तूफान के मद्देनजर करीब साढ़े चार लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। वहीं वायुसेना के दो विमानों के जरिए एनडीआरएफ की टीमों को भी इस तूफान से प्रभावित होने वाले इलाकों में पहुंचा दिया गया है। एहतियातन पश्चिम बंगाल में भी हाइ अलर्ट घोषित कर दिया गया है। बिहार और उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश की आशंका व्यक्त की गई है।
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आज शाम लगभग छह बजे आंध्र प्रदेश के समुद्री तट से इस तूफान के टकराने की संभावना है। वैज्ञानिकों को इस तूफान के समुद्री तट तक पहुंचने क तक इसके सुपर साइक्लोन में तब्दील होने की आशंका है। ऐसा होने पर इसकी विनाश लीला बेहद भयंकर हो सकती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इसका असर न सिर्फ आंध्र प्रदेश बल्कि ओडिशा समेत उत्तरी भारत के दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा तक भी देखा जा सकेगा और यहां पर तेज बारिश होने की संभावना है।
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इस तूफान की वजह से उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी उड़ीसा के समुद्री तट पर तीन से दस मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। तूफान के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने पुरी, गोपालपुर, श्रीकाकुलम, गंजाम, कुर्टा, जगतसिंह जिलों के निचले समुद्री इलाकों को खाली करा लिया है। इसकेउत्तरी आंध्र प्रदेश के कलिंगापत्तनम और दक्षिण उड़ीसा पारादीप के बीच समुद्र तट से टकराने की संभावना है।
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फेलिन के चलते रायपुर, नागपुर, जगदलपुर, बाराकपुर, रांची और ग्वालियर के एयरपोर्फ बेस को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। पूरे इलाके में 850 राहत कैंप तैयार किए गये हैं। हालात पर निगरानी रखने के लिए प्रभावित जिलों में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं।
मौसम विभाग ने कहा है कि तूफान 205 से 215 किमी प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार से आएगा। हालांकि, कुछ जानकार इसे ज्यादा गंभीर बताते हुए तमाम सरकारी तैयारियों पर सवाल उठा रहे हैं। इसे अमेरिका में 2005 में आए कटरीना तूफान से भी घातक बताया जा रहा है। कटरीना ने 1800 से ज्यादा लोगों की जान ली थी और 21 लाख लोग इसकी चपेट में आकर बेघर हो गए थे।
मौसम विभाग ने अपने ताजा अनुमान के आधार पर बताया है कि शनिवार शाम फेलिन ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तट को पार करेगा। उत्तरी आंध्र प्रदेश के कलिंगपत्तनम और पारादीप के बीच से शुरू होकर यह ओडिशा के गोपालपुर की ओर बढ़ेगा। इन राज्यों में बचाव का काम इसी आकलन के आधार पर किया जा रहा है। हालांकि, अमेरिकी नौसेना ने अपने आकलन में पाया है कि इस तूफान की तीव्रता और अधिक होगी। इसने तूफान की अधिकतम गति 215 की बजाय 315 किमी प्रति घंटा तक होने की आशंका जताई है।
भारतीय मौसम विभाग इसे एक से पांच तक की श्रेणी में चौथी श्रेणी का तूफान बताया है। वहीं, अमेरिकी चेतावनी इसे सबसे खतरनाक पांचवी श्रेणी का बता रही है। इस मामले में अगर मौसम विभाग का आकलन सही साबित नहीं हुआ, तो यह चूक बहुत भारी पड़ सकती है। वर्ष 1999 में औडिशा में आए ऐसे तूफान में दस हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे।
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