मिलेगा, शेष ब्रिटिश सरकार के पास रहेगा।
चांदी लेकर भारत आ रहा था
एसएस मैंटोला प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 4 फरवरी 1917 को लंदन से कोलकाता के लिए चला था। 8 फरवरी को बीच रास्ते में ही जर्मनी की पनडुब्बी यू-81 ने इसपर टॉरपीडो से हमला कर इसे नष्ट कर दिया। उस वक्त जहाज पर 165 क्रू-मेंबर और 18 यात्री सवार थे।
इस हमले में सिर्फ सात लोग मारे गए थे। बाकी सुरक्षित बचा लिए गए। 9 फरवरी को इसके डूबने से पहले जर्मनी इसे खींचकर अपने इलाके में ले जाना चाहता था, पर वह ऐसा कर नहीं सका।
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