शौचालयों और अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए धन की कमी के चलते सुंदरबन में
एक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में अध्यापकों और स्थानीय कार्यकर्
ताओं ने
परिसर में साफ सफाई रखने के लिए छात्रों का एक समूह बनाया है, जो शौचालय भी
साफ करता है।
दुरबाछती मिलान विद्यापीठ के अध्यापक और स्थानीय कार्यकर्ताओं ने छात्रों के इस समूह को यह सिखाया है कि कैसे खुद से साफ सफाई करनी है। इसके लिए वे खुद ही धन भी जुटा रहे हैं। स्कूल शुरू होने से पहले, बाद में यह स्कूल के दौरान ही जब भी छात्रों को समय मिलता है, वे परिसर में साफ सफाई करते हैं। इनमें छात्र और छात्राएं दोनों शामिल हैं।
पाथरप्रतिमा ब्लॉक के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में 1400 बच्चों में से 40 बच्चों का एक समूह वतसन (जल और साफ सफाई) समिति का हिस्सा है, जो परिसर में साफ सफाई का काम देखती है। कक्षा दसवीं के सुकल्याण सेन ने संवाददाता को बताया कि शुरू में, साफसफाई का काम करने को लेकर हम थोड़ा हिचक रहे थे लेकिन जब हमने देखा कि अध्यापक भी यह काम कर रहे हैं, तो हमने भी इस काम को हाथ में लिया और अब यह हमारी आदत में शुमार हो चुका है।
एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन के दिशा निर्देश में स्कूल के प्रधानाचार्य ज्योतिर्मय जेना ने छात्रों के इस अभियान की अगुवाई की। अब यह समूह चंदा एकत्र कर झाड़ू, शौचालय सफाई का अन्य जरूरी सामान भी खरीद रहा है। छात्रों के समूह ने इस कामकाज के लिए अब बैंक में खाता खोलने की भी योजना बनायी है।
दुरबाछती मिलान विद्यापीठ के अध्यापक और स्थानीय कार्यकर्ताओं ने छात्रों के इस समूह को यह सिखाया है कि कैसे खुद से साफ सफाई करनी है। इसके लिए वे खुद ही धन भी जुटा रहे हैं। स्कूल शुरू होने से पहले, बाद में यह स्कूल के दौरान ही जब भी छात्रों को समय मिलता है, वे परिसर में साफ सफाई करते हैं। इनमें छात्र और छात्राएं दोनों शामिल हैं।
पाथरप्रतिमा ब्लॉक के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में 1400 बच्चों में से 40 बच्चों का एक समूह वतसन (जल और साफ सफाई) समिति का हिस्सा है, जो परिसर में साफ सफाई का काम देखती है। कक्षा दसवीं के सुकल्याण सेन ने संवाददाता को बताया कि शुरू में, साफसफाई का काम करने को लेकर हम थोड़ा हिचक रहे थे लेकिन जब हमने देखा कि अध्यापक भी यह काम कर रहे हैं, तो हमने भी इस काम को हाथ में लिया और अब यह हमारी आदत में शुमार हो चुका है।
एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन के दिशा निर्देश में स्कूल के प्रधानाचार्य ज्योतिर्मय जेना ने छात्रों के इस अभियान की अगुवाई की। अब यह समूह चंदा एकत्र कर झाड़ू, शौचालय सफाई का अन्य जरूरी सामान भी खरीद रहा है। छात्रों के समूह ने इस कामकाज के लिए अब बैंक में खाता खोलने की भी योजना बनायी है।
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