Wednesday, 14 August 2013

किश्तवाड़ झड़प: घायलों को दो लाख दिए जाने का आदेश

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उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर सरकार को किश् तवाड़ जिले में हुई साम्प्रदायिक झड़पों में घायल हुए लोगों को दो लाख रुपए तक का मुआवजा देने का बुधवार को आदेश दिया।
मुख्य न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार की वह याचिका अस्वीकार कर दी, जिसमें उसने कहा था कि मामले की जांच कर रहे आयोग की रिपोर्ट आने तक घायलों को मुआवजा नहीं दिया जाए। अदालत ने अपने कल के आदेश को बदलने से इनकार करते हुए कहा कि घायलों को भी मुआवजा पाने का अधिकार है। आप यह कैसे कह सकते हैं कि उन्हें अधिकार नहीं है। अदालत ने कल अपने आदेश में कहा था कि मृतकों के परिजन को पांच लाख रुपए और घायलों को दो लाख रुपए तक मुआवजम दिया जाएगा। इसके अलावा अदालत ने जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के सचिव सुदेश डोगरा की याचिका पर राज्य सरकार को कोई और निर्देश देने से इनकार कर दिया। डोगरा ने अदालत में जनहित याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने कल राज्य के मुख्य सचिव को किश्तवाड़ जिले में हुई साम्प्रदायिक झड़पों और हालात पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा कि इस समय कोई और निर्देश देने की जरूरत नहीं है। हर रोज इस मामले का जिक्र न करें। हमें केवल इसी मामले की सुनवाई नहीं करनी है। याचिका में फंसे हुए श्रद्धालुओं के माचिल से बातोट यानी राष्ट्रीय राजमार्ग लौटने तक उनके लिए भोजन, सुरक्षा और मेडिकल सुविधा मुहैया कराए जाने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए कहा गया था कि उनकी जिंदगी खतरे में है। याचिका में उन लोगों को भी मुआवजा देने की अपील की गई थी जिनके घर, दुकानें तथा अन्य सामान किश्तवाड़ हिंसा के दौरान नष्ट हो गए। गौरतलब है कि शुक्रवार को किश्तवाड़ जिले में हुई साम्प्रदायिक हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। वहां कर्फ्यू लगाया गया है। किश्तवाड़ की सड़कों पर ईद उल फितर के मौके पर साम्प्रदायिक झड़पें हुई थीं। इस दौरान कई दुकानों और वाहनों में आग लगा दी गई थी।

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