Sunday, 27 October 2013

इंडियन ग्रांप्री में वेट्टल ने लगाई हैट्रिक

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रेडबुल के सेबेस्टियन वेट्टल ने रविवार को भारतीय सरजमीं पर जीत की हैट्रिक लगाते हुए तीसरी इंडियन ग्रां प्री जीतने के साथ लगातार चौथी विश्व चैम्पियनशिप अपने नाम करके फार्मूला वन के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया।
वेट्टल की यह सत्र में 10वीं और लगातार छठी जीत थी। उनके चैम्पियनशिप रेस में 322 अंक हो गए हैं। उनकी टीम रेडबुल ने भी कंस्ट्रक्टर चैम्पियनशिप में अपनी जीत लगभग तय कर ली। रेडबुल के अब 470 अंक हो गए और वह दूसरे नंबर पर काबिज मैकलारेन मर्सीडीज (313 अंक) से काफी आगे है। इस सत्र में लगातार छठी और कुल 10वीं रेस जीतने के साथ ही जर्मनी के 26 वर्षीय ड्राइवर वेट्टल लगातार चार विश्व चैम्पियनशिप अपने नाम करने वाले एफवन के इतिहास में तीसरे और सबसे युवा ड्राइवर हो गए। उन्होंने 2010, 2011 और 2012 में विश्व चैम्पियनशिप जीती थी। इंडियन ग्रांप्री में अभी तक तीनों साल वेट्टल ने ही खिताब जीते। उन्हें विश्व चैम्पियनशिप जीतने के लिये यहां सिर्फ शीर्ष पांच में रहना था लेकिन उन्होंने एक बार फिर बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर अपनी बादशाहत साबित कर दी। वेट्टल से पहले अर्जेंटीना के जुआन मैनुअल फांजियो (1954 से 1957 तक) और सात बार के विश्व चैम्पियन जर्मनी के ही माइकल शूमाकर (2000 से 2004) लगातार चार या अधिक विश्व चैम्पियनशिप जीतने का कारनामा कर चुके हैं। वेट्टल ने जीत के बाद कहा कि यह मेरे जीवन के सर्वश्रेष्ठ दिन में से एक है। गो कार्टिंग से एफवन तक का सफर अद्भुत रहा है। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्राइवरों के साथ प्रतिस्पर्धा बेहतरीन रही। पिछले चार साल में टीम का प्रदर्शन उम्दा रहा है। साठ लैप और 307.249 किलोमीटर की यह रेस वेटटल ने एक घंटा 31.12 सेकंड में पूरी की। मर्सीडीज के निको रोसबर्ग दूसरे और लोटस के रोमेन ग्रोसज्यां तीसरे स्थान पर रहे जिन्होंने ग्रिड पर 17वें स्थान से शुरुआत की थी। वेट्टल ने जीत के बाद कार को सर्किट पर गोल घुमाया और फिर कार पर चढ़कर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया। अच्छी तादाद में जमा दर्शकों ने विश्व चैम्पियनशिप का तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया। इसके बाद वेट्टल ने जमीन पर लेटकर दोनों हाथ आगे करके कार को सलाम किया। रेडबुल के दूसरे ड्राइवर मार्क वेबर हालांकि बदकिस्मत रहे जिन्हें 40वीं लैप में गियरबाक्स में खराबी के कारण रेस छोड़नी पड़ी। जापान ग्रांप्री के बाद इंडियन ग्रांप्री के तीनों अभ्यास सत्र और क्वालीफाइंग में वेट्टल के बाद दूसरे स्थान पर रहे ऑस्ट्रेलियाई ड्राइवर वेबर ने टीम से कार रोकने का आदेश मिलने के बाद अपने दस्ताने दर्शकों की ओर फेंक दिये और मुस्कुराते हुए लौट गए। वेबर का एफवन में यह आखिरी सत्र है। चैम्पियनशिप रेस में वेट्टल के बाद दूसरे स्थान पर काबिज फेरारी के फर्नाडां अलोंसो पहली बार इंडियन ग्रां प्री में पोडियम फिनिश में नाकाम रहे। वह 2011 में तीसरे और पिछले साल दूसरे स्थान पर थे लेकिन आज 11वें स्थान पर रहे और उन्हें एक भी अंक नहीं मिला। फेरारी के उनके साथी ड्राइवर फेलिपे मासा चौथे और मैकलारेन के सजिर्यो पेरेज पांचवें स्थान पर रहे। मर्सीडीज के ब्रिटिश ड्राइवर लुईस हैमिल्टन छठे स्थान पर रहे। इंडियन ग्रांप्री में पहली बार कोई भारतीय ड्राइवर नहीं था। नरेन कार्तिकेयन दो साल तक एचआरटी हिस्पानिया का हिस्सा थे जो अब एफवन में नहीं है।

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