तीन बार के विश्व चैंपियन रेड बुल के सेबेस्टियन वेटल विश्व स्तरीय बुद्ध
इंटरनेशनल सर्किट में 25 से 27 अक्टूबर तक होने वाली इंडियन ग्रां प्री
फॉर्मूला वन रेस में नया इतिहास रचने उतरेंगे।
26 वर्षीय वेटल और उनकी टीम रेडबुल के पास भारत में ड्राइवर्स और कंसट्रकटर्स खिताब एक साथ जीतने का सुनहरा मौका रहेगा। वेटल जापान के सुजुका में पिछली जापान ग्रां प्री में जीत हासिल करने के बाद बुद्ध सर्किट में उतर रहे हैं जहां पिछले दो संस्करणों में उनकी बादशाहत रही है।
बुद्ध सर्किट के 5.14 किमी लंबे ट्रैक पर 60 लैप की रेस में वेटल नेगत वर्ष पोल पोजीशन से शुरुआत कर जीत हासिल की थी और वह उसी कामयाबी को दोहराने और इस ट्रैक पर खिताबी हैट्रिक बनाने के लक्ष्य के साथ उतरेंगे। वेटल 27 अक्टूबर को जब इंडियन ग्रां प्री में मुख्य रेस के लिए उतरेंगे तो उनके सामने लगातार चार बार फॉर्मूला वन विश्व खिताब जीतने की उपलब्धि हासिल करने वाला सबसे युवा रेसर बनने का मौका रहेगा।
मौजूदा सत्र में अब तक 15 रेसों में चार अलग-अलग टीमों रेडबुल, लोटस, फेरारी और मर्सिडीज के रेसर रेस जीत चुके हैं। रेडबुल के वेटल ने इस सत्र में नौ जीत हासिल की हैं जबकि फेरारी के फर्नाडो अलोंसो और मर्सिडीज के निको रोसबर्ग दो-दो रेस जीत चुके हैं। लोटस के किमी रैकोनेन और मर्सिडीज के लुईस हेमिल्टन ने एक-एक रेस जीती है।
वेटल पिछली पांच रेस जीत चुके हैं और उनके हिस्से में कुल 35 करियर जीत दर्ज हो चुकी हैं। वेटल लगातार चौथी बार फॉर्मूला वन चैंपियन बनने की दहलीज पर खड़े हैं और उनके लिए यह कामयाबी सिर्फ औपचारिकता मात्र दिखाई दे रही है जिसे वह इंडियन ग्रां प्री में पूरा कर सकते हैं।
वेटल और दूसरे स्थान पर चल रहे फेरारी के फर्नाडो अलोंसो के बीच 90 अंकों का बड़ा फासला है और इस सत्र में चार रेस और अधिकतम 100 अंक बाकी हैं। वेटल यदि बुद्ध सर्किट में पांचवां स्थान भी हासिल कर लेते हैं तो उनके पास लगातार चौथा विश्व खिताब सुनिश्चित हो जाएगा।
अलोंसो यदि रविवार को रेस जीत जाते हैं तो भी वेटल को सिर्फ पांचवें स्थान तक रहने की जरूरत रहेगी। यदि कोई अनहोनी होती है अलोंसो को इस चैंपियनशिप को अबु धाबी तक जीवंत रखने के लिए टॉप दो रेसरों में आने की जरूरत होगी।
वेटल ने पिछली पांच रेस जीत ली हैं और यदि वह अगली चार रेस और जीत जाते हैं तो वह एक सत्र में लगातार नौ रेस जीतने के 60 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। इटली के अलबर्टो अस्कारी ने फेरारी के लिए 1952.53 के सत्र में लगातार नौ रेस जीती थीं।
रेड बुल के प्रिंसिपल क्रिस्टियन होर्नर का कहना है कि सेबेस्टियन नेसमर व्रेक के बाद से हर रेस जीती है जो एक अविश्वसनीय उपलब्धि है। सत्र में अभी चार रेस बाकी हैं और उनकी टीम का लक्ष्य इस लय को अगली चार रेसों तक बनाये रखना है।
