भारत और अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा, हक्कानी नेटवर्क और इन
संगठनों से जुड़े अन्य आतंकवादियों की धन जुटाने की गतिविधियों पर मिलकर
निशाना साधने पर स
हमति जताई है। दोनों देशों द्वारा इस संबंध में निर्णय कल
वित्त मंत्री पी चिदंबरम और अमेरिकी वित्त मंत्री जैक ल्यू के बीच एक बैठक
में किया गया।
दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष मुख्यालय में आयोजित चौथी वार्षिक भारत-अमेरिका आर्थिक एवं वित्तीय साझेदारी बैठक की संयुक्त अध्यक्षता की। चिदंबरम और ल्यू ने अंतरराष्ट्रीय धनशोधन निरोधक, आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ मुकाबले तथा अवैध वित्त पोषण से मुकाबले संबंधी बातचीत को आगे ले जाने पर भी सहमति जतायी।
भारत ने बैठक के बाद कहा कि इसमें लश्करे तैयबा, जमात उद दावा, हक्कानी नेटवर्क और इन संगठनों से जुड़े अन्य आतंकवादियों की धन जुटाने की गतिविधियों पर मिलकर निशाना बनाना शामिल होगा। ये प्रतिबद्धता चिदंबरम की ल्यू के साथ बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में भी झलकी।
बयान में कहा गया कि वे जाली मुद्रा और अवैध वित्तीय प्रवाह के खिलाफ लड़ाई में हमारी एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए।
दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष मुख्यालय में आयोजित चौथी वार्षिक भारत-अमेरिका आर्थिक एवं वित्तीय साझेदारी बैठक की संयुक्त अध्यक्षता की। चिदंबरम और ल्यू ने अंतरराष्ट्रीय धनशोधन निरोधक, आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ मुकाबले तथा अवैध वित्त पोषण से मुकाबले संबंधी बातचीत को आगे ले जाने पर भी सहमति जतायी।
भारत ने बैठक के बाद कहा कि इसमें लश्करे तैयबा, जमात उद दावा, हक्कानी नेटवर्क और इन संगठनों से जुड़े अन्य आतंकवादियों की धन जुटाने की गतिविधियों पर मिलकर निशाना बनाना शामिल होगा। ये प्रतिबद्धता चिदंबरम की ल्यू के साथ बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में भी झलकी।
बयान में कहा गया कि वे जाली मुद्रा और अवैध वित्तीय प्रवाह के खिलाफ लड़ाई में हमारी एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए।
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