मलेशिया की एक अदालत ने आज एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि कोई ई
साई समाचार
पत्र ईश्वर के लिए अल्लाह शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
अदालत के फैसले से इस मुस्लिम बहुल देश में न केवल धार्मिक तनाव को हवा मिलने, बल्कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर सवाल उठने की आशंका बढ गयी है।
मलेशिया की अपीलीय अदालत के तीन मुस्लिम जजों ने सर्वसम्मति से इस संबंध में एक निचली अदालत के 2009 में दिये फैसले को पलट दिया, जिसमें मलय भाषा के एक समाचार पत्र को ईश्वर के लिए अल्लाह शब्द के इस्तेमाल की इजाजत दी गयी थी।
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद अपान्दी अली ने फैसले में कहा कि अल्लाह शब्द का इस्तेमाल ईसाई धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं है। अगर इस समुदाय के लोग अल्लाह शव्द का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे भ्रम पैदा होगा।
अदालत के फैसले से इस मुस्लिम बहुल देश में न केवल धार्मिक तनाव को हवा मिलने, बल्कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर सवाल उठने की आशंका बढ गयी है।
मलेशिया की अपीलीय अदालत के तीन मुस्लिम जजों ने सर्वसम्मति से इस संबंध में एक निचली अदालत के 2009 में दिये फैसले को पलट दिया, जिसमें मलय भाषा के एक समाचार पत्र को ईश्वर के लिए अल्लाह शब्द के इस्तेमाल की इजाजत दी गयी थी।
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद अपान्दी अली ने फैसले में कहा कि अल्लाह शब्द का इस्तेमाल ईसाई धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं है। अगर इस समुदाय के लोग अल्लाह शव्द का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे भ्रम पैदा होगा।
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