फॉर्मूला वन के इतिहास में केवल तीन अन्य ऐसे ड्राइवर हैं जिन्होंने चार बार यह खिताब जीता है। जर्मनी के माइकल शूमाकर सात बार, अर्जेंटीना के जुआन मैन्युअल फेंजियो ने पांच बार और फ्रांस के एलेन प्रास्ट ने चार बार यह खिताब जीता है। शूमाकर और फेंजियो इस खिताब को लगातार चार-चार बार जीत चुके हैं।
फॉर्मूला वन के इतिहास में वेटल छठे ऐसे ड्राइवर हैं जिन्होंने लगातार पांच रेस जीती हैं। उनसे पहले जर्मनी के माइकल शूमाकर ने 2004 में फेरारी के लिए लगातार सात रेस जीती थी। शूमाकर के नाम एक सत्र में 13 जीत का भी विश्व रिकॉर्ड हैं। यदि वेटल इस सत्र की शेष चार रेस जीत जाते हैं तो वह शूमाकर के इस रिकॉर्ड की भी बराबरी कर लेंगे।
फॉर्मूला वन के भारतीय प्रशंसकों को अब वेटल के बुद्ध सर्किट में उतरने का इंतजार रहेगा जहां वह पिछले दो बार चैंपियन रह चुके हैं। वेटल ने इंडियन ग्रां प्री के पहले सत्र में अलोंसो को 8.4 सेकेंड से पीछे छोड़ा था और गत वर्ष दूसरे सत्र में उन्होंने पोल पोजिशन से शरूआत करते हुए जीत हासिल की थी।
बुद्ध सर्किट में इंडियन ग्रां प्री की शरूआत 2011 में हुई थी और 2013 इसका तीसरा साल है। लेकिन 2014 में इंडियन ग्रां प्री का आयोजन नहीं होगा जिसके कारण स्थानीय प्रशंसक वेटल को यहां इस बार खिताबी हैट्रिक लगाते हुए देखना चाहेंगे। वेटल ने बुद्ध सर्किट को अपनी पहली जीत के बाद शानदार बताया था।
कंसट्रकटर्स चैंपियनशिप में रेडबुल 445 अंकों के साथ सबसे आगे है। दूसरे स्थान पर फेरारी के 297 अंक हैं। इस सत्र में अभी अधिकतम 172 अंक और हासिल किए जाने हैं।
26 वर्षीय वेटल और उनकी टीम रेडबुल के पास भारत में ड्राइवर्स और कंसट्रकटर्स खिताब एक साथ जीतने का सुनहरा मौका रहेगा। वेटल जापान के सुजुका में पिछली जापान ग्रां प्री में जीत हासिल करने के बाद बुद्ध सर्किट में उतर रहे हैं जहां पिछले दो संस्करणों में उनकी बादशाहत रही है।
बुद्ध सर्किट के 5.14 किमी लंबे ट्रैक पर 60 लैप की रेस में वेटल नेगत वर्ष पोल पोजीशन से शुरुआत कर जीत हासिल की थी और वह उसी कामयाबी को दोहराने और इस ट्रैक पर खिताबी हैट्रिक बनाने के लक्ष्य के साथ उतरेंगे। वेटल 27 अक्टूबर को जब इंडियन ग्रां प्री में मुख्य रेस के लिए उतरेंगे तो उनके सामने लगातार चार बार फॉर्मूला वन विश्व खिताब जीतने की उपलब्धि हासिल करने वाला सबसे युवा रेसर बनने का मौका रहेगा।
मौजूदा सत्र में अब तक 15 रेसों में चार अलग-अलग टीमों रेडबुल, लोटस, फेरारी और मर्सिडीज के रेसर रेस जीत चुके हैं। रेडबुल के वेटल ने इस सत्र में नौ जीत हासिल की हैं जबकि फेरारी के फर्नाडो अलोंसो और मर्सिडीज के निको रोसबर्ग दो-दो रेस जीत चुके हैं। लोटस के किमी रैकोनेन और मर्सिडीज के लुईस हेमिल्टन ने एक-एक रेस जीती है।
वेटल पिछली पांच रेस जीत चुके हैं और उनके हिस्से में कुल 35 करियर जीत दर्ज हो चुकी हैं। वेटल लगातार चौथी बार फॉर्मूला वन चैंपियन बनने की दहलीज पर खड़े हैं और उनके लिए यह कामयाबी सिर्फ औपचारिकता मात्र दिखाई दे रही है जिसे वह इंडियन ग्रां प्री में पूरा कर सकते हैं।
