कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में भाजपा की स
रकार पर हमला
बोलते हुए कहा कि विकास को लेकर उसके वादे खोखले साबित हुए हैं। आदिवासी
बहुल लालपुर में आज कांग्रेस की सत्ता परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए
गांधी ने कहा कि ये लोग विकास की बात करते हैं। लेकिन मेरी नजर में
आदिवासियों की इज्जत सबसे बड़ी बात है और यह राजनीति की बात नहीं है। इस
प्रदेश में विकास को लेकर सरकार के सभी वायदे खोखले साबित हुए हैं।
प्रदेश में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमें मध्य प्रदेश को बदलना है, यह प्रदेश अटका हुआ है। इसे आगे ले जाना आपके हाथ में है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों का उनसे पारिवारिक रिश्ता है, राजनीतिक नहीं। हमारा आपस में प्यार और दिल का रिश्ता है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने वायदा किया कि यहां कांग्रेस की सरकार आएगी, तो आपकी इज्जत करेगी। कांग्रेस की सरकार होगी और वह आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं, गरीबों और दलित की इज्जत करेगी, जो ऐसा नहीं करेगा, तो उसे हम देखेंगे।
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह आम आदमी, आदिवासियों, गरीबों और दलित को संसद, विधानसभाओं और पंचायतों में नहीं देखना चाहती। इससे देश का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं में आदिवासियों की संख्या बहुत कम है और यह इस देश में बहुत बड़ी कमी है। हम आने वाले समय में इसे बदलना चाहते हैं, जब तक आदिवासियों की आवाज लोकसभा और विधानसभाओं में नहीं पहुंचेगी, तब तक आपकी तस्वीर नहीं बदलेगी।
प्रदेश में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमें मध्य प्रदेश को बदलना है, यह प्रदेश अटका हुआ है। इसे आगे ले जाना आपके हाथ में है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों का उनसे पारिवारिक रिश्ता है, राजनीतिक नहीं। हमारा आपस में प्यार और दिल का रिश्ता है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने वायदा किया कि यहां कांग्रेस की सरकार आएगी, तो आपकी इज्जत करेगी। कांग्रेस की सरकार होगी और वह आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं, गरीबों और दलित की इज्जत करेगी, जो ऐसा नहीं करेगा, तो उसे हम देखेंगे।
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह आम आदमी, आदिवासियों, गरीबों और दलित को संसद, विधानसभाओं और पंचायतों में नहीं देखना चाहती। इससे देश का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं में आदिवासियों की संख्या बहुत कम है और यह इस देश में बहुत बड़ी कमी है। हम आने वाले समय में इसे बदलना चाहते हैं, जब तक आदिवासियों की आवाज लोकसभा और विधानसभाओं में नहीं पहुंचेगी, तब तक आपकी तस्वीर नहीं बदलेगी।
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