दक्षिण अमेरिकी देश बोलि
विया का 123 वर्षीय किसान कारमेलो फ्लोरेस आज भी कई
किलोमीटर बिना छड़ी लिए चलता है और बड़े चाव से अपने पसंदीदा खाने का
लुत्फ उठाता है।
कारमेलो की जन्म तिथि मां-बाप ने नामकरण संस्कार के समय 16 जुलाई 1890 दर्ज करायी थी। इसे माने तो कारमेलो दुनिया का सबसे उम्रदराज व्यकित हो सकता है।
हालांकि सरकार उसके दस्तावेजों की जांच कर रही है और इसके बाद गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में कारमेलो का नाम दर्ज कराया जाएगा। गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में विश्व के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति का खिताब फ्रांस के जीन कालमेंट (122) के नाम है। उसकी वर्ष 1997 में मौत हो गई।
कारमेलो अपनी लंबी जिंदगी के बारे में बताते हैं तो उनकी बिना चश्मे वाली आंखों में गजब की चमक देखी जा सकती है। क्यूनोव ग्रेन्स (एक तरह की अमेरिकी सब्जी), नदी किनारे उगने वाले मशरुम, जंगली जानवर स्कंक और काले घने बालों एवं लंबी पूंछ वाले स्तनधारी जानवर एवं लोमडी की मांस के शौकीन कारमेलों ने कहा कि वह हर वक्त कोका के पत्ते चबाया करते हैं।
वह टायर के बने जूते पहन कर सुबह टहलने निकलते हैं, तो तमाम पेड पौधों और झाड़ियों से लंबी बाते करते हैं। वह कहते हैं कि शायद यही मेरी लंबी जिंदगी का राज है। पेड पौधे मुझसे लिपट कर बतियाते हैं मेरी तबीयत की खैरियत लेते हैं।
कारमोलो के तीन बच्चों में एक बेटा प्लोरेस (67) ही जीवित है। कारमेलों की पत्नी का 10 वर्ष पहले देहान्त हो चुका है। इस बुजुर्ग किसान का जीवन काफी दिलचस्प रहा है। उसने किसानी के साथ साथ वर्ष 1932-35 में बोलिविया और प्राग्वे के बीच संघर्ष में भी हिस्सा लिया था। इसके अलावा वह स्कंक का भी शिकार किया करते थे।
कारमेलो की जन्म तिथि मां-बाप ने नामकरण संस्कार के समय 16 जुलाई 1890 दर्ज करायी थी। इसे माने तो कारमेलो दुनिया का सबसे उम्रदराज व्यकित हो सकता है।
हालांकि सरकार उसके दस्तावेजों की जांच कर रही है और इसके बाद गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में कारमेलो का नाम दर्ज कराया जाएगा। गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में विश्व के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति का खिताब फ्रांस के जीन कालमेंट (122) के नाम है। उसकी वर्ष 1997 में मौत हो गई।
कारमेलो अपनी लंबी जिंदगी के बारे में बताते हैं तो उनकी बिना चश्मे वाली आंखों में गजब की चमक देखी जा सकती है। क्यूनोव ग्रेन्स (एक तरह की अमेरिकी सब्जी), नदी किनारे उगने वाले मशरुम, जंगली जानवर स्कंक और काले घने बालों एवं लंबी पूंछ वाले स्तनधारी जानवर एवं लोमडी की मांस के शौकीन कारमेलों ने कहा कि वह हर वक्त कोका के पत्ते चबाया करते हैं।
वह टायर के बने जूते पहन कर सुबह टहलने निकलते हैं, तो तमाम पेड पौधों और झाड़ियों से लंबी बाते करते हैं। वह कहते हैं कि शायद यही मेरी लंबी जिंदगी का राज है। पेड पौधे मुझसे लिपट कर बतियाते हैं मेरी तबीयत की खैरियत लेते हैं।
कारमोलो के तीन बच्चों में एक बेटा प्लोरेस (67) ही जीवित है। कारमेलों की पत्नी का 10 वर्ष पहले देहान्त हो चुका है। इस बुजुर्ग किसान का जीवन काफी दिलचस्प रहा है। उसने किसानी के साथ साथ वर्ष 1932-35 में बोलिविया और प्राग्वे के बीच संघर्ष में भी हिस्सा लिया था। इसके अलावा वह स्कंक का भी शिकार किया करते थे।
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