Tuesday 17 June 2014

राज्यपालों के इस्तीफे का दौर शुरू, शीला अड़ीं?

नई दिल्ली यूपीए सरकार द्वारा नियुक्त राज्यपालों में से एक, बीएल जोशी ने अपना इस्तीफा दे दिया है। उत्तर प्रदेश के गवर्नर बीएल जोशी ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति भवन को भेज दिया है, जबकि असम के राज्यपाल जेबी पटनायक ने अपने इस्तीफे की खबरों को अफवाह बताते हुए पूछा है कि मैं इस्तीफा क्यों दूं? कर्नाटक के राज्यपाल हंसराज भारद्वाज के भी इस्तीफे की खबर आई थी, जिसे उन्होंने गलत बताया है। राजस्थान की राज्यपाल मार्ग्रेट अल्वा भी राष्ट्रपति से मिली हैं, लेकिन उनके इस्तीफा देने की अब तक कोई खबर नहीं है। अगले 24 घंटे में कुछ और राज्यपालों के इस्तीफे आ सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एमके नारायणन ने भी पद छोड़ने का मन बना लिया है। [ जारी है ] सूत्रों की मानें तो एनडीए सरकार इनकी जगह वरिष्ठ बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा, विजय कुमार मल्होत्रा, कल्याण सिंह, केसरी नाथ त्रिपाठी और बलराम दास त्रिपाठी को राज्यपाल की जिम्मेदारी देगी। दरअसल, ऐसी खबर आई थी कि एनडीए सरकार ने गृह सचिव अनिल गोस्वामी के जरिए सात राज्यपालों को इस्तीफा देने का संदेश पहुंचा दिया था। इनमें एमके नारायणन, केरल की राज्यपाल शीला दीक्षित, राजस्थान की राज्यपाल मार्ग्रेट अल्वा, गुजरात की कमला बेनीवाल, उत्तर प्रदेश के बीएल जोशी, महाराष्ट्र के के शंकरनारायणन और त्रिपुरा के देवेंद्र कुंवर शामिल हैं। बताया जाता है कि इनमें से एक महिला गवर्नर ने इस्तीफा देने से इनकार करते हुए कहा था कि लिखित में आदेश मिलने के बाद ही वह इस्तीफा देंगी। चर्चा है कि यह महिला गवर्नर कोई और नहीं दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित हैं। शीला दीक्षित से जब उनके इस्तीफे के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं अफवाहों पर टिप्पणी नहीं करती हूं। गौरतलब है कि दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद शीला दीक्षित को इसी साल 4 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू होने से कुछ घंटे पहले आनन-फानन में केरल का राज्यपाल बनाया गया था। दावा किया जाता है कि कॉमनवेल्थ घोटाले में संभावित कार्रवाई से उन्हें बचाने के लिए तत्कालीन यूपीए सरकार ने यह कदम उठाया था। हालांकि, कांग्रेस यह कहकर फैसले का बचाव करती है कि इसमें किसी संवैधानिक प्रावधान का हनन नहीं हुआ है। राजनीति में सक्रिय रहे राज्यपालों को पद से हटने का फरमान सुनाकर एनडीए सरकार यूपीए के नक्शेकदम पर चली रही है। यूपीए ने 2004 में सत्ता में आने के बाद बीजेपी द्वारा नियुक्त चार राज्यपालों- विष्णुकांत शास्त्री, कैलाशपति मिश्र, बाबू परमानंद और केदारनाथ साहनी- की छुट्टी कर दी थी। उस फैसले से यूपीए और एनडीए में ठन गई थी। बीजेपी के सांसद बीपी सिंघल इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट चले गए थे।

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