PV Sidhu |
हालांकि यह भी अपने आप में एक इतिहास है, क्योंकि वर्ल्ड चैंपियनशिप के महिला एकल वर्ग में भारत की झोली अब तक खाली ही थी.
सेमीफाइनल में उन्हें दुनिया की नंबर 3 खिलाड़ी थाईलैंड की रतचानोक इंतानोन ने सीधे सेटों में 21-10, 21-13 से हरा दिया. यह एकतरफा मुकाबला 36 मिनट तक चला. भारत की 10वीं रैंकिग वाली सिंधू शुरू से ही थाई विपक्षी के सामने कमतर नजर आ रही थीं. हालांकि दस मिनट बाद उन्होंने गति पकड़ी, पर फिर भी वह पूर्व नंबर एक खिलाड़ी को टक्कर नहीं दे सकीं.
सिंधू ने क्वार्टर फाइनल जीतकर ही कांस्य पदक पक्का कर लिया था. इससे पहले के मुकाबलों में पीवी सिंधू ने दो चीनी खिलाड़ियों को हराया था. साइना नेहवाल और पारूपल्ली कश्यप पहले ही वर्ल्ड चैंपियनशिप से बाहर हो चुके हैं.
भारत ने विश्व चैम्पियनशिप में कुल तीसरी बार और लगातार दूसरी बार पदक हासिल किया है. सबसे पहले भारत के लिए 1983 में कोपेनहेगन में प्रकाश पादुकोण ने पुरूष एकल में कांस्य पदक जीता था. फिर 2011 में लंदन में हुई पिछली विश्व चैम्पियनशिप में ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की अनुभवी जोड़ी ने भारत के लिए कांस्य पदक हासिल किया था.
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