वेटल और दूसरे स्थान पर चल रहे फेरारी के फर्नाडो अलोंसो के बीच 90 अंकों का बड़ा फासला है और इस सत्र में चार रेस और अधिकतम 100 अंक बाकी हैं। वेटल यदि बुद्ध सर्किट में पांचवां स्थान भी हासिल कर लेते हैं तो उनके पास लगातार चौथा विश्व खिताब सुनिश्चित हो जाएगा।
अलोंसो यदि रविवार को रेस जीत जाते हैं तो भी वेटल को सिर्फ पांचवें स्थान तक रहने की जरूरत रहेगी। यदि कोई अनहोनी होती है अलोंसो को इस चैंपियनशिप को अबु धाबी तक जीवंत रखने के लिए टॉप दो रेसरों में आने की जरूरत होगी।
वेटल ने पिछली पांच रेस जीत ली हैं और यदि वह अगली चार रेस और जीत जाते हैं तो वह एक सत्र में लगातार नौ रेस जीतने के 60 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। इटली के अलबर्टो अस्कारी ने फेरारी के लिए 1952.53 के सत्र में लगातार नौ रेस जीती थीं।
रेड बुल के प्रिंसिपल क्रिस्टियन होर्नर का कहना है कि सेबेस्टियन नेसमर व्रेक के बाद से हर रेस जीती है जो एक अविश्वसनीय उपलब्धि है। सत्र में अभी चार रेस बाकी हैं और उनकी टीम का लक्ष्य इस लय को अगली चार रेसों तक बनाये रखना है।
फॉर्मूला वन के इतिहास में केवल तीन अन्य ऐसे ड्राइवर हैं जिन्होंने चार बार यह खिताब जीता है। जर्मनी के माइकल शूमाकर सात बार, अर्जेंटीना के जुआन मैन्युअल फेंजियो ने पांच बार और फ्रांस के एलेन प्रास्ट ने चार बार यह खिताब जीता है। शूमाकर और फेंजियो इस खिताब को लगातार चार-चार बार जीत चुके हैं।
फॉर्मूला वन के इतिहास में वेटल छठे ऐसे ड्राइवर हैं जिन्होंने लगातार पांच रेस जीती हैं। उनसे पहले जर्मनी के माइकल शूमाकर ने 2004 में फेरारी के लिए लगातार सात रेस जीती थी। शूमाकर के नाम एक सत्र में 13 जीत का भी विश्व रिकॉर्ड हैं। यदि वेटल इस सत्र की शेष चार रेस जीत जाते हैं तो वह शूमाकर के इस रिकॉर्ड की भी बराबरी कर लेंगे।
फॉर्मूला वन के भारतीय प्रशंसकों को अब वेटल के बुद्ध सर्किट में उतरने का इंतजार रहेगा जहां वह पिछले दो बार चैंपियन रह चुके हैं। वेटल ने इंडियन ग्रां प्री के पहले सत्र में अलोंसो को 8.4 सेकेंड से पीछे छोड़ा था और गत वर्ष दूसरे सत्र में उन्होंने पोल पोजिशन से शरूआत करते हुए जीत हासिल की थी।
बुद्ध सर्किट में इंडियन ग्रां प्री की शरूआत 2011 में हुई थी और 2013 इसका तीसरा साल है। लेकिन 2014 में इंडियन ग्रां प्री का आयोजन नहीं होगा जिसके कारण स्थानीय प्रशंसक वेटल को यहां इस बार खिताबी हैट्रिक लगाते हुए देखना चाहेंगे। वेटल ने बुद्ध सर्किट को अपनी पहली जीत के बाद शानदार बताया था।
कंसट्रकटर्स चैंपियनशिप में रेडबुल 445 अंकों के साथ सबसे आगे है। दूसरे स्थान पर फेरारी के 297 अंक हैं। इस सत्र में अभी अधिकतम 172 अंक और हासिल किए जाने हैं।